शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है

क्या होता है शेयर बाजार शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है में अपर ओर लोअर सर्किट, निवेशकों के लिये क्या हैं इसके मायने
निवेशकों के हित और निवेश की रक्षा के लिये और बाजार एवं स्टॉक्स में तेजी या गिरावट के नियंत्रित करने के लिये सर्किट लगाये जाते हैं
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Jan 09, 2022 | 8:00 AM
इसी हफ्ते जी लर्न का शेयर बाजार की सुखियों में तब शामिल हुआ था जब स्टॉक में अपर सर्किट लगा था. लगभग हर दिन शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में ऐसे शेयर (stock) सबसे ऊपर दिखते हैं जिनपर सर्किट लगा हो. ऐसे में सवाल उठता है कि सर्किट (Circuit limit in Stock) आखिर होता क्या है और इसका निवेशकों के निवेश और उनकी रणनीति पर क्या असर देखने को मिलता है.
क्या होता है सर्किट
सर्किट समझने के पहले स्टॉक मार्केट के बेसिक को समझना आवश्यक है. स्टॉक मार्केट में स्टॉक का कारोबार होता है स्टॉक की मांग और आपूर्ति के आधार पर कारोबार के समय में इनकी कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. इसमें तेज गिरावट और तेज उछाल दिखना एक सामान्य प्रक्रिया है. इन स्टॉक्स के प्रदर्शन के आधार पर ही इंडेक्स में भी उतार-चढ़ाव दर्ज होता है, क्योंकि इस कारोबार में निवेशकों की रकम सीधे तौर पर जुड़ी होती है ऐसें में कारोबार की मूल सोच यानि प्राइस डिस्कवरी और निवेशकों के हित दोनो में संतुलन जरूरी होता है. एडेल वाइस के मुताबिक सर्किट कारोबार के दौरान किसी भी वजह से कीमतों में आये तेज उतार चढ़ाव से निवेशकों, कारोबारियों और यहां तक कि पूरे सिस्टम को बचाये रखने में मदद करता है. सर्किट किसी कारोबारी दिन स्टॉक के कारोबर की अधिकतम और न्यूनतम सीमा होती है. किसी भी तरफ इस सीमा को तोड़ने पर उस स्टॉक में कारोबार एक सीमित अवधि के लिये रुक जाता है.
क्या होता है अपर और लोअर सर्किट
एंजेल वन के मुताबिक शेयर बाजार में सर्किट दो तरह के होते हैं पहला अपर सर्किट यानि किसी स्टॉक या इंडेक्स में किसी कारोबारी सत्र में बढ़त की अघिकतम सीमा और लोअर सर्किट किसी कारोबारी सत्र में अधिकतम गिरावट की सीमा होती है. ब्रोकिंग हाउस के मुताबिक नियामक कंपनी के अपने फंडामेंटल और जुड़े जोखिम के हिसाब से सर्किट की सीमा तय करते हैं जो कि 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच होते हैं. स्ट़ॉक मार्केट समय समय पर कंपनियों के लिये सर्किट लिमिट में बदलाव करते हैं, जैसे पिछले साल जून में बीएसई ने 544 स्टॉक्स के लिये सर्किट लिमिट बदली थी,
क्यों लगता है सर्किट
सर्किट लगने की कई अहम वजह होती है. सरकार या नियामक की कार्रवाई, नीतियों में सकारात्मक या नकारात्मक कार्रवाई, कंपनियों के अपने प्रदर्शन, बड़े सौदे, अधिग्रहण यहां तक कि बाजार में स्टॉक्स की सीमित सप्लाई, अफवाहें, अनुमान औऱ कभी कभी प्रमोटर्स शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है की तरफ से जानवूझकर पैदा किया गया उछाल या गिरावट. इतने सारे कारण होने की वजह से ही सर्किट लगाये जातें है जिससे कारोबार रुकने के दौरान सही तस्वीर सामने आ सके और निवेशकों के बीच बेवजह उत्साह या डर को नियंत्रित किया जा सके
क्या है निवेशकों के लिये सर्किट का मतलब
सर्किट ट्रिगर होने का मतलब साफ होता है कि उस स्टॉक, इंडेक्स या पूरे बाजार में कुछ अप्रत्याशित हुआ है. अगर किसी स्टॉक में लगातार सर्किट लगते हैं तो एंजेल वन सलाह देता है कि नये निवेशक ऐसे स्टॉक से दूर रहें. क्योंकि बार बार सर्किट लगने का मतलब है कि उस स्टॉक में प्राइस मूवमेंट बाजार के अनुमानों से कहीं ज्यादा हो रहा है. वहीं अगर आप किसी स्टॉक में हैं और उसके सर्किट लगा है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें. क्योंकि ऐसा देखने को मिला है कि किसी खबर या अनुमान की वजह से स्टॉक में सर्किट लगता है लेकिन शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है कंपनी द्वारा खंडन करने पर स्टॉक में उतनी और कभी कभी उससे ज्यादा गिरावट भी दर्ज होती है.
(ये रिपोर्ट एडेलवाइस और एंजेल वन की शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है वेबसाइट पर इसी सब्जेक्ट पर दी गयी जानकारी को लेकर बनाई गयी है)