व्यापारियों की राय

ट्रेंड मूवमेंट क्या है

ट्रेंड मूवमेंट क्या है
© Nilotpal Mrinal

Relative Strength Index RSI Formula In Hindi

RSI अगर लंबे समय से 70 से ऊपर है तो ये शेयर में खरीदारी की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 70 तक आता है एवम पुने ऊपर चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बुलिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 70 क्रॉस करके लगातार नीचे आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

जबकि RSI अगर लंबे समय से 30 के नीचे है तो ये शेयर में बिकवाली की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 30 तक आता है एवम पुने निचे चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बेयरिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 30 क्रॉस करके लगातार ऊपर आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

अलग अलग टाइम फ्रेम के अनुसार RSI भी अलग अलग होता है RSI को किसी भी टाइम फ्रेम मे देखा जा सकता है अगर RSI दीर्घकालीन स्तिथि में 70 से ऊपर है तो ये शेयर के लम्बी समय तक बुलिश रहने की स्तिथि को दर्शाता है।

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स RSI (आरएसआई) Formula

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स RSI (आरएसआई) की Excel में गणना

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स RSI (आरएसआई) की गणना किसी भी शेयर के Closing Price के आधार पर की जाती है।

Relative Strength Index RSI Momentum Indicater

एक्सेल में RSI की गणना करने के लिए ट्रेंड मूवमेंट क्या है सबसे पेहले शेयर के डेट वाइज Closing Price को लिया है। फिर दूसरे कोलम प्राइस में हुवे बदलावों को लिखा है। शेयर में हुए दिन प्रतिदिन के बदलावों को हमने GAIN और LOSS दो अलग - अलग कोलम में लिखा है। तत्पश्चारत हमने 14 पीरियड का शेयर का एवरेज गेन और लॉस कैलकुलेट किया।

RS को कैलकुलेट करने के लिए हमने RS = Average Gain / Average Loss सूत्र का उपयोग किया। अंत में RSI को कैलकुलेट करने के लिए निमन सूत्र का उपयोग किया

RSI को कैलकुलेट करने के लिए किसी भी इनपुट पीरियड का उपयोग कर सकते है लकिन अगर हम चार्ट को डे वाइज देख रहे है तो 14 टाइम पीरियड सबसे अच्छा है।

Diet and fitness : अपने बॉडी फिटनेस के लिए अपनाएं एरियल योगा

पहले लोग फिट रहने के लिए अनुलोम-विलोम और सूर्य नमस्‍कार जैसे योग करना पसंद करते थे। लेकिन आज के समय में योग का एडवांस रूप जैसे बियर योग, हॉट योग और एरियल योग ट्रेंड में हैं और आजकल ज्‍यादातर बॉलीवुड एक्‍ट्रेस खुद को फिट रखने के लिए एरियल योग करती हैं। आइए जानें क्या है एरियल योग।

Updated: November 19, 2021 10:38:27 am

नई दिल्ली। एरियल योग जिसे एंटी- ग्रेविटी योगा भी कहा जाता है। अपने नाम के अनुसार इसके फायदे भी ढेर सारे है। इसलिए ज्‍यादातर बॉलीवुड की एक्‍ट्रेस फिट रहने के लिए इसका इस्‍तेमाल करती हैं। इस तकनीक में बॉडी में रेशम का कपड़ा लपेटकर योग मुद्राए की जाती है। इसके चलते बॉडी फ्लैक्‍सीबल होती है और साथ ही साथ कई बीमारिया भी दूर होती है। आइए इस योग को करने के सही तरीके के बारे में जानें।

aerial yoga for your body fitness

एरियल योग करने के लिए आपको सिल्क के कपड़े से बांध दिया जाता है। इसमें आपको एक निर्धारित ऊंचाई पर लटकाया जाता है। यह आमतौर पर जमीन पर किए जाने वाले योग की तुलना में थोड़ा अलग होता है। इसे करते समय अपनी शारीरिक मूवमेंट और पोश्‍चर पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें आपको कई बातों का पर ध्यान रखना होता है।
आपको अपनी सांसों पर पकड़ बनानी होती है और हाथ और पैर के मूवमेंट का ध्यान रखना होता है।

शुरूआत में इसे करना आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे इसे करने में आप सफल हो जाएंगे तो आप इसे अच्‍छै से कर पाएंगी।
एरियल योगा करते वक्त आप झूले की तरह झूलने के कारण प्रेशर टेलबोन पर बहुत ज्‍यादा पड़ता है। इसलिए आपको थोड़ा सचेत रहना होता है।

जिसको शो में देख उड़ते हैं गमछे, अगर डीएम बन गए होते तो गमछा कहां फैशनेबल बन पाता!

A Desi Writer Who Made Gamucha A Fashion Statement

Photo:© ट्रेंड मूवमेंट क्या है Nilotpal Mrinal (Main Image)

'कोरोना के खौफ में भले ही गमछे का महत्व समझ आया लेकिन इसी गमछे को देहाती, गंवार, गंवईपन का पर्याय समझा जाता ट्रेंड मूवमेंट क्या है है। गमछे को लेकर चलने पर दिल्ली के रेस्टोरेंट में घुसने नहीं दिया गया। जब मैं मंच पर जाता तो साहित्य के मठाधीश मुझे हिंदी का लंठ, अछूत शैतान कहते क्योंकि उनको मेरी नई वाली हिंदी, ब्रांडेड जींस-शर्ट, शूज के साथ गमछा पसंद नहीं आता।'

इरफान खान को याद करते हुए 'डार्क हॉर्स', 'औघड़' जैसी किताबों के स्टार राइटर नीलोत्पाल मृणाल (Nilotpal Mrinal) कहते हैं, 'फिल्म पान सिंह तोमर के प्रमोशन के लिए इरफान भाई को गमछे के साथ नहीं देखा होता तो शायद मैंने इन तानों की वजह से अपनी संस्कृति-पहनावे को आधुनिकता के नाम पर छोड़ दिया होता। मगर करीब 7-8 साल से गमछे का साथ नहीं छूटा और न ही कभी छूट पाएगा।'

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गमछा फैशन से बाहर कैसे हो गया?

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नीलोत्पाल का मानना है कि बॉलीवुड का स्टार अपने फैशन के लिए जाना जाता है तभी तो उनके चाहने वाले उस स्टाइल को अपनाते हैं। क्योंकि वो पर्दे पर भी ओरिजनल कहानी के साथ आते हैं। मगर भोजपुरी स्टार ने अपने क्षेत्र के फैशन के लिए क्या किया। गमछे पर ऐसे-ऐसे अश्लील गाने और एक्टिंग के नाम पर ऐसी हरकत कि क्या कहा जाए।

ऐसे ट्रेंड मूवमेंट क्या है में कोई सोचे कि लोग निरहुआ, खेसारी का फैशन फॉलो करें तो मुझे नहीं लगता कि मेरे जैसा कोई लड़का करना चाहेगा। इसलिए इस प्रांत के सफल लोगों ने ही अपने फैशन को ट्रेंड से बाहर करने का काम किया है।

गमछा कैसे फैशनेबल बन रहा है?

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फैशन वो नहीं है जो हमें हमारी संस्कृति से दूर कर दे। नीलोत्पाल कहते हैं कि जो छूट रहा है हम उसी को प्रगति मानने लगे हैं। जबकि जो चीजें कल्चर में मिलती हैं, वहीं से उनको और आगे बढ़ना चाहिए।

मैंने किसी बिहारी स्टार को नहीं बल्कि इरफान भाई को देखकर गंवईपन को सेलिब्रेट करना शुरू किया था। अब मैं किसी भी मंच पर गमछा साथ ले जाना नहीं भूलता। हां लेकिन मैंने गमछे के साथ वो नहीं किया जो बिहार के बड़े कलाकरों ने किया है।

मेरा पहनावा, मेरी लेखनी

मेरा पहनावा मेरी लेखनी में दिखता है। जो फैशन दिखने का है, वही लिखने का। यही मेरा पैशन भी है। हम अपने भदेस को चियर्स करें।

इसी वजह से आईआईटी हो या कोई और मंच लोग मेरे कार्यक्रम में गमछा लेकर आते और उड़ाते हैं। 2016 का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार मिला तो मुझे नई पहचान मिली जिसके साथ मैं अपने कल्चर के लिए जा रहा हूं।

गमछा कब से साथ है?

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गमछा बचपन से साथ है लेकिन इरफान खान को 'पान सिंह तोमर' के मंच पर देखा तो मेरा मन डोला। मैंने वहां से इसको रेगुलर रखना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि मुंबई के हीरो ने मेरी पहचान को फख्र से लिया है तो मैं क्यों नहीं रख सकता। मुझे वहां से कॉन्फिडेंस मिला।

अब मेरे पास हैंडमेड गमछे से लेकर न जाने कितने प्रकार ट्रेंड मूवमेंट क्या है के गमछे हैं। मुझे हर जगह पर सम्मान के तौर पर भी गमछा ही मिलता है। फिलहाल मेरे पास करीब 50 गमछे तो होंगे ही।

गमछा के अलावा ट्रेंड मूवमेंट क्या है और क्या पसंद है?

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मुझे पहनने वाली आरामदेह चीजों में ज्यादा दिलचस्पी है। खासकर, लिनन शर्ट मुझे बहुत पसंद है। इसके अलावा मुझे आधुनिक ड्रेस से कोई दिक्कत नहीं और न ही मैं इनका विरोधी हूं। लेकिन अपनी संस्कृति को साथ लेकर चलने से कोई रोके तो मुझे तकलीफ होती है।

गमछा आंदोलन क्यों?

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नीलोत्पाल ने गमछा आंदोलन खड़ा कर दिया जब उनको इस पहनावे के कारण दिल्ली के कनॉट प्लेस में जगह नहीं मिली। लेकिन हिंदी के विख्यात कवि कुमार विश्वास से लेकर आमजन तक ने गमछा आंदोलन खड़ा कर दिया। इसके बाद गमछा वायरल फैशन ऑफ द ईयर-2019 की तरह हो गया।

बता दें कि नीलोत्पाल 2008 में यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आए थे और 2014 में CSAT के खिलाफ मूवमेंट खड़ा किया था। उनके आंदोलन के आगे यूपीएससी को अपने फैसले बदलने पड़े।

इसको सफलता मानकर नीलोत्पल मृणाल ने वहीं राह बदली और सोचा चलो कुछ ऐसा करें जिससे कुछ बदलाव आ सके क्योंकि मेरे काबिल डीएम क्या कोई नौकरी नहीं।

ग्रीन वाशिंग क्या है और इसे लेकर कंपनियों पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

Green Washing एक गलत धारणा बनाता है कि एक कंपनी या उसके उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं.

ग्रीन वाशिंग क्या है और इसे लेकर कंपनियों पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

आज के दौर में हमारा जीवन चौतरफा विज्ञापन (Advertisment) की दुनिया से इस कदर घिरा हुआ है कि हम चाह कर भी ट्रेंड मूवमेंट क्या है उससे निकल नहीं सकते हैं. हम विज्ञापन की उस दुनिया में रह रहे हैं, जहां हमारे घर से निकलते ही कंपनियां विज्ञापन के जरिए हमारे आकर्षण के पूरे इंतजाम तैयार रखती हैं. पूरा बाजार बोर्ड, होर्डिंग्स, तस्वीर, बैनर से पटा पड़ा रहता है. रास्ते पर चलते हुए विज्ञापनों के होर्डिंग्स, टीवी पर सुंदर मॉडल्स द्वारा उत्पाद प्रशंसा, हर ओर विज्ञापन ही छाए हुए हैं.

हर एक कंपनी अपने प्रोडक्ट को अच्छा और खरा साबित करने के लिए अलग-अलग तरीकों से उसका प्रचार करती हैं. तेजी से बदलते वैश्वीकरण के इस दौर में समय की मांग के चलते कंपनियां अब ग्राहक को प्राकृतिक प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने की सलाह दे रही हैं. साथ ही दावा भी कर रही हैं कि अगर ग्राहक इन प्रोडक्ट्स को अपनाता है तो वो पर्यावरण को भी दूषित होने से बचा रहा है.

कंपनी द्वारा उत्पादों पर 100% एनवायरनमेंट फ्रेंडली लिखना, पैकिंग का ग्रीन होना और यह दावा करना कि उनका प्रोडक्ट एनवायरमेंट फ्रेंडली है. किस हद तक सच्चाई है ये जानना एक सजग ग्राहक के लिए बेहद जरुरी है.

ग्रीन वॉशिंग क्या है?

असल में कंपनियां प्रकृति के संरक्षण के लिए कोई ठोस या पक्का उपाय नहीं करते हैं बल्कि इस तरह से प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती हैं जैसे उनका प्रोडक्ट यदि ग्राहक खरीदता है तो वो प्रकृति को बचाता है. इस पूरी प्रक्रिया को ग्रीन वाशिंग कहा जाता है. इस शब्द की उत्पत्ति व्हाइट वॉशिंग शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है बुरे आचरण पर रोशनी डालने के लिए भ्रामक जानकारी का इस्तेमाल करना. बस कुछ इसी तरह गलत जानकारी देते हुए प्रोडक्ट को एनवायरमेंट फ्रेंडली साबित करना ग्रीन वॉशिंग कहलाता है. ग्रीनवाशिंग को उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने के लिए एक निराधार दावा माना जाता है कि कंपनी के उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं.

उदाहरण के लिए ग्रीन वॉशिंग में शामिल कंपनियां दावा करती हैं कि उनके उत्पाद रिसायकल ग्रीन वाशिंग में लगी कंपनियां आम तौर पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने के प्रयास में अपने दावों या लाभों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं.

कई रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ कि इस प्रोसेस में प्रकृति के सकारात्मक प्रभाव के लिए कंपनियां बिजनेस प्रैक्टिस नहीं लाती इसके विपरीत वह प्रोडक्ट की एडवरटाइजिंग पर हजारों रुपये खर्च करती हैं जिसे ग्रीन मार्केटिंग या ग्रीन एडवरटाइजिंग कहा जाता है.

गौरतलब है कि आज के मशीनीकरण के युग में अमीर से लेकर मिडिल क्लास वर्ग तक के लोग केमिकल युक्त चीजों के जगह प्राकृतिक प्रोडक्ट्स को यूज करने की ओर अग्रसर हैं क्योंकि लोगों को लगता है कि केमिकल युक्त चीजें उनके शरीर और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं. इन्हीं सब वजहों के चलते ये तबका कंपनियों के बिछाएं ग्रीन वाशिंग के जाल में फंसता जा रहा है. कम वक्त में ही ग्रीन वाशिंग एक ट्रेंड बनकर उभरा है. ग्राहकों को महसूस कराया जा रहा है कि उनके द्वारा खरीदा प्रोडक्ट प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, जबकि सच्चाई तो कुछ और ही है.

कैंब्रिज डिक्शनरी के मुताबिक ग्रीन वॉशिंग को यह भरोसा दिलाने के लिए डिजाइन किया गया कि कंपनियों द्वारा पर्यावरण की रक्षा के लिए जितना किया जा रहा है, उससे कहीं अधिक काम किया जाए.

ग्रीन वॉशिंग कोई नई प्रक्रिया नहीं है. इस शब्द का इस्तेमाल साल 1986 में पर्यावरणविद जे वेस्टरवेल्ड ने पहली बार ‘सेव द टॉवेल’ मूवमेंट की आलोचना में अपने लेख में किया था.

सेव द टॉवेल मूवमेंट एक ऐसा मूवमेंट था जिसमें होटलों में टॉवेल को न धोकर उसके बार-बार के इस्तेमाल को ईको फ्रेंडली बताया जा रहा था. वहीं वेस्टरवेल्ट का तर्क था कि होटल्स को ये सब करना छोड़ सस्टेनेबल एफर्ट्स पर कुछ काम करना चाहिए.

विश्व की दिग्गज खाद्य एवं पेय कंपनी नेस्ले (Nestlé) द्वारा अपने प्रोडक्ट को एनवायरमेंट फ्रेंडली बताया जाता है लेकिन इसी कंपनी ने साल 2018 में कहा था कि वह वर्ष 2025 तक अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग को सौ प्रतिशत तक रिसाइकिल और रियूजेबल बनाने के प्रयास करेगी. जिसकी आलोचना कई पर्यावरणविदों ने ये कहते हुए की कि अब तक कंपनी द्वारा इसपर काम करने की प्लानिंग साझा नहीं की गई. इस वादे के बावजूद वर्ष 2020 में तीसरी बार नेस्ले ,कोका कोला और पेप्सी लगातार प्लास्टिक पैदा करने वाली कंपनियां में टॉप पर रही.

ऐसे ही एक प्रसिद्ध कार कंपनी फॉक्सवैगन (ट्रेंड मूवमेंट क्या है Volkswagen) द्वारा प्रकृति के बचाव में एक मुहिम चलाई गई थी. जिसमें वाहनों में पेट्रोल के बजाए डीजल का प्रयोग करने की अपील की गई और तर्क दिया ट्रेंड मूवमेंट क्या है गया कि इससे प्रदूषण में कमी आएगी.

इसके लिए फॉक्सवैगन के ही वाहन खरीदें. लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि कंपनी ने 11 मिलियन कारों में ऐसे डिवाइस फिट किए थे जिससे जांच के वक्त ये न पता लग पाए कि कार कितना प्रदूषण फैला रही है. ठीक इसी तरह का एक मामला मलेशिया की पाम ऑयल काउंसिल का था.

इस कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए टीवी पर प्रचार कराया कि उनके द्वारा इको फ्रेंडली प्रॉडक्ट बनाए जाते हैं लेकिन सच सामने आ ही जाता है. इसके एडवरटाइजमेंट को एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड के खिलाफ माना गया. कई आलोचकों ने भी बताया कि पाम की खेती से बहुत से जीव लुप्त हो रहे हैं और अन्य तरह की प्राकृतिक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.

How to do Technical Analysis in Hindi | टेक्निकल एनालिसिस को कैसे किया है?

How to do Technical Analysis: टेक्निकल एनालिसिस क्या है और ये कैसे कार्य करता है ये हम सभी जानते है| अगर आप नहीं जानते तो हमारा यह लेख “What isTechnical Analysis in Hindi” अवश्य पढ़े जिसमे हमने आपसे टेक्निकल एनालिसिस(तकनीकी विश्लेषण) के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है| आज के इस लेख के माध्यम से हम आपसे किसी भी स्टॉक, फ्यूचर या आप्शन के टेक्निकल एनालिसिस को कैसे किया है? उसकी विस्तार से जानकारी देंगे|

How to do Technical Analysis in Hindi

टेक्निकल एनालिसिस एक ऐसी पद्धति है जिससे भूतकाल में स्टॉक के द्वारा की गयी मूवमेंट, क्वांटिटी, प्राइस का आन्दोलन, जैसे डाटा के माध्यम से आनेवाले समय में वह स्टॉक या एसेट किस दिशा में आगे बढेगा वह तय किया जाता है| लेकिन यह तय करना हर किसी के बस की बात नहीं है| यहाँ हमने आपसे कुछ स्टेप शेयर किये है जिसके माध्यम से आप किसी भी स्टोक का टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है| टेक्निकल एनालिसिस एक फुलप्रूफ सिस्टम नहीं है परन्तु इससे आपकी प्रॉफिट में रहने की संभावना अधिक बढ़ जाती है|

Spotting The Trend(ट्रेंड की खोज करे)

तकनीकी विशलेषण के माध्यम से आप ट्रेंड मूवमेंट क्या है किसी भी स्टॉक, करेंसी, या फ्यूचर आप्शन में आसानी से ट्रेंड का पता लगा सकते है| किसी भी चार्ट में ट्रेंड का पता लगाने के लिए उसे अलग अलग टाइम फ्राम में देखना पड़ता है| अगर आप Intraday के लिए टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते है तब आपको 5 min से 15 min के चार्ट पर निर्भर रहना चाहिए| अगर आप शोर्ट टर्म के लिए निवेश करते है तब घंटे की टाइम फ्रेम से Daily टाइम फ्रेम का उपयोग करना चाहिए| लोंगे टर्म के लिए आप Daily, Weekly, और Monthly चार्ट का उपयोग कर सकते है|

ट्रेंड का पता लगाना बहोत ही आसान है और एक बार इसका पता चले तब हम यह तय कर सकते है की इस स्टॉक में निवेश करना चाहिए या नहीं|

  • Stock Market में ट्रेंड क्या है जाने हिंदी में

Finding support and resistance (सपोर्ट और रेसिस्टेंट खोजना)

एक बार सही से किसी भी स्टॉक या ओवरआल मार्किट का ट्रेंड पता लगाने के बाद आपको टेक्निकल एनालिसिस की मदद से सपोर्ट और रेसिस्टेंट की खोज करनी चाहिए| टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलस्टिक चार्ट में इसे खोजना बेहद आसान है लेकिन कुछ अनुभव की भी आवश्यकता है| एक बार सही सपोर्ट और रेसिस्टेंट क खोज करने के बाद आपको स्टॉक की प्राइस सपोर्ट पर आने तक का इंतज़ार करना होगा| जब भी स्टॉक की प्राइस सपोर्ट पर रिवर्स पैटर्न दिखाए तब बी करना चाहिए| जब भी स्टॉक किसी भी रेसिस्टेंट पर आकर रूके तब उसे बेच देना चाहिए|

  • What is support and resistance in Hindi | सपोर्ट और रेसिस्टेंट क्या है?

पहले स्टेप में ट्रेंड का पता लगाने के बाद चार्ट में सपोर्ट और रेसिस्टेंट का पता लगाना चाहिए| अच्छे टेक्निकल एनालिस्ट बनने के लिए नियम को पूरी तरह से फॉलो करना चाहिए| एक बार पूरी तरह से एनालिसिस करने के बाद ही किसी स्टॉक में एंट्री लेनी चाहिए और सपोर्ट के निचे Stoploss रखना चाहिए| इस तरह से नियम को फॉलो करने के बाद आप शेयर मार्किट में टेक्निकल एनालिसिस के माध्यमसे एक प्रॉफिटेबल इन्वेस्टर या ट्रेडर बन सकते है|

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