किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना

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शेयर बाजार में निवेश का सही मौका और तरीका जानना है तो ये जरूर पढ़ें नए निवेशक
नई दिल्ली. दुनियाभर के देशों में चल रही राजनीतिक उठापटक, रूस-यूक्रेन विवाद और चीन-ताइवान तनाव के कारण कई तरह की आर्थिक चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं. परंतु, इन सबके बावजूद तुलनात्मक रूप से भारत में माहौल अब भी अच्छा है. पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में भी काफ़ी सुधार देखा गया है.
विदेशी निवेशकों (Foreign Institutional Investors) ने फिर से भारतीय बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया है. पिछले साढ़े तीन महीनों में विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से भारतीय स्टॉक मार्केट में 65 हजार करोड़ रुपये लगाए है. भारतीय शेयर बाजार में जब सबकुछ इतना ठीक चल रहा है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आप इस समय निवेश करना चाहते हैं तो किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना आपके लिए क्या करना सही रहेगा?
लंबी अवधि के निवेश पर करें ज्यादा फोकस
Multibagger: शेयर से बंपर रिटर्न के लिए चुन रहे हैं मल्टीबैगर, इन छह बातों का रखें ध्यान, हो जाएंगे मालामाल
नई दिल्ली: शेयर बाजार में निवेश कर कमाई करना कौन नहीं चाहता. शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक मल्टीबैगर शेयर की पहचान कर समय पर उसमें निवेश करते हैं और कुछ सालों में ही काफी कमाई कर लेते हैं. भारत में बहुत से लोगों को लगता है कि उनके रिटायरमेंट के लिए एक करोड़ रुपए की रकम काफी है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि 30 साल के बाद एक करोड़ रुपए की क्या वैल्यू रह जाएगी?
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वास्तव में 30 साल के बाद एक करोड़ रुपए की परचेसिंग पावर मौजूदा 17 लाख रुपए के करीब रह जाएगी. बात सिर्फ यह है कि अगर हम महंगाई की सालाना दर 6 फ़ीसदी के हिसाब से जोड़ें तब भी एक करोड़ रुपए की वैल्यू 17 लाख के बराबर होगी.
म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?
म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.
म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST
MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.
नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.
कैसा हो पोर्टफोलियो?
इस दिवाली आप अपने पोर्टफोलियो को भी ठीक कर ले. सबसे जरूरी बात जब शेयर बाजार में बड़ा उतार चढ़ाव हो, महंगाई और मंदी का खतरा हो तो ऐसे में अर्थशास्त्री शरद कोहली कहते हैं आपको अपने पोर्टफोलियो का 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में रखना चाहिए. इसके अलावा- एक ही फंड हाउस के सभी फंड न लें, फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह से और खराब फंड की पहचान कर उससे बाहर निकले. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाय करना तो जरूरी है लेकिन कई बार बहुत ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन भी नुकसानदायक होता है.
इसके अलावा एक्सपर्ट सुझाते हैं जो बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वे एफडी में निवेश करें जिसपर आजकल ठीक-ठीक रिटर्न मिल रहा है, इसके अलावा प्रोविडेंट फंड, सरकारी बॉन्ड में निवेश की सलाह भी जाती है. गोल्ड में निवेश करना है तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ही निवेश करें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं.
Mutual funds: एक ही शेयर या फंड में निवेश करना जोखिम भरा
एक कहावत है। कभी भी सारे अंडों को एक टोकरी में नहीं रखना चाहिए। यही कहावत आप जब निवेश ( invest ) करते हैं तो उसमें भी लागू होती है। यानी सारे पैसे एक ही शेयर या एक ही फंड में निवेश ( mutual funds ) नहीं करना चाहिए। जिस तरह का बाजार का माहौल है, ऐसे में आप मल्टी असेट फंड में निवेश कर सकते हैं। मल्टी असेट फंड मूलरूप ( share market ) से आपके पैसों को कई सेक्टर और शेयर्स में निवेश करता है।
मुंबई। एक कहावत है। कभी भी सारे अंडों को एक टोकरी में नहीं रखना चाहिए। यही कहावत आप जब निवेश करते हैं तो उसमें भी लागू होती है। यानी सारे पैसे एक ही शेयर या एक ही फंड में निवेश नहीं करना चाहिए। जिस तरह का बाजार का माहौल है, ऐसे में आप मल्टी असेट फंड में निवेश कर सकते हैं। मल्टी असेट फंड मूलरूप से आपके पैसों को कई सेक्टर किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना और शेयर्स में निवेश करता है। जाने माने फंड मैनेजर संकरन नरेन का मानना है कि मल्टी असेट की रणनीति वर्तमान माहौल में बेहतर रिटर्न देने में सक्षम हो सकती है। मार्च 2020 के दौरान जब बाजार पूरी तरह से नीचे जा रहा था, तब एस. नरेन ने यही कहा था कि बाजार काफी नीचे जा सकता है। निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा अवसर बन रहा है। यह सही भी हुआ और बाजार 40 हजार से टूटकर 26 हजार के करीब पहुंच गया।
पोर्टफोलियो असेट अलोकेशन के बारे में सोचे
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मुख्य निवेश अधिकारी एस. नरेन कहते हैं कि ऐसे समय में जब बाजार अब ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, ऐसे में निवेशक अपने पोर्टफोलियो असेट अलोकेशन के बारे में सोचे। उनका मानना है कि इक्विटीज में ज्यादा फोकस करने की बजाय निवेशकों को अन्य असेट क्लास के बारे में सोचना चाहिए। इसमें डेट, गोल्ड और ग्लोबल फंड्स के साथ रियल इस्टेट भी हो सकता है। एस. नरेन कहते हैं कि मल्टी असेट निवेशकों को यह सुविधा देती है कि वे उतार-चढ़ाव वाले माहौल में बेहतर रिटर्न कमा सकें। इसमें जोखिम भी कम होता है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सबसे बड़े मल्टी असेट फंड्स में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी असेट का नाम आता है, इस स्कीम का असेट अंडर मैनेजमेंट 12,405 करोड़ रुपए है। इस कैटेगरी का 65 फीसदी से ज्यादा एयूएम इसके पास है। इस स्कीम का प्रबंधन एस. नरेन करते हैं। यह स्कीम 10.80 फीसदी निवेश इक्विटी में करती है। 10.35 फीसदी का निवेश गोल्ड और ईटीएफ आदि में होता है। 0.10 फीसदी का निवेश रियल एस्टेट ट्रस्ट या फिर इनविट्स में होता है। इस बारे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी निमेश शाह कहते हैं कि संपत्ति के निर्माण में यह स्कीम बहुत अच्छा काम करती है। अगर किसी निवेशक ने 31 अक्टूबर 2002 यानी इस फंड के स्थापना के समय एक लाख रुपए का निवेश किया होगा तो वह रकम आज 41.किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना 46 लाख रुपए हो गई है। सालाना 21.65 फीसदी चक्रवृद्धि की दर से रिटर्न मिला है। इसी समय में निफ्टी 50 में 18.21 फीसदी सीएजीआर की दर से रिटर्न मिला है। यानी एक लाख का निवेश केवल 24.05 लाख रुपए हुआ।
सिस्टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक बेहतर निवेश
असेट अलोकेशन स्कीम लंबे समय में निवेश के लिहाज से अच्छा है। सिस्टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक बेहतर निवेश का तरीका है। अगर किसी ने इसी स्कीम में मासिक 10 हजार रुपए का एसआईपी किया होगा तो यह रकम आज 1.60 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि उसका निवेश केवल 22.9 लाख रुपए था। यानी महीने का 17.78 फीसदी का सीएजीआर रिटर्न रहा। वे निवेशक, जो तमाम असेट क्लासेस में निवेश करना चाहते हैं, पर उन्हें नहीं पता है कि कैसे वे इसमें निवेश करें तो इसके लिए आसान रास्ता मल्टी असेट फंड का किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना है। मल्टी असेट फंड कम से कम 3 या ज्यादा असेट क्लासेस में निवेश किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना करता है। नरेन के अनुसार, जब एक असेट क्लास पूरी तरह से वैल्यूड होता है किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना तो वह उतार-चढ़ाव के जैसा व्यवहार करता है। मल्टी असेट रणनीति आपको यह सुविधा किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना देती है कि आप एक से दूसरे असेट क्लास में निवेश को स्विच कर सकें। जहां तक असेट अलोकेशन की बात इक्विटीज में है तो यह स्कीम लार्ज, मिड और स्माल कैप में निवेश करती है। यह स्कीम कमोडिटीज में भी एक्सपोजर रखती है, ताकि महंगाई की तुलना में इसका लाभ मिल सके। एक अक्टूबर तक इस स्कीम का इक्विटीज में निवेश 70 फीसदी रहा। पिछले कुछ महीने से वैल्यू थीम वाले पोर्टफोलियो पर इसका फोकस रहा है। आगे भी यह स्कीम वैल्यू थीम पर ही फोकस कर सकती है। इस पोर्टफोलियो के टॉप 4 सेक्टर्स में ऑटो, पावर, टेलीकॉम और मेटल्स हैं।