व्यापारियों की राय

दलालों पर भरोसा किया

दलालों पर भरोसा किया
दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया.

थाईलैंड में एक विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनें

आज, वैश्विक वित्तीय बाजार अपने विशाल मौद्रिक संस्करणों के साथ अक्सर एक क्लिक दूर हैं। हर दिन 15 मिलियन से अधिक लोग इंटरनेट-असिस्टेड ट्रेडिंग में संलग्न होते हैं। थाईलैंड में, विदेशी मुद्रा व्यापारियों की सेना का विस्तार हो रहा है। अधिक से अधिक लोग डिजिटल एक्सचेंज के लाभों को पहचान रहे हैं। लेकिन आप इस विशाल बाज़ार का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

प्रवेश केवल एक दलाल के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। आभासी वित्त के ब्रह्मांड में यह आपका मध्यस्थ और मार्गदर्शक है। कंपनी आपके खाते को पंजीकृत करेगी, आपको उपकरण, शैक्षिक सामग्री और 24 घंटे का समर्थन प्रदान करेगी। हालांकि, सभी कंपनियों को थाई आबादी के लिए विज्ञापन सेवाओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। महंगी गलतियों से बचने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ बुनियादी सुझाव दिए गए हैं।

ब्रोकर की भूमिका

एक विदेशी मुद्रा व्यापार ब्रोकर आपको अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए अधिक से अधिक करता है। यह आपके पेशेवर मार्गदर्शन और समर्थन का स्रोत है। फॉरेक्सटाइम जैसी कंपनियां सुनिश्चित करती हैं कि उनके ग्राहकों के पास कौशल और दूरदर्शिता को सीखने के लिए बहुत सारी सामग्री और अवसर हैं। जो भी साधन आप के साथ सौदा करते हैं, चाहे वह मुद्रा जोड़े, स्टॉक, या सीएफडी, सभी वित्त प्रवाह - जमा और निकासी - भी ऑपरेटर द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

यह एक भरोसेमंद खोजने के महत्व पर प्रकाश डालता है थाईलैंड में विदेशी मुद्रा दलाल। आपके द्वारा सामना की जाने वाली कुछ वेबसाइटें साइबर अपराधियों दलालों पर भरोसा किया द्वारा स्थापित की जा सकती हैं। जबकि एक वास्तविक प्रदाता आपको व्यापार करने की कला में महारत हासिल करने में मदद करता है, एक धोखेबाज आपको केवल आपके पैसे या संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा से धोखा देगा।

के लिए देखने के लिए लाभ

आपके द्वारा देखे जाने वाले ऑफ़र की तुलना करने और अपने विश्लेषण में पूरी तरह से समय लगाने के लिए समय निकालें। सब के बाद, यह खेद की तुलना में सुरक्षित होने के लिए हमेशा बेहतर है। यहाँ छह महत्वपूर्ण पहलू हैं जो सभी विदेशी मुद्रा के लिए लागू होते हैं।

ब्रांड इतिहास और प्रतिष्ठा

कंपनी कब से चल रही है? वर्तमान में यह कितने ग्राहक है? FXTM एक प्रसिद्ध नाम है, जिसके पीछे एक दशक का सिद्ध अनुभव है। मान्यता की पुष्टि 2+ मिलियन ग्राहकों द्वारा की जाती है और 25 के बाद से 2011 से अधिक उद्योग पुरस्कार एकत्र किए गए हैं।

लाइसेंस और राज्य नियंत्रण

क्या कंपनी को थाईलैंड में संचालित करने के लिए आधिकारिक रूप से लाइसेंस प्राप्त है? इसे नियंत्रित करने के लिए कौन से सरकारी निकाय हैं? एफएक्सटीएम मॉरीशस में संघीय प्रतिभूति आयोग द्वारा पर्यवेक्षण के तहत कानूनी व्यवसाय करता है।

शर्तें और लाभ

इनमें निम्नलिखित शामिल होना चाहिए:

  • तंग फैलता है,
  • अच्छा उत्तोलन (मार्जिन पर व्यापार),
  • अनायास जमा और निकासी,
  • लगातार पुरस्कार / प्रोत्साहन आदि।

लीवरेज के साथ ट्रेडिंग का मतलब है कि आप ब्रोकर के फंड के एक हिस्से को शामिल करके अपनी ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ा सकते हैं। अनुपात विभिन्न प्रकार के खातों और उपकरणों के आधार पर भिन्न होते हैं। सबसे उदार ऑफर 1: 1,000 तक पहुंच सकता है। यह आपको केवल $ 100,000 या अपने स्वयं के पैसे जमा करके $ 100 का व्यापार करने की अनुमति देगा।

उपकरणों की रेंज

एफएक्सटीएम जैसे शीर्ष दलाल विभिन्न अंतर्निहित उपकरणों पर स्टॉक और सीएफडी दलालों पर भरोसा किया जोड़कर प्रसाद को व्यापक बनाते हैं। ये आपको किसी भी संबंधित भौतिक संपत्ति के मालिक के बिना मूल्य की गतिशीलता से लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं। मुद्रा जोड़े का चुनाव भी पर्याप्त रूप से विस्तृत होना चाहिए, उदाहरण के लिए, FXTM के पास उनके चयन में लगभग छह दर्जन हैं।

निष्पादन मॉडल

उन कंपनियों की तलाश करें जिनके ईसीएन और बाजार निर्माता दोनों खाते हैं। ईसीएन, या इलेक्ट्रॉनिक संचार नेटवर्क, सबसे अधिक पारदर्शिता प्रदान करता है क्योंकि दलालों को किसी भी व्यापार से अपना कमीशन प्राप्त होता है, इसके मौद्रिक परिणाम की परवाह किए बिना। दूसरी ओर, दलालों पर भरोसा किया बाजार निर्माता, अपनी खुद की कीमतें निर्धारित करते हैं और आमतौर पर फैल से लाभान्वित होते हैं - आस्क और बोली की कीमतों के बीच का अंतर।

कॉपी ट्रेडिंग

न्यूबीज़ के लिए बेहद उपयोगी, यह विकल्प सभी व्यापारियों के साथ लोकप्रिय है। यहां तक ​​कि अनुभवी खिलाड़ी भी समय कम होने पर प्रतिनिधिमंडल का लाभ उठा सकते हैं। के माध्यम से नकल ट्रेडिंग, आप एक विशेषज्ञ को अपने धन के एक हिस्से का प्रबंधन करने देते हैं। उनके सभी बाद के कार्यों और रणनीतियों को आपके खाते में दोहराया जाता है, जो लाभ होने पर उन्हें कमीशन देता है।

Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

उदय कोटक ने बिग बुल को याद करते हुए लिखा, “राकेश झुनझुनवाला: मेरे स्कूल और कॉलेज के साथी रहे. एक साल मेरे जूनियर. हमारी नियमित रूप से बात होती थी, खासकर कोविड के दौरान. आपकी याद आएगी राकेश!”

Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया.

Rakesh Jhunjhunwala Death Reactions: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है. झुनझुनवाला को 2-3 हफ्ते पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अकासा एयरलाइंस की शुरुआत की थी. बता दें कि झुनझुनवाला का रुझान कॉलेज में पढ़ते समय ही शेयर बाजार की ओर बढ़ गया. उन्हें यकीन था कि अगर कम से समय में कहीं से बहुत ज्यादा मुनाफा कमाया जा दलालों पर भरोसा किया सकता है तो वह जगह सिर्फ शेयर बाजार है. झुनझुनवाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और दुख जताया है. आइए जानते हैं कि उनके निधन पर किसने क्या कहा.

वे भारत की प्रगति को लेकर भावुक थे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे. जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक. वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं. वह भारत की प्रगति को लेकर भी बहुत भावुक थे. उनका जाना दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.”

गृह मंत्री ने भी जताया दुख

गृह मंत्री अमित शाह ने भी राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, “राकेश झुनझुनवाला जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. उनके विशाल अनुभव और शेयर बाजार की समझ ने अनगिनत निवेशकों को प्रेरित किया है. उन्हें उनके बुलिश आउटलुक के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. ओम शांति शांति.”

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

इसी तरह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बिग बुल के निधर पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “श्री राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे. निवेशक, साहसिक जोखिम लेने वाला, शेयर बाजार की उत्कृष्ट समझ, संचार में स्पष्ट- अपने आप में एक लीडर. हमारे बीच हुई कई बातचीत याद है. उन्हें भारत की ताकत और क्षमताओं में दृढ़ विश्वास था. मेरी संवेदनाएं.”

आपकी याद आएगी राकेश! : उदय कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने ट्विटर पर बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला: मेरे स्कूल और कॉलेज के साथी. एक साल मेरे जूनियर. वित्तीय बाजारों को समझने में आश्चर्यजनक रूप से तेज थे. हमने नियमित रूप से बात की, खासकर कोविड के दौरान. आपकी याद आएगी राकेश!”

हम उन्हें मिस करेंगे : गौतम अडानी

बिग बुल के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम दलालों पर भरोसा किया अडानी भी शामिल हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “भारत के सबसे महान निवेशक के असामयिक निधन से बेहद दुखी हूं. श्री झुनझुनवाला ने अपने शानदार विचारों से एक पूरी पीढ़ी को इक्विटी बाजारों में भरोसा करने के लिए प्रेरित किया. हम उन्हें मिस करेंगे. भारत उन्हें याद करेगा, हम उन्हें कभी नहीं भूलेंगे. RIP.”

यहां तक कि दलाल स्ट्रीट के बड़े नामों ने भी बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. हेलिओस कैपिटल के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा बिग बुल के साथ अपने दिनों को याद करते हुए लिखते हैं, “बहुत दुखद खबर. राकेश बड़े दिल वाले एक महान व्यक्ति थे. मुझे हमेशा याद है कि जब मैं मुंबई से सिंगापुर जा रहा था तो उन्होंने एक विदाई पार्टी दी थी और मुझे सरस्वती की एक मूर्ति दी थी, जो अभी भी हमारे पास है.” दलाल स्ट्रीट के एक और दिग्गज, IIFL सिक्योरिटीज के डायरेक्टर संजीव भसीन ने भी बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के निधन पर दुख जताया है.

दिल्ली दलालों के लिए नहीं: मोदी

मथुराः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार का एक साल पूरे होने के मौके पर भी अपनी उपलब्धियां गिनाने से पहले, पिछली यूपीए सरकार की कारग़ुजारी पर ही निशाना साधा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब दिल्ली में दलालों के लिए कोई जगह नहीं है। वे अपनी सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर मथुरा में जन कल्याण रैली को संबोधित कर रहे थे।

उनका कहना था कि यूरिया पर नीम की कोटिंग से अब इसकी चोरी नहीं होगी, सेल्फ़ एफ़िडेविट करके भारत के नागरिकों पर भरोसा किया जाएगा, किसी भी व्यक्ति की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए होगी और आने वाले दिनों में 1300 क़ानून ख़त्म किए जाएंगे।

उन्होंने लोगों से पूछा, "पिछले एक साल में किसी घोटाले की बात सुनी? तो अच्छे दिन आए या नहीं आए? कुछ लोगों के बुरे दिन आए हैं, जिनके इशारे पर 60 साल तक फ़ैसले होते दलालों पर भरोसा किया थे. उनके और बुरे दिन आ सकते हैं. दिल्ली में दलालों की कोई जगह नहीं है।"

जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में हुई रैली में उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "एक साल पहले कितने बुरे दिन थे, कितने बुरे कर्म थे, कितनी बुराइयों से भरा माहौल था. एक साल बाद का ये परिवर्तन मोदी नहीं लाया, आप लाए हैं।"

मोदी ने कहा कि भारत की राजनीति को तीन महान चिंतकों ने प्रेरणा दी हैः महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय।

उनका कहना था कि तीनों के चिंतन में देश का ग़रीब, किसान और मज़दूर रहा है. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार इन्हीं के चिंतन पर आगे बढ़ रही है।"

मोदी ने कहा, "एक साल पहले रोज़ नया घोटाला सामने आता था, अफ़सरों के जेल जाने की नौबत आती थी. मैंने कहा था कि प्रधानमंत्री नहीं प्रधान संतरी बनकर आपके हितों की रक्षा करूँगा और कर रहा हूँ।"

उन्होंने आरोप लगाया कि धन्ना सेठ की जेब में बैठे लोगों ने कोयले की ख़दानें लूट ली थीं। मोदी ने कहा, "हमने सिर्फ़ 29 खानों की नीलामी से तीन लाख करोड़ सरकारी खजाने में जमा किए।"

अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 15 करोड़ लोगों के बैंक में खाते खुले। गैस सिलिंडर की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में पहुँचाई, 12 करोड़ से ज़्यादा लोगों को इसका फ़ायदा मिला।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को किसानों की परवाह है। तीन साल में हर किसान के हाथ में सॉयल हेल्थ कार्ड होगा।

फतेहपुर: ARTO दफ्तर में जिलाधिकारी का छापा, 6 दलाल गिरफ्तार

एआरटीओ फतेहपुर में डीएम का छापा

दलालों के पास से बड़े पैमाने पर करेंसी भी बरामद की गई है. जो उनके द्वारा एआरटीओ दफ्तर में काम करवाने आने वाले लोगों से व . अधिक पढ़ें

  • News18 Uttar Pradesh
  • Last Updated : October 21, 2019, 17:12 IST

फतेहपुर. जिले के एआरटीओ दफ्तर (ARTO) में धड़ल्ले से चल रहे दलालों के खेल का सच सोमवार को जिलाधिकारी के छापे (DM Raid) के दौरान खुल कर सामने आ गया. छापे के दौरान जिस तरीके से दलाल (Middlemen) पूरे कार्यालय में हावी थे. उसे देखकर डीएम साहब भी हैरान रह गए. इस दौरान कार्यालय के भीतर बैठकर काम करने वाले छह दलालों को हिरासत में लिया गया. दलालों के पास से बड़े पैमाने पर करेंसी भी बरामद की गई है. जो उनके द्वारा एआरटीओ दफ्तर में काम करवाने आने वाले लोगों से वसूली गई थी. इतना ही नही इस दौरान कई फाइलें जिन्हें एआरटीओ दफ्तर के भीतर होना चाहिए था वे फाइले दलालो की दुकानों में पाई गई. जिन्हें गाड़ी में भरकर जिलाधिकारी कार्यालय लाया गया.

शहर के नउवाबाग इलाके में एनएच-2 पर स्थित इस कार्यालय में जिलाधिकारी संजीव कुमार ने भारी पुलिस बल के साथ छापा मारा. डीएम के छापे के दौरान एआरटीओ कार्यालय के बाहर सक्रिय दलाल तो भाग खड़े हुए, लेकिन कार्यालय के भीतर बाकायदा कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ बैठकर काम करने वाले छह दलाल भाग नही पाए, जिन्हें मौके से ही हिरासत में ले लिया गया.

हर काम का रेट था फिक्स

बताया जा रहा है कि इस कार्यालय में हर काम का रेट पहले से ही फिक्स कर दिया गया था. लाइसेंस बनवाने से लेकर गाड़ियों की फिटनेस और उनका पंजीकरण चाह कर भी कोई व्यक्ति सीधे नही करवा सकता था. इसके लिए पहले दलालों के पास जाना होता था और उसके बाद दलाल ही सारे काम करवाकर संबंधित व्यक्ति को फाइलें वापस करता था. जिसमे हर काम लिए निर्धारित सरकारी शुल्क के अलावा अधिकारियों को दी जाने वाली रिश्वत और इसमें लगने वाली दलाली चुकाने के बाद ही काम पूरा हो पाता था.

दलालों के पास से मिलीं कई फाइल

शिकायतों के बाद डीएम संजीव कुमार ने आज भारी पुलिस के साथ जब एआरटीओ दफ्तर पर छापा मारा तो दफ्तर के आस-पास भगदड़ मच गई. एआरटीओ दफ्तर के बाहर बाकायदा किराए की दुकान लेकर बैठे दलाल मौके से फरार हो गए. दुकानों में ली गई तलाशी के बाद बड़े पैमाने पर फ़ाइलें रखी पाई गई है जिन्हें दलालों पर भरोसा किया दलालों द्वारा एआरटीओ दफ्तर से काम करवाने के बाद अपने पास रखा गया था. तमाम फाइलें ऐसी भी हैं जिनका काम होना अभी बाकी था.

अनपढ़ व दिव्यंगों का भी बन रहा था लाइसेंस

कहा तो यहां तक जा रहा है कि यहां सक्रिय दलाल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए निर्धारित ऑनलाइन परीक्षा में बैठे बगैर ही अनपढ़ और दिव्यांग लोगों तक का लाइसेंस मोटी रकम लेकर बनवा दिया करते थे. जिलाधिकारी के छापे के दौरान यहां तैनात एआरटीओ प्रशासन अरविंद त्रिवेदी और आरआई आकांक्षा सिंह की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध पाई गई. दफ्तर में सक्रिय दलाल इन्ही अधिकारियों की सह पर यहां दलाली का काम किया करते थे. दलालों के जरिए ही अच्छी खासी रकम अधिकारियों और कर्मचारियों के पास पहुंचती थी.

जिलाधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि दफ्तर से पकड़े गए छह दलालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के साथ ही अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी. अगर अधिकारियों की संलिप्तता मिली तो उनके खिलाफ कार्यवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा.

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