स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें

1) लिक्विड स्टॉक की तलाश करें
ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग
फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह दक्षिण अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें यह कंपनी यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।
ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।
Exinity Limited (www.forextime.com) मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित निवेश डीलर है, जिसकी लाइसेंस संख्या C113012295 है।
कार्ड ट्रांजेक्शन एफटी ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड, रजिस्टर्ड नंबर HE 335426 और रजिस्टर्ड पता Ioannis Stylianou, 6, Floor 2, Flat 202 2003, Nicosia, Cyprus के माध्यम से प्रोसेस किए जाते हैं। कार्डधारक के पत्राचार के लिए पता: [email protected] व्यवसाय के स्थान का पता: FXTM Tower, 35 Lamprou Konstantara, Kato Polemidia, 4156, Limassol, Cyprus.
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
स्टॉक को एनालाइज करें
अब जब आपको पता चल गया है कि आपको किस सेक्टर की किस कंपनी में निवेश करना है तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि आपका काम खत्म हो गया है। इसके बाद आपको कंपनी को समझना है और उसे अलग-अलग तरीकों से एनालाइज करना चाहिए। आप किसी स्टॉक को मुख्य रूप से तीन तरीके से एनालाइज कर सकते हैं। पहला फाउंडामेंटल एनालाइज (Fundamental Analysis) - इसमें आप कंपनी की कमाई से लेकर कैश फ्लो और फाइनैंशियल तक हर स्थिति के बारे में जानते हैं और यह समझने की कोशिश करते हैं कि कंपनी भविष्य में किस तरह का प्रदर्शन करेगी। दूसरा टेक्निकल एनालाइज (Technical Analysis) - इसमें ग्राफ के माध्यम से पास्ट प्राइज और ट्रेडिंग पैटर्न से भविष्य के उतार चढ़ाव का अनुमान लगाया जाता है। इसमें तीसरा तरीका क्वांटिटेटिव एनालाइज (Quantitative analysis) है। इसमें मैथेमेटिकल और स्टैस्टिकल तरीके से स्टॉक स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें के वैल्यू का पता लगाया जाता है।
जोखिम लेने की क्षमता को जानें
जब हम स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो हम तीन तरह की कंपनियों में निवेश करते हैं - लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप। इनमें से किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले यह समझ लेना जरूरी है कि आपकी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) कैसी है और दूसरा आपका बजट कितना है। इन बातों को ध्यान में रखकर अगर आप कंपनियों को चुनेंगे तो आप अपने लक्ष्य के करीब पहुंच सकते हैं।
अपने रिसर्च में मैट्रिक्स को समझें
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको अपनी रिसर्च में स्टॉक मार्केट मैट्रिक्स (Stock Market Metrics) को जरूर शामिल करना चाहिए। यह विभिन्न रेश्यो होते हैं, जो कंपनी की फाइनैंशियल स्थिति (Financial Condition) को बताने में मदद करते हैं, जैसे पीई रेश्यो, पीबी रेश्यो, रिटर्न ऑन इक्विटी रेश्यो, डेब्ट टू इक्विटी रेश्यो आदि। कौन से मैट्रिक्स सबसे महत्वपूर्ण हैं, यह काफी हद तक आपकी पसंद की निवेश शैली पर निर्भर करता है।
Stock Market Tips: निवेश से पहले इन ‘Ratio’ के बारे में जानना जरूरी, सही शेयर चुनने में मिलेगी मदद
कुछ खास रेशियो के जरिए स्टॉक चुनने में मदद मिल सकती है. (Image- Pixabay)
Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में जब आप सीधे निवेश करते हैं तो सबसे पहला काम होता है, बेहतर स्टॉक को चुनना. स्टॉक स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें चुनते समय बहुत सावधानियां बरतनी होती हैं ताकि आपको शानदार मुनाफा हासिल हो सके. कभी-कभी आपने खबरों में पढ़ा होगा कि इस कंपनी का शेयर महंगा है तो इसे लेना सही नहीं है. ऐसे में आपके मन में जरूर सवाल उठता होगा कि कोई शेयर सस्ता है या महंगा, इसका पता कैसे स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें चलता है कि किसी स्टॉक का भाव सही या नही. इसका कैलकुलेशन खास फाइनेंशियल रेश्यो से पता चलता है. इसके अलावा इन रेशियो से कंपनी की सेहत का भी अंदाजा लगता है. आइए इन कुछ खास रेशियो के बारे में जानते हैं जिनसे स्टॉक चुनने में मदद मिल सकती है.
Price to Earnings (P/E) Ratio
प्राइस टू अर्निंग्स रेशियो किसी कंपनी के मौजूदा शेयर भाव और प्रति शेयर आय (EPS) का अनुपात है. इससे किसी कंपनी के शेयर भाव के ओवरवैल्यूड या अंडरवैल्यूड का पता चलता है. इसे मल्टीपल जैसे कि 15x, 20x, 23x के रूप में लिखते हैं और इसके जरिए एक ही इंडस्ट्री की दो कंपनियों के बीच में तुलना की जा सकती है तो एक ही कंपनी के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को परखा जा सकता है. इसके अधिक होने का मतलब है कि भविष्य में ग्रोथ को लेकर अधिक उम्मीदें हैं या यह ओवरवैल्यूड है, वहीं दूसरी तरफ इसके कम होने का मतलब है कि कंपनी की ग्रोथ को लेकर अधिक उम्मीदें नहीं है या यह आउटपरफॉर्म कर सकती है यानी कि अंडरवैल्यूड है.
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Return on Equity (R/E) Ratio
यह किसी कंपनी की वित्तीय सेहत को मापने का एक पैमाना है जिसे नेट इनकम को कुल इक्विटी से डिवाइड करके निकालते हैं. इससे किसी कंपनी के शेयरों में निवेश पर रिटर्न का पता चलता है यानी कि यह निवेशकों को एक आइडिया देता है कि इसमें निवेश पर पूंजी कितनी बढ़ सकती है. यह कंपनी की प्रॉफिबिलिटी का मानक है कि कंपनी कितने बेहतर तरीके से प्रॉफिट जेनेरेट कर रही है.
इसका इस्तेमाल किसी कंपनी की बाजार पूंजी को इसके बुक वैल्यू से तुलना करने के लिए की जाती है. इसका मान कंपनी के मौजूदा शेयर भाव को प्रति शेयर के बुक वैल्यू से डिवाइड करके निकाला जाता है. बुक वैल्यू का मतलब बैलेंस शीट में दर्ज वैल्यू है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर लांग टर्म निवेशकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वैल्यू एक से कम होने पर एक से कम होने को बेहतर माना जाता है लेकिन वैल्यू इंवेस्टर्स 3 तक भी बेहतर मानते हैं. यह रेशियो कम होने का मतलब शेयर डिस्काउंट पर है.
Dividend Yield (Dividend-Price Ratio)
इससे यह पता चलता है कि कंपनी अपने शेयर भाव की तुलना में कितना डिविडेंड दे रही है. इसे फीसदी के रूप में दिखाते हैं और इसकी वैल्यू डिविडेंड को शेयर भाव से डिवाइड करके निकालते हैं. हालांकि इसकी वैल्यू अधिक होने का मतलब यह नहीं है कि निवेश के लिए कोई स्टॉक बेहतर है क्योंकि शेयर भाव कम होने पर भी इसकी वैल्यू अधिक हो सकती है.
यह कंपनी के कुल कर्ज और इक्विटी का अनुपात है. यह बहुत महत्वपूर्ण अनुपात है जिससे पता चलता है कि कंपनी कितना लीवरेज इस्तेमाल कर रही है यानी कि कंपनी अपने कारोबार के लिए अपने (शेयरधारकों के) पैसों की तुलना में कितना कर्ज ले रही स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें है. इस रेशियो के अधिक होने का मतलब अधिक रिस्क है. हालांकि लांग टर्म निवेशकों के लिए अधिक रेशियो का मतलब शॉर्ट टर्म निवेशकों की तुलना में अलग है क्योंकि लांग टर्म में देनदारी शॉर्ट टर्म से अलग होती है. आमतौर पर 2-2.5 का डेट-इक्विटी रेशियो अच्छा माना जाता है.
Intraday Trading के लिए सबसे बढ़िया स्टॉक कैसे चुनें?
Intraday Stock Selection Tips: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है। लेकिन सवाल आता है कि अपने लिए बेस्ट इंट्राडे स्टॉक का चयन कैसे करें? (How to choose the best intraday stock?) तो बताए गए टिप्स का पालन करके बेस्ट स्टॉक चुने।
Intraday Trading Tips in Hindi: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है, हालांकि यह काफी जोखिम भरा है, लेकिन इसमें रिटर्न काफी अच्छा है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, Intraday Trading में एक ही ट्रेडिंग दिन स्टॉक चुनना कैसे शुरू करें में स्टॉक खरीदना (Buy) और बेचना (Sell) शामिल है।
अटक की कीमतों में उतार-चढ़ाव तेज होता है, इसलिए व्यापारियों के लिए उच्च स्तर के जोखिम और कम लाभ के लक्ष्य के प्रति सचेत रहना आवश्यक है। इंट्राडे ट्रेडिंग में बड़ी संख्या में छोटे-लाभकारी ट्रेड करना शामिल है, जो लंबे समय में जुड़ जाता है।