निवेशकों के लिए अवसर

बिटकॉइन में कहां निवेश करें

बिटकॉइन में कहां निवेश करें

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

भारत में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है। दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में यह दूसरे नंबर पहुंच गया है। दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है। इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है। इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है। जहां इनकी कीमत डिमांड और सप्लाई के हिसाब से तय होती है। जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब प्रॉफिट मिले तो बेच सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है। इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें। आज हम इसी बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है।

एक्सचेंज फीस

क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है। भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है। ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है। फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है। क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं। इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है ।

नेटवर्क फीस

क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है। ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह तय करना इन माइनर्स का काम है। एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है। अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है। आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है। लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो। जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है। माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है।

वॉलेट फीस

क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है। अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है। यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है। अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं।

क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है।

तो दोस्तों ये हमने आज बात की इन 3 चार्जेज की जो आपको चुकाने होंगे जब आप क्रप्टो में डील करेंगे।

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual बिटकॉइन में कहां निवेश करें asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन बिटकॉइन में कहां निवेश करें माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं स्टोर, भारत में क्या है लीगल स्टेटस? यहां जानें हर बात

क्रिप्टोकॉइन्स और टोकन्स आप अपने क्रिप्टो वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - October 14, 2021 / 03:52 PM IST

कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं स्टोर, भारत में क्या है लीगल स्टेटस? यहां जानें हर बात

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. बिटक्वॉइन (Bitcoin) के एक क्रिप्टोकरेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी शुरुआत में बस प्रोग्रामर्स और डेवलपर्स के दिलचस्पी की चीज थी, लेकिन अब इसकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई है कि अब सामान्य व्यक्ति भी इसमें निवेश करने की सोच रहा है. इस आर्टिकल में हमको आप इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बारे में बताएंगे.

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?

बाजार में ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है. देश में मौजूद पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं.

शेयर बाजारों के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे काम करते हैं. इसका मतलब ये है कि आप हफ्ते में किसी भी दिन और दिन के किसी भी समय पैसे का निवेश और निकासी बिटकॉइन में कहां निवेश करें कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे. इन्वेस्टर्स के पास क्रिप्टो की खरीदी-बिक्री के लिए प्री-डिसाइडेड लिमिट सेट करने का भी ऑप्शन होगा.

एक्सचेंज का इस्तेमाल करना

सभी बड़े एक्सचेंज लगभग एक ही प्रोसेस फॉलो करते हैं. आपको एक अकाउंट बनाने की जरूरत होगी, फिर भारत स्थित एक्सचेंज आपको KYC वेरिफिकेशन करने को बोलेंगे. जिसके बाद आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आप अपना बैंक अकाउंट अपने क्रिप्टो अकाउंट से लिंक कर सकते हैं. या फिर ट्रांजैक्शन के लिए सीधे डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. जब लॉगइन और अकाउंट सेटअप का पूरा प्रोसेस कंप्लीट हो जाएगा, तो आपका एक्सचेंज आपको पहला ऑर्डर प्लेस करने के लिए नोटिफाई कर देगा.

क्रिप्टोकरेंसी स्टोर कैसे करें?

अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पर नजर डालें तो देखेंगे कि बिटकॉइन और एथर जैसे कॉइन्स ने लंबे समय में ज्यादा रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि उनकी वैल्यू बढ़ने तक के लिए आपको इन्हें स्टोर करना होगा. क्रिप्टोकॉइन्स और टोकन्स आप अपने क्रिप्टो वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट. इनमें से आपको कोई भी वॉलेट अपनी जरूरत के हिसाब से चूज़ करना होगा.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लीगल स्टेटस

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लीगल स्टेटस को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रस्तावित किया था, जिसमें Bitcoin और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था. हालांकि, बाद बिटकॉइन में कहां निवेश करें में इसमें और कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ. एक हालिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया है.

जानें भारत में क्यों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी पर निवेश, भारत में रोजाना कितने का है इसका व्यापार

cryptocurrency: बीते कुछ सालों में ही क्रिप्टो ने भारतीय बाजार में अपने पैर इतनी तेजी से पसारे हैं कि अब देश में कुल 15 क्रिप्टो एक्सचेंज बिजनेस कर रहे हैं। कहा जाता है इनका रोजाना का कारोबार लगभग 1500 करोड़ रुपये के आस पास का है जो कि अपने आप में एक चौकाने वाला आंकड़ा है।

Bitcoin currency

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन ने बहुत कम समय में लोगों के बीच अपनी पकड़ मजूबत कर ली है। बात अगर भारत की करें तो, यहां इसका कारोबार करने वाली कंपनियां का मुनाफा दिनों-दिन लाखों का हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण लोगों का ध्यान गोल्ड की तरफ कम होते जा रहा है। ये एक तरह का डिजिटल गोल्ड है जिसमें दिन-ब-दिन हो रहे मुनाफे के कारण लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टो में बढ़ा निवेश

जिस तरह क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ रहा है, वैसे ही यहां निवेशकों की संख्या भी बढ़ रही है। देश में फिलहाल एक करोड़ एक्टिव इन्वेस्टर हैं, जो क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करते हैं। तो वहीं शेयर बाजार में निवेश करने वाले और ट्रेडर की संख्या भी करीब 6 करोड़ हो गई है। शेयर बाजार की तुलना में करीब 20 प्रतिशत लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश और ट्रेडिंग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि डिजिटल कॉइन खरीदने के कारोबार में करीब ढेड करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं।

बिटकॉइन ..

भारत में है बड़ा कारोबार

बीते कुछ सालों में ही क्रिप्टो ने भारतीय बाजार में अपने पैर इतनी तेजी से पसारे हैं कि अब देश में कुल 15 क्रिप्टो एक्सचेंज बिजनेस कर रहे हैं। कहा जाता है इनका रोजाना का कारोबार लगभग 1500 करोड़ रुपये के आस पास का है जो कि अपने आप में एक चौकाने वाला आंकड़ा है।

bitcoin4

कई देशों में बैन, क्रिप्टो का कारोबार

एक ओर जहां दुनियाभर के कई देशों में ये अपनी जड़े मजबूत कर रहा है, तो वहीं कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने (क्रिप्‍टोकरेंसी) इसे अपने यहां पूरी तरह से बैन कर दिया है। इन देशों की बात करें तो, इनमें ईरान और सऊदी अरब शामिल है। वहीं, भारत, रूस, ब्राजील समेत कई ऐसे देश हैं, जो अभी भी डिजिटल एसेट को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं। अभी इसे लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।

जानें भारत में क्यों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी पर निवेश, भारत में रोजाना कितने का है इसका व्यापार

cryptocurrency: बीते कुछ सालों में ही क्रिप्टो ने भारतीय बाजार में अपने पैर इतनी तेजी से पसारे हैं कि अब देश में कुल 15 क्रिप्टो एक्सचेंज बिजनेस कर रहे हैं। कहा जाता है इनका रोजाना का कारोबार लगभग 1500 करोड़ रुपये के आस पास का है जो कि अपने आप में एक चौकाने वाला आंकड़ा है।

Bitcoin currency

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन ने बहुत कम समय में लोगों के बीच अपनी पकड़ मजूबत कर ली है। बात अगर भारत की करें तो, यहां इसका कारोबार करने वाली कंपनियां का मुनाफा दिनों-दिन लाखों का हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण लोगों का ध्यान गोल्ड की तरफ कम होते जा रहा है। ये एक तरह का डिजिटल गोल्ड है जिसमें दिन-ब-दिन हो रहे मुनाफे के कारण लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

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क्रिप्टो में बढ़ा निवेश

जिस तरह क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ रहा है, वैसे ही यहां निवेशकों की संख्या भी बढ़ रही है। देश में फिलहाल एक करोड़ एक्टिव इन्वेस्टर हैं, जो क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करते हैं। तो वहीं शेयर बाजार में निवेश करने वाले और ट्रेडर की संख्या भी करीब 6 करोड़ हो गई है। शेयर बाजार की तुलना में करीब 20 प्रतिशत लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश और ट्रेडिंग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि डिजिटल कॉइन खरीदने के कारोबार में करीब ढेड करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं।

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बीते कुछ सालों में ही क्रिप्टो ने भारतीय बाजार में अपने पैर इतनी तेजी से पसारे हैं कि अब देश में कुल 15 क्रिप्टो एक्सचेंज बिजनेस कर रहे हैं। कहा जाता है इनका रोजाना का कारोबार लगभग 1500 करोड़ रुपये के आस पास का है बिटकॉइन में कहां निवेश करें जो कि अपने आप में एक चौकाने वाला आंकड़ा है।

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कई देशों में बैन, क्रिप्टो का कारोबार

एक ओर जहां दुनियाभर के कई देशों में ये अपनी जड़े मजबूत कर रहा है, तो वहीं कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने (क्रिप्‍टोकरेंसी) इसे अपने यहां पूरी तरह से बैन कर दिया है। इन देशों की बात करें तो, इनमें ईरान और सऊदी अरब शामिल है। वहीं, भारत, रूस, ब्राजील समेत कई ऐसे देश हैं, जो अभी भी डिजिटल एसेट को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं। अभी इसे लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।

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