जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है?

LIC का मुनाफा 11 गुना बढ़ने के बाद रॉकेट बना शेयर, तो पैसे लगाने चाहिए या दूर रहना जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? है बेहतर?
नायिका (FSN E-Commerce Ventures) के लिये क्या रणनीति अपनानी चाहिये: शोमेश कुमार की सलाह
विशाल जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? मलहोत्रा, चंडीगढ़ : नायिका (FSN E-Commerce Ventures) का शेयर इतना क्यों टूट रहा है? क्या इस गिरावट में इसे खरीदना चाहिये?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : सबसे पहले तो नायिका के प्रवर्तकों की और उनके इनवेस्टमेंट बैंकर्स की तारीफ की जानी चाहिये। उन्होंने निवेशक लॉक-इन खत्म होने के समय बोनस शेयर दिया है और ऐसा अटकाया है कि अभी आप बेच ही नहीं सकते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो इसका भाव आधा हो जाना चाहिये था। इसे इस तरह समझा जा सकता है, आपने आईपीओ में कोई शेयर लिया और कुछ समय बाद उसका बोनस शेयर जारी हो जाता है। अब स्थिति ये होती है कि आपका मूल क्रय मूल्य ही आपका असल क्रय मूल्य हो जाता है। ऐसे में जब आप इसे बेचने की कोशिश करेंगे तो इसे 100% मुनाफा मानते हुए उस पर आपको टैक्स देना पड़ेगा। इस पर जो टैक्स बनेगा वो शुरुआती खरीद मूल्य पर बनेगा।
शेयर कैसे खरीदें ?
सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों को ध्यान में रखना है। यहाँ हमनें कुछ टिप्स बताए हैं, जो एक निवेशक के लिए निवेश करने से पहले दिमाग में रखना जरूरी है।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? ध्यान में रखें।
मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें।
सही कीमत पर शेयर खरीदें।
समय-समय पर निवेश करें सेबी के नियमों का पालन करें चलिए
अब इन सब पर एक-एक करके चर्चा करते हैं।
अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें – Keep your financial objectives in mind
शेयर खरीदने के नियम में सबसे पहला नियम या टिप्स यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इसका मतलब है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
यदि आप शॉर्ट-टर्म यानी कम अवधि में के जरिये रिटर्न प्राप्त करना चाहते है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।
सही कीमत पर शेयर खरीदें – buy shares at the right price
उस कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है जो आप देने में सक्षम हो। हो सकता है कि आप ऐसे शेयर को ढूंढ रहे हो जो बहुत लोकप्रिय है और जिसे दूसरे लोग खरीद रहे हैं।
लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। जो शेयर आपके बजट में फिट नहीं बैठता, आप उसे छोड़ दें।
सही समय की प्रतीक्षा करें और उस स्टॉक को चुनें, जो आपके बजट में फिट हो और आपको लाभ भी दे। इसके अलावा, जब आपको लगे कि आप अपना स्टॉक बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है
तब आपको शेयर बेच देने चाहिए। शेयर की कीमत को कुछ और बढ़ाने के लिए इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।
लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? हो सकता है। इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।
सेबी के नियमों का पालन करे – Follow SEBI rules
शेयर मार्केट की रेगुलेटरी बॉडी ने 1 सितंबर 2020 से शेयर खरीदने और बेचने के नियमों में भारी बदलाव किए हैं। एक तरफ जहां इन नियमों के कारण निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर शेयर खरीदना मुश्किल हो गया है।
जैसा कि आपको पता है कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसों के साथ घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।
आपको पता है कि निवेशक अपने ब्रोकर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहाँ ब्रोकर उनके शेयर के साथ मनमानी करते थे और निवेशकों की बिना सहमति के शेयर्स का इस्तेमाल करते थे।
लेकिन अब सेबी के नए में शेयर आपके डीमैट खाते में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इस तरह ब्रोकर के अकाउंट में आपके शेयर नहीं जाएंगे।
Multibagger Stock: इस कंपनी का शेयर बना मल्टीबैगर, 63 हजार को बना दिया 1 करोड़
अगर आप भी शेयर बाजार से करोड़ों कमाना चाहते हैं तो आपको पहले मल्टीबैगर शेयर पहचानना होगा. अगर आपका दाव सही बैठा तो आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता.
आपने शेयर बाजार (Share Market) से लोगों के करोड़पति बनने के कई किस्से सुने होंगे. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल भी उठता है आखिर लोग इतना पैसा कैसे कमा लेते हैं. दरअसल, ये मुमकिन होता है मल्टीबैगर स्टॉक्स (Multibagger Stock) से, जो एक लंबे वक्त में कई गुना रिटर्न दे देते हैं. ऐसा ही एक शेयर है कैपलिन प्वाइंट लेबोरेट्रीज (Caplin Point Laboratories) का, जिसने एक लंबे वक्त में निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है.
क्या करती है कंपनी?
कैपलिन प्वाइंट फुल्ली इंटीग्रेटेड फार्मा कंपनी है. लैटिन अमेरिका जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? और अफ्रीकी फ्रेंच देशों में इसका दबदबा है. अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में भी यह तेजी से बढ़ रही है. दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में इस कंपनी का रेवेन्यू 18.3 फीसदी बढ़कर 359 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं टैक्स चुकाने के बाद मुनाफा 91.7 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 22.3 फीसदी अधिक है. इस कंपनी की मार्केट कैप करीब 5,877 करोड़ रुपये है.
शेयर बाजार में निवेश करने में सबसे अहम होता है शेयरों का चुनाव. आपको जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना है सबसे पहले उसके बारे में पूरी एनालिसिस करें. देखें कि कंपनी का बिजनस क्या है और कैसा चल रहा है. चेक जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? करें कि कंपनी को फायदा हो रहा है या नुकसान. ये भी देखें कि कंपनी भविष्य को लेकर क्या प्लान बना रही है. इतना ही नहीं, कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जरूर स्टडी करें, क्योंकि अगर मैनेजमेंट में ही गड़बड़ होगी तो तगड़ा मुनाफा देने वाली कंपनी भी भारी नुकसान का सबब बन सकती है.
शेयर बाजार: बायबैक और डिविडेंड से शेयर निवेशकों को मिलता है ज्यादा फायदा, कंपनियां समय-समय पर देती हैं इसका लाभ
अगर आप किसी शेयर में निवेश करते हैं और इसके बाद अगर उसमें ग्रोथ होती है तो उसका फायदा आपको मिलता है। लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 3 तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? से आपको मुनाफा हो। शेयर मार्केट में सिर्फ शेयर की कीमत बढ़ने से ही निवेशकों को फायदा नहीं होता। इसके अलावा बायबैक और डिविडेंड से भी आपको समय-समय पर फायदा होता रहता है। आज हम आपको बायबैक और डिविडेंड के बारे में बता रहे हैं।
बायबैक क्या होता है
बायबैक का मतलब जब कोई कंपनी अपने शेयरों को बाजार से वापस खरीदती है।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है?
हर एक निवेशक के लिए डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। डिलीवरी ट्रेडिंग निवेशकों के लिए एक ऐसी विधि मानी जाती है जो उनको एक ही दिन में शेयर खरीद कर जब चाहे बेचने का अवसर प्रदान करती है।
शुरुआत में जो निवेशक डिलीवरी में शेयर खरीदता है वह अपने खरीदे गए शेयर डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर करवाता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपनी मर्जी के अनुसार खरीदे हुए शेयरों को लंबे समय तक होल्ड करके अपने पास रख सकता है।
इस प्रक्रिया के लिए उसको किसी भी तरह की मनाही नहीं है। यह अक्सर देखा गया है की डिलीवरी ट्रेडिंग उन्हीं निवेशकों के लिए लाभदायक है जो लांग टर्म इन्वेस्टमेंट में विश्वास रखते हैं। डिलीवरी में निवेश करने के लिए निवेशक के पास पर्याप्त मात्रा में धनराशि होनी चाहिए।
डिलीवरी ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण नियम होते है:
- निवेशक को डिलीवरी में शेयर खरीदने के लिए उस कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है।
- डिलीवरी में खरीदे गए शेयरों को बेचने के लिए सही जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? समय की प्रतीक्षा करें जल्दबाजी में आकर कोई भी निर्णय ना लें जिससे कि आपको हानि हो।
- निवेशक को डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर अलग-अलग कंपनियों के खरीदने चाहिए जिससे कि उसको आगे जाकर फायदा हो। अच्छी तरह शेयर और अपने फंड को डायवर्सिफाई करने से नुकसान कम होता है।
- निवेशक के लिए यह जरूरी है कि डिलीवरी ट्रेडिंग करने से पहले उसको उसकी अच्छी तरह से जानकारी ले लेनी चहिये ताकि वह हर एक कदम सोच-समझकर उठाए।
- डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए हर एक ट्रेडर के खाते में पर्याप्त मात्रा में धन होना चाहिए ताकि उसको अपने शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए कोई भी दिक्कत ना हो।
- ट्रेडर को अपने टारगेट प्राइस और स्टॉप लॉस की वैल्यू सेट करके रखनी चाहिए।
- चाहे आपने शेयर डिलीवरी में लिए हैं लेकिन आपके पास एक स्टॉप लॉस जरूर होना चाहिए और उस स्टॉपलॉस को हिट करते ही आपको जितना नुकसान हो उसी नुकसान में निकल जाना चाहिए। मार्केट के ऊपर जाने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
- निवेशक को अपने डिलीवरी ट्रेडिंग के अकाउंट को चलाने के लिए अपने शेयरों का पूरा मूल्य देना होता है।
- डिलीवरी का कोई भी मार्जिन नहीं होता है जिस के कारण खरीदे गए शेयरों का मूल्य उसी समय चुकाना पड़ता है।
डिलीवरी में ट्रेडिंग करने की फीस:
- डिलीवरी में शेयर लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर डिलीवरी के लिए ब्रोकरेज फीस नहीं लेते है। जिसका मतलब है कि आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए किसी भी तरह की ब्रोकरेज नहीं देनी पड़ती है।
- डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क जीएसटी का लगता है और जीएसटी का शुल्क ब्रोकर के साथ ट्रांजैक्शन करते वक्त भी देना होता है।
- डिलीवरी के लिए एसटीटी और सीटीटी का शुल्क भी लगता है।
- ट्रांजैक्शन चार्जेस भी लगते हैं।
- 1899 में भारत Stamp Act द्वारा स्टैंप ड्यूटी के नाम का शुल्क भी लगाया गया है।
- डिलीवरी में आमतौर पर SEBI द्वारा भी शुल्क लगाया जाता है।
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को ब्रोकर द्वारा जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? एक मार्जिन भी दिया जाता है। जिसमें कि वह कम ब्याज दर पर शेयर खरीद सकता है। ब्रोकर निवेशक को इस तरह का मार्जिन बताता है जिसमें कि ब्याज दर बहुत ही कम होता है या फिर ना के बराबर ही होता है ताकि निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग में लंबे समय तक बना रहे।
- नए निवेशकों को हमेशा मार्जिन ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम होता है। उदाहरण के तौर पर चाहे आपको लाभ हो या जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? हानि हो आपका स्टॉक ब्रोकर आपसे जो भी बनता ब्याज होगा वह जरूर लेगा।
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकसान
- हर एक निवेशक को डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसा देना होता है और इसके साथ ही अगर आपके पास उचित मात्रा में धन है तो ही आप डिलीवरी में स्टॉक का ट्रेड कर सकते हैं।
- इसमें निवेशक को धैर्य रखकर लंबे समय का निवेश करना होता है।
- इसमें स्टॉक मार्केट क्रैश का रिस्क भी बना रहता है।
- लंबे समय तक निवेश करने से अच्छे रिटर्न आने की गारंटी नहीं होती है।
हम इस बात की आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गई जानकारी में डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है और उसमें कैसे निवेश करना चाहिए इसकी जानकारी अच्छे से मिल गई होगी। आपको इतनी जानकारी तो हो गई होगी की डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले आपको इसकी अच्छी तरह से रिसर्च करनी जरूरी है। और यह एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है और इसमें निवेश करने के लिए आपको धैर्य रखना आवश्यक होता है। इसमें आपके पास पर्याप्त मात्रा में जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? धन होना भी जरूरी है तभी आप डिलीवरी ट्रेनिंग में निवेश कर सकेंगे। इन बातों के साथ-साथ यह बात तय है कि डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको आगे जाकर बहुत ही मुनाफा और अपने आमदनी में वृद्धि देखने को मिलती है।