क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं

कई वित्तीय विशेषज्ञ इस बात पर गौर करते हैं कि विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण और सेवाओं में निवेश करने का यह सही समय है. साथ ही यह अवधि भारत के पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी.
फर्जी आनलाइन पाठ्यक्रमों क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के नाम पर काले धन को सफेद बनाने का खेल
हाल में ही कोलकाता स्थित केनरा बैंक की ब्रांच की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
१. आनलाइन पाठ्यक्रमों के काम में लिप्त दो कंपनियों के खाते बैंक में खुलवाए गए.
२. यह खाते फर्जी केवायसी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए.
३. जब कंपनियों के खाते में बड़े संदिग्ध लेनदेन हुए तो बैंक प्रशासन ने इसकी जांच की तो पाया कागजात फर्जी है.
४. बैंक द्वारा पुलिस शिकायत के बाद पता चला कि एक पैशेवर और उसके भाई द्वारा सारा लेनदेन किया जा रहा है.
५. बीस करोड़ रुपए बैंक खाते में जमा मिलें और इसके अलावा लगभग कैश ८ करोड़ रुपए इन लोगों के घर और कार में मिलें. इसके अलावा ज्वैलरी हीरे जवाहरात अलग मिलें.
६. दोनों भाई फरार है और खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.
Dollar Vs Rupee: रुपया में गिरावट रोकने के लिए 100 अरब डॉलर तक खर्च कर सकता है RBI
RBI रुपया में गिरावट रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा खर्च कर सकता है। हाल में डॉलर के मुकाबले रुपया में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। यह गिरकर 80 के लेवल के पार जा चुका है। RBI से जुड़े सूतों ने रायटर्स को बताया है कि RBI रुपया को संभालने के लिए Forex Reserve का छठा हिस्सा खर्च करने को तैयार है।
2022 में रुपया 7 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। मंगलवार को यह 80 के पार निकल गया था। सूत्रों ने बताया है कि अगर RBI ने रुपया को गिरने से बचाने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता तो इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिली होती।
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इंडिया के विदेशी मुद्रा भंडार में पहले ही बड़ी गिरावट आ चुकी है। पिछले साल सितंबर की शुरुआत में विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 अरब डॉलर था। तब से यह 60 अरब डॉलर से ज्यादा गिर चुका है। इस गिरावट के बावजूद इंडिया का फॉरेक्स रिजर्व दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व है। इससे आरबीआई को इस बात का भरोसा है कि रुपया में ज्यादा गिरावट को रोकने के लिए वह इसका बड़ा हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है।
सूत्र ने बताया, "RBI ने यह दिखाया है कि रुपये में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए वह अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर सकता है। उसके पास साधन है और उसने इसका इस्तेमाल करने की इच्छा जाहिर क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं कर चुका है। अगर जरूरत पड़ी तो रुपया का गिरने से बचाने के लिए आरबीआई 100 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च कर सकता है।"
इंडोनेशिया-
एशिया में बसा देश इंडोनेशिया बेहद शांत और खूबसूरत शहर है। भारत का एक रुपया इस देश में करीब 190 इंडोनेशियान रुपये के आसपास होता है, जिससे आप जान सकते हैं कि यहां की ट्रिप के लिए प्लान करना आपके लिए काफी पॉकेट फ्रेंडली होगा। यह देश अपने बीचेज के लिए काफी मशहूर हैं, यहां जाने के लिए भारतीय लोगों को मुफ्त वीजा मिल जाता है। इस कारण यहां भारतीय ट्रैवलर्स का आना- जाना लगा रहता है। यहां पर कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, मगर बाली नाम की जगह यहां की सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।
अल्जीरिया-
अल्जीरिया एक अफ्रीकी देश है। जहां पर आपका घूमना काफी बजट फ्रेंडली हो सकता है। इस देश में आपको कई प्राकृतिक खूबसूरत जगहें देखने को मिलती हैं। कोविड सिचुएशन नॉर्मल होने के बाद आप इस देश की ट्रिप का प्लान बना सकती हैं। भारत का एक रुपया इस देश करीब 1.87 दिनार के आसपास है। यहां की खूबसूरत जगहों को घूमने के लिए आपको ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कंबोडिया-
कंबोडिया अपने खूबसूरत समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। यहां की कॉलोनियल बिल्डींग्स और विशाल पत्थरों से बना अंगकोट मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह एक हिंदू मंदिर है जिस कारण कंबोडिया में हिंदू टूरिस्ट ज्यादा आया करते हैं। बता दें कि भारत का एक रुपया 53.75 कंबोडिया करेंसी के आसपास है। जिस कारण यहां कि ट्रिप हमारे लिए प्लान करना काफी सस्ता होगा।
पैराग्वे-
यह एक लैंड लॉक देश है, जो कि साउथ अमेरिका में स्थित है। यहां घूमने के लिए कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, जिस वजह से यह देश दुनिया भर में मशहूर है। भारत का एक रुपया यहां के 90.83 पैरागुएआन गुआरानी है। यहां पर आपको खूबसूरत झरने देखने को मिलते हैं आप यहां पर जाकर एक सुकून और सस्ती ट्रिप को एंजॉय कर सकती हैं।
रुपये में डॉलर के मुकाबले उछाल, जानिए इससे क्या होगा आपको फायदा
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Nov 15, 2022 | 6:54 PM
रुपये में पहले के मुकाबले कुछ तेजी देखी जा रही है. यहां तेजी की बात डॉलर बनाम रुपये की हो रही है. रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 17 पैसे मजबूत होकर 81.11 पर बंद हुआ. यह तेजी इसलिए दिख रही है क्योंकि घरेलू आर्थिक मोर्चे पर विकास अच्छा दिख रहा है जबकि अमेरिकन करेंसी डॉलर में कुछ नरमी आई है. रुपये में मजबूती के पीछे विदेश फंड की आमद और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को वजह माना जा रहा है. इन दोनों फैक्टर का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलता दिख रहा है.
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एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये का मतलब क्या है?
जब यह कहा जाता है कि रुपया 80 डॉलर के निचले स्तर पर आ गया है, तो इसका मूल रूप से मतलब है कि किसी को एक डॉलर खरीदने के लिए 80 रुपये की जरूरत होती है.
न केवल अमेरिकी सामान बल्कि अन्य सामान और सेवाएं (कच्चा तेल कहते हैं) खरीदते समय यह महत्वपूर्ण है.
रुपया गिरने का कारण
अधिकांश अन्य मुद्राओं की तरह, अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारत की मुद्रा का मूल्य नीचे चला गया है. 30 दिसंबर 2014 को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 63.33 थी. 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 80 के स्तर को पार कर गयी.
इस गिरावट के कई कारण हैं जैसे कि मुद्रास्फीति, चीन में लंबे समय तक COVID-19 लॉकडाउन, प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक कड़े अभियान और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान.
इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो पूंजी का बहिर्वाह भी भारतीय क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं मुद्रा में मूल्यह्रास भी एक प्रमुख कारण है. अमेरिका में भारत की तुलना में बहुत तेज दर से ब्याज दरों में वृद्धि के कारण कई विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से हाथ खींच लिया है.