निवेशकों के लिए अवसर

कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं?

कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं?
पटना। घोटालेबाजों का अखाड़ा बन चुके बिहार में अब तक कई ऐसे घोटाले सामने आए हैं जिससे पूरे देश में बिहार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है लेकिन हर घोटाले में राजनीतिक कनेक्शन देखने को जरूर मिला है। बिहार के चर्चित टॉपर घोटाले में भी राजनेताओं के संरक्षण की बात कही जा रही थी जिसकी जांच के बाद सभी बेनकाब हुए थे। इसी तरह एक बार फिर बिहार में प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आया है। इसमें भी घोटाले के मास्टरमाइंड का कनेक्शन राजनीतिक नेताओं के साथ होने की बात कही जा रही है। वहीं इस मामले की जांच बारीकी से की जा रही है। इस जांच में शुक्रवार से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सही जांच हुई, तो इसमें बहुत नामवारों और रसूखदारों पर आंच आएगी जिसमें सत्ता के करीबी, जनप्रतिनिधि, ऊंचे पदों पर बैठे और शिक्षा माफिया सब शामिल है।

निष्ठा की समीक्षा

फिडेलिटी एक प्रसिद्ध ब्रोकरेज फर्म है, शायद उन कंपनियों में से एक है जो व्यापार नहीं करने वाले लोगों के लिए भी घंटी बजाती है। दलाल दशकों से आसपास रहा है, और लंबे ट्रैक रिकॉर्ड और लोकप्रियता के कारण, बहुत से लोग इसे आजमाने के लिए ललचा सकते हैं। इसके अलावा, मंच म्यूचुअल फंड की पेशकश करने के लिए जाना जाता है, लेकिन कई टूल भी हैं जो निवेशकों को अपने व्यापार को अगले स्तर तक ले जाने में मदद कर सकते हैं।

फिर भी, भले ही आप इस ब्रोकर पर ठोकर खाते हैं और सेवाएं अद्भुत लगती हैं, फिर भी आप इसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता स्तरों के बारे में चिंतित हो सकते हैं। तो, आप इसे आज़माने में संकोच कर सकते हैं। सौभाग्य से, हम यहां आपको फिडेलिटी के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए हैं और अंत में, आप यह तय कर सकते हैं कि यह वह कंपनी है जिसके साथ आप काम करना चाहते हैं।

कंपनी एक नज़र में

निष्ठा वास्तव में उस प्रकार के दलाल की तरह लगती है जिसे आप याद नहीं करना चाहते हैं, खासकर जब आपको कमीशन की कमी के बारे में पता चलता है। फिर भी, कंपनी के बारे में अधिक जाने बिना कूदना एक भयानक गलती हो सकती है। इसके बारे में जितना हो सके शुरुआत से ही जानना हमेशा सबसे अच्छा होता है। तो, नीचे आपको फिडेलिटी के बारे में अधिक उपयोगी जानकारी मिलेगी।

निष्ठा कौन है?

फिडेलिटी एक यूएस-आधारित स्टॉकब्रोकर है जिसे 1946 में स्थापित किया गया था। इसके संस्थापक एडवर्ड सी। जॉनसन II हैं, और ब्रोकर का मुख्यालय बोस्टन, मैसाचुसेट्स में है। यह ग्रह कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? पर सबसे बड़े परिसंपत्ति प्रबंधकों में से एक है, जिसके पास 4.9 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है जो जून 2020 तक प्रबंधन के अधीन थी। कुल ग्राहक संपत्ति मूल्य के रूप में, यह $ 8.3 ट्रिलियन है।

आजकल, फिडेलिटी सबसे अधिक पसंद की जाने वाली कंपनियों में से एक है, कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? जिसमें बड़ी संख्या में नो-एक्सपेंस-रेशियो इंडेक्स फंड हैं, लेकिन ईटीएफ, विकल्प और स्टॉक ट्रेडों में कोई कमीशन नहीं है। इसके अलावा, इसके पास शानदार ग्राहक सेवा भी है जो हमेशा मौजूद रहती है और मदद की पेशकश करने को तैयार रहती है, जो फिडेलिटी की प्रशंसा में भी इजाफा करती है।

निष्ठा किसके लिए है?

फिडेलिटी उन लोगों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है जिनकी आय कम है, लेकिन उन लोगों के लिए भी जो लंबी अवधि में ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं। ब्रोकरेज की फीस बहुत कम है, जबकि ईटीएफ, स्टॉक और ऑप्शंस ट्रेडिंग किसी भी कमीशन से मुक्त हैं। इस कारण से, फिडेलिटी के साथ व्यापार करना एक पैसा बचाने वाला विकल्प हो सकता है।

साथ ही, सक्रिय व्यापारियों और सेवानिवृत्ति निवेशकों के लिए मंच एक बढ़िया विकल्प है। दलाल के पास अनुसंधान, उपकरण और संसाधनों की एक बहुत बड़ी विविधता है जो किसी भी व्यापारी को सफल होने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, एक प्रोग्राम है जिसे फुल-ऑन ट्रेडर्स और सक्रिय निवेशकों के लिए डाउनलोड किया जा सकता है, क्रमशः एक्टिव ट्रेडर प्रो। इसमें एक अनुकूलन योग्य ट्रेडिंग इंटरफ़ेस है, साथ ही रीयल-टाइम डेटा स्ट्रीमिंग भी है।

चीजें जो हमें पसंद हैं

फिडेलिटी पहला ब्रोकर था जो बिना एक्सपेंस रेशियो के मार्केट इंडेक्स फंड लाया, जो कि कंपनी के बारे में हमें पसंद आया। इसलिए, लोगों के पास एक बेहतरीन, संतुलित सेवानिवृत्ति पोर्टफोलियो बनाने का मौका है। यह मुफ्त में किया जा सकता है।

फिडेलिटी के पास ईटीएफ, विकल्प और स्टॉक के लिए कोई कमीशन नहीं है, और यह कुछ ऐसा है जो हमें बहुत उपयोगी लगता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास बहुत पैसा नहीं है। इससे भी बेहतर बात यह है कि ब्रोकर 20 तृतीय-पक्ष प्रदाताओं के साथ-साथ बहुत सारे टूल और प्लेटफॉर्म से शोध की पेशकश करता है। ग्राहक सेवा बकाया है।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों के लिए मुफ्त सेमिनार भी होते हैं, कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? जहां लोग व्यापार के बारे में अधिक जान सकते हैं, जिससे उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलती है। अंत में, हम इस तथ्य को पसंद करते हैं कि एक नकद प्रबंधन खाता रखने का विकल्प है जो FDIC बीमा के साथ भी आता है। आप इस खाते को एक फिडेलिटी ब्रोकरेज के साथ जोड़ सकते हैं, जो आपको उन सुविधाओं की अनुमति देता है जो एक बैंक चेकिंग खाता तालिका में लाता है।

चीजें जो हमें पसंद नहीं हैं

हालांकि फिडेलिटी बहुत सारे दलालों के बीच चमकता है, हमें यह तथ्य पसंद नहीं है कि यह वायदा और विदेशी मुद्रा व्यापार विकल्प प्रदान नहीं करता है। इसके अलावा, $32.95 का ब्रोकर-सहायता प्राप्त व्यापार है, जो काफी अधिक है।

Top 10 Real Estate Website in india

Top 10 Real Estate Website in india II India ke top 10 Property Portal

दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है Top 10 Real Estate Website जो अपने आप में एक पर एक हैं। दोस्तों वैसे तो भारत में कई रियल एस्टेट वेबसाइट (Real Estate Website) हैं, लेकिन जब संपत्ति(Property) की खोज करने की बात आती है, तो अक्सर लोग भ्रमित हो जाते हैं कि कौन सा अच्छा हैं और कौन सा नहीं।

अधिकांश लोग संपत्ति खरीदने या किराए(Property Buy/Rent) पर लेने के लिए स्थानीय रियल एस्टेट एजेंट (Real Estate Agent) पर निर्भर रहते हैं, लेकिन अगर आप इन रियल एस्टेट कंपनियों (Real Estate Website) के माध्यम से सीधे विक्रेताओं (Seller) से संपर्क करते हैं, तो आपको आकर्षक ऑफर मिल सकते हैं। आप ब्रोकरेज (Brokerage) शुल्क पर भी बचत कर सकते हैं जो आम तौर पर संपत्ति खरीदने (Property Buy) के लिए 1% से 2% और संपत्ति किराए (Property Rent) पर लेने के लिए 15 दिन से लेकर 1 महीने की ब्रोकरेज (Brokerage) है।

इसलिए मैंने एक पूरा लेख लिखने का कोशिश किया है जो संपत्ति की खोज के लिए आपकी सर्च में मदद करता है। हर वेबसाइट में कुछ न कुछ विशेषताएं होती हैं। इसलिए हमने आपको प्रत्येक रियल एस्टेट वेबसाइट (Real Estate Website) के सारांश देने का प्रयास किया है। अपनी आवश्यकताओं या प्राथमिकताओं के अनुसार अपनी खोज के लिए एक संपत्ति साइट चुनना आप पर निर्भर है।

शीर्ष 10 रियल एस्टेट वेबसाइटें

Top 10 Real Estate Website in india ll Top 10 Property Website in india

नीचे आप साइटों की सूची उनके रैंक और वेबसाइट लिंक के साथ पा सकते हैं ताकि आप सीधे अपनी पसंदीदा रियल एस्टेट साइट पर जा सकें।

1. 99Acers

99acres.com, भारत का नंबर 1 संपत्ति पोर्टल (Property Portal ) होने का दावा करता हैं। 2005 में लॉन्च किया गया, रियल एस्टेट उद्योग में उपभोक्ताओं की जरूरतों के हर पहलू को ध्यान में रखते हुवे किया गया । यह एक ऑनलाइन फोरम है जहां खरीदार(Buyer), विक्रेता (Seller) और दलाल (Agent) रियल एस्टेट संपत्तियों (Real Estate Property ) के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान जल्दी, प्रभावी और सस्ते में कर सकते हैं। 99acres.com पर, आप एक संपत्ति (Property) का विज्ञापन कर सकते हैं, संपत्ति की खोज कर सकते हैं, संपत्तियों के माध्यम से ब्राउज़ कर सकते हैं, और रियल्टी क्षेत्र में सुर्खियों में आने वाली नवीनतम समाचारों और रुझानों से खुद को अपडेट रख सकते हैं।

2. Magicbricks

हमारी सूची में दूसरी सबसे अच्छी संपत्ति साइट(Properrty Website) मैजिकब्रिक्स है। इस वेबसाइट की भारत में काफी तेजी से वृद्धि हुई हैं।
दोस्तों मैजिकब्रिक्स, मेरे अनुभव के अनुसार यह विशेष वेब पोर्टल खरीदने और किराए पर लेने के उद्देश्य से बनाया गया है। मुझे इनका खोज इंजन बहुत पसंद आया वैसे परिणाम भी बहुत संतोषजनक हैं । अगर आप किराए पर लेना चाहते हैं तो डेटाबेस भी ठीक है।

3. Housing

ऑनलाइन रियल एस्टेट क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी हैं। नकली लिस्टिंग और अंतहीन साइट यात्राओं से मुक्त घर की खोज को आसान बनाने की आवश्यकता से पैदा हुए, Housing ने एक अद्वितीय संपत्ति खोज मंच बनाया जिसने बाजार में दूसरों द्वारा छोड़े गए अंतराल को भर दिया। भावुक समस्या-समाधानकर्ताओं के नेतृत्व में, और दुनिया भर के शीर्ष निवेशकों (Investors ) द्वारा समर्थित, भारत में घर खोजने के लिए सबसे भरोसेमंद जगह बनने की ओर अग्रसर हैं।

4. India Property Dekho

इंडिया प्रॉपर्टी देखो (India Property Dekho) एक आधुनिक रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म है जो सभी संपत्ति की जरूरतों के लिए वन स्टॉप डेस्टिनेशन प्रदान करता है और किसी भी ब्रोकरेज (Brokerage) के बिना किसी भी प्रकार की संपत्ति को खरीदना / बेचना / किराए पर लेना आसान और तेज़ बनाता है। और इसमें खास बात है की किसी दूसरी पोर्टल की तरह लिस्टिंग का कोई चार्ज नहीं लेता। हम सभी का मानना ​​​​है कि संपत्ति खोजने या बेचने के लिए भारी ब्रोकरेज का भुगतान करना एकमात्र विकल्प नहीं हो सकता है।
इंडिया प्रॉपर्टी देखो (India Property Dekho) उन लोगों के लिए एक समाधान है जो सभी संपत्तियों (Property) में काम कर रहे हैं या वे लोग जो सभी संपत्ति (Property) खोज रहे हैं। indiapropertydekho.com पर आप किसी संपत्ति (Property) का विज्ञापन कर सकते हैं, संपत्ति (Property) की खोज कर सकते हैं, संपत्तियों (Property) को ब्राउज़ कर सकते हैं और नवीनतम विकल्पों के साथ खुद को अपडेट रख सकते हैं। India Property Dekho यह सुनिश्चित करता है कि आपके लिए उपयोग में आसान प्रारूप में अधिकतम जानकारी उपलब्ध हो। इस प्रकार, आप वास्तव में सभी अच्छी और बुरी संपत्तियों की यात्रा किए बिना अपने घर से आराम से बैठे फ्लैटों को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। यह आपका समय और प्रयास बचाता है

5. NoBroker

नोब्रोकर एक रियल-एस्टेट प्लेटफॉर्म (Real Estate Platform) है जो बिना किसी ब्रोकरेज का भुगतान किए घर खरीदना/बेचना/किराए पर लेना संभव बनाता है। NoBroker की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि सभी का मानना ​​है कि नया घर खोजने के लिए भारी ब्रोकरेज देना ही एकमात्र विकल्प नहीं हो सकता है। किरायेदारों के रूप में, हम दलाल के किसी भी लाभ को देखे बिना इन ब्रोकरेज को साल-दर-साल भुगतान कर रहे हैं। उनके अस्तित्व का एकमात्र कारण यह था कि बाजार में सूचना की एक बड़ी विषमता थी। NoBroker एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो इस जानकारी की विषमता को दूर करता है और इस जानकारी के मुफ्त आदान-प्रदान के लिए एक मार्केटप्लेस प्रदान करता है, जिसमें ब्रोकरेज के रूप में 15 दिन -1 महीने का किराया लगता था।

6. Makaan

Makaan.com पर, हम समझते हैं कि हर जगह लोग अपना घर में रहने के लिए घर खोज रहे हैं। हम इस खोज को उतना ही आनंदमय बनाना चाहते हैं जितना कि अंत में सही घर ढूंढना क्योंकि हम समझते हैं कि घर खोजना ऑनलाइन खोज से कहीं अधिक है!
एक घर एक पोषित स्मृति है जो हमेशा के लिए रहता है, यह वह जगह है जहां दीवारें यादों को गले लगाती हैं, छत प्यार और हंसी को आश्रय देती है, जहां शांत कोने एक बहुत ही आवश्यक विराम प्रदान करते हैं और जीवन स्वयं जश्न मनाने का कारण बन जाता है।

7. Sulekha

हमारी सूची में एक और रियल एस्टेट वेबसाइट(Real Estate Website) सुलेखा प्रॉपर्टीज है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? हालाँकि हमने डेटाबेस की गुणवत्ता के कारण इस विशेष साइट को इस स्थिति में रखा है।

8. OLX Homes

OLX भारत की सबसे बड़ी मुफ्त क्लासीफाइड वेबसाइटों में शुमार है। वे उत्पादों और सेवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों की सूची बनाते हैं। हालांकि, उनका शीर्ष देखा जाने वाला अनुभाग OLX Homes है, जो पूरे भारत में उन लोगों के बीच पसंदीदा है जो अपनी अचल संपत्ति (Property) खरीदना, बेचना या किराए पर लेना चाहते हैं।

9. Quiker Homes

क्विकर का उद्देश्य देश के प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से ऑनलाइन खरीदारों और विक्रेताओं से जुड़ने के लिए सशक्त बनाना है।

PropertyWala.com एक रियल एस्टेट-वेब आधारित पोर्टल (Real Estate Web Portal) है जिसे सॉफ्टवेयर पेशेवरों की एक समर्पित टीम द्वारा बनाया, परीक्षण और रखरखाव किया जाता है। सेवा को भारत में मालिकों/ग्राहकों और डीलरों/प्रमोटरों/बिल्डरों की नवीनतम तेजी से बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

राजस्थान के RTO में मासिक बंधी का खेल, ACB जांच में अभी कई बड़ी मछलियों के कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? नाम!

राजस्थान (THE END NEWS). सूबे में भ्रष्ट्राचार का खेल कुछ ऐसे चल रहा था कि हजारों वाहन मालिकों को डरा धमकाकर मासिक बंधी ली जा रही थी. राजस्थान के अन्य जिलों की छोड़िए जिस राजधानी से सरकार चल रही है, हर बड़ा अधिकारी और खुद परिवहन विभाग के मंत्री जहां बैठते हैं वहीं गुलाबी नोटों का यह खेल चरम पर था.

भ्रष्टाचार के इस अक्क्ड़-बक्कड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो के 18 दलों ने जब एक साथ ताबड़तोड़ कार्रवाई कि तो परिवहन विभाग के 8 अधिकारी, 7 दलाल तुरंत रडार पर आ गए. कस्टडी में लेकर अचानक सर्च अभियान चलाया तो बचे अधिकारी और दलाल भनक लगते ही तौबा-तौबा करने लगे और इधर-उधर फरार हो गए. ऐसा होना भी लाजमी था क्योंकि ACB का यह मास्टर प्लान ही कुछ ऐसा था, जहां किसी को संभलने और समझने का मौका तक नहीं दिया गया. एसीबी ने चार माह से दलालों और अफसरों के मोबाइल सर्विलांस पर ले रखे थे और करीब 35 ऑफिसर्स रडार पर थे.

रविवार के अवकाश के दिन परिवहन विभाग के सारे अधिकारी मासिक बंधी आने के इंतजार की खुशी में लोटपोट हो रहे थे जबकि दूसरी तरफ मासिक बंधी पहुंचने से पहले ही ACB के अधिकारी जरुर उनके ठीकानों पर जा पहुंचे. और तूफान की तरह आए ACB अधिकारियों ने मानों सबके सपने तहस-नहस कर दिए हों. कई अधिकारियों और दलालों ने इस तूफान की चपेट में आने से बचने के लिए अपने स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने की भी असफल कोशिश की, ताकि बच जाएं लेकिन ऐसा हो नहीं सका.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार के खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने 29 अगस्त 2019 को कोटा-बूंदी मार्ग पर परिवहन निरीक्षक को वाहनों से अवैध वसूली करते रंगे हाथों नोटों की गड्डी के साथ पकड़ा था, इसके बाद राजस्थान के ही विधायक जोगिंदर सिंह अवाना ने एनएच-21 स्थित लुधावी टोल के पास बासी पर परिवहन निरीक्षकों पर वाहनों से वसूली करते हुए देखा और अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए भरतपुर कलेक्टर के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत की थी. इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विश्वस्त सूत्रों भी उन्हें और सीएमओ को इस वसूली के खेल से लगातार अवगत करा रहे थे.

फीडबैक तो यहां तक मिला कि परिवहन विभाग का जिम्मा जिनकों सौंपा गया है वो 'बिल्ली को दूध की रखवाली सौंपने' जैसा है, तुरंत एक्शन नहीं लिया गया तो सरकार की छवी भी धूमिल होगी. नीचे से ऊपर तक हर कोई चांदी कूट रहा है, भ्रष्टाचार चरम पर है. बस फिर क्या था सूत्रों के मुताबिक सीएम के निर्देश पर ACB मुख्यालय के महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी को एक मास्टर प्लान बनाकर राजधानी जयपुर से इस भ्रष्ट्राचार के खुलासे का जिम्मा सौंपा गया.

'मिस्टर क्लीन' की छवी वाले सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर बड़ा एक्शन प्लान बना, और ऐसा एक्शन हुआ कि एसीबी के इस खुलासे से सब चौंक गए. भ्रष्ट्राचार के खिलाफ गहलोत के सबसे भरोसेमंद ACB ऑफिसर्स ने भी इतने गोपनीय तरीके से कार्रवाई करी कि किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगी. हरि झण्डी मिलते ही काम शुरू हो चुका था और तभी से हर एक दलाल और परिवहन विभाग का अधिकारी ACB की रडार पर था, इनमें से कुछ लोगों को राजस्थान के परिवहन मंत्री का करीबी भी बताया गया. इसके बाद ACB मुख्यालय के महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी, एडीजी दिनेश एमएन, एएसपी चन्द्र प्रकाश शर्मा ने 18 टीमों का गठन कर ठीक उस वक्त RTO अधिकारियों और दलालों पर अचानक दबिश दे डाली जब मासिक बंधी नीचे से लेकर ऊपर तक पहुंचने ही वाली थी. यह मासिक बंधी हर माह की 16 तारीख को अधिकारियों तक पहुंचाई जाती थी. वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर मासिक बंधी वसूलने पर परिवहन निरीक्षक उदयवीर सिंह को रंगे हाथों दलाल मनीष मिश्रा से 40 हजार की रिश्वत लेते ACB ने गिरफ्तार किया. 1 करोड़ 20 लाख रुपए भी ACB ने किए जब्त.

अभी भ्रष्टाचार के इस खेल में कई बड़ी मछलियों के नाम हैं, जिसमें महकमे के सबसे बड़े जिम्मेदार भी शामिल हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो इस भ्रष्टाचार के बारे में सब जानते थे लेकिन यह रैकेट इतना बड़ा था कि विरोध नहीं कर पाए. ACB हर उस व्यक्ति से पूछताछ की तैयारी में है जिस-जिस का नाम सामने आ रहा है. पर देखने वाली बात यह है कि भ्रष्टाचार के इस खुलासे का THE END कहां जाकर होता है? क्या बड़ी मछलियों पर भी कार्रवाई हो पाएगी, wait and watch.

भ्रष्टाचारी जरूर पढें:

एक आदमी पेट काट कर, अपना घर चलाता है.

खून पसीना बहा-बहा कर, मेहनत की रोटी खाता है.

खुद भूखा सो जाये पर, बच्चों की रोटी लाता है.

तू उनसे छीन निवाला, जाने कैसे जी पाता है!

राजनीति V\s ब्यूरोक्रेसी से खुलासा

सूत्रों की माने तो राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त रहे राजेश यादव में लम्बे समय से बन नहीं रही थी. दोनों में छत्तीस का आंकड़ा साफ नजर आता था. दोनों ही एक दूसरे के आदेशों में अड़ंगे लगाते नजर आते थे. इस बीच हाल में आईएएस राजेश यादव का तबादला हो गया. माना तो यह जा रहा था कि मंत्रीजी की नहीं मानते थे तो मंत्री जी ने तबादला करवा दिया लेकिन हकीकत यह थी कि तबादला पूरी प्लानिंग से हुआ ताकि जब कार्रवाई हो तो राजेश यादव पर इस भ्रष्टाचार की गंदगी के छींटे भी नहीं लगे. राजनीति V\s ब्यूरोक्रेसी की इस लड़ाई का ही नतीजा था कि जयपुर DTO महेश शर्मा मंत्री के बेहद करीबी थे, इतने करीबी कि राजेश यादव तक के आदेशों की अनदेखी करने में नहीं हिचकते थे. जो यादव को अक्सर नागवार गुजरता था. माना जा रहा है गृह विभाग के एक आला अधिकारी को राजेश यादव ने विभाग में चल रहे खेल का पूरा खुलासा पहले ही कर दिया था और उसी का नतीजा रहा कि सीएम से मंजूरी मिलते कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? ही तुरंत एक्शन लिया गया. यह मंत्री को ब्यूरोक्रेसी द्वारा एक झटका देने की दिशा में भी अहम कदम बताया जा रहा है.

इस खेल में कौन-कौन:

ACB ने परिवहन निरीक्षक उदयवीर सिंह को रंगे हाथों दलाल मनीष मिश्रा से 40 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. परिहवन विभाग में चौमूं डीटीओ विनय बंसल, परिवहन विभाग मुख्यालय के डीटीओ महेश शर्मा, जयपुर आरटीओ के परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, आलोक बुढानिया, नवीन जैन, रतनलाल, गजेन्द्र सिंह को कस्टडी में लिया गया. दलालों की बात करें तो पवन उर्फ पहलवान, रणवीर, विष्णु कौशिक, जसवंत सिंह यादव, विष्णु कुमार सहित एक महिला दलाल ममता को भी पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया गया.

'परिवहन विभाग में मासिक बंधी राजस्थान में कांग्रेस सरकार के लोक कल्याण की एक झलक है, वाकई सवा साल-बेमिसाल, क्या होगा हाल, अभी तो बाकी हैं चार साल. अभी तो (कांग्रेस) पार्टी शुरू हुई है.'

- सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बीजेपी

'परिवहन विभाग के 90 फीसदी अफसर कर्मचारी भ्रष्ट हैं, ऊपर तक मंथली पहुंचाते हैं. आबकारी को देख लो, खान विभाग को देख लो, पुलिस अफसरों को देख लो सब जगह भ्रष्टाचार है. मैं तो कहता हूं दाल में काला नहीं पूरी दाल ही काली है'

- राजेन्द्र गुढा, कांग्रेस विधायक

'इस तरह की कार्रवाई से दहशत का माहौल हो जाता है. ACB ने केवल एक ही इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा है. बाकी सबके घरों पर जांच कार्रवाई की गई. पैसा प्राइवेट बस ऑपरेटर के यहां से जब्त किया गया, इस कार्रवाई से विभाग के निर्दोष अफसरों को डरने की जरूरत नहीं है. परिवहन निरीक्षकों और अधिकारियों के काफी परिजन मुझसे आकर मिले, उन्होंने अपनी बात रखी है.'-

बिहार का एक क्लर्क को कालेधन का कुबेर बन गया

पटना। घोटालेबाजों का अखाड़ा बन चुके बिहार में अब तक कई ऐसे घोटाले सामने आए हैं जिससे पूरे देश में बिहार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है लेकिन हर घोटाले में राजनीतिक कनेक्शन देखने को जरूर मिला है। बिहार के चर्चित टॉपर घोटाले में भी राजनेताओं के संरक्षण की बात कही जा रही थी जिसकी जांच के बाद सभी बेनकाब हुए थे। इसी तरह एक बार फिर बिहार में प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आया है। इसमें भी घोटाले के मास्टरमाइंड कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? का कनेक्शन राजनीतिक नेताओं के साथ होने की बात कही जा रही है। वहीं इस मामले की जांच बारीकी से की जा रही है। इस जांच में शुक्रवार से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सही जांच हुई, तो इसमें बहुत नामवारों और रसूखदारों पर आंच आएगी जिसमें सत्ता के करीबी, जनप्रतिनिधि, ऊंचे पदों पर बैठे और शिक्षा माफिया सब शामिल है।

मामले की जानकारी देते हुए पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पटना के राजीव नगर स्थित एवीएन स्कूल के परीक्षा केंद्र से दूसरे चरण का प्रश्नपत्र लीक हुआ था। इस स्कूल के केंद्राधीक्षक रामशुमेर सिंह ने प्रश्नपत्र को वाट्सएप के माध्यम से पवन कुमार को भेजा, जो कि वायरल हो गया। एसआइटी ने रामशुमेर समेत स्कूल के संरक्षक रामाशीष सिंह, बेउर स्थित रैंडम कोचिंग क्लासेस के मालिक रामेश्वर कुमार, बिहटा स्थित वर्मा आइटीआइ कॉलेज के मालिक नितिन कुमार उर्फ सनोज, पटना जंक्शन के लोको पायलट आलोक रंजन और बीएसएससी की परीक्षा के अभ्यर्थी सह दलाल कौशल किशोर को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से कई मोबाइल मिले, जिसमें प्रश्नपत्रों के फोटो हैं। इसके अलावा परीक्षा से जुड़े अहम दस्तावेज, अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र आदि बरामद किए गए। इस गिरफ्तारी में सबसे अहम नाम केवीएन स्कूल के संरक्षक रामाशीष राय का है। सत्ता केंद्रों का बेहद करीबी और तिकड़मबाजी का बादशाह यह शख्स हर फन में माहिर है।एक क्लर्क से करोड़पति बना यह शातिर अब पुलिस की गिरफ्त में है।

'राम' का एक मामूली क्लर्क के करोड़पति बनने की कहानी कम दिलचस्प नहीं है। रामाशीष राय ने अपना कैरियर बतौर एक कॉलेज में सरकारी क्लर्क के तौर पर शुरू किया था। उस पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य राम सिंहासन सिंह हुआ करते थे। कहने वाले कहते है कि दोनों के बीच मामा-भांजे की रिश्तेदारी भी थी। कॉलेज के ज़माने में दोनों के बीच जबरदस्त ट्यूनिंग बन गई। ये दौर राबड़ी देवी के आखिरी मुख्यमंत्रित्व काल यानी 2004 का था। इसी दौरान दौरान 30 जुलाई 2004 को राम सिंहासन सिंह को बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। अध्यक्ष पद मिलते ही राम सिंहासन सिंह ने अपने सबसे भरोसेमंद रामाशीष राय को भी जुगाड़ कर आयोग कार्यालय में बतौर क्लर्क पदस्थापित करवा लिया।

फिर क्या था तथाकथित मामा-भांजे कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? की जोड़ी ने धमाल मचाना शुरू कर दिया। रामाशीष आयोग में रामसिंहासन सिंह का सबसे बड़ा लाइजनर और विश्वस्त दलाल बनकर उभरा। बीपीएस के अध्यक्ष के तौर पर रामसिंहासन सिंह के कार्यकाल में ही बीपीएससी के 'लिमिटेड कम्पटीटिव एग्जाम-2003' की परीक्षा और उसके परिणाम में जबरदस्त और भारी पैमाने पर धांधली और अनियमितता हुई। पैसे के बल पर सेटिंग और पहुच की वजह से अनियमितताओं का जबरदस्त खेल हुआ और गैरकानूनी ढंग से 184 युवकों को बिहार प्रशासनिक सेवा में नौकरी दे दी गई।

लोग कहते है पाप का घड़ा बहुत जल्द भरता है। हुआ भी यही 23 मई 2005 को इस मामले की गूंज विधानमंडल में भी उठी और जबरदस्त हंगामा हुआ। फिर वर्त्तमान सीएम नीतीश कुमाकर ने बतौर मुख्यमंत्री बिहार की बागडोर संभाली औऱ उन्होंने तत्काल इसकी जांच निगरानी को सौंप दी। निगरानी ने इस मामले की जांच करते हुए 29 दिसम्बर 2005 को तत्कालीन अध्यक्ष यानी राम सिंहासन सिंह सहित आठ लोगों कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? को गिरफ्तार कर लिया था। इनकी गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद रामाशीष राय निगरानी के तत्कालीन एडीजी नीलमणि के पास रामसिंहासन सिंह की पैरवी और एडीजी को घूस देने की हिमाकत करने पहुंचा गया था। तब एडीजी की शिकायत पर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

लोगों का कहना है कि रामाशीष अपनी नाज़ायज़ कमाई का अधिकांश हिस्सा सूद ब्याज पर लगाया करता था। उससे भारी रकम कर्ज सूद लेने वाले में तब राजीव नगर में आदर्श विद्या निकेतन के नाम से स्कूल चलाने वाले एक शिक्षक भी थे। बाद में जब लाखों रुपये सूद के तौर पर उस स्कूल संचालक पर कर्ज हो गया जिसे वह देने में असमर्थ हो गए तो रामाशीष ने उनके स्कूल पर कब्जा कर लिया और उस स्कूल का नया नाम एवीएन स्कूल रखते हुए अपनी पत्नी मालती सिन्हा को उसका प्रिंसिपल बना दिया और अपने साले रामसुमेर को प्रबंधक। इस पूरे खेल का सच आज भी एवीन स्कूल के बोर्ड पर दिखता है यानी स्कूल तो वही है, आदर्श विद्या निकेतन नाम शॉर्ट कर दिया गया है।

गिरफ्तार रामाशीष की सियासी पहुच का अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते है कि उसके स्कूल एवीएन के कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित कई बड़े राजनेता शिरकत कर चुके हैं। बिहार के सभी सियासी दलों में इसका जबरदस्त रसूख है। यहाँ तक कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को जब चारा घोटाले के एक मामले में पटना हाई कोर्ट ने जमानत खातिर एक सरकारी नौकरी वाले को जमानतदार बनाने का हुक्म दिया तो रामाशीष राय ही उनका वो जमानतदार कौन से दलाल सबसे भरोसेमंद हैं? बना।वही जब इस तिकडमी पर आय से अधिक संपत्ति के मामले मुकदमा दर्ज हुआ तो यह निगरानी की जाँच के घेरे में आ गया। पर यहाँ भी इसने अपने तिकडमी चालो से उस वक्त बच निकला था। विदित हो कि उस दौर में निगरानी की कमना वर्त्तमान डीजीपी पी के ठाकुर के हाथों में थी। यही नहीं यह शातिर जाँच को प्रभावित न कर सके जाँच के दौरान इसे बीपीएससी से हटाकर कर साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग में भेज दिया गया था।

वही दूसरी तरफ बीएसएससी परीक्षा के लिए बनाए गए कथित केन्द्राधीक्षक राम सुमेर सिंह रामाशीष राय का साला है। सीएसएससी की परीक्षा के लिए एवीएन स्कूल में बनाया गया सेंटर और परीक्षा के लिए बनाए केन्द्राधीक्षक रामसुमेर सिंह की प्रितिनियुक्ति ही गलत है। राजीव नगर स्थित एवीएन स्कूल की सीबीएससी से मिली मान्यता बीते दो वर्ष पूर्व ही खत्म कर दी गई थी। इसका मुख्य कारण था, सीबीएससी की दशवीं और बारहवीं की परीक्षा में इस विद्यालय द्वारा की गई घोर धांधली। इसके बावजूद पिछले कई वर्षों से राज्य कर्मचारी चयन आयोग प्रश्नपत्र लीक करने के षडयंत्र के तहत लगातार इस विद्यालय में सेंटर बना रहा था।परीक्षा के दौरान इस विद्यालय में केन्द्राधीक्षक बनाए गए रामसुमेर सिंह भी न तो इस विद्यालय के प्राचार्य थे और न ही शिक्षक। वह इस विद्यालय की देख रेख के लिए प्रबंधक के पद पर तैनात किए गए थे। इसका प्रमाण इस विद्यालय के मामले में हाईकोर्ट का वर्ष 2015 में आया एक फैसला है जिसमें सुमेर सिंह को इस विद्यालय का प्रबंधक करार दिया गया है। अब मामला इस विद्यालय के संरक्षक रामाशीष राय उर्फ रामाशीष सिंह की है ।

पैसो की भूख रामाशीष को इतनी है कि इसने शिवम् कान्वेंट स्कूल के मालिक अशोक सिंह के साथ मिलकर राजीव नगर स्थित अपने भवन में शिवम् टीचर ट्रेनिग कॉलेज खोला था। तब इस इस कॉलेज की प्रिंसिपल के तौर पर भाजपा नेत्री सुषमा साहू ने ज्वाइन किया था। जो वर्त्तमान में राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य है साथ ही भाजपा महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सह और पटना नगर निगम की पार्षद भी हैं। रामाशीष राय की अब हुई गिरफ्तारी और मामले की गहराई से छानबीन होगी तो इस शातिर के कई सफेदपोश राजनेताओं से सम्बन्ध का न केवल खुलासा होगा बल्कि इस तिकडमी का सारा कच्चा चिट्ठा भी खुलेगा जो इस के सोने की लंका को जला कर राख कर देगा।

पतंजलि सैनिटाइजर को सबसे सस्ता बताने पर बाबा रामदेव हुए ट्रोल, मिले ऐसे रिएक्शन

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस महामारी के बीच जो चीज सबसे अधिक डिमांड में है, वह हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) है। इस हैंड सैनिटाइजर पर योग गुरु स्वामी रामदेव के एक ट्वीट से ट्विटर पर बवाल मच गया है। डेटॉल और पतंजलि के हैंड सैनिटाइजर को लेकर बाबा द्वारा किए गए ट्वीट पर महज छह घंटे में लगभग सात हजार कमेंट, 14 हजार रीट्वीट और 51 हजार लाइक मिल चुके हैं। हालांकि, इस ट्वीट पर ज्यादातर यूजर्स ने पतंजलि पर अपनी भड़ास निकाली तो कुछ ने बाबा का समर्थन भी किया है।

पतंजलि सैनिटाइजर पर बाबा रामदेव ने किया था ये ट्वीट

बाब ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'डेटॉल कंपनी का 50ml का सैनिटाइजर 82 रुपए में और पतंजलि का 2 गुना से ज्यादा 120ml सिर्फ 55 रुपए में! आप खुद निर्णय कर लीजिए लेना कौन सा है? स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ। विदेशी कंपनियों के लिए भारत एक बाजार है लेकिन पतंजलि के लिए भारत परिवार है। देश को लूट से बचाएं, पतंजलि अपनाएं।' बाबा रामदेव के इस दावे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर यूजर्स द्वारा उनकी जमकर खिंचाई कर दी गई है।

पतंजलि के हैंड सैनिटाइजर पर यूजर्स ने दिए ऐसे रिएक्शन


एक यूजर मोनिका सिंह ट्वीट करती हैं, 'डेटॉल का ही लेना है बाबाजी हमें। क्योंकि उसकी विश्वसनीयता आपसे ज्यादा है। आप 2013 में कालाधन आने को बोले थे लेकिन अभी तक नहीं आया। तो आप झूठ बोलते हो। तो आपके प्रॉडक्ट पर हम कैसे विश्वास करें।'

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वहीं एक और यूजर शिल्पा राजपूत लिखती हैं, 'पतंजलि के लिए देश एक परिवार है तो परिवार के साथ धंधा कौन करता है। आपको तो सैनिटाइजर मुफ्त में देना चाहिए, क्योंकि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा देशभक्ति दिखाने का।'

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वहीं मोहम्मद हाशिम लिखते हैं, 'बाबा जी अगर आप इतने बड़े देशभक्त हैं तो फिर सैनिटाइजर फ्री में क्यों नहीं बांट सकते।'

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वहीं, कीर्ति तिवारी नाम की एक यूजर स्वामी रामदेव की प्रशंसा करते हुए लिखती हैं, 'पतंजलि के उत्पाद अन्य विदेशी कंपनियों की तुलना में सस्ता और ज्यादा विश्वसनीय है। हमें स्वदेशी कम्पनियों को ज्यादा मजबूत बनाना होगा जिससे हम विदेशी ताकतों पर आश्रित न रहे। स्वामी रामदेव जी पीएम रिलीफ फंड में डोनेशन के लिए आपका धन्यवाद।'

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डेटॉल भारत में स्वास्थ्य का सबसे भरोसेमंद रक्षक


डेटॉल 80 से अधिक वर्षों से सुरक्षा का एक गोल्ड स्टेंडर्ड रहा है और यह लगातार भारत में स्वास्थ्य का सबसे भरोसेमंद रक्षक बना हुआ है। यह ब्रांड लगातार उपभक्ताओं को सुरक्षा एवं स्वास्थ्य मुहैया करवा रहा है और एक बेहतर दुनिया बनाने में मह्वपूर्ण योगदान दे रहा है | डेटॉल हैंड सैनिटाइज़र का निर्धारित मूल्य इस प्रकार है 50 मिली लीटर के लिए 25 रुपए, 60 मिली लीटर के लिए 30 रुपए और 200 मिली लीटर के लिए 100 रुपए। यह भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुकूल है। अधिक मूल्य का सुझाव देने वाला कोई भी सूचना धोखे से भरा हुआ और बुरे इरादे वाला है। इस मुश्किल समय के दौरान हमारी कोशिश एक साथ मिलकर कोविड-19 के संघर्ष पर केन्द्रित होनी चाहिए और गलत ढंग से काम करने से या गलत खबर फैलाने से बचना चाहिए।”

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