कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं?

Share Market News : एक शेयर पर मिल रहा है 850 रूपए का फायदा, ये कम्पनी दे रही है निवेशकों को भरपूर फायदा
HR Breaking News, New Delhi : शेयर मार्केट (Share market news) में आजकल ज्यादातर लोग निवेश करने लगे हैं, निवेशकों के लिए ये खबर बड़े काम ही है. चाहे आपने इस कंपनी का शेयर खरीद रखा हो या नहीं, लेकिन आपको ये जानना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन सी कंपनी है, जो प्रति शेयर 850 रुपये का लाभांश दे रही है. दरअसल, बाजार में लिस्टेड 3M इंडिया लिमिटेड (3M India Ltd) अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड देने की घोषणा कर चुकी है. आपको बता दें कि ये कंपनी अमेरिकी है, जो 3M कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी है, ये भारत में व्यापार करती है. कंपनी ने कुछ दिनों पहले ही अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड (Interim Dividend) देने का ऐलान किया था.
ये डिविडेंड निवेशकों को मालामाल कर देगा, क्योंकि कंपनी की तरफ से प्रति शेयर 850 रुपये की दर से लाभांश दिया जा रहा है. इसका मतलब यह है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों को 8500 फीसदी का अंतरिम लाभांश दिया है. ये जानकारी कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग के तहत दी है.
10 रुपए की फेस वैल्यू पर मिलेगा अंतरिम लाभांश
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने बताया कि 850 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (Share Market Update) के आधार पर अंतरिम डिविडेंड (Dividend News 2022) दिया जाएगा. कंपनी के इक्विटी शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है और कंपनी ने 1 करोड़ 12 लाख 65 हजार 70 इक्विटी शेयरों पर अंतरिम डिविडेंड देने का ऐलान किया है. ये घोषणा 9 नवंबर को बोर्ड की बैठक में किया गया था.
कब है रिकॉर्ड डेट ( 3M India Dividend)
कंपनी अपने शेयरधारकों को अंतरिम डिविडेंड 22 नवंबर 2022 तय देगी क्योंकि कंपनी ने रिकॉर्ड डेट यही दी थी. आपको बता दें कि रिकॉर्ड डेट वह होती है जो कंपनी को निवेशकों को चुनने में मदद करती है. साधारण भाषा में कह सकते हैं कि इस दिन तक जिन शेयरहोल्डर्स के पास कंपनी के शेयर रहेंगे, उन्हें अंतरिम डिविडेंड का लाभ दिया मिलेगा यानी अगर आप 22 नवंबर से पहले इस कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं तो आपको अंतरिम डिविडेंड का लाभ मिलेगा.
कब है एक्स डेट ( 3M India Dividend)
किसी भी कंपनी के लिए एक्स डेट उसे कहा जाता है, जो रिकॉर्ड कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? डेट से पहले होती है. इस कंपनी की रिकॉर्ड डेट 22 नवंबर है तो इसकी एक्स डेट, डिविडेंड डेट 21 नवंबर होगी यानी जिन शेयरधारकों के पास 21 नवंबर तक कंपनी के शेयर रहेंगे, वे लोग अंतरिम डिविडेंड का फायदा उठा सकते हैं. आपको बता दें कि शेयर बाजार में T+1 का सेटलमेंट प्रोसेस होता है, यानी जिस दिन शेयरधारकों शेयर खरीदते हैं उसे एक ट्रेडिंग डे के बाद डीमैट अकाउंट में शो किया जाता है.
कंपनी कब देती है बोनस शेयर और इससे निवेशक (investor ) को क्या लाभ होता है?
आप देखते होंगे की कंपनी अपने निवेशको को लुभाने के लिए कभी कभी बोनस शेयर इशू करती है । आज मै आपको इसी बोनस शेयर के बारे मे बताऊँगी की कंपनी बोनस शेयर कब इशू करती है । कौन सी कंपनी बोनस शेयर इशू कर सकती है। इससे क्या लाभ होगा । इसको विस्तार से जानने के लिए आप इसको पूरा पढे ।
बोनस शेयर क्या है —
बोनस शेयर नए या अतिरिक्त शेयरों के रूप में कंपनी के द्वारा नि: शुल्क एवं शेयरधारक द्वारा आयोजित शेयरों और डिविडेंड के अनुपात में जारी किए जाते हैं। जब भी कंपनी बोनस शेयर जारी करती हैतब कंपनी के मुनाफे या भंडार को शेयर पूंजी में परिवर्तित किया जाता है और मुनाफे का ‘पूंजीकरण’ होता है।
बोनस शेयर इश्यू एक तरह का स्टॉक डिविडेंड है । जो कंपनी के द्वारा अपने शेयरधारकों को पुरस्कृत करने के लिए देती है। इसमें कंपनी डिविडेंड की तरह पैसे नहीं बल्कि उसके बदले मे शेयर देती है। ये शेयर कंपनी अपने रिजर्व से जारी करती है। बोनस शेयर फ्री में दिए जाते हैं और ये शेयरधारकों को इस आधार पर दिए जाते हैं कि उनके पास कंपनी के कितने शेयर मौजूद हैं।
बोनस शेयर कंपनी कहा से जारी करती है —
जब किसी कंपनी को अपने व्यापार से अतिरिक्त लाभ होता है । तो कंपनी उस लाभ की पूंजी में से एक हिस्सा कंपनी अपने Reserve और Surplus में सुरक्षित रखती है। और कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? भविष्य में उस रिज़र्व और सरप्लस में से ही कंपनी अपने निवेशकों के लिए अतरिक्त शेयर जारी करती है जिसे बोनस शेयर कहते है।
बोनस शेयर कंपनी क्यो जारी करती है —
लोंगों के मन मे अक्सर यह सवाल उठता है की कंपनी बोनस शेयर क्यो जारी करती है तो इसका उत्तर इस प्रकार से है की एक बोनस इश्यू यह आश्वासन होता है कि कंपनी अपनी बड़ी इक्विटी की सेवा करने में सक्षम होगी और इसका मतलब यह है कि कंपनी ने बोनस शेयर तभी जारी करती है अगर यह शेयरों से मुनाफे में वृद्धि और भविष्य में डिविडेंड के वितरण की गारंटी देता है। इसलिए, एक बोनस इश्यू कंपनी साख को भी बढ़ावा देता है।
एक तरह से हम यह भी कह सकते है की जब भी कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करने का ऐलान करती है। तो उसका सबसे बड़ा कारण कंपनी के बढ़ते हुए शेयर प्राइस को कम करना होता है। जिससे की ज्यादा से ज्यादा निवेशक कंपनी के शेयर के प्रति आकर्षित हो सके। और उसे खरीद सके | इसका एक और कारण यह भी है की बोनस शेयर जारी करने से कंपनी के मार्किट कैप पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन इससे छोटे निवेशक को कंपनी में निवेश करने का अच्छा मौका मिल जाता है |
बोनस शेयर किसको दिया जाता है?
ऐसे शेयरधारक जो रिकॉर्ड की तारीख से पहले कंपनी के शेयर लिए है । और कंपनी द्वारा निर्धारित पूर्व तारीख बोनस शेयरों के लिए पात्र हैं। भारत शेयरों की डिलीवरी के लिए टी+2 रोलिंग सिस्टम का अनुसरण करता है। और इस अनुसार जिसमें पूर्व तारीख रिकॉर्ड तारीख से दो दिन आगे होती है। शेयरों को पूर्व तारीख से पहले खरीदा जाना चाहिए क्योंकि यदि कोई निवेशक पूर्व तारीख पर शेयर खरीदता है। तो उन्हें निर्धारित रिकॉर्ड तारीख से दिए गए शेयरों के बोनस के लिए पात्र नही होंगे ।
एक बार बोनस शेयरों के लिए एक नई आईएसआईएन (अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या) आवंटित की जाती है। जिसके अनुसार बोनस शेयरों को पंद्रह दिनों की समय सीमा के भीतर शेयरधारकों के अकाउंट में जमा किया जाता है।
‘रिकॉर्ड तारीख‘
किसी कंपनी के द्वारा निर्धारित कट-ऑफ तारीख को रिकॉर्ड तारीख के रूप में जाना जाता है। निवेशकों को इस तारीख तक कंपनी में शेयर उनके पास होना चाहिए ताकि उन्हें वितरण प्राप्त करने के योग्य हो सके। रिकॉर्ड की तारीख निर्धारित की जाती है ताकि कोई कंपनी योग्य शेयरधारकों की पहचान कर सके ।
बोनस शेयर के लाभ —
– बोनस शेयर मिलने से निवेशक के पास उस कंपनी के शेयर की संख्या बढ़ जाती है।
– जब कंपनी भविष्य में डिविडेंड का ऐलान करेगी तो बोनस शेयर के कारण निवेशक को ज्यादा फायदा होगा । क्योंकि डिविडेंड प्रति शेयर दिया जाता है।
– बोनस शेयर जारी होने से शेयर की कीमत कम हो जाती है । ओर मार्केट में कंपनी के शेयर की लिक्विडिटी बढ़ती है। कंपनी की साख अच्छी हो जाती है।
_ किसी निवेशक के पास कंपनी के जितने शेयर पहले से हैं। कंपनी उसी के अनुपात में नये बोनस शेयर देती है। मान लीजिए, आपके पास XYZ कंपनी के 100 शेयर हैं और कंपनी प्रति दो शेयर के बदले में 1 (1:2 अनुपात) बोनस शेयर की घोषणा करती है।
– निवेशकों में कंपनी पर भरोसा बढ़ता है।
बोनस शेयर पर टैक्स —
बोनस शेयर पर 10% लांग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स और 15% शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लगता है। इस टैक्स की अवधि बोनस शेयर जब डिमेट खाते में जमा होते हैं। उस समय से इसकी गणना की जाती है।
जैसे की आपने 1 जनवरी, 2020 में XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीदे थे । और कंपनी ने जुलाई 2020 में 1:1 अनुपात में बोनस शेयर जारी किये थे।
यदि आप जून 2021 में सारे शेयर बेच देते है। तो पिछले साल में आपने खरीदे हुए 100 शेयर पर LTCG टैक्स लगेगा। और फ्री में मिले 100 बोनस शेयर पर STCG टैक्स चुकाना पड़ेगा।
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डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें
कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
Investment : कई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड देती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.
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क्या होता है डिविडेंड?
शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.
कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?
किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.
डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते हैं जो ज्यादा डिविडेंड देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कमा सकते हैं.
डिविडेंड कब मिलता है?
यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती है.
(ध्यान रखें यह डिविडेंड पर महज सामान्य जानकारी है, कोई भी निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है | Dividend dene wale share list 2022
दोस्तो पैसा investing के सबसे popular platform में से एक शेयर मार्केट, जहां पर आप पैसा invest करके काफी अच्छा profits कमा सकते हो बशर्ते आपके पास शेयर मार्केट का अच्छा अनुभव और नॉलेज होना चाहिए। शेयर मार्केट money investing का ऐसा platform है जहाँ आपको कोई भी शारीरिक मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है बस आपको दिमाग का उपयोग करना होता है तो आज के इस आर्टिकल कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? में हम आपको बताने वाले हैं कि शेयर मार्केट से हमे पैसा कैसे मिलता है और शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है (share market me dividend kya hota hai) और Dividend dene wale share list 2022 .
शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है (what is dividend in share market in hindi )
दोस्तो शेयर मार्केट से हमे पैसे कैसे मिलते हैं इसके मुख्य दो तरीके है पहला है जब शेयर price बढ़ता है और दूसरा है डिविडेंड जो कंपनियां देती है इन दोनों तरीकों से हमे इनकम होती है।
दोस्तो पहला जो तरीका है इन दोनों तरीकों में से मुख्य तरीका है शेयर मार्केट से पैसे कमाने का, इसमें होता क्या है –
तो दोस्तों इसका simple फंडा है इसमें जब किसी कंपनी का शेयर प्राइस कम होता है तब आप उसे खरीदते हो और जब प्राइस बड़ जाता है तब आप उसे बीच देते हो ये जो buying prices(जिस मूल्य पर शेयर खरीदा जाता है) और selling prices ( जिस मूल्य पर शेयर बेचा जाता है) के बीच का जो मार्जिन होता है वो आपका income होता है।
दूसरा जो तरीका है वो है डिविडेंड , dividend का हिन्दी मे अर्थ होता है लाभांश , लाभ + अंश या लाभ का हिस्सा।
तो शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है ,डिविडेंड का क्या मतलब होता है –
Dividend (लाभांश) कंपनी द्वारा कमाए गये लाभ(profit) के कुछ हिस्से को कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? अपने शेयर होल्डर को वितरित करना डिविडेंड कहलाता है।
example – माना x कोई company है उसको 10 करोड़ profits होता है तो वह 10 करोड़ में से कुछ हिस्सा,माना 5 करोड़ अपने शेयर होल्डर को dividend के रूप मे देना का decide करती है ताकि कंपनी के जो shareholders हैं जिन्होने कंपनी पर अपना पैसा लगाया है उनका company पर विश्वास, भरोसा बना रहे।
डिविडेंड पॉलिसी क्या है (what is dividend policy in hindi )
किसी कंपनी की डिविडेंड पॉलिसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को दिए गए डिविडेंड की राशि और उस आवृत्ति को निर्धारित करती है जिसके साथ डिविडेंड का भुगतान किया जाता है। जब कोई कंपनी लाभ कमाती है, तो उन्हें यह निर्णय लेने की आवश्यकता होती है कि इसके साथ क्या करना है। वे या तो कंपनी में मुनाफे को बरकरार रख सकते हैं (बैलेंस शीट पर कमाई बरकरार रख सकते हैं), या वे डिविडेंड के रूप में शेयरधारकों को पैसा वितरित कर सकते हैं।
किसी कंपनी द्वारा उपयोग की जाने वाली डिविडेंड पॉलिसी कंपनी के मूल्य को प्रभावित कर सकती है। चुनी गई डिविडेंड पॉलिसी को कंपनी के लक्ष्यों के साथ संरेखित करना चाहिए। जबकि शेयरधारक कंपनी के मालिक हैं, यह निदेशक मंडल है जो यह तय करता है कि लाभ वितरित किया जाएगा या नहीं।
निदेशकों को यह निर्णय लेते समय कई कारकों को ध्यान में रखना होगा, जैसे कि कंपनी की विकास संभावनाएं और भविष्य की परियोजनाएं। डिविडेंड पॉलिसी अलग -अलग प्रकार की होती हैं जिनका कंपनी अनुसरण कर सकती है जैसे:
डिविडेंड पॉलिसी के प्रकार (Types of dividend policy in hindi )
1. नियमित लाभांश नीति (regular dividend policy)
नियमित लाभांश नीति के तहत, कंपनी हर साल अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का भुगतान करती है। यदि कंपनी असामान्य लाभ (बहुत अधिक लाभ) बनाती है, तो अतिरिक्त लाभ शेयरधारकों को वितरित नहीं किया जाएगा, लेकिन कंपनी द्वारा प्रतिधारित आय के रूप में रोक दिया जाता है। अगर कंपनी को नुकसान होता है, तब भी शेयरधारकों को पॉलिसी के तहत लाभांश का भुगतान किया जाएगा।
2. स्थिर लाभांश नीति (stable dividend policy)
स्थिर लाभांश नीति के तहत लाभांश के रूप में भुगतान किए गए लाभ का प्रतिशत निश्चित होता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी भुगतान दर को 6% पर सेट करती है, चाहे कोई कंपनी $ 1 मिलियन या $ 100,000 बनाती है, एक निश्चित लाभांश का भुगतान किया जाएगा। ऐसी नीति का पालन करने वाली कंपनी में निवेश करना निवेशकों के लिए जोखिम भरा होता है क्योंकि लाभांश की राशि मुनाफे के स्तर के साथ बदलती रहती है। शेयरधारकों को बहुत अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे सुनिश्चित नहीं हैं कि उन्हें कितना लाभांश मिलेगा।
3. अनियमित लाभांश नीति(irregular dividend policy)
अनियमित लाभांश नीति के तहत, कंपनी अपने शेयरधारकों को भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है और निदेशक मंडल यह तय कर सकता है कि मुनाफे का क्या करना है। यदि वे एक निश्चित वर्ष में असामान्य लाभ कमाते हैं, तो वे इसे शेयरधारकों को वितरित करने या किसी भी लाभांश का भुगतान नहीं करने का निर्णय ले सकते हैं और इसके बजाय व्यापार विस्तार और भविष्य की परियोजनाओं के लिए लाभ रख सकते हैं।
4. कोई लाभांश नीति नहीं (no dividend policy)
लाभांश नहीं नीति के तहत, कंपनी शेयरधारकों को लाभांश वितरित नहीं करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अर्जित किसी भी लाभ को बरकरार रखा जाता है और भविष्य के विकास के लिए व्यवसाय में पुनर्निवेश किया जाता है। कंपनियां जो लाभांश नहीं देती हैं वे लगातार बढ़ रही हैं और विस्तार कर रही हैं, और शेयरधारक उनमें निवेश करते हैं क्योंकि कंपनी के स्टॉक के मूल्य की सराहना होती है। निवेशक के लिए, लाभांश भुगतान की तुलना में शेयर की कीमत में वृद्धि अधिक मूल्यवान है।
क्या सभी कंपनियां डिविडेंड देती है
दोस्तो इसमें कोई कानून नहीं बना है कि company को डिविडेंड देना ही है ये company decided करती है कि उसे अपने profits को कहाँ invest करना है। मुख्य तय कंपनी अपने प्रॉफिट को शेयरहोल्डर में बाँट देती है जिसे हम डिविडेंड कहते हैं या कंपनी अपने प्रॉफिट को reinvest कर देती या future के लिए retain कर देती है।
क्या कंपनी लॉस होने पर भी डिविडेंड देती है
company loss होने पर भी devidend दे सकती है अगर उसके पास reserve profit है तो reserve profit पिछला profits का कुछ हिस्सा होता है जो company future के लिए save रखती है।
Dividend कैसे आपको मिलता है
चरण 1 – सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां पर्याप्त आय उत्पन्न करती हैं और प्रतिधारित आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जमा करती हैं।
चरण 2 – कंपनी कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं? का प्रबंधन तय करता है कि क्या उन्हें अपनी बरकरार रखी गई कमाई का पुनर्निवेश करना चाहिए या शेयरधारकों के बीच वितरित करना चाहिए।
चरण 3 – प्रमुख शेयरधारक की स्वीकृति प्राप्त करने पर बोर्ड के सदस्य कंपनी के शेयरों पर लाभांश की घोषणा करते हैं।
चरण 4 – लाभांश घोषणा से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा की जाती है।
चरण 5 – लाभांश अर्जित करने के लिए शेयरधारक की पात्रता की जांच की जाती है।
चरण 6 – शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान किया जाता है।
अगर डिविडेंड कैश के फॉम में मिलता है तो वह सीधे शेयरहोल्डर के बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।
डिविडेंड देने वाले शेयर लिस्ट (Dividend dene wale share list 2022)
दोस्तों ये थे कुछ डिविडेंड देने वाले शेयर लिस्ट इन इंडिया। आज के आर्टिकल में हमने जाना शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता,डिविडेंड पॉलिसी क्या होती है और टॉप डिविडेंड देने वाले शेयर। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अपनी प्रतिकिर्या कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।