स्टॉक ग्राफ क्या है

शेयर बाज़ार में LTP क्या होता है | शेयर बाज़ार में LTP का महत्त्व क्या है ?
मानलीजिये की किसी ने 95 रूपए में एक शेयर खरीदा है फिर किसी और ने वही शेयर 95 रूपए में बेच दिया है इस प्रकार 95 रूपए पर 1 शेयर खरीदा गया और 1 शेयर बेचा गया है तो हम कह सकते है की 95 रूपए पर एक सौदा पूरा हुआ है इसलिए अब उस शेयर का LTP ( last traded price ) 95 है |
मानलीजिये अगला सौदा 110 रूपए पर किया जाता है तो उस समय के लिए LTP 110 रूपए हो जायेगा, इसका मतलब यह है की जिस कीमत पर सबसे latest सौदा किया जायेगा उसे अंतिम कारोबार मूल्य या LTP कहा जायेगा |
शेयर बाज़ार में शेयर की कीमते घटती और बढती रहती है यह सब बाज़ार की मांग (demand) और आपूर्ति (supply) पर आधारित होता है |
डिलीवरी या CNC शेयर को आप जितना समय चाहे अपने पास रख सकते है यह एक तरह का निवेश है |
शेयर बाज़ार में LTP क्या होता है ( LTP in share market ) :
शेयर बाज़ार में LTP का महत्त्व किसी स्टॉक या शेयर को खरीद और बेचने के मूल्य पर आधारित है यह देखते हुए की स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग की पूरी अवधारणा समय के साथ स्टॉक की बदलती कीमतों पर आधारित है शेयर बाज़ार में किसी वस्तुओ में स्टॉक के अंतिम कारोबार के रूप में जाना जाता है यह कर्रेंट प्राइस को बताता है जिस पर यह स्टॉक ख़रीदा और बेचा गया था LTP लगभग हर सेकंड में बदलते रहता है इसलिए LTP को शेयर मार्केट में मुख्य बिंदु माना जाता है |
शेयर बाज़ार में LTP का महत्त्व क्या है (importance of LTP ) :
LTP ( last traded price ) का सबसे बड़ा महत्त्व यह है की LTP से किसी शेयर या स्टॉक के मूवमेंट का पता चल पाना की स्टॉक का ग्राफ निचे जा रहा है क्या ऊपर जा रहा है |
LTP ( last traded price ) की मदत से खरीद और बेचना आसान हो जाता है क्योकि बोली लगाते समय खरीदना और बेचना एक समान रेंज में होता है क्योकि शेयर बाज़ार में उतार चड़ाव हमेशा देखा जाता है इसलिए विक्रेता और बोलीदार वांछित कीमतों पर व्यापार निष्पादित करते है |
जब लोग अधिक ट्रैड करते है तो विक्रेता उस स्टॉक को सटीक आस्क प्राइस में बेचने के लिए तत्पर रहता है जैसा वह चाहते है वैसे ही खरीदार सही बिट प्राइस पर स्टॉक खरीदने की पूरी संभावनाए रहती है |
क्लोजिंग प्राइस और LTP में क्या अंतर है (different of स्टॉक ग्राफ क्या है स्टॉक ग्राफ क्या है closing price or LTP ) :
जब मार्केट सक्रीय होता है तब LTP ( last traded price ) की मदत से किसी शेयर की प्राइस वैल्यू देख सकते है लेकिन क्लोजिंग प्राइस में जब मार्केट क्लोज होता है तब प्राइस वैल्यू देख सकते है |
3:30 बजे का प्राइस LTP ( last traded price ) होता है और क्लोजिंग प्राइस उस दिन 3 बजे से लेकर तो 3:30 बजे trading होती है उसका औसत प्राइस जो होता है उसका क्लोजिंग प्राइस होता है |
निष्कर्स (conclusion) :
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते है या करना चाहते है तो आपके लिए LTP को समझना बहुत जरुरी है
उम्मीद करते है आपको LTP के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी है उम्मीद करते है की आपको LTP Meaning In Share Market In Hindi क्या होता है समझ में आया होगा
FAQ :
Ans – LTP का फुलफॉर्म Last Traded Price होता है |
Ans – LTP शेयर बाज़ार में किसी स्टॉक के उतार चड़ाव और अंतिम लेनदेन का आकलन करने के लिए एक विशेष मेट्रिक है |
Ans – LTP ( last traded price ) का मतलब होता है हम किसी शेयर की अगली बिक्री करने के लिए तैयार रहते है |
Multibagger: 49 से 600 रुपये के पार पहुंचा ये स्टॉक, 1 लाख का निवेश बना करीब 13 लाख
Multibagger: अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयरों ने अपने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में कंपनी के स्टॉक में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है. सितंबर की तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन भी पॉजिटिव रहा है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 19 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 19 नवंबर 2022, 4:58 PM IST)
अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Agarwal Industrial Corporation) के शेयर उन शेयरों में से एक हैं, जिन्होंने अपने स्टॉक ग्राफ क्या है निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. पेट्रोकेमिकल सेक्टर की इस कंपनी के शेयर ढाई साल में ही 49 रुपये से बढ़कर 620 रुपये पर पहुंच गए. अग्रवाल इंडस्ट्रियल के शेयरों नें अपने निवेशकों को करीब तीन साल में मल्टीबैगर (Multibagger) रिटर्न दिया है. निवेशकों को 1100 फीसदी से अधिक रिटर्न मिला है. आशीष कचोलिया का यह पोर्टफोलियो स्टॉक पिछले छह महीने से बेस बिल्डिंग मोड में है.
हालांकि, साल-दर-साल (YTD) के आधार पर ये स्टॉक लगभग 400 रुपये से बढ़कर 620 रुपये पर पहुंच गया है. इससे इसके निवेशकों को 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला है.
सालभर में जोरदार उछाल
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पिछले एक साल में अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन के शेयर प्राइस लगभग 375 रुपये से बढ़कर 620 रुपये प्रति शेयर के लेवल पर पहुंच गए हैं. इसलिए शेयरधारकों को 65 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला है. कोविड महामारी के फैलने के बाद अगर हम अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन के शेयरों के प्राइस ग्राफ को देखें, तो 27 मार्च 2020 को ये 49.20 रुपये पर थे.
1 लाख का निवेश करीब 13 लाख पहुंचा
अगर किसी निवेशक ने छह महीने पहले इस मल्टीबैगर स्टॉक में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो उसका एक लाख आज 1.50 लाख रुपये में तब्दील हो गया होता. अगर किसी निवेशक ने एक साल पहले इस मल्टीबैगर स्टॉक में एक लाख का निवेश किया होता, तो वो एक लाख रुपये आज 1.65 लाख रुपये हो गए होते. वहीं, किसी ने ने तीन अप्रैल 2020 को इस स्टॉक में एक लाख रुपये लगाए होते और निवेश को बनाए रखे होता, तो वो रकम आज 12.82 लाख रुपये हो गई होती. तीन अप्रैल 2020 को शेयर 48.65 रुपये पर थे.
सितंबर की तिमाही में ग्रोथ
अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 30 सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही में जोरदार मुनाफा दर्ज किया है. कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, अग्रवाल इंडस्ट्रियल का नेट प्रॉफिट 178 फीसदी बढ़कर 7.18 करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले इसी अवधि में ये आंकड़ा 2.59 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने Q2FY23 में ऑपरेशन से 163.44 करोड़ रुपये का नेट रेवेन्यू हासिल किया है. शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 0.73 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और ये 4.55 अंक टूटकर 615.05 रुपये पर क्लोज हुए.
6 महीने में इस दिग्गज स्टॉक में 40 प्रतिशत बढ़ी रकम, आगे भी तेजी का अनुमान, क्या आपने लगाया है पैसा
एक साल में सेंसेक्स स्टॉक ग्राफ क्या है में 6 प्रतिशत की बढ़त के मुकाबले स्टॉक में 50 प्रतिशत तक की बढ़त रही है. वहीं एक ब्रोकिंग फर्म का अनुमान है कि स्टॉक में आगे भी तेजी बनी रहेगी.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Jul 21, 2022 | 8:23 PM
देश की दिग्गज कंपनी महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के स्टॉक में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है, ऑटो सेक्टर में रिकवरी के बीच कंपनी के अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से स्टॉक में बढ़त बनी हुई है और बीते 6 महीने में स्टॉक 40 प्रतिशत बढ़ गया है. स्टॉक सेंसेक्स शेयरों में शामिल है और बीते एक साल में स्टॉक का अपना प्रदर्शन प्रमुख इंडेक्स से भी बेहतर रहा है. वहीं ब्रोकिंग फर्म की माने तो कंपनी के आउटलुक को देखते हुए अनुमान है कि स्टॉक यहां से भी आगे बढ़ सकता है. ऐसे में अगर आप कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न की उम्मीद लगा रहे हों तो इस दिग्गज स्टॉक में निवेश की सोच सकते हैं.
कैसा रहा स्टॉक का प्रदर्शन
स्टॉक फिलहाल अपने साल के उच्चतम स्तर के करीब है. गुरुवार के कारोबार में स्टॉक में खरीदारी देखने को मिल रही है और स्टॉक 1170 के स्तर के करीब ही कारोबार कर रहा है. स्टॉक का साल का उच्चतम स्तर 1192 का है. वहीं साल का निचला स्तर 671 का है. ग्राफ पर नजर डालें तो स्टॉक ने साल का निचला स्तर मार्च में दर्ज किया था और साल का उच्चतम स्तर जुलाई में छुआ है. यानि एक साल के दौरान स्टॉक में अधिकतम 77 प्रतिशत का रिटर्न मिला है. वहीं बीते सिर्फ 6 महीने में स्टॉक का रिटर्न 40 प्रतिशत है. स्टॉक सेंसेक्स के मुकाबले कहीं तेजी के साथ चढ़ा है. एक साल में सेंसेक्स में 6 प्रतिशत की बढ़त के मुकाबले स्टॉक में 50 प्रतिशत तक की बढ़त रही है.
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आगे भी ही स्टॉक में बढ़त का अनुमान
ऊंचे रिटर्न के बावजूद ब्रोकिंग फर्म्स अनुमान लगा रही हैं कि स्टॉक में आगे भी बढ़त देखने को मिलेगी. एमके ग्लोबल फाइनेंशियल ने स्टॉक में 1390 के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है. यानि आज दिन के उच्चतम स्तर 1175 के मुकाबले स्टॉक में आगे 18 प्रतिशत की बढ़त आने का अनुमान है. ब्रोकिंग फर्म के अनुसार कंपनी की सेल्स में लगभग हर सेग्मेंट में बढ़त देखने को मिल रही है. जो कि ऊंची ऑर्डर बुक की वजह से आगे भी बनी रहेगी. आने वाले समय में नए लॉन्च से भी कंपनी को सेल्स बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही ब्रिटिश इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट के द्वारा कंपनी की सब्सिडियरी में निवेश से भी स्टॉक के लिए सेंटीमेंट्स बेहतर हुए हैं. इनको देखते हुए एमके ग्लोबल फाइनेंशियल ने स्टॉक का पिछला टार्गेट 1250 को बढ़ा कर अब उसे 1390 कर दिया है.
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस की शब्दावली। शब्द और अर्थ हिंदी में।
चार्ट्स पर इंडीकेटर्स लगाकर हमें स्ट्रेटेजी बनानी होती है। स्ट्रेटेजी याने की योजना। "मतलब काम करने का प्लान।" सही है ?
स्टॉक मार्केट में निवेश करना हो या ट्रेडिंग। स्ट्रेटेजी बनाना जरूरी होता है।
चार्ट के शब्द
1 ) लाइन चार्ट ( Line Chart)
मतलब "रेखा" से कीमतों के बदलाव को दर्शाने वाला चार्ट।
2 ) कॅंडल स्टिक चार्ट (Candle Stick Chart)
मतलब "मोमबत्तियों-सी आकृति" के स्टिक्स का चार्ट।
3 ) बार चार्ट (Bar Chart)
मतलब एक "खड़ी स्टिक" पर ओपन,क्लोज कीमतों को "आड़ी छोटी स्टिक्स" से दर्शाने वाला चार्ट।
4 ) रेन्को चार्ट (Renko Chart)
रेन्को चार्ट मतलब "प्राइस मुव्ह" को दिखने वाला चार्ट। इससे सपोर्ट , रेजिस्टेंस जानना आसान होता है।
5 ) हेकिन अशी चार्ट (Heikin Ashi Chart)
याने की चार्ट का ऐसा प्रकार जो की कॅंडल स्टिक चार्ट के समान होता है। इस चार्ट से "अप-ट्रेंड, डाउन-ट्रेंड आसानी से पता चलता है।"
6 ) पॉइन्ट अँड फिगर चार्ट (Point and Figure Chart)
इसमें ''X'' और ''O'' की खड़ी लाइन्स होतीं है। कीमत ऊपर जाती है तो ''X'' की खड़ी लाइन और निचे जाती है तो ''O'' की खड़ी लाइन दिखाई जाती है।
चार्ट पॅटर्न के शब्द
1 ) डबल टॉप (Double Top)
डबल टॉप एक चार्ट पॅटर्न है। इसमें ''दो टॉप एक कीमत के आसपास'' लगतें है।
2 ) डबल बॉटम (Double Bottom)
डबल बॉटम एक चार्ट पॅटर्न है। इसमें ''दो लो एक कीमत के आसपास'' लगतें है।
3 ) हेड अँड शोल्डर्स (Head and Shoulders)
इस चार्ट पॅटर्न में ''आदमी के सिर और कंधे की आकृति'' जैसा आकार दिखता है।
4 ) फ्लॅग पॅटर्न (Flag Pattern)
''फ्लॅग याने की झंडा।'' आसान है ? यह अप-ट्रेंड वाले चार्ट में सपोर्ट, रेजिस्टेंस लाइन्स जुड़ने से बनता है।
5 ) ट्रॅंगल पॅटर्न (Triangle Pattern)
यह फ्लॅग जैसा पॅटर्न है। यह ''त्रिकोण'' जैसा होता है।
टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द
1 ) सपोर्ट (Support)
सपोर्ट याने की ''शेअर की कीमत,विशिष्ट स्टॉक ग्राफ क्या है समय-सीमा में किसी विशिष्ट प्राइस लेवल के निचे'' नहीं जाती है।
2 ) रेजिस्टेंस (Resistance)
रेजिस्टेंस याने की ''प्राइस लेवल जिसके ऊपर निकलने के लिए कीमतों को दिक़्क़त होती हुई चार्ट पर दिखता है।''
3 ) ट्रेंड (Trend)
''ट्रेंड याने की शेअर के कीमत की दिशा।'' ट्रेंड ऊपर की तरफ और निचे की तरफ का भी होता है।
4 ) ट्रेंड लाइन (Trend Line)
ट्रेंड लाइन याने की ट्रेंड का याने की ''दिशा का पता लगाने वाली लाइन।'' इसे कीमत के स्टॉक ग्राफ क्या है हाईस को या लोज को जोड़कर बनाया जाता है।
5 ) व्होलॅटिलिटी (Volatility)
याने शेअर प्राइस में ''तेज गति'' से होने वाला बदलाव।
6 ) फ्लक्च्युएशन (Fluctuation)
फ्लक्चुएशन याने की ''स्टॉक ग्राफ क्या है क़ीमतों में अस्थिरता, चंचलता।''
7 ) गॅप-अप ओपनिंग (Gap-Up Opening)
याने की स्टॉक मार्केट पिछले दिन के ''क्लोजिंग प्राइस से ऊपर'' शुरू होता है।
8 ) गॅप-डाउन ओपनिंग (Gap Down Opening)
याने की स्टॉक मार्केट पिछले दिन के ''क्लोजिंग प्राइस से निचे'' शुरू होता है।
9 ) कंसोलिडेशन (Consolidation)
''याने की साइड वेज मार्केट।'' मतलब कीमतें ना ऊपर की तरफ, ना निचे की तरफ जातीं है।
10 ) ब्रेक-आउट (Break-Out)
मतलब चार्ट पर, ''शेअर की कीमत, रेजिस्टेंस के ऊपर निकलना।'' सही है।
11 ) ब्रेक-डाउन (Break-Down)
याने की ''शेअर की कीमत,चार्ट पर सपोर्ट को तोड़कर निचे जाना।''
12 ) रिव्हर्सल (Reversal)
''रिव्हर्सल याने की ट्रेंड का बदलना।'' मतलब शेअर की कीमत में अप-ट्रेंड से डाउन ट्रेंड शुरू होना।
13 ) पुल-बॅक (Pull Back)
पुल-बॅक याने की चल रहे ट्रेंड में ''कुछ समय के लिए होने वाला बदलाव।'' मतलब निचे जाते हुए थोड़ा ऊपर आना, ऊपर जाते हुए थोड़ा निचे आना।
14 ) मुव्हिंग एवरेज (Moving Average)
मुव्हिंग एवरेज याने की शेअर की ''कीमत के उतार-चढ़ाव स्टॉक ग्राफ क्या है का एवरेज, समय के साथ निकलना।'' यह क़ीमतोंके बदलाव का एवरेज है, इसलिए इसे मुव्हिंग याने की बदलता एवरेज कहा जाता है।
15 ) आर. ओ. सी. (ROC)
ROC यह टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर है। इसका मतलब रेट ऑफ़ चेंज है। ROC इंडिकेटर से ट्रेंड की गति और बदलाव की जानकारी मिलती है।
16 ) ए. टी. आर. (ATR)
ATR यह टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर है। इसका मतलब एवरेज ट्रयू रेंज है। ATR इंडिकेटर से स्टॉक्स के कीमत की रेंज पता की जाती है।
स्ट्रेटेजी के शब्द
1 ) प्री-एंट्री पॉइन्ट (Pre-Entry Point)
याने की काम शुरू करने के ''पहले की तैयारी'' करना।
2 ) एंट्री पॉइन्ट (Entry Point)
एंट्री पॉइन्ट याने की स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करते वक्त हमें टेक्निकली ''राईट पॉइन्ट पर एंटर'' करना होता है। इससे हम अपनी स्ट्रेटेजी पर काम करना शुरू करतें है।
3 ) टार्गेट पॉइन्ट (Target Point)
टार्गेट पॉइन्ट याने की टेक्नीकल इंडिकेटर्स ने दिखाया हुआ ''प्रॉफिट बुकिंग पॉइन्ट।'' सही मुनाफा।
4 ) स्टॉप लॉस पॉइन्ट (Stop Loss Point)
स्टॉप लॉस पॉइन्ट याने की टेक्निकल इंडीकेटर्स ने दिखाया हुआ ''लॉस को सिमित करने वाला पॉइन्ट।''
5 ) एग्जिट पॉइन्ट (Exit Point)
''एग्जिट पॉइन्ट याने की ट्रेड से बाहर निकलने का पॉइन्ट।'' ना टार्गेट हिट हो रहा हो और ना ही स्टॉप लॉस, तब किसी कीमत पर तो ट्रेड क्लोज करना होता ही है।
6 ) बॉटम फिशिंग (Bottom Fishing)
बॉटम फिशिंग याने की ''गिरते हुए मार्केट में निचले स्तर पर'' बायिंग करना।
7 ) सेल ऑन राइज (Sell on Rise)
सेल स्टॉक ग्राफ क्या है ऑन राइज याने की जब ''कीमतें बहुत चढ़ जातीं है तब ऊपरी स्तर पर'' सेलिंग करना।
8 ) एवरेजिंग (Averaging)
एवरेजिंग मतलब ''थोड़ा-थोड़ा करके पैसा लगाना।''
9 ) शॉर्ट सेलिंग (Short Selling)
शॉर्ट सेलिंग स्ट्रेटेजी में हमारे पास ''शेअर्स ना होते हुए भी हम शेअर्स बेच सकते है।'' यह ट्रेड एक दिन के लिए होता है। डेरिवेटिव्स में कुछ दिनों के लिए कर सकते है।
10 ) ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss)
याने की ट्रेड में ''जैसे-जैसे प्रॉफिट बढ़ता है, वैसे-वैसे स्टॉप लॉस को भी आगे लाना।''
उपयुक्त जानकारी
हमने यह जाना
दोस्तों, हमने जाना की स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के शब्द कौन-कौनसे होतें है। और उनके अर्थ को समझा। इससे हम स्टॉक मार्केट के बारें में पढ़ते वक्त और न्यूज़ देखते वक्त उनके शब्दों का अर्थ समज़ने में आसानी होती है।