ETFs के प्रकार

ETF kya hai? ETF kaise kharide. सब कुछ समझे।
अगर आप स्टॉक मार्किट मार्किट में एक नए निवेशक है, या आप अभी-अभी अपने सफर की शुरुवात कर रहे है, शेयर बाजार में तो, शायद आपको ETF क्या होता है? आपको नहीं मालूम होगा। इस पोस्ट में हमलोग ETF kya hai? इसको कैसे ख़रीदे और ETF का फुल-फॉर्म क्या है? इन सभी को जानेंगे।
सबसे पहले हमलोग ये जान लेते है की, ETF का फुल-फॉर्म क्या होता है? ETF full-form Exchange-Traded Fund होता है. आपको मैं बता दूँ की, ETF कोई शेयर नहीं है, जो इसका ETF Share price होगा। लेकिन इसका कीमत जरूर होता ETFs के प्रकार है. अब हमलोग ये जानते है की, ETF क्या होता है?
ETF क्या है?
सीधे शब्दों में समझाऊ तो, ETF भी म्यूच्यूअल फण्ड की तरह होता है. लेकिन ETF किसी एक इंडेक्स, एसेट, कमोडिटी या किसी दूसरे सिक्योरिटी को ट्रैक करता है, और उसमे निवेश करता है. ETF एक pooled investment है, जो बहुत हद तक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह काम करता है. इसको आप किसी रेगुलेटेड स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद और बेच सकते है.
जैसे म्यूच्यूअल फण्ड का यूनिट आप खरीद सकते है, वैसे ही आप ETF का भी यूनिट खरीद सकते है. ETF price भी मार्किट मूवमेंट के अनुसार बढ़ता-घटता रहता है.
ETF के प्रकार।
जैसे की हम ये जान चुके है की, ETF किसी एक प्रकार के इंडेक्स को ट्रैक करता है. इसी आधार पर ेट्फ़्के कई प्रकार हो सकते है. उनमे से कुछ को निचे लिस्ट किया है-
- पैसिव और एक्टिव ETFs
- बांड ETF
- स्टॉक ETF
- कमोडिटी ETF
- Industry/sector ETF
- करेंसी ETF
ETF कैसे ख़रीदे?
आप ETF को किसी भी ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते है, जैसे की, Zerodha(Coin). यहाँ जैसे आप शेयर ख़रीद सकते ठीक वैसे ही, ETF खरीद सकते है. ETF को सबसे पहले NFO के तौर पर लाया जाता है, फिर उसे शेयर बाजार में लिस्ट किया जाता है. ETF किसी AMC(एसेट मैनेजमेंट कंपनी) का प्रोडक्ट होता है.
ETF खरीदने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर अकाउंट में पैसे डालने होंगे। उसके आप जैसे म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते है, वैसे ही इसको भी खरीद सकते है. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट खाता होना जरुरी है. ETF खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है. सही ETF चुनना जरुरी होता है.
ETF में निवेश कैसे करे?
अभी के समय में बहुत सारे प्लेटफार्म उपलब्ध है, जहां से आप ETFs में निवेश कर सकते है. लेकिन निवेश करने ETFs के प्रकार से भी ज्यादा जरुरी होता है, सही ETF खोजना। यहाँ निवेश करने के लिए आप निचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर सकते है.
- सबसे पहले आप के प्लेटफार्म ढूढ़े जिसकी मदद से आप निवेश करेंगे, इसके लिए आप Zerodha का इस्तेमाल कर सकते है. यहाँ पर आप कमीशन मुक्त निवेश कर सकते है.
- प्लेटफार्म खोजने के बाद सबसे जरुरी काम है, ETF रिसर्च करना। आज के समय में बहुत सारे ETF है, निवेश करने के लिए. ETF कोई एक स्टॉक या कोई दूसरा सिक्योरिटी नहीं होता है. इसलिए आपको ETF किस इंडस्ट्री/सेक्टर पर ध्यान दे रहा है, उसे समझना आपके लिए जरुरी है. किसी भी ETFs के प्रकार ETF को चुनने से पहले आपको 3 सवाल जरूर पूछने चाहिए-(1) इन्वेस्टमेंट टाइम फ्रेम क्या है?(2) उसमे earning और ग्रोथ पोटेंशियल क्या है?(3) उसे सेक्टर/इंडस्ट्री की स्थिति कैसी है?
ETF के फायदे और नुकशान
हर चीज़ के फायदे और नुकशान होते है. निवेशक के तौर पर आपको सिर्फ दो ट्ट्रांसक्शन करना होता है, पहला buy और दूसरा sell का.
फायदे
- कम एक्सपेंस रेश्यो और कम ब्रोकर कमीशन
- डायवर्सिफिकेशन के माध्यम से रिस्क मैनेजमेंट
- ये किसी एक इंडस्ट्री पर ETFs के प्रकार फोकस्ड होते है.
नुकशान
- Active ETF के फी ज्यादा होता है.
- Highly focused होने के कारण diversification लिमिट हो जाता है.
तो कुछ इस तरह से आप ETF में निवेश कर सकते है. अगर यहाँ सही से निवेश किया जाये तो, यहाँ से से अच्छा retrun कमाया जा सकता है. तो उम्मीद है की, आप सब ये समझ चुके है की, ETF kya hai? और इसमें निवेश कैसे करे? अगर इस पोस्ट में कुछ भी वैल्यू है तो, इसे दुसरो के साथ शेयर जरूर करे.
स्वर्ण ETF को लेकर निवेशकों की रूचि घटी, 2 महीने में 130 करोड़ रुपए की निकासी की
नई दिल्ली: निवेशकों का रूख गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ई.टी.एफ.) को लेकर ठंडा है और उन्होंने चालू वित्त वर्ष के पहले 2 महीने में इससे 130 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की। निवेशकों ने शेयरों में निवेश को तरजीह दी। पिछले 4 वित्त वर्ष में स्वर्ण ई.टी.एफ. में कारोबार नरम रहा है। इसमें से वित्त वर्ष 2015-16, 2014-15 तथा 2013-14 में क्रमश: 903 करोड़ रुपए, 1,475 करोड़ रुपए तथा 2,293 करोड़ रुपए की निकासी की गई।
हालांकि 2016-17 में इससे पूर्व 3 वित्त वर्ष के मुकाले स्वर्ण ई.टी.एफ. से निकासी धीमी रही। विशेषज्ञों के अनुसार धन निकासी का का कारण निवेशकों का शेयरों में निवेश पर जोर है। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के पास उपलब्ध ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल में स्वर्ण से जुडे ई.टी.एफ. से 66 करोड़ रुपए जबकि मई में 71 करोड़ रुपए की निकासी की गई। इस प्रकार, कुल 137 करोड़ रुपए की निकासी की गई।
स्वर्ण ई.टी.एफ. से लगातार निकासी देखी जा रही है। पिछली बार अक्तूबर में 20 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ था। उससे पहले, मई 2013 में 5 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। वहीं दूसरी तरफ इक्विटी और इक्विटी से संबद्ध बचत योजना (ईएलएसएस) में आलोच्य महीने के दौरान करीब 20,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली गई। स्वर्ण कोष का संपत्ति आधार मई के अंत में घटकर 5,298 करोड़ रुपए रहा जो अप्रैल में 5,377 करोड़ रुपए था। पिछले वित्त वर्ष ETFs के प्रकार के अंत में यह 5,480 करोड़ रुपए था।
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Index Fund क्या होते हैं ?
Mutual fund में कई तरह के फण्ड होते हैं Index fund एक Equity Mutual fund होता हैं। इंडेक्स फण्ड शेयर बाज़ार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं।index में शामिल जितने कंपनियों का weightage होता हैं उसी अनुपात में उन कंपनियों के शेयर्स खरीदे जाते हैं ये फण्ड किसी विशेष इंडेक्स की सिक्योरिटीज में समान अनुपात में निवेश करता है। ये विशेष इंडेक्स NIFTY,Auto,Pharma ,IT , FMCG आदि हो सकते हैं।
मुख्यत रूप से इंडेक्स सूचकांक NSE का निफ़्टी और BSE का सेंसेक्स हैं इनके अलावा Sectorial Index भी होते हैं जैसे की Banks का बैंक निफ़्टी , ऑटो , फार्मा आदि सेक्टर इंडेक्स हैं जो अपनी सेक्टर की कनियो को रिप्रेजेंट करते हैं । इंडेक्स कई कंपनियों को मिलके बनाया जाता हैं जैसे की Nifty 50 टॉप 50 कंपनियों का एक बेंचमार्क इंडेक्स हैं।
Index Fund कैसे काम करता हैं ?
इंडेक्स फण्ड लगभग उसी तरह का प्रदर्शन करता हैं जिस तरह से इंडेक्स बर्ताव करता हैं अगर इंडेक्स में तेजी हैं तोःindex फण्ड में भी तेजी रहेगी और मंदी हैं तो इंडेक्स फण्ड में भी मंदी रह सकती हैं इसलिए जिस भी इंडेक्स में निवेश किया जाता हैं वैसा ही उस फण्ड का नफा नुक्सान रहता हैं अन्य फंडों की अपेक्षा इंडेक्स फंडों के चार्ज और ट्रांजैक्शन की लागत कम होती है।
Passively Managed Fund ETFs के प्रकार होने के कारण Fund manger को भी किसी विशेष इंडेक्स में शामिल stock का ही इंडेक्स फण्ड बनाना होता हैं जिसमे ज्यादा Research की जरूरत नहीं होती । केवल इंडेक्स के अनुसार ही स्टॉक खरदीने पड़ते हैं।
Index Fund में कैसे निवेश करें ?
इंडेक्स फण्ड में आप ऑफलाइन या ऑनलाइन के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं । Index Fund में पैसा लगाने के लिये आप सिप या लुम्प्सम अमाउंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं आप विभिन बैंक्स की वेबसाइट पर जाकर mutual फण्ड (Index fund) के बारे में जानकारी पा सकते हैं या किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट भी चेक कर सकते हैं। इंडेक्स फण्ड में निवेश एक बेहतरीन विकलप हो सकता हैं क्यूंकि इसका परफॉरमेंस इंडेक्स बेंचमार्क से मिलता है। इंडेक्स फंडों के चार्ज और ट्रांजैक्शन की लागत कम होती है। लम्बे समय के लिया पूंजी निर्माण का एक अच्छा विकलप हैं और इसमे अच्छी कंपनियों का diversification शामिल होता हैं जिससे की रिस्क कम होता हैं।
ETF (Exchange Traded Fund) क्या होते हैं ?
ETF-Exchange Traded fund Share Market में लिस्ट और ट्रेड होने वाले फण्ड होते हैं ETF एक प्रकार का निवेश हैं जिसे स्टॉक मार्किट पर ख़रीदा और बेचा जाता हैं ETF में वैसे ही काम किया जाता हैं जैसे की शेयर बाज़ार में शेयर खरीदें और बेचे जाते हैं ETF पहले NFO की तरह पेश किए जाते हैं फिर उसके बाद ये शेयर बाज़ार मैं लिस्ट होते हैं जहाँ से इन्हे खरीद बेच सकते ETFs के प्रकार हैं।
ETF शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं। ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं ETF में स्टॉक्स ,बांड्स, खरीदे जा सकते हैं और ट्रेडिंग डे के दौरान आसानी से बेचे जा सकते हैं
Types of ETF | ETF के प्रकार
Index ETF -Index ETF का Return और रिस्क निफ़्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। क्यूंकि इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं।
Bond ETF -Bond ETF के पैसे को ETFs के प्रकार उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो उसके अन्तर्निहित इंडेक्स के घटकों से जुड़े होते हैं। जैसे की गवर्नमेंट, कॉर्पोरेट और पब्लिक सेक्टर यूनिट बांड्स। कुच्छ बांड ETF Maturity specific भी हो सकते हैं भारत बांड एक Maturity पीरियड के साथ आता हैं ।
Gold ETF -Gold ETF ke माध्यम से निवेशक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं Gold ETF स्टॉक एक्सचेंज में एक ग्राम के यूनिट आकार में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है। ये एक सुरक्षित तरीका हो सकता हैं गोल्ड में निवेश करने का।
इन सबके अलावा ETFs के प्रकार सेक्टर स्पेसिफिक ETF भी होते हैं ETF पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का एक अच्छा विकल्प हैं। क्यूंकि इसमें इंडेक्स, सेक्टर और एसेट क्लास कवर होती हैं।
ETF(Exchange Traded Fund) में कैसे निवेश करें
ETF में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए और बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए । स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से भी आप ETF में निवेश कर सकते हो। उधारण के लिए कोटक AMC का Kotak NIFTY ETF और SBI AMC का SBI ETF NIFTY.
Q-Index Fund क्या होते हैं ?
Ans- Index fund एक Equity Mutual fund होता हैं। इंडेक्स फण्ड शेयर बाज़ार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं
Q- Index Fund में कैसे निवेश करें
Ans- ऑफलाइन या ऑनलाइन के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं । Index Fund में पैसा लगाने के लिये आप सिप या लुम्प्सम अमाउंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं
Q- ETF (Exchange Traded Fund) क्या होते हैं ?
Ans- Share Market में लिस्ट और ट्रेड होने वाले फण्ड होते हैं ETF एक प्रकार का निवेश हैं जिसे स्टॉक मार्किट पर ख़रीदा और बेचा जाता हैं ETF में वैसे ही काम किया जाता हैं जैसे की शेयर बाज़ार में शेयर खरीदें और बेचे जाते हैं
Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें
गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है।
Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST
गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए
यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, ETFs के प्रकार तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।
गोल्ड ईटीएफ क्या है?
गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया ETFs के प्रकार है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।
वास्तविक गोल्ड द्वारा समर्थित
गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।
निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश
जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।
सरल ट्रेडिंग
क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।
टैक्स-अनुकूल
ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।
छोटे आकार के कारण स्वामित्व अफार्डेबल बन जाता है
गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।
उनसे मिलने वाले अनेक लाभों के साथ, गोल्ड ईटीएफ गोल्ड में निवेश करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। आप चाहे अनुभवी निवेशक हैं या अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना याद रखें। अपने निवेश की नियमित आधार पर समीक्षा करें तथा अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करें। यदि आप गोल्ड में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो इसे अपने पोर्टफोलियो के 5-10% तक सीमित रखें।
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)