डिजिटल मुद्रा

अजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह विधेयक के पारित होने से आरबीआइ पहले एक पायलट प्रोजेक्ट और बाद में सीबीडीसी (CBDC) जारी करने में सक्षम हुआ है। चौधरी डिजिटल मुद्रा ने फिक्की द्वारा आयोजित 'पिकप फिनटेक कॉन्फ्रेंस एंड अवार्ड्स' में बोलते हुए कहा, "RBI थोक और खुदरा दोनों क्षेत्रों में एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के चरणबद्ध कार्यान्वयन पर काम कर रहा है।" भारत की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है। यह किसी निजी कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट में से किसी एक से जुड़ेगी। आरबीआइ की योजना के अनुसार, CBDC एक ऐसी डिजिटल मुद्रा होगी, जो हर जगह स्वीकार्य होगी।
e-rupee Digital Currency: RBI ई-रुपये पर जल्द करेगा पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च, देखें क्या है नया अपडेट
By: ABP Live | Updated at : 07 Oct 2022 05:41 PM (IST)
ई रुपया डिजिटल मुद्रा
E-Rupee Digital Currency In India: भारत में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) को लेकर परीक्षण में जुटा हुआ है. आपको बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 7 अक्टूबर शुक्रवार को डिजिटल रुपये (Digital Rupee) पर डिजिटल मुद्रा कॉन्सेप्ट नोट जारी कर दिया है. बैंक पिछले कई महीनों से केंद्रीय बैंक की ओर से डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की तर्ज पर डिजिटल रुपये- Central Bank Digital Currency (CBDC) को लेकर परीक्षण कर रहा है. इस बारे में सेंट्रल बैंक (Central Bank) का कहना है कि वह जल्द ही ई-रुपये पर पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाला है. यह पायलट प्रोजेक्ट इस डिजिटल रुपये के कुछ खास इस्तेमाल के लिए शुरू होगा.
डिजिटल मुद्रा (रुपया) – थोक खंड का पहला प्रायोगिक परिचालन का शुभारंभ
प्रश्न – डिजिटल मुद्रा (रुपया) – थोक खंड (ई ` – w) के प्रायोगिक परिचालन से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
(1) 1 नवंबर, 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके पहले प्रायोगिक परिचालन का शुभारंभ किया।
(2) इस प्रायोगिक परिचालन में भाग लेने के लिए 12 बैंकों की पहचान की गई है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (1)
(b) केवल (2)
(c) (1) और (2) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (a)
संबंधित तथ्य –
Digital Currency: डिजिटल करेंसी के जरिए खाड़ी देशों से बन रहा है चीन का मजबूत रिश्ता
चीन की डिजिटल करेंसी परियोजना में खाड़ी देशों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। खास कर यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ऐसा देखा गया है। चीन सरकारी तौर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश इस वर्ष बना था। बीजिंग में हुए विंटर ओलिंपिक खेलों के दौरान उसने औपचारिक रूप से डिजिटल युवान जारी किया, जिसे ई-युवान के नाम से जाना जाता है।
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक ई-युवान दुनिया में किसी सेंट्रल बैंक से संचालित सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रही डिजिटल मुद्रा है। चीन में 25 करोड़ लोग इसके जरिए लेन-देन कर रहे हैं। आम तौर पर चीन के अंदर इसका इस्तेमाल खुदरा खरीद-बिक्री के लिए होता है। वैसे चीन के सेंट्रल बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले साल ही ये घोषणा कर दी थी कि ई-युवान एक से दूसरे देश में होने वाले लेन-देन संबंधी भुगतान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
विस्तार
चीन की डिजिटल करेंसी परियोजना में खाड़ी देशों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। खास कर यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ऐसा देखा गया है। चीन सरकारी तौर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश इस वर्ष बना था। बीजिंग में हुए विंटर ओलिंपिक खेलों के दौरान उसने औपचारिक रूप से डिजिटल युवान जारी किया, जिसे ई-युवान के नाम से जाना जाता है।
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक ई-युवान दुनिया में किसी सेंट्रल बैंक से संचालित सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रही डिजिटल मुद्रा है। चीन में 25 करोड़ लोग इसके जरिए लेन-देन कर रहे हैं। आम तौर पर चीन के अंदर इसका इस्तेमाल खुदरा खरीद-बिक्री के लिए होता है। वैसे चीन के सेंट्रल बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले साल ही ये घोषणा कर दी थी कि ई-युवान एक से दूसरे देश में होने वाले लेन-देन संबंधी भुगतान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
RBI Digital Currency: देश में जल्द शुरू होगी डिजिटल करेंसी, थोक और खुदरा क्षेत्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से हो रहा है काम
RBI Digital Currency सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने के साथ ही आरबीआइ अपनी डिजिटल करेंसी को जल्द से जल्द बाजार में उतारने की तैयार में है। उम्मीद की जा रही है कि 2023 में इसकी शुरुआत हो जाएगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा योजना (Central Bank Digital Currency) को चरणबद्ध तरीके से थोक और खुदरा क्षेत्र में लागू करने की प्रक्रिया में है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के कार्यकारी निदेशक (फिनटेक) अजय कुमार चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में सीबीडीसी (CBDC) को शुरु करने की घोषणा की गई थी। वित्त विधेयक 2022 में इसके लिए आरबीआई अधिनियम, 1934 के जरूरी भागों में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
क्या है RBI का ‘डिजिटल रुपया', बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे डिजिटल मुद्रा है अलग
देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ (e₹) का पहला पायलट परीक्षण 1 नवंबर से शुरू डिजिटल मुद्रा हो गया. केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है. इस परीक्षण में बैंक, सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुरू ‘डिजिटल रुपये’ के पहले पायलट परीक्षण में ICICI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने मंगलवार को सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए हिस्सा लिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) का इस्तेमाल करते हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को जीएस 2027 प्रतिभूतियां बेचीं. डिजिटल रुपये डिजिटल मुद्रा के साथ कुल मिलाकर 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे हुए. भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये (थोक खंड) (e₹-W) के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया.
आखिर क्या है डिजिटल रुपया उर्फ CBDC
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency or CBDC) है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी. 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया था. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. डिजिटल रुपया, डिजिटल रूप में नकद रुपए-पैसे की ही तरह है. इसका उपयोग संपत्ति जमा करने के साधन के बजाय लेनदेन की मुद्रा के रूप में किया जाएगा. CBDC को फिजिकल तौर पर नष्ट, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है.
जिस देश का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी को जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है. यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है. इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है.
लीगल टेंडर है डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर है. CBDC के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक RBI का बैकअप रहेगा. यह आम मुद्रा यानी फिएट मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में होगा. फिएट मुद्रा, सरकार द्वारा जारी की जाने वाली करेंसी को कहा जाता है. इसलिए एक डिजिटल मुद्रा प्रकार से कह सकते हैं कि डिजिटल रुपया, सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा. डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा. जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBDC से भी आप लेनदेन कर सकेंगे. सरल शब्दों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हम अपने सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे, बस रुपये-पैसे डिजिटल फॉर्म में होंगे.
– रिटेल (CBDC-R): रिटेल CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है. इसलिए दोनों में कन्फ्यूज न हों. सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है. डिजिटल रुपये को केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट या वर्चुअल एसेट है. यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की योजना है. आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. डिजिटल रुपये (थोक खंड) के पहले पायलट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है.