निवेशकों के लिए अवसर

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है
SHARE PRICE OF HDFC BANK

Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जानिए ये 3 बाते ! राकेट की स्पीड से करे निवेश !

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है शेयर बाजार वह बाजार है जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस तरह किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए रोटी कपड़ा मकान आदि जरूरी होते हैं वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिए शेयर बाजार बहुत जरूरी है उद्योग धंधों को चलाने के लिए कैपिटल चाहिए होता है उन्हें ये शेयर बाजार से मिलता है

शेयर बाजार के माध्यम से हर आम आदमी बड़े से बड़ा उद्योग मैं अपनी भागीदारी प्रदान कर सकता है इस तरह वह बड़े उद्योग में होने वाले मुनाफे में बराबर का हिस्सेदार बन सकता है मान लीजिए कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी व्हीकल की और जमाना ज्यादा बड़ रहा है तो इन से संबंधित कंपनियों के शेयर खरीद कर रखने से आगे जाकर आपको बहुत मुनाफा देंगे और ऐसा करने से के लिए तो व्यवस्था चाहिए वह शेयर बाजार प्रदान करता है

जानिए शेयर बाजार कैसे काम करता है

शेयर बाजार काम एक सब्जी मंडी की तरह करता है शेयर बाजार में डिमांड एंड सप्लाई चलती है अगर इसके शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है अंदर किसी चीज की बहुत ज्यादा डिमांड है तो रेट बड़ जायेगा लेकिन कोई ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड कम है लेकिन सप्लाई बहुत ज्यादा आ गई है तो उस सब्जी के रेट घट जाएंगे ।

शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे भेजे जाते हैं किसी भी अन्य बाजार की तरह शेयर बाजार में खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और मोलभाव करके शादी पक्की करते हैं और हां से कुछ समय पहले शेरों की खरीद बिक्री मौके गोलियों से होती थी और खरीदने बेचने वाले मुंह जवानी ही सौदा किया करते थे लेकिन आज के समय में सहारा लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े ऑनलाइन कंप्यूटरों के जरिए होता है ऑनलाइन इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है और आज के समय में शेयर खरीदने बेचने वाले सामने नहीं आ पाते

share market basics hindi

इस प्रकार समझ लो की एक तरीके से देखा जाए तो यहां शेयरों की नीलामी होती है अगर किसी को शेयर बेचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को यह शेयर बेच दिया जाता है या कोई शेयर खरीदना चाहता है तो बेचने वालों में से जो सबसे कम कीमत पर तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जाता है

शेयर बाजार से जुडी मुख्या जानकारियाँ

एनएससी (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बीएसई (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यहीं पर जाकर आप ट्रेडिंग करते हैं यहीं से आपको पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है एक्सचेंज निफ़्टी फिफ्टी (NIFTY50) मैं आता है जिसमें शेयर बाजार की सारी कंपनियों का समावेश होता है उसी से पता चलता है कि सारी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है या हल्का परफॉर्म कर रही है

जानिए Nifty क्या होता है?

Nifty एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National stock exchange fifty) मार्केट है यह दो शब्दों से मिलकर बनी है उसको nifty50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर लोग से Nifty के नाम से ही जानते हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (National stock exchange of India) का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर का सूचकांक होता है यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जोकि लिस्टेड है यह उन कंपनियों के शेयर्स जोकि लिस्टेड है उनके भाव में होने वाली तेज या मदी का भी ध्यान रखता है और उनकी सूचना प्रदान करता है।

Nifty 50 भारत का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण (Stock Index) स्टॉक इंडेक्स है या सरल भाषा में कहे तो निफ़्टी (Nifty) एक तरह स्टॉक इंडेक्स है जो 50 प्रमुख कंपनियों के स्टॉक को इंडेक्स करे हुए होता है निफ्टी में 50 से ज्यादा कंपनियों के स्टॉक लिस्ट नहीं किए जा सकते

जानिए सेंसेक्स (Sensex) क्या है?

आप लोगों ने अक्सर टीवी या न्यूज़पेपर सेंसेक्स के बारे में पढ़ा या देखा हुआ और आपने देखा होगा की सेंसेक्स आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आपने सुना हुआ किसान से कितने अंक नीचे गिर गया।

जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेंसेक्स के बारे में अच्छे से जानकारी कर ले सेंसेक्स भी एक तरह से निफ्टी की तरह ही काम करता है पर निफ़्टी की तुलना में सन सेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचीबद्ध होती है जहां निफ्टी को Nifty50 भी का जाता है

सेंसेक्स हमारे भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स हैं, जोकि BSE (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) मैं सूचीबद्ध शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है और इसी के जरिए हम इसमें सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल करते हैं सन सेक्स की बात करे तो यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में हुई

PE (Price earning ratio) क्या है?

PE का मतलब (price earning ratio) प्राइस अर्निंग रेशों है प्राइस अर्निंग रेशों से आपको कंपनी के शेयर के बारे में पता चलेगा और जिसको कंपनी के प्राइस अर्निंग रेशों नहीं पता होंगे वह शेयर बाजार में तरक्की (Growth) नहीं कर पाएगा अगर आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में जितना अच्छे से मालूम होगा आप शेयर बाजार में उतना अच्छा मुनाफा निकाल पाओग। और आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बिल्कुल ज्ञान नहीं है तो वह आप बहुत बड़ा लॉस खा सकते हो इसलिए आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए Nifty नीचे है तो इन्वेस्ट कीजिए और निफ्टी ऊपर है तो डिबेस्ड कीजिए

PE (price earning ratio) कम था तब मुनाफा

YearPEReturn (Per Year)
199812100%
200311116%
200610130%

PE (price earning ratio) ज्यादा था तब नुकसान

YearPEReturn (Per Year)
Jan 200828-64%
Feb 200828-53%

शेयर बाजार को दो वर्गों में बांटा जाता है पहला प्राइमरी दूसरा सेकेंडरी

प्राइमरी मार्केट में कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शहर जारी करती है शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है कंपनियां IPO आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाजार में इशु करती है और बाजार में पूंजी जुटाने का प्रयास करती है।

सेकेंडरी मार्केट को एक्शन मार्केट भी कहते हैं यह एक रेगुलर मार्केट है जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बुकिंग पर होती है निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स पूरा करते हैं

Disclaimer

शेयर मार्किट में अपनी रिस्क निवेश करे हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंसियल एडवाइजर नहीं है इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले फाइनेंसियल शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है एडवाइजर की सलाह जरूर ले

जानिए कैसे काम करती है सब्जी मंडी, शेयर बाजार की तरह वहां भी होती है इनसाइडर ट्रेडिंग!

जानिए कैसे काम करती है सब्जी मंडी, शेयर बाजार की तरह वहां भी होती है इनसाइडर ट्रेडिंग!

आप अक्सर सोचते होंगे कि किसान अपनी फसल सड़क पर क्यों फेंक देते हैं? आखिर क्यों उन्हें फसल की सही कीमत नहीं मिल पाती? अगर आप जान लेंगे कि सब्जी मंडी कैसे काम करती है तो आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.

कृषि प्रधान देश भारत में किसान की हालत बेहद खराब है. सरकार से तमाम रियायतें मिलने के बावजूद यहां के किसानों को नुकसान होता है. कभी बारिश कम होने के चलते तो कभी ज्यादा बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो जाती है. अगर सब कुछ अच्छा रहा और खेतों में भरपूर पैदावार हुई, तो मंडी में अच्छा रेट नहीं मिलता. अक्सर ऐसी खबरें आती ही रहती हैं कि कभी किसानों ने टमाटर सड़कों पर फेंक दिया तो कभी किसानों ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिए. सभी की वजह सिर्फ यही है कि उन्हें सही कीमत नहीं मिल पाती. ऐसे में आपके लिए ये समझना जरूरी है कि सब्जी मंडी कैसे काम करती है.

सब्जी मंडी में भी होते हैं शेयर बाजार के ब्रोकर जैसे एजेंट

सब्जियों को सड़कों पर फेंकने की खबर सुनकर अगर आप ये सोचते हैं कि पहली मंडी से रेट पता कर के किसान फसल क्यों नहीं बेचते, तो मुमकिन है कि आप सब्जी मंडी गए ही ना हों. गए भी हों तो शायद ही आपने देखा हो कि वहां किस तरह से किसानों की फसल को बेचा जाता है. मंडी में पहुंचते ही सबसे पहले किसानों को मिलते हैं बहुत सारे एजेंट, जो उनकी सब्जी बिकवाने का काम करते हैं. ये एजेंट ठीक शेयर बाजार के ब्रोकर जैसे होते हैं, जिनकी मदद से शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं. इन एजेंट के बिना सब्जियां नहीं बेची जा सकतीं, इन्हीं की मदद से सब्जी की बोली लगती है.

कैसे लगती है बोली, शेयर बाजार की तरह आता है उतार-चढ़ाव

शेयर बाजार में अगर किसी शेयर की मांग ज्यादा बढ़ जाती है तो उसके दाम भी तेजी से ऊपर भागने लगते हैं. ठीक उसी तरह सब्जी मंडी में भी मांग बढ़ने पर दाम बढ़ते हैं और घटने पर गिरते हैं. सब्जी मंडी में एजेंट एक दाम तय करता है और उस पर बोली लगाना शुरू करता है. अगर मांग अधिक होती है तो बोली लगातार बढ़ती जाती है, लेकिन अगर मांग कम होती है तो बोली तेजी से गिरती जाती है. जिस दाम पर ग्राहक मिल जाता है, उसी दाम पर सामान बेच दिया जाता है. यही वजह है कि मंडी में किसी सब्जी या फल का क्या रेट है, इसका पता पहले से नहीं लगाया जा सकता.

शेयर बाजार की तरह ऐसे होती है इनसाइडर ट्रेडिंग

सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है. जब कुछ लोग आपस में साठ-गांठ करके शेयरों को खरीदते-बेचते हैं और गलत तरीके से उसके दाम चढ़ाते या गिराते हैं तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है. सब्जी मंडी में भी ऐसा होता है, जिसमें एजेंट और व्यापारी मिलकर या कई बार व्यापारी आपस में मिलकर इनसाइडर ट्रेडिंग करते हैं. सब मिलकर कम बोली पर किसान का माल बिकवाने की कोशिश करते हैं और बाद में उस पर तगड़ा मुनाफा कमाते हैं. कई व्यापारी तो बोली लगने से पहले ही किसान को उसकी फसल की कुछ कीमत ऑफर कर देते हैं.

लगते हैं कई चार्ज, एक उदाहरण से समझिए

मान लेते हैं कि एक किसान 1 टन टमाटर लेकर सब्जी मंडी में उसे बेचने जाता है. वहां एजेंट उसके सामान की बोली लगवाते हैं और बेचने में मदद करते हैं. मान लीजिए 10 रुपये किलो यानी 10 हजार रुपये टन से बोली की शुरुआत होती है. अगर टमाटर की मांग ज्यादा होगी तो बोली बढ़ती जाएगी, वरना बोली गिरने लगेगी. हम मान लेते हैं कि 10 हजार रुपये टन के हिसाब से शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है ही टमाटर बिक जाता है. अब जिस व्यापारी ने इसे खरीदा है वह इसे दिल्ली-गाजियाबाद की बड़ी मंडियों में ले जाकर बेचेगा और मुनाफा कमाएगा. वहीं किसान की फसल 10 हजार की बिकी जरूर थी, लेकिन उसे 10 हजार रुपये मिलेंगे नहीं. किसान को सबसे पहले तो मंडी टैक्स चुकाना होगा, उसके बाद एजेंट का कमीशन, अगर सामान उतारने-चढ़ाने की जरूरत पड़ती है तो पल्लेदारी, ये सब काटने के बाद जो पैसे बचेगा, वो किसान को मिलेगा. इसी तरह शेयर बाजार में ट्रांजेक्शन टैक्स, ब्रोकरेज चार्ज आदि लगता है, सब्जी मंडी में भी वैसे की कई चार्ज लगते हैं.

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Benefits of Share Market – Why to Invest In Stock Market ?

Benefits of Share Market

पैसा सभी कमाना चाहते हैं और कमाते भी हैं, कोई जॉब करके पैसा कमाता है तो कोई बिज़नस करके पैसा कमाता है लेकिन पैसा कमाने के लिए हमें रोज काम करना पड़ता है और Retirement तक हमेशा करना पड़ेगा और उसके बाद हम बूढ़े हो जाते हैं और किसी काम के नहीं रहते , कोई अपने बच्चों पे निर्भर रहता है तो कोई पेंशन प्लान से मिलने वाले मुट्ठी भर पैसो से अपना गुजारा चलाता है किसी को तो ये भी नसीब नहीं होता है और उसे अपनी आखिरी सांसो तक काम करना पड़ता है|

अमेरिका के महान निवेशक Warren Buffett कहते हैं – “If you don’t find a way to make money while you sleep, you will work until you die.”

अर्थात “अगर आप पैसा कमाने का ऐसा विकल्प तलाश नहीं करते जिससे आप सोते समय भी पैसा कमा सको तो आपको अपनी अंतिम सांसो तक काम करना होगा.”

शेयर बाजार हमें एक ऐसा विकल्प प्रदान करता है जिसके माध्यम से हम अपने देश की अर्थव्यवस्था में निवेश कर सकते हैं विभिन्न प्रकार के बिज़नेस में निवेश करके उनके Profit में भागीदार बन सकते हैं.देश के अच्छे बिज़नेस में लम्बे समय के लिए निवेश करके अपनी संपत्ति को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं. हमारे पास निवेश करने के लिए शेयर बाजार के अतिरिक्त और भी विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे – Bank FD, RD, Gold, Govt./Corporate Bonds, Insurance Schemes, PPF, etc. और ये सभी विकल्प शेयर बाजार की तुलना में अधिक सुरक्षित और कम शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है जोखिम भरे हैं.लेकिन क्या ये विकल्प शेयर बाजार की तुलना में ज्यादा Returns या उसके बराबर Returns दे सकते हैं ?

आइये कुछ उदाहरण देखते हैं ?

यहाँ पर हम उन कंपनियों का उदाहरण देखेंगे जिनके बारे में हर कोई जानता है,हर कोई इन कंपनियों के उत्पाद और सेवाओ का प्रयोग करते हैं |

SHARE PRICE OF MARUTI SUZUKI

पिछले 10 सालों में मारुती सुजुकी ने निवेशकों को हर साल 20% (CAGR) का return दिया है |

SHARE PRICE OF BRITANNIA INDUSTRY

पिछले 10 सालों में ब्रिटानिया ने निवेशकों को हर साल शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है 30% (CAGR) से अधिक का return दिया है |

SHARE PRICE OF HDFC BANK

पिछले 10 सालों में HDFC बैंक ने भी निवेशकों को हर साल 20% (CAGR) का return शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है दिया है |

मारुती सुजुकी की कारों के बारे मैं कौन नहीं जानता, ब्रिटानिया के बिस्कुट कौन नहीं खाता और बैंकिंग सेवाओ का उपयोग कोन नहीं करता |शेयर बाजार में ऐसी हजारो कंपनियां हैं बस जरुरत है उन्हें तलाशने की |अगर हम इन कंपनियों के उत्पाद और सेवाओं से संतुष्ट हैं तो हम इन कंपनियों में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं |

Comparison of Returns in Different Investment Options-

अब हम इन तीनो कम्पनीज के रिटर्न्स को निवेश के अन्य विकल्पों के साथ तुलना करेंगे

Saving AccountRecurrent Deposit/GOVT.
BOND YIELD
REAL ESTATEDABUR
INDIA
HDFC OR MARUTIBRITANNIA
OR SHREE
CEMENT
AVERAGE ANNUAL RATE OF RETURNS *
(LAST 10 YEARS)
3%7%12%18%20%32%
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 10 Yrs (TOTAL RETURNS)9900026000052100094800011260003313000
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 20 Yrs4380001352003440008455000
(84.5 L)
11214000
(1.12 Cr.)
55321000
(5.53 Cr.)
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 30 YrsDOIT YOURSELF.YOUWILL BESURPRISED.
Comparison of Returns

TABLE में दिखाए गए DATA तो अगर हम ध्यान से देखे तो पाएंगे कि शेयर्स के returns अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत अधिक हैं हालांकि यह संभव नहीं है कि इन कंपनीयों ने आज तक जो returns दिए हैं आने वाले 10,20 या 30 सालों तक ये कंपनियां ऐसे ही returns देती रहे लेकिन हम अपने रिसर्च और analysis द्वारा अच्छी व भरोसेमंद कंपनियों का चुनाव करके और अनुशाषित तरीके से निवेश करके अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत बेहतर returns प्राप्त कर सकते हैं.

हर महीने मात्र 1000 रुपये शेयर बाजार में निवेश करके 30 सालों बाद कितनी संपत्ति बनाई जा सकती है? इस पोस्ट को अवश्य देखें- शेयर बाजार में निवेश कैसे करें?

Benefits of Share Market में हमने जाना कि सोच समझ कर रिसर्च करके अच्छे बिज़नेस मॉडल वाली क्वालिटी कंपनियों में निवेश करके अन्य विकल्पों जैसे बैंक डिपोजिट, बांड, रियल एस्टेट और अन्य सरकारी स्कीम से बेहतर returns प्राप्त किये जा सकते हैं, इसके अतिरिक्त शेयर्स में निवेश करने के और भी फायदे होते हैं | जैसे –

  • कुछ कंपनियां हर साल अपने नेट प्रॉफिट का कुछ प्रतिशत भाग अपने शेयर होल्डर्स को देती हैं जिसे Dividend कहा जाता है | कंपनियां जब भी dividend देती हैं वो सीधे शेयर होल्डर्स के बैंक अकाउंट में आता है | जिससे शेयर होल्डर्स को मिलने वाले returns कुछ और बढ़ जाते हैं |
  • HighLiquidity-शेयर ऐसी Asset Class में आते हैं जिनको आसानी से बहुत ही कम समय में कैश में कन्वर्ट किया जा सकता है|आवश्यकता पड़ने पर किसी आकस्मिक स्थिति में शेयर होल्डर जब चाहे अपने शेयर्स बेचकर बहुत कम समय ( कुछ मिनट या घंटे ) में कैश प्राप्त कर सकता है |
  • शेयर मार्केट में अलग अलग तरह की ( Small Cap to Large Cap ) हजारों कंपनियां होती हैं जिनमे High Business Growth वाली नयी कंपनियों शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है से लेकर Low Risk वाली पुरानी और स्टेबल कंपनियां मौजूद हैं | जिनमे से निवेशक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार किसी भी कंपनी में निवेश कर सकता है|
  • हम जब कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं तो उसी समय हम कंपनी के Owners की लिस्ट में शामिल हो जाते हैं जिस कारण हमें कंपनी मीटिंग में वोटिंग करने का अधिकार भी मिल जाता है |
  • निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर्स खरीदना और बेचना सबसे आसान होता है और इसमें सबसे काम समय लगता है|

दोस्तों आपको ये जानकारी Benefits of Share Market कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइए और अगर आपको ये जानकारी पसंद आयी हो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें |

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