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कितना सोना है

कितना सोना है

एक व्यक्ति आखिर कितना सोना रख सकता है, क्या ऐसी कोई सीमा तय की गई है?

दिवाली का समय है ऐसे में हम लोग सोना तो खरीदेंगे ही. हमारे देश में दिवाली या धनतेरस पर थोड़ा ही सही लेकिन सोना खरीदने का रिवाज है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आता होगा कि क्या एक व्यक्ति के पास कितना सोना होना चाहिए? तो चलिए आज इस लेख में आपको सोना खरीदेने और इसके कर के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.

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दिवाली (Diwali 2021) का समय है ऐसे में हम लोग सोना तो खरीदेंगे ही. हमारे देश में दिवाली या धनतेरस पर थोड़ा ही सही लेकिन सोना खरीदने का रिवाज है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आता होगा कि क्या एक व्यक्ति के पास कितना सोना होना चाहिए? उसमें भी विवाहित और अविवाहित महिलाओं और पुरुषों को कितना सोना रखने का अधिकार है. तो चलिए आज इस लेख में आपको सोना खरीदेने और इसके कर के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.

क्या सोना खरीदने की कोई सीमा है?

इसका सीधा जवाब है नहीं. भारत में पहले गोल्ड (Gold Price) कंट्रोल एक्ट, 1968 था जो नागरिकों को तय की गई मात्रा से अधिक सोना रखने से रोकता था. हालांकि, इसे जून 1990 में समाप्त कर दिया गया था. अब भारत में सोना रखने की मात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन अधिक सोना रखने के लिए आयकर विभाग ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं.

भारतीय घरों में सोना खरीदने और रखने की परंपरा सदियों पुरानी है

हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बुरा भी लग सकता है कि हमें सोना खरीदने से क्यों रोका जा रहा है, यह तो हमारी परंपरा है. एक तरह से यह मुसीबत में काम आने कीमती वस्तु है जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करना चाहते. हमारे घरों में तो सोना गुम होना और बेचना बहुत ही खराब माना जाता है. ना ही हम सोने को कहीं लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं. यह तो एक आशीर्वाद के रूप में बस हमारे पास होनी चाहिए. आपको बता दें कि आपको सोना खरीदने से कोई रोक नहीं रहा, बस कुछ नियम हैं जिनका आपको पालन करना पड़ेगा.

भारतीय घरों में सोना खरीदने और रखने की परंपरा सदियों पुरानी है. लोग शादी-विवाह में बेटी और बहू को उपहार कितना सोना है के रूप में सोना के गहनें देते है. सोना को इसलिए महिलाओं का स्त्री धन भी कहा जाता है. महिलाएं अपने इस स्त्री धन को जल्दी बाहर निकालना भी नहीं चाहतीं, किसी को देना तो बहुत दूर की बात है. यह पीढ़ी दर पीढ़़ी से चला आ रहा है. मां और सास अपने गहनें अपनी बहू या बेटी को देती हैं और यह परंपरा आज भी बरकरार है. तीज त्योहार, शादी, विवाह, अक्षय, तृतीया पर सोना खरीदना हमारे देश में शुभ माना जाता है. सोना कोई अपने पैसे से खरीदता है तो किसी को उपहार के रूप में मिलता है.

दरअसल, इस बात की कोई सीमा नहीं है कि किसी के पास कितने सोने के आभूषण या गहने हो सकते हैं, लेकिन विवादों से बचने और एकरूपता रखने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 11-05-1994 को अपने अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किया था.

जिसके अनुसार आयकर अधिकारी किसी भी विवाहित महिला के 500 ग्राम तक के सोने के गहने जब्त नहीं करेंगे. वहीं अविवाहित महिला के लिए यही सीमा 250 ग्राम है लेकिन पुरुष चाहें विवाहित हों या अविवाहित, उनके लिए 100 ग्राम की निचली सीमा तय की है. यानी इतना सोना रखने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आयकर अधिकारी आपका सोना जब्त नहीं कर सकते.

भले ही भले ही आपकी आय और समाजिक स्थिति इतनी अधिक सोने के आभूषण और गहने रखने की गारंटी न दे. इस बात का ध्यान रखें कि इस निर्देश में केवल परिवार के आभूषण ही शामिल हैं. इसलिए गैर-पारिवारिक सदस्यों से संबंधित आभूषण को जब्त किया जा सकता है और मात्रा के बावजूद ले जाया जा सकता है.

वैसे तय की गई सीमा के अधिक सोना रखने पर भी चिंता वाली बात नहीं है. वो गहने में भी अधिकारी ना ले जाएंगे ना ही जब्त करेंगे बशर्ते आपको इसके स्रोत का प्रमाण देना होगा. साधारण भाषा में कहें तो आपने वह सोना कहां से खरीदा या किसने विरासत उपहार के रूप में दिया इसका लेखा-जेखा, काजग-पतरी संभाल कर रखना होगा.

इसलिए सोना खरीदें तो उसका बिल आपने पास जरूर रखें. मान लीजिए तय की गई सीमा से अधिक जो गहने हैं अगर वो विरासत में मिलने का दावा किया गया है तो आपके पास कुछ ऐसे दस्तावेज होने चाहिए जो इस बात को साबित कर सकें. वह दस्तावेज एक वसीयत के रूप में हो सकता है. जो विधिवत रूप से संपत्ति कर रिटर्न या मृतक व्यक्ति के आयकर रिटर्न द्वारा समर्थित हो. इसी तरह उपहार में मिलने वाले आभूषण का भी कोई ठोस सबूत होना चाहिए.

आप जो आभूषण खरीदते हैं उसके बारे में भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस आपको बाताना होगा कि आपने यह गहनें अपने पैसे से कैसे खरीदे. इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ही खरीदें, आप नकद भी खऱीद सकते हैं लेकिन सबूत के लिए निकासी का प्रमाण चाहिए कि ये गहनें टैक्स पेड पैसे से खरीदा गया.

इसलिए गहनों की खरीदारी, लेन-देन, आदान-प्रदान, पुराने गहनों को बदलकर नए गहनों लेने आदि की सभी रसीद सुरक्षित रखें.इस बात का ध्यान रखें कि ये नियम सिर्फ सोने के आभूषणों पर ही लागू होता है, न कि किसी अन्य रूप में सोने या हीरे के आभूषण, कीमती पत्थरों आदि जैसे अन्य प्रकृति आभूषणों पर.

इसलिए अधिकारी किसी भी सोने के सिक्के, सोने की छड़ और गैर-सोने के आभूषणों को जब्त कर सकते हैं. भले ही इनका वजन तय सीमा के भीतर हो, आप साक्ष्य देकर ही इन गहनों का बचा सकते हैं.

असल में लोगों को लुभाने का काम शेयर बाजार और मार्केटिंग वालों का है इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है. वैसे आज भी ज्यादातर महिलाओं को म्यूचल फंड और शेयर मार्केट में रुचि नहीं है, उनके पास जब पैसे होते हैं तो वे सोना खरीदने में ही अपना भलाई समझती हैं. असल में उन्हें सोने से कोई मुनाफा नहीं कमाना बस अपने पास संप्पति के रूप में सहेज कर रखना है. तो बस फिर इन नियमों का पालन करें और बेफ्रिक होकर सोना खरीदें.

क्या आप जानते कितना सोना है हैं घर में कितना सोना रख सकते हैं? अगर इतने तोले से ज्यादा हुआ तो दिक्कत होगी…

सोना

आपने देखा होगा कि कई घरों में ज्यादा तो कई जगह कम सोना मिलता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आप कितना सोना अपने साथ रख सकते हैं यानी घर में कितना सोना रखना वैध है और अगर उससे ज्यादा हो तो उस पर किस तरह से कार्रवाई की जा सकती है.यानी कितना सोना घर में रखना कानूनी है और इससे ज्यादा होने पर कार्रवाई कैसे की जा सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

घर में कितना सोना रख सकते हैं?

देश में पहले सोना रखने पर एक लिमिट होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पहले एक लिमिट से ज्यादा सोना रखने पर निगरानी रखी जाती थी, लेकिन अब इन नियमों को खत्म कर दिया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार पहले गोल्ट कंट्रोल एक्ट 1968 था, जिसके तहत आप एक लिमिट से ज्यादा सोना नहीं रख सकते थे और 1990 में इसे खत्म कर दिया गया. लेकिन, अब परिस्थितियां काफी बदल गई है और नए नियमों के अनुसार कोई लिमिट नहीं है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने घर में काफी सोना रख सकते हैं.

अभी भी कानून के हिसाब से एक लिमिट है, लेकिन अगर इस लिमिट से भी ज्यादा आपके पास सोना है तो कोई दिक्कत की बात नहीं है. इस स्थिति में आपके पास लिमिट से ज्यादा सोना है तो आपके पास उसका सोर्स होना चाहिए. यानी आपके पास जो ज्यादा सोना है, वो आपने कब खरीदा और इनकम सोर्स क्या है और पहले का है तो कब से आपके पास ये सोना है. अगर आपसे कभी सवाल किया जाता है तो आपको उसका सोर्स बताना होगा और अगर आप इसका वैलिड सोर्स बता देते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं होगी.

घर में सोना रखने की लिमिट है कितनी?

अब जानते हैं कि आखिर वो लिमिट कितनी है, जिसके आधार पर ज्यादा सोना या कम सोना तय किया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बताया जा रहा है कि एक विवाहित महिला अपने पास 500 ग्राम सोना आराम से रख सकती है, जबकि अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक सोना होने पर कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके अलावा जो विवाहित पुरुष हैं, उनके पास 100 ग्राम सोना रह सकता है. अगर किसी के पास इतना सोना है तो उन्हें कोई इनकम प्रूफ देने की जरूरत नहीं है. इससे ज्यादा होने पर उनका सोर्स मांगा जा सकता है.

हालांकि, ज्वैलरी के रुप में सोना होने पर काफी हद तक छूट दी जाती है. इसमें भी किसी के पास अगर बुजुर्गों का सोना होता है तो उन्हें कुछ छूट दी जाती है, लेकिन ज्यादा होने पर इसके भी दस्तावेज पेश करने पड़ सकते हैं. वहीं, गिफ्ट में मिले सोने पर भी सरकार की ओर से टैक्स में छूट दी जाती है और एक लिमिट तक सोना रखा जा सकता है.

सूर्य पर कितना सोना है? भर सकते हैं धरती के सारे महासागर

सूर्य पर सोने का विशाल भंडार है. (फोटोः Unsplash.com)

सूर्य केवल आग का गोला नहीं बल्कि, पृथ्वी पर पाए जाने वाले कई अन्य तत्व भी पाए जाते हैं. इसमें सोना का विशाल भंडार है.

सूर्य के बारे में हम बचपन से पढ़ते आए हैं कि सूर्य आग का गोला है. सूर्य में मुख्य रूप से हाइड्रोजन होता है. यह ब्रह्मांड का सबसे हल्का और सबसे सामान्य तत्व है जो तारों के अंदर हीलियम में विलीन हो जाता है. यह बदले में बहुत सारी ऊर्जा पैदा करता है जो सूर्य को पृथ्वी के दृष्टिकोण से विकिरण के रूप में अपनी सुनहरी चमक देता है. हालांकि, ये कम लोग ही जानते हैं कि, पृथ्वी पर पाए जाने वाले कई अन्य तत्व भी सूर्य के अंदर होता है. ऐसे ही सोना जैसे कीमती धातुएं भी इस विशाल आग के गोले का हिस्सा हैं.

सूर्य पर कितना सोना है?

शोधकर्ता पहले ही इस प्रश्न का समाधान कर चुके हैं. ऐसा करने के लिए, उन्होंने सूर्य के प्रकाश का विश्लेषण किया. क्योंकि हर तत्व सूर्य के प्रकाश के स्पेक्ट्रम में अपनी छाप छोड़ता है. 2014 के एक अध्ययन में, यूनिवर्सिटी ऑफ लीज के खगोल भौतिकीविद् निकोलस ग्रीवेस के नेतृत्व में टीम ने पाया कि सूर्य में प्रत्येक ट्रिलियन हाइड्रोजन परमाणुओं के लिए केवल आठ सोने के परमाणु होते हैं.

लंबे वक्त तक चलीं रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज पर 2.5 ट्रिल्यन टन सोना है. इतने सोने से धरती के सभी महासागर भर सकते हैं और फिर भी यह ज्यादा होगा. एक और दिलचस्प खोज आगे चलकर की गई, जिसमें पाया गया कि धरती पर आज मौजूद सोना सूरज जैसे सितारों के न्यूट्रॉन स्टार बनने और फिर आपस में टकराने से पहुंचा है.

कैसे हुई सोने की खोज?

18 अगस्त, 1868 को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, कई खगोलविदों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद से सूर्य पर हीलियम की खोज की. इसके बाद सूर्य के वातावरण में एक के बाद एक कार्बन, नाइट्रोजन, लोहा और अन्य भारी धातुओं की खोज हुई. इन्हीं में से एक था सोना. 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में जैसे-जैसे पृथ्वी की उत्पत्ति और इतिहास की समझ बढ़ी, यह सवाल भी सामने आने लगा कि अरबों वर्षों तक सूर्य और अन्य तारे कैसे चमकते रहे?

दरअसल, जब कोई तारा अपने जीवन के अंतिम चरण में होता है, तो उसका कोर ढह जाता है और फिर सुपरनोवा विस्फोट होता है. तारे की बाहरी परतें अंतरिक्ष में फैलती हैं और इस दौरान न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन होता है. लोहे से भारी अधिकांश तत्व इन्हीं से उत्पन्न होते हैं. जब दो ऐसे न्यूट्रॉन तारे टकराते हैं, तो न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन से स्ट्रोंटियम, थोरियम, यूरेनियम और साथ ही सोना पैदा होता है.

महासागर में कितना है पानी?

पृथ्वी पर सभी महासागरों में लगभग 1.3 ट्रिलियन टन के कुल भार के साथ पानी है. तो, दुनिया के महासागरों में पानी के रूप में सूरज में लगभग दोगुना सोना है, कम से कम वजन के मामले में. यदि सूर्य के सोने से चंद्रमा का निर्माण होता, तो इसका व्यास लगभग 620 किलोमीटर होता. पृथ्वी पर सोने के भण्डार सौर कोष की तुलना में बहुत कम दिखाई देते हैं. हमारे ग्रह पर लगभग 150,000 टन सोने का खनन किया गया है और गहनों और बारों में संसाधित किया गया है.

सोना कितना सोना है, अब पता चलेगा

सोना कितना सोना है, अब पता चलेगा

Meerut। देश में गोल्ड हॉल माìकग अनिवार्य कर दिया गया है। अगर अब किसी भी दुकान से सोना खरीदने जाएंगे तो आपको सिर्फ हॉलमार्क का ही सोना मिलेगा। इससे ग्राहकों को सोने के शुद्ध होने की शत-प्रतिशत की गारंटी मिलेगी। साथ ही इसकी सबसे खास बात यह है कि सोने पर लिखा होगा कि यह कितने कैरेट का है। ज्वैलर्स के अनुसार हॉल माìकग से आम लोगों को फायदा होगा। इससे ग्राहक सोने के गहने खरीदते समय धोखा खाने से बच जाएंगे।

गोल्ड हॉल माìकग सोने की शुद्धता का एक सíटफिकेट है। इसके लागू होने के बाद से सभी ज्वैलर्स को सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाले गोल्ड की बिक्री की ही इजाजत होगी। जो ज्वेलर हॉल मार्क वाले गहने बेचना चाहता है, उसे कितना सोना है बीआईएस यानि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। ज्वेलर ये प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर सकते हैं। इसके बाद उनकी ज्वेलरी की शुद्धता की जांच होती है। रजिस्ट्रेशन के बाद हॉल मार्क वाली ज्वेलरी की शुद्धता को लेकर कभी भी स्टोर पर जांच टीम आ सकती है। इसके तहत ज्वैलर्स की सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑटोमैटिक कर दिया गया है।

बिना हॉलमार्क मिलेगी सजा

अगर कोई भी ज्वैलर बिना हॉल माìकग के गोल्ड ज्वैलरी बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक साल की जेल के अतिरिक्त उस पर गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू की पांच गुना तक पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। हर कैरेट के सोने के लिए हॉल मार्क नंबर अंकित किए जाते हैं। ज्वैलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता हैं। 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता हैं। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है।

घर वाले सोने पर नहीं

गोल्ड हॉल माìकग का नियम घर में रखे सोने पर लागू नहीं होगा। इसके लागू होने के बाद भ्ीा लोग अपने घर में सोना आसानी से रख सकते हैं। इससे पुरानी ज्वैलरी बिक्री करने पर भी कोई असर नहीं होगा। शहर के लोग पहले की ही तरह उसे ज्वैलर्स के यहां चाहें तो ज्वैलरी बेच सकते हैं। यह नियम केवल ज्वैलर्स के लिए है वे बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएंगे।

एक जून थी डेडलाइन

सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषणों, कलाकृतियों की अनिवार्य हॉल माìकग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश इसी साल 15 जनवरी को जारी किया गया था। मगर गैर-हॉल मार्क वाले आभूषणों के पुराने स्टॉक को हटाने के लिए अंतिम तिथि एक जून 2021 तक बढ़ा दी गई थी। वहीं कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते इसकी समयावधि में 15 दिन का इजाफा किया गया था।

22 कैरेट ज्वैलरी हार्ड होती है और 20 कैरेट वाली ज्वैलरी सॉफ्ट होती है। सीधे शब्दों में कहूं तो इस ज्वैलरी के रख-रखाव में आसानी होती है। इसलिए ये लोगों को पसंद होती है मगर अब लोगों को हार्ड ज्वैलरी मिलेगी, जिसके रख-रखाव में दिक्कत आएगी।

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