क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?

रियल एस्टेट और स्टॉक में से किसमें निवेश बेहतर
रियल एस्टेट और स्टॉक में से किसमें निवेश बेहतर
चाहे सेवानिवृत्ति की योजना हो, कॉलेज के फंड के लिए बचत करना हो या अवशिष्ट (Residual) आय अर्जित करना हो, आपको एक निवेश रणनीति की आवश्यकता होती है, जो आपके बजट और आपकी आवश्यकताओं के अनुकूल हो। कई लोग पहले निवेश करने के बारे में सोचने पर शेयर बाजार के बारे में सोचते हैं। जबकि शेयर बाजार एक सामान्य निवेश विकल्प और निवेश वाहन होते है जो अधिक प्रभावी होता है। रियल एस्टेट निवेश शेयर बाजार के लिए एक विकल्प प्रदान करते हैं। सही परिस्थितियों में, वे कम जोखिम वाले होते हैं, बेहतर रिटर्न देते हैं, और आम तौर पर अधिक विविधीकरण (Diversification) प्रदान करते हैं।
मुख्य बिंदु
- रियल एस्टेट या स्टॉक में निवेश एक व्यक्तिगत पसंद होती है और यह निवेशक की पॉकेटबुक, जोखिम टॉलरेंस लक्ष्यों और निवेश शैली पर निर्भर करता है।
- रियल एस्टेट और स्टॉक के अपने विभिन्न जोखिम और अवसर होते हैं।
- रियल एस्टेट उतने तरल नहीं होते है, इसमें बड़ी मात्रा में धन समय और शोध की आवश्यकता होती है, लेकिन निष्क्रिय(passive) किराये की आय भी प्रदान करता है।
- स्टॉक बाजार, आर्थिक और मुद्रास्फीति (Inflation) के जोखिमों के अधीन होते हैं, लेकिन एक बड़े नकद इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं है, और आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।
रियल एस्टेट या स्टॉक निवेश
रियल एस्टेट या स्टॉक में निवेश करना एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसका अर्थ है कि कोई एक विकल्प दूसरे से बेहतर नहीं है। यह सब निवेशक कि पॉकेटबुक, जोखिम टॉलरेंस, लक्ष्यों और निवेश शैली पर निर्भर करता है। हालांकि, यह मान लेना सुरक्षित है कि अधिक लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं — शायद इसलिए कि स्टॉक खरीदने में ज्यादा समय नहीं लगता।
लगभग 15% अमेरिकी अपने प्राथमिक निवास के बाहर रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। जबकि अधिक लोग स्टॉक या म्यूचुअल फंड के मालिक होते हैं, कई सलाहकार अपने ग्राहकों के साथ शेयर बाजार और अचल संपत्ति बाजार के विकल्पों पर चर्चा करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं जो निवेश करने के लिए तैयार हैं।
कई संभावित निवेशकों के लिए, अचल संपत्ति में निवेश करते है क्योंकि यह एक ठोस संपत्ति है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है, जिसमें विविधीकरण का अतिरिक्त लाभ होता है।
रियल एस्टेट
अचल संपत्ति और इसके साथ जुड़े जोखिमों में से एक सबसे महत्वपूर्ण जोखिम जो लोग समझने में असफल होते हैं वह यह है कि रियल एस्टेट को बहुत अधिक शोध की आवश्यकता होती है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें आप हेडफ़र्स्ट जा सकते हैं और तत्काल परिणाम और रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। रियल एस्टेट एक ऐसी संपत्ति नहीं है जो आसानी से तरल हो जाती है, और इसे जल्दी से भुनाया नहीं जा सकता है।
शेयर बाजार
शेयर बाजार कई अलग-अलग प्रकार के जोखिमों के अधीन होते है: बाजार जोखिम, आर्थिक जोखिम और मुद्रास्फीति संबंधी जोखिम।
सबसे पहले, स्टॉक मूल्य बेहद अस्थिर होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी कीमतें बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन होती हैं। अस्थिरता भू-राजनीतिक के साथ-साथ कंपनी-विशिष्ट घटनाओं के कारण हो सकती है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी का दूसरे देश में परिचालन होता है। यह विदेशी विभाजन उस राष्ट्र के कानूनों और नियमों के अधीन होता है। लेकिन अगर उस देश की अर्थव्यवस्था में कोई समस्या होती है, या कोई राजनीतिक परेशानी उत्पन्न होती है, तो उस कंपनी के शेयर को नुकसान हो सकता है। स्टॉक आर्थिक चक्र के साथ-साथ मौद्रिक नीति, विनियम, कर संशोधन, या किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दरों में भी बदलाव के अधीन होता हैं।
लाभ और नुकसान
रियल एस्टेट
रियल एस्टेट निवेशकों के पास अपनी पूंजी में अधिक लाभ उठाने की क्षमता होती है। हालांकि अचल संपत्ति स्टॉक मार्केट की तरह तरल नहीं होते है, लॉन्ग-टर्म नकदी प्रवाह पैसिव आय और प्रशंसा का वादा प्रदान करता है।
इसके बावजूद, उस धनराशि पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है, जो अचल संपत्ति में निवेश करने में जाता है। यदि सभी कैश सौदे नहीं कर रहे हैं तो निवेशकों को डाउन पेमेंट और फाइनेंसिंग को सुरक्षित करने की क्षमता भी होनी चाहिए। चूंकि अचल संपत्ति उतनी तरल नहीं होती है, निवेशक जरूरत पड़ने पर तुरंत अपनी संपत्तियों को बेचने पर भरोसा नहीं कर सकते। अन्य नुकसानों में संपत्ति प्रबंधन से जुड़े अन्य खर्च और भवन के रखरखाव में समय का निवेश शामिल होते है।
शेयर बाजार के पेशेवर
अधिकांश निवेशकों के लिए, यह इस बाजार में शुरू करने के लिए एक बड़ा नकद जलसेक नहीं लेता है, जिससे यह एक आकर्षक विकल्प बन जाता है। अचल संपत्ति के विपरीत, स्टॉक तरल होते हैं और आसानी से खरीदे और बेचे जाते हैं, इसलिए आप आपात स्थिति के मामले में उन पर भरोसा कर सकते हैं।
लेकिन, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, स्टॉक अधिक अस्थिर होते हैं, जिससे निवेश जोखिम भरा होता है। आपके शेयरों को बेचने से पूंजीगत लाभ कर लग सकता है।
क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?
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निवेश से जुड़ी बात: सिप के लिए बेहतर, स्टॉक या म्यूचुअल फंड
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
विस्तार
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
निवेश से जुड़ी बात: सिप के लिए बेहतर, स्टॉक या म्यूचुअल फंड
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
विस्तार
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
अधिकृत स्टॉक से क्या तात्पर्य है?
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि किसी कंपनी के पास 10 लाख अधिकृत शेयर हैं। उस स्थिति में, यह आरंभिक जनता में केवल 5 लाख शेयर बेच सकता हैप्रस्ताव (आईपीओ) और अन्य 50 आरक्षित करें,000 कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए स्टॉक विकल्प के रूप में। फिर, द्वितीयक पेशकश में, कंपनी धन जुटाने के लिए फिर से 1.5 लाख और साझा कर सकती है। अंत में, जारी न किए गए स्टॉक को कंपनी के ट्रेजरी खाते में रखा जाएगा:
10,00,000- 5,00,000 - 50,000 - 1,50,000 = 3,00,000।
एक कंपनी नियंत्रित हित बनाए रखने के लिए अपने सभी अधिकृत शेयरों को जारी करने से भी बच सकती है और कंपनी को शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण का अनुभव करने से रोक सकती है।
गैर-जारी अधिकृत स्टॉक की आवश्यकता
विभिन्न कारणों से बिना जारी किए अधिकृत स्टॉक रखना उचित, बेहतर और फायदेमंद है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों अनधिकृत स्टॉक के एक हिस्से को प्राथमिकता दी जाती है और अनुशंसित किया जाता है:
शेयर विकल्प और वारंट जारी करते समय मदद करता है: समय-समय पर, कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को कंपनी के कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना में भाग लेने के लिए मुआवजा देती हैं। इन शेयरों को जारी करने के लिए, जो बाद में बकाया शेयरों में बदल जाते हैं, कंपनी के पास बिना जारी किए अधिकृत स्टॉक के पर्याप्त हिस्से तक पहुंच होनी चाहिए।
अल्प सूचना पर पूंजी जुटाने की आवश्यकता: अधिकांश कंपनियों के लिए, जब उन्हें पूंजी की आवश्यकता होती है तो नए शेयर जारी करना मामूली महत्व रखता है। हालाँकि, कुछ उदाहरणों में, एक कंपनी अल्प सूचना पर कुछ अतिरिक्त शेयर जारी कर सकती है। उस अवधि में बिना जारी किए अधिकृत स्टॉक होना फायदेमंद है क्योंकि प्रबंधन को अनुमोदन प्राप्त करने की क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? पूरी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता हैशेयरधारकों कंपनी द्वारा प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले अधिकृत स्टॉक को बढ़ाने के लिए।
अधिकृत स्टॉक में वृद्धि करते समय कंपनी पर लगाई गई लागत
दुनिया के कई हिस्सों में अधिकृत स्टॉक बढ़ाने की कोई अतिरिक्त लागत नहीं है, इसके अलावा शेयरधारकों के लिए किसी भी बैठक को आयोजित करने की उच्च लागत और अन्य लेनदेन-संबंधी लागतें हैं। हालांकि, भारत सहित कुछ क्षेत्रों में, कंपनियों को अधिकृत स्टॉक को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। भारत भर में यह स्टाम्प शुल्क अधिकृत स्टॉक में वृद्धि के 0.15% और 0.20% के बीच है।