व्यापारियों की राय

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

जब भी कोई ब्रेकआउट देखा जाता है तो ट्रेडर्स लॉन्ग पोजीशन लेते हैं यदि ऊपर की ओर हुआ हो और नीचे की ओर अगर होता है तो वे शॉर्ट पोजीशन लेते हैं।

Breakout trading entry

आपको ब्रेकआउट कैंडल से ऊपर ही प्रवेश लेना चाहिए। ब्रेकआउट कैंडल की ऊंचाई से नीचे कभी भी खरीदारी न करें

Breakout trading stop loss

आपको स्टॉप लॉस को ब्रेकआउट कैंडल के लो के नीचे रखना चाहिए। यदि कैंडल बहुत बड़ी है तो आप ब्रेकआउट कैंडल के 50-60% पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।

Breakout candle target

यदि ट्रेड 1:2 रिस्क रिवॉर्ड दे रहा है तो ट्रेड को ही लें अन्यथा ट्रेड को छोड़ दें या अलग ट्रेड की तलाश करें। लाभ को अधिकतम करने के लिए टारगेट पर 75% पोजीशन से बाहर निकलें और डे कैंडल के निचे स्टॉप लॉस के साथ शेष 25% पोजीशन आगे बढ़ाये |

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Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye 2022

इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).

Trading के बारे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।

शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)

ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।

इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती है।

शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है। इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं। यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Positional Trading क्या है?

Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? होता है।

Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।

Trading Kya Hai in Hindi | Trading Meaning in Hindi [2022]

आज हम जानेगे Trading Kya Hai, Trading Meaning in Hindi और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. दोस्तो शेयर बाजार में दो तरह के लोग हिस्सा लेते है Investor और Trader. जो व्यक्ति अपने पैसे का बड़ा हिस्सा निवेश करता है उसे Investor कहा जाता है. सरल भाषा में ट्रेडिंग का अर्थ है लाभ कमाने की आशा से कोई भी सामान या सेवा खरीदना और बेचना, यह एक प्रकार का बिजनेस ही होता है.

What is Trading in Hindi

आपके अपार्टमेंट या आपकी गली में सब्जी बेचने आने वाले चाचा एक तरह से इन्वेस्टर है. वह भी सब्जी बेचने का धंधा करते है. क्योंकि वह बाजार से थोड़े कम दाम में सब्जियां खरीदते है और फिर आपको थोड़े ज्यादा दाम में बेचते है.

इससे दो काम हो जाते हैं, लोगों को घर बैठे सब्जी मिल जाती है और वही चाचा भी थोड़ी कमाई कर लेते है. यदि हम अपने चारों ओर देखें तो अधिकांश व्यापार का ही होता है. उस चाचा की तरह किराने की दुकान में जहां से आप किराने का सामान खरीदते है.

या वो मेडिकल स्टोर भाई जहाँ से आप कोई दवाई ख़रीदते हो और ऐसे सभी लोग किसी न किसी सामान का व्यापार करते हो. तो चलिए अब हम जानते हैं कि ट्रेडिंग क्या है

Trading Meaning in Hindi

Trading Kya Hai – शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब है मुनाफा कमाने की उम्मीद के साथ किसी कंपनी के स्टॉक यानि शेयरों की खरीद-बिक्री करना.

जैसे किसी कंपनी के शेयर खरीदे और फिर कुछ समय बाद उसे बेच दिया जब उसकी कीमत बढ़ गई. यह समय कुछ मिनटों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है. जी हां, शेयर बाजार में चंद मिनटों में भी शेयर खरीदना और बेचना संभव है. क्योंकि दिन भर शेयर बाजार में कारोबार करने वाली कंपनियों के बारे में अच्छी और बुरी खबरें आती रहती है.

जिससे शेयर बाजार में उन कंपनियों के शेयरों के भाव हर सेकेंड में भी कई बार बदलते रहते है. इसका फायदा उठाकर कई लोग मिनटों में भी शेयर खरीद-बिक्री करते है. लेकिन इतनी जल्दी खरीद-फरोख्त के कारण जैसे खरीद-बिक्री में लाभ मिनटों में हो सकता है, वैसे ही नुकसान भी मिनटों में पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? हो सकता है. इस कारण इस प्रकार के व्यापार को बहुत जोखिम भरा माना जाता है.

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है

मिला जुलाकर ट्रेडिंग पांच प्रकार के होते है लेकिन मुख्य रूप से इन तीन प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग को कहा जाता है

Intraday Trading,
Positional Trading
Short Term Trading या Swing Trading

Trading Kya Hai के इस पोस्ट मे हम सबसे पहले बात करेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग की जिसे OneDay Trading भी कहते है. इस प्रकार की ट्रेडिंग काफी रिस्क वाली होती है.

Intraday Trading Kya Hai

यदि शेयर ट्रेडिंग करने वाला कोई ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद और बेच सकता है तो उस ट्रेडिंग को वन-डे या इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है.

भारत का शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुला रहता है. अगर इन दोनों के बीच के समय में कोई शेयर खरीदा और बेचा जाता है, तो वह इंट्रा डे ट्रेडिंग हो जाएगा. हमने मिनटों में किए गए उपरोक्त ट्रेडिंग के पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? बारे में जो बात की, वह भी इंट्राडे ट्रेडिंग है.

एक इंट्राडे ट्रेडर का लक्ष्य बाजार में आने वाली खुशखबरी से स्टॉक में तेज उतार-चढ़ाव का फायदा उठाना होता है. जिससे वह कम समय में मुनाफा कमा सके. लेकिन यह आवश्यक नही है कि वह केवल लाभ ही कमाता है, उसे हानि भी हो सकती है.

बल्कि इंट्राडे ट्रेडिंग में पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? कुछ सफल ट्रेडर्स को छोड़कर ज्यादातर लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस कारण इंट्रा डे ट्रेडिंग में सफल होना एक बहुत ही मुश्किल काम है. हालांकि उन सफल व्यापारियों को भी नुकसान होता है, लेकिन उनका मुनाफा उनके नुकसान से काफी ज्यादा होता है. जिससे उन्हें सब कुछ मिलाकर तो ज्यादातर संजोगो में ही मुनाफ़ा मिलता है.

लेकिन ज्यादातर लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है. जिससे बहुत ही कम लोग सफल इंट्रा डे ट्रेडर बन पाते है. इस ट्रेडिंग के लिए, ब्रोकर आपको आपके द्वारा जमा की गई राशि के 10 से 20 गुना के शेयर खरीदने और बेचने की अनुमति देता है. यानी अगर आपने 10 हजार रुपये जमा किए हैं तो आप 1 लाख से 2 लाख तक खरीद-बिक्री भी कर सकते हैं.

Positional Trading Kya Hai

एक अन्य प्रकार का स्टॉक ट्रेडिंग पोजिशनल ट्रेडिंग है. यदि कोई व्यापारी एक दिन में एक शेयर खरीदता है और फिर उसे उसी दिन बेचने के बजाय 1 दिन से लेकर एक सप्ताह के बीच में बेचता है, तो इसे पोजिशनल ट्रेडिंग कहा जाता है.

(यानी मार्केट के उतार चढ़ाव को परखने के बाद) ऐसा करने के लिए उस ट्रेडर को उस स्टॉक की डिलीवरी लेनी होती है. जिसके लिए ब्रोकर को उन शेयरों की पूरी राशि का भुगतान करना होता है, जिन पर उसने खरीदा है.

दो दिनों के भीतर वह हिस्सा उनके डीमैट खाते में आ जाता है. फिर वह जब चाहे उस शेयर को बेचकर अपना पैसा जुटा सकता है. हालांकि इस तरह के ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में कम जोखिम होता है, लेकिन इसमें रातोंरात जोखिम होता है.

कई बार बॉन्ड मार्केट में कोई अच्छी या बुरी खबर आने की वजह से अगले दिन पूरा बाजार या कुछ शेयर बहुत ज्यादा या बहुत कम खुलते है. इससे जुड़े जोखिम को ओवरनाइट रिस्क कहा जाता है. इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय यह जोखिम नहीं होता है क्योंकि इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेयरों की डिलीवरी लेने की आवश्यकता नहीं होती है.

Short Term Trading Kya Hai

तीसरे प्रकार का स्टॉक ट्रेडिंग शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग है. यदि कोई व्यापारी पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? खरीदे गए स्टॉक को 1 सप्ताह से 4 सप्ताह तक या उससे ज्यादा रखता है और फिर उसे बेचता है, तो इसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है.

इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर का लक्ष्य कुछ ही हफ्तों में शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर मुनाफा कमाना होता है. इस कारण इस ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग भी कहा जाता है. स्विंग ट्रेडिंग में भी रातोंरात जोखिम बना रहता है, लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में इस प्रकार के व्यापार में जोखिम कम होता है.

तो अब आप उस पोस्ट को पढ़कर समझ ही गये होंगे कि Trading Kya Hai और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. शेयर मार्केट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे.

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