शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है?

शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है?
सेंसेक्स और निफ्टी दो प्रमुख लॉर्ज कैप इंडेक्सेज हैं जो देश के दो प्रमुख स्टॉक्स एक्सचेंजेज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंजेज से जुड़ा हुए हैं.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

क्या आपको पता है एलआईसी एजेंट की मोटी कमाई का राज? कैसे मिलता है इतना भारी-भरकम कमीशन

क्या आपको पता है एलआईसी एजेंट की मोटी कमाई का राज? कैसे मिलता है इतना भारी-भरकम कमीशन

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने रविवार को IPO के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) का मसौदा दाखिल किया। क्या आपको पता है एलआईसी के एजेंट इतना ज्यादा कमीशन कैसे कमाते हैं? एलआईसी के डीआरएचपी से पता चलता है कि टॉप निजी बीमा कंपनियों की तुलना में एलआईसी का कमीशन अनुपात बहुत अधिक है। कमीशन अनुपात एक विशेष वर्ष के दौरान बीमा कंपनी द्वारा एकत्र किए गए नए व्यापार प्रीमियम के अनुपात के रूप में भुगतान किया गया कमीशन है। नया व्यवसाय प्रीमियम एक वर्ष के दौरान बेची गई नई बीमा पॉलिसियों को बेचकर एकत्र किया गया प्रीमियम है।

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वेबिनार: प्रो.संजीव कुमार शर्मा बोले, रसोई सबसे बड़ी फार्मेसी, भोजन-नींद का रखें ध्यान

प्रो. संजीव कुमार शर्मा

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पहली की तुलना में अधिक तबाही मचाई। कोरोना की दूसरी लहर में पिछले दिनों ऑक्सीजन और अस्पताल के लिए मची दौड़ ने कई राज्यों में एक तरह से अफरातफरी का माहौल बना दिया। ऐसे हालात से फिर किसी को न गुजरना पड़े और हर कोई जागरूक बने, इसके लिए आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के संग मिलकर अमर उजाला 14 जून से पांच दिन तक रोजाना खास वेबिनार आयोजित करने जा रहा है। इसमें जाने माने विशेषज्ञ कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद के महत्व को समझाएंगे। 14 से 18 जून तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से होने वाले इस वेबिनार का शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पहली की तुलना में अधिक तबाही मचाई। कोरोना की दूसरी लहर में पिछले दिनों ऑक्सीजन और अस्पताल के लिए मची दौड़ ने कई राज्यों में एक तरह से अफरातफरी का माहौल बना दिया। ऐसे हालात से फिर किसी को न गुजरना पड़े और हर कोई जागरूक बने, इसके लिए आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के संग मिलकर अमर उजाला 14 जून से पांच दिन तक रोजाना खास वेबिनार आयोजित करने जा रहा है। इसमें जाने माने विशेषज्ञ कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद के महत्व को समझाएंगे। 14 से 18 जून तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से होने वाले इस वेबिनार का अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।

कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद किस तरह फायदेमंद हो सकता है, किस तरह इसे अपनी दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है, इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। 'सेहत है संग तो जीतेंगे हर जंग' के ध्येय वाक्य के साथ हो रही वेबिनार में गुरुवार, 17 जून को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के प्रो. संजीव कुमार शर्मा शल्य तंत्र पर चर्चा कर रहे हैं। इस वेबिनार में शामिल होने के लिए अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर क्लिक करें और पेज को लाइक, शेयर तथा सब्सक्राइब जरूर करें।

Sensex और Nifty के बारे में क्यों होती है इतनी बात, क्या है इनके कैलकुलेशन का शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? तरीका, जानिए कई दिलचस्प सवालों के जवाब

Sensex और Nifty के बारे में क्यों होती है इतनी बात, क्या है इनके कैलकुलेशन का तरीका, जानिए कई दिलचस्प सवालों के जवाब

सेंसेक्स और निफ्टी दो प्रमुख लॉर्ज कैप इंडेक्सेज हैं जो देश के दो प्रमुख स्टॉक्स एक्सचेंजेज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंजेज से जुड़ा हुए हैं.

Know How Sensex and Nifty are Calculated: कारोबार की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं. खबरों के जरिए पता चलता है कि सेंसेक्स ने रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का करोड़ों का नुकसान हुआ, शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? ऐसे में आम लोगों के मन में दिलचस्पी उठना स्वाभाविक हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं जिससे लोगों के करोड़ो का नफा-नुकसान जुड़ा हुआ है. इसके अलावा अगर शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं तो शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है.

Sensex क्या है?

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है. इसीलिए इसे बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है. सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है. हिंदी में कुछ लोग इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं. इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 विभिन्न क्षेत्रों की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव को दिखाता है. इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है. सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है.

  • सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है. इसके लिए कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयरों की संख्या को शेयर के भाव से गुणा करते हैं. इस तरह जो आंकड़ा मिलता है, उसे कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन या हिंदी में बाजार पूंजीकरण भी कहते हैं.
  • अब उस कंपनी शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? के फ्री फ्लोट फैक्टर की गणना की जाती है. यह कंपनी द्वारा जारी किए कुल शेयरों का वह परसेंटेज यानी हिस्सा है जो बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होता है. जैसे कि किसी कंपनी ABC के 100 शेयरों में 40 शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? शेयर सरकार और प्रमोटर के पास हैं, तो बाकी 60 फीसदी ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे. यानी इस कंपनी का शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? फ्री फ्लोट फैक्टर 60 फीसदी हुआ.
  • बारी-बारी से सभी कंपनियों के फ्री फ्लोट फैक्टर को उस कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन से गुणा करके कंपनी के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की गणना की जाती है.
  • सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन को जोड़कर उसे बेस वैल्यू से डिवाइड करते हैं और फिर इसे बेस इंडेक्स वैल्यू से गुणा करते हैं. सेंसेक्स के लिए बेस वैल्यू 2501.24 करोड़ रुपये तय किया गया है. इसके अलावा बेस इंडेक्स वैल्यू 100 है. इस गणना से सेंसेक्स का आकलन किया जाता है.

निफ्टी 50 क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है. निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाने से बना है. नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर्स की 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं. इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड है. बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को ट्रैक करता है. इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है.

  • निफ्टी की गणना लगभग सेंसेक्स की तरह ही फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटालाइजेशन के आधार पर होती है लेकिन कुछ अंतर भी है.
  • निफ्टी की गणना के लिए सबसे पहले सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है, जिसके लिए आउटस्टैंडिंग शेयर की संख्या को वर्तमान भाव से गुणा करते हैं.
  • इसके बाद मार्केट कैप को इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (RWF) से गुणा किया जाता है. RWF पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों का हिस्सा है.
  • इसके बाद मार्केट कैप को इंडिविजुअल स्टॉक को एसाइन किए हुए वेटेज से गुणा किया जाता है.
  • निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए सभी कंपनियों के वर्तमान मार्केट वैल्यू को शेयर मार्केट के बारे में किस चैनल पर बेहतर जानकारी मिलता है? बेस मार्केट कैपिटल से डिवाइड कर बेस वैल्यू से गुणा किया जाता है. बेस मार्केट कैपिटल 2.06 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और बेस वैल्यू इंडेक्स 1 हजार है.

इतने खास क्यों हैं Nifty और Sensex ?

भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं. इसके अलावा भी तमाम इंडेक्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने के लिए किया जाता है. इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं. मिसाल के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की औसत चाल का संकेत देने वाला Bank Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index, स्टील, एल्यूमीनियम और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स, वगैरह-वगैरह.

ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या उन्हें मशविरा देने वाले ब्रोकर्स या सलाहकारों के लिए बेहद काम के होते हैं. लेकिन अगर एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान समझना हो या उसके भविष्य की दशा-दिशा का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स पर ही गौर किया जाता है. इन्हें मोटे तौर पर मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है.

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