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ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai

ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai
Trading Account kya hai

Demat Account Rules: अगले चार दिनों के भीतर डिमैट ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा ये काम निपटा लें, वर्ना बढ़ेगी मुश्किल

Demat Account Nominee Rules: 31 मार्च 2022 से पहले डिमैट अकाउंट में नॉमिनी घोषित कर दें और नॉमिनी नहीं बनाना चाहते है तो Opt Out Nomination फॉर्म भर दें.

By: ABP Live | Updated at : 28 Mar 2022 02:14 PM (IST)

Demat Account Rules: एक अप्रैल 2022 से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो रही है. 2021-22 शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए शानदार रहा है. अगर आप नए 2022-23 वित्त वर्ष में भी शेयर बाजार में तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं तो अपने डिमैट ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा काम अगले चार दिनों के भीतर निपटा लें.

आपने शेयरों की खरीदारी करने और ट्रेडिंग करने के लिये डिमैट अकाउंट खुलवा रखा होगा. लेकिन क्या आपने डिमैट अकाउंट में किसी को अपना नॉमिनी बनाया है या नहीं? अगर नहीं बनाया है तो 31 मार्च 2022 से पहले डिमैट अकाउंट में नॉमिनी जरुर बना दें और फिर किसी को नॉमिनी नहीं बनाना चाहते है तो Opt Out ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai Nomination फॉर्म को भर दें वर्ना 31 मार्च 2022 के बाद आपका डिमैट ट्रेडिंग अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा.

SEBI का आदेश
दरअसल शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी के आदेश के मुताबिक एक अक्टूबर 2021 के बाद से सभी डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए किसी को नॉमिनी घोषित करना या Opt Out Nomination यानि किसी को नॉमिनी नहीं बनाने के नियम को जरुरी कर दिया था. तभी डिमैट अकाउंट खोला जा सकता है. सेबी ने इसके लिए फॉर्म भी जारी किया था. लेकिन जिन लोगों ने इस तारीख से पहले डिमैट अकाउंट खुलवा रखे हैं और नॉमिनी या फिर Opt Out Nomination का विकल्प नहीं चूना है उनके लिये 31 मार्च 2022 तक ये करना जरुरी है. नॉमिनेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर करना जरुरी है हालांकि कोई विटनेस की जरुरत नहीं है. अगर कोई अंगूठा लगाता है तो विटनेस के हस्ताक्षर की फॉ़र्म पर जरुरत होगी.

नॉमिनी का शेयर बताना होगा
नए नियम के मुताबिक डिमैट ट्रेडिंग अकाउंट होल्डर को बताना होगा कि उनके मरने के बाद खाते में पड़े शेयर किसे जिये जायेंगे. नॉमिनी का नाम बाद में बदलने का विकल्प मौजूद है. तीन लोगों को डिमैट अकाउंट में नॉमिनेट किया जा सकता है. अगर दो नॉमिनी बनाये तो सबका शेयर कितना होगा ये घोषित करना होगा.

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Published at : 28 Mar 2022 02:14 PM (IST) Tags: SEBI Share Trading Demat Account Nominee Rules Demat Account Rules Demat Trading Account Nominee update Demat Trading Account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Trading Account Kya hai? || Trading Account In HIndi

Trading Account kya hai

Trading Account kya hai

Table of Contents

Trading Account kya hai

ट्रेडिंग अकाउंट एक स्टेटमेंट है जो एक बिजनेस फर्म द्वारा तैयार किया जाता है। यह एक विशिष्ट अवधि के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों के सकल लाभ को दर्शाता है। यह इकाई के अंतिम खातों का एक हिस्सा है। दूसरे शब्दों में, ट्रेडिंग खाता कुल बिक्री, कुल खरीद और खरीद और बिक्री से संबंधित प्रत्यक्ष खर्चों का विवरण देता है। वर्ष के लिए ट्रेडिंग अकाउंट फॉर्मेट में विवरण, राशि, डॉ।, करोड़, खरीद, बिक्री आदि शामिल हैं। इस लेख में, हम ट्रेडिंग अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट फॉर्मेट के फायदे देखेंगे।

ट्रेडिंग खाते व्यापार और विनिर्माण व्यवसाय फर्म माल की बिक्री और खरीद में सौदा करते हैं। इसलिए, केवल विनिर्माण और व्यापारिक संस्थाएं ही ट्रेडिंग खाता तैयार करती हैं। सेवा प्रदाता इसे तैयार नहीं करते हैं।

Trading Account Ke Labh

Trading Account Kya hai

ट्रेडिंग खाते का लाभ ( Trading Account Ke Labh )

ट्रेडिंग खाते के माध्यम से निर्धारित लाभ या हानि व्यवसाय का शुद्ध परिणाम नहीं है।

इसका मतलब यह है कि एक सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है: ट्रेडिंग अकाउंट तैयार करने का क्या फायदा है? इसका उत्तर यह है कि एक ट्रेडिंग खाता आवश्यक है क्योंकि यह कई लाभ प्रदान करता है।

  • सबसे पहले, एक ट्रेडिंग खाता सकल लाभ का खुलासा करता है जिसमें से व्यवसाय के वास्तविक लाभ (यानी, शुद्ध लाभ) का पता लगाने के लिए सभी खर्चों में कटौती की जाती है।
  • किसी व्यवसाय का सकल लाभ डेटा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि सभी व्यावसायिक खर्चों को सकल लाभ का उपयोग करके पूरा किया जाता है। इसलिए, सकल लाभ की राशि सभी खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
  • ट्रेडिंग खाते का एक अन्य लाभ यह है कि शुद्ध बिक्री की गणना एक नज़र में की जा सकती है। खाता बही में बिक्री खाते से सकल बिक्री का पता लगाया जा सकता है, लेकिन शुद्ध बिक्री प्राप्त नहीं की जा सकती है।
  • किसी व्यवसाय की सच्ची बिक्री शुद्ध बिक्री होती है – सकल बिक्री नहीं। शुद्ध बिक्री सकल बिक्री से बिक्री रिटर्न घटाकर निर्धारित की जाती है। इसी तरह, ट्रेडिंग खाते के माध्यम से एक नज़र में शुद्ध खरीद की संख्या भी देखी जा सकती है।
  • अंत में, पिछले वर्ष की बिक्री के साथ चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री की तुलना करके किसी व्यवसाय की प्रगति या विफलता को समझना संभव है।
  • यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री की मात्रा में वृद्धि हमेशा सफलता का संकेत नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूल्य स्तर में वृद्धि के कारण बिक्री बढ़ सकती है। इसके विपरीत, पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री में गिरावट मूल्य स्तर में गिरावट के कारण घट सकती है।

ट्रेडिंग खाता प्रारूप में आइटम

ट्रेडिंग खाते में निम्नलिखित विवरण होते हैं

  • कच्चे माल, अर्द्ध-तैयार माल और तैयार माल का प्रारंभिक स्टॉक विवरण।
  • कच्चे माल, अर्द्ध-तैयार माल और तैयार माल का अंतिम स्टॉक विवरण।
  • माल की कुल खरीद कम खरीद प्रतिफल।
  • माल की कुल बिक्री कम बिक्री प्रतिफल।
  • माल की खरीद या बिक्री या निर्माण से संबंधित सभी प्रत्यक्ष व्यय।

आय की मदें (CR) पक्ष

  • माल की कुल बिक्री कम बिक्री प्रतिफल
  • माल का Closing Stock।

व्यय की मदें (DR) पक्ष

  • माल का प्रारंभिक स्टॉक
  • माल की कुल खरीद कम खरीद रिटर्न
  • सभी प्रत्यक्ष व्यय जैसे ढुलाई आवक और माल ढुलाई व्यय, गोदाम या कारखाने के लिए किराया, बिजली और बिजली व्यय, श्रमिकों और पर्यवेक्षकों की मजदूरी, पैकिंग व्यय इत्यादि।

टिप्पणियाँ

  • ट्रायल बैलेंस कभी भी क्लोजिंग स्टॉक नहीं दिखाता है। हालांकि, सबसे पहले, हमें ट्रेडिंग खाते के आय पक्ष पर क्लोजिंग स्टॉक की राशि और दूसरी चालू परिसंपत्ति के तहत बैलेंस शीट में दिखाने की जरूरत है।
  • हम अंतिम स्टॉक को लागत या बाजार मूल्य, जो भी कम हो, पर महत्व देते हैं।
  • ट्रेडिंग खाता तैयार करने की तिथि पर, हम क्लोजिंग स्टॉक को महत्व देते हैं जो भौतिक रूप से उपलब्ध है। हालाँकि, हम ट्रेडिंग खाते को क्षैतिज रूप में भी तैयार कर सकते हैं लेकिन सामग्री वही रहेगी।

ट्रेडिंग खाता प्रारूप (Trading Account Formet)

निष्कर्ष :

आज आपने जाना Trading Account kya hai तथा इसे बनाने के क्या-क्या लाभ है साथ ही इसका फॉर्मेंट क्या है।

इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपको दिन शुभ रहे।

Trading Account के बारे में जाने.

Share Market Me Invest Karne Ke Liye कई प्रकार Ki जानकारियों Ka होना जरुरी Hota Hai.

जैसे Ki Demat Account, Trading Account इत्यादी.

कुछ लोग Trading Aur Demat Account Ke बिच फर्क Ko Nahi जानते Hai. लेकिन इन दोनों Ke बिच बहुत बड़ा फर्क Hota Hai.

पिछले पोस्ट Me हमने Demat Account Ke बारे Me बताया Tha. इसमें हम Trading Account Ke बारे Me बताने वाले Hai.

इसमें Aap जानेंगे Ki Trading Account Kya Hota Hai ? ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai? Aur Trading Account Ke लाभ Kya Hai? Trading Account Kaise खोले ?

ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?

What Is Trading Account In Hindi

Trading Account Means Trade Karne Wala Account.

शेयर Market Me Kisi Bhi शेयर Ko खरीदने Aur बेचने Ke Liye ट्रेडिंग Account Ka जरुरत पड़ता Hai.

यानि , Trading Account Se Hi Kisi Bhi शेयर Ko खरीदने Aur बेचने Ka काम Hota Hai.

Is Account Ko शेयर Market Se जुड़ते समय खुलवाना Hota Hai.

ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai ?

Working A Of Trading Account, How To Prepare Trading Account

Trading Account Ki प्रक्रिया Step-By-Step दिया Gya Hai Jo निम्न Hai.

Trading Account Me पैसा Add Karna

शेयर Price देखना

शेयर खरीद/बिक्री Ka Order Dena

ऑर्डर Stock Exchange Tak पहुचना

Counter Order मिलने Par Yeh ऑर्डर Execute होना

टैक्स Aur चार्ज Ke ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai साथ ट्रेडिंग अकाउंट Se पैसे कटना

Demat Account Me शेयर Jama होना

Value बढ़ने Par शेयर बेचने Ka ऑर्डर रखना

बेचकर उसका पैसा टैक्स Aur ब्रोकरेज कटने Ke बाद ट्रेडिंग अकाउंट Me Jama होना.

ट्रेडिंग अकाउंट Ke लाभ

Benefits Of A Trading Account

फ़ोन Par Ya ऑनलाइन शेयर खरीदना Ya बेचना

मार्किट अपडेट Aur फ़्री न्यूज़ अलर्ट

विश्लेषकों Ki Ek अनुभवी टीम Se सलाह

व्यक्तिगत ट्रेडिंग सीमा निर्धारित Karne Ki अनुमति

Trading Account Kaise खोले ?

Trading Account Opening, Need Of Trading Account

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने Ke Liye Sabse Pahle Ek सेबी पंजीकृत स्टॉकब्रोकर Ka चयन Karna Hai.

सभी ब्रोकर Ka Application उपलब्ध Hai. Jise Aap Apne Device Me इनस्टॉल Kar सकते Hai.

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने Ke Liye कुछ पैसे Bhi Lagate Hai. Jo सभी ब्रोकर Ka प्लान Ke हिसाब Se अलग-अलग Hai.

Form भरने होते Hai. Aur कुछ डॉक्यूमेंट Jama Karne होते Hai.

Jama Kiya जाने Wala डॉक्यूमेंट “ Pan Card, Saving Bank Account, Address Proof, Photo” होना चाहिए.

अब Document सत्यापित Aur Kyc Ke Liye Phone कॉल Ya Ghar Par विजिट करके Kisi Person Ke द्वारा Kiya Jata Hai.

प्रोसेस Ok Hone Ke बाद उस Account Ka Istemal Kar पाते Hai. यानि शेयर Ki खरीद/बिक्री Kiya Ja Sakta Hai.

To Yeh Tha Trading Account Se जुड़े जानकरी जिसमे आपने जाना Ki Trading Account Kya Hota Hai ? ट्रेडिंग अकाउंट Kaise काम करता Hai? Aur Trading Account Ke लाभ Kya Hai? Trading Account Kaise खोले ?

Agar Aapko Is जानकारी Se हेल्प मिला Ho To कृपया इसे जरुर शेयर Kare.

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ट्रेडिंग Kya Hai, Trading अकाउंट Kya Hai, ट्रेडिंग अकाउंट Kaise बनाते Hai, डीमैट अकाउंट Ke फायदे , ट्रेडिंग कितने प्रकार Ke होते Hai, ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi

What Is Trading Account

Trading Account Meaning In Hindi – दोस्तों अगर आप इस लेख को पढ़ रहे है तो जरुर आप शेयर मार्केट में इंटरेस्ट रखते हो या फिर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो ! अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो आप यह जरुर जानना चाहते होंगे कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai ). यह डीमैट अकाउंट से किस प्रकार अलग है ( Trading Account and Demat Account Difference ) ? यदि आप इन सब बातो को जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! तो आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? और यह किस प्रकार काम करता है What Is Trading Account In Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसके माध्यम से हम स्टॉक को खरीदने के लिए पैसे का लेनदेन करते है तथा शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर इसी अकाउंट के द्वारा दिया जाता है ! यह अकाउंट एक प्रकार से हमारे बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट के बिच मध्यस्थता का कार्य करता है !

जब हम ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाते है तो इसे हमारे डीमैट अकाउंट से लिंक कर दिया है ! और जब हमें शेयर्स खरीदने होते है तो हम अपने बैंक अकाउंट से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में डाल देते है ! जब हम शेयर खरीदने का ऑर्डर स्टॉक मार्केट को देते है तो जितने पैसे के shares खरीदते है उतने पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से कट जाते है और जो shares हमें मिलते है वो कुछ समय में हमारे डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते है !

उसी प्रकार जब हम डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचते है तो उन shares के पैसे ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाते है और shares डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के अकाउंट में जमा हो जाते है !

सरल शब्दों में हम कह सकते है कि ट्रेडिंग अकाउंट एक प्रकार से शेयरों की ट्रेडिंग करने के लिए होता है , जहाँ पर हमारे shares खरीदने और बेचने का ऑर्डर तथा पैसो के डेबिट और क्रेडिट रिकॉर्ड रखे जाते है ! वर्तमान में सभी प्रकार के ब्रोकर्स हमें एक साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देते है !

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले ( Trading Account Kaise Khole )

जब भी आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करना होगा ! आप यह अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के ऑफिस में जाकर या फिर जिस भी ब्रोकर से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना चाहते है उसकी वेबसाइट पर जाकर जरुरी डाक्यूमेंट्स submit करके भी यह अकाउंट ओपन कराया जा सकता है !

आपको बता दे की स्टॉक ब्रोकर एक प्रकार से रजिस्टर्ड कंपनी होती है जो SEBI के नियमो के अनुसार चलती है ! वर्तमान में भारत में लगभग 8 हजार से भी ज्यादा स्टॉक ब्रोकर कम्पनी रजिस्टर्ड है ! आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सही कंपनी का चुनाव करना होगा जिसमे ब्रोकरेज charges तथा वार्षिक शुल्क बहुत कम हो तथा जो आपको अच्छी सुविधाए उपलब्ध करवाए !

ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ ( Benefits of Trading Account )

  • वर्तमान में सब कुछ डिजिटल होने से ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी आसान और सरल हो गई !
  • इस अकाउंट के माध्यम से जब आप shares खरीदते और बेचते है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से अपने आप ही पैसे डेबिट और क्रेडिट हो जाते है !
  • आप shares की ट्रेडिंग अपने मोबाइल के माध्यम से कही भी कर सकते है !
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा मिलने से निवेशक को अपने ब्रोकर को कॉल करके ऑर्डर देने की जरुरत नही होती है ! उसके द्वारा दिया गया ऑर्डर तुरंत अप्लाई हो जाता है !

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता ? और इसके फायदे क्या है ? इन सब बातो को जान लेने के ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai पश्चात् अब आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा कि आखिर ये ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है ! आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है –

जब आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रान्सफर करने होंगे ! उसके बाद आप जिस भी कंपनी का शेयर या स्टॉक खरीदना चाहते है तो उसका प्राइस देखना होता है अब उस प्राइस के हिसाब से आप शेयर खरीदने का ऑर्डर प्लेस कर सकते है ! आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचता है अब इस ऑर्डर का काउंटर ऑर्डर मिल जाने पर यह ऑर्डर execute हो जाता है !

जब आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर complete हो जाता है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे कट जाते है और ख़रीदे गए shares आपके डीमैट अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर एक या दो दिन में जमा हो जाते है !

इसी प्रकार जब आप डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचना चाहते है तो बेचे गए शेयर आपके डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाते है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर पैसे जमा हो जाते है ! इस प्रकार से यह ट्रेडिंग अकाउंट काम करता है !

ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर ( Trading Account and Demat Account Difference )

वर्तमान में सभी कंपनियां हमें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ देने की सुविधा के कारण हम इन दोनों के बिच क्या अंतर है यह नहीं जान पाते है ! लेकिन यदि आप ध्यान से समझेंगे तो इन दोनों में बहुत ही अंतर है , जो इस प्रकार है –

ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में मुख्य अंतर यही है कि ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से हम shares को खरीदने और बेचने का ऑर्डर देते है तथा इसमें हम shares को खरीदने के लिए पैसे को जमा रख सकते है , जबकि डीमैट अकाउंट में हम पैसे को जमा नहीं रख सकते यह हमें ख़रीदे गए shares को स्टोर करने अर्थार्त रखने की सुविधा प्रदान करता है !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Trading Account Kya Hai आर्टिकल के सम्बन्ध में आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है !

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I Am Adv. Jagdish Kumawat. Founder of Financeplanhindi.com . Here We Are Share Tax , Finance , Share Market, Insurance Related Articles in Hindi.

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.

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हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-

> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।

> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।

> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।

> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।

> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।

> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।

> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।

> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।

> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।

> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।

> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।

> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।

> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।

> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।

> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।

> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।

> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।

डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।

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