टेक्निकल एनालिसिस का आधार

मुख्य क्रिप्टोकरेंसी

मुख्य क्रिप्टोकरेंसी
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ईथर (ETH) क्या है?

एव में एक ईथर (ETH) ग्लिफ़ में अद्भुत कार्य करने वाले लोगों के समूह का चित्रण

कुछ इथेरियम खरीदना चाहते हैं? इथेरियम और ETH को मिलाना आम है। इथेरियम ब्लॉकचेन है और ETH इथेरियम की प्राथमिक संपत्ति है। ETH वह है, जिसे आप शायद खरीदना चाहें। इथेरियम के बारे में अधिक जानकारी .

ETH के बारे में क्या अनोखा है?

इथेरियम पर कई क्रिप्टोकरेंसी और बहुत सारे अन्य टोकन हैं, लेकिन कुछ चीजें हैं, जो मुख्य क्रिप्टोकरेंसी केवल ETH से ही कर सकते हैं।

ETH, इथेरियम को मज़बूती देता है और सुरक्षित करता है

ETH इथेरियम की जीवनदायिनी है। जब आप ETH भेजते हैं या इथेरियम एप्लिकेशन का उपयोग करते हैं, तो इथेरियम नेटवर्क का उपयोग करने के लिए आपको ETH में शुल्क देना होगा। यह शुल्क ब्लॉक निर्माता के लिए प्रोत्साहन है, जो उन्हें आपके काम को संसाधित और सत्यापित करने के लिए दिया जाता है।

मौजूदा समय में, माइनर इथेरियम के रिकॉर्ड-कीपर की तरह काम करते हैं—वे इस बात की जाँच करते हैं और साबित करते हैं कि कोई धोखाधड़ी नहीं कर रहा है, और लेन-देन के ब्लॉक का प्रस्ताव देने के अधिकार के लिए काम करते हैं। यह काम करने वाले माइनर को कुछ नए जारी हुए ETH से पुरस्कृत भी किया जाता है।

माइनर, जो काम करते हैं, उससे इथेरियम को सुरक्षित और केंद्रीकृत नियंत्रण से मुक्त रखा जाता हैं। दूसरे शब्दों में ETH, इथेरियम को मज़बूती प्रदान करता है .

ETH कहां से प्राप्त करें

आप ETH को एक्सचेंज या वॉलेट से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन विभिन्न देशों की अलग-अलग नीतियां हैं। उन सेवाओं को देखने के लिए जांचें, जो आपको ETH खरीदने की अनुमति देंगी।

ETH का मूल्य क्यों है?

विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग तरीकों से ETH का मूल्य होता है।

इथेरियम के उपयोगकर्ताओं के लिए, ETH मूल्यवान है क्योंकि यह आपको लेनदेन शुल्क का भुगतान करने देता है।

अन्य मुख्य क्रिप्टोकरेंसी इसे मूल्य के डिजिटल स्टोर के रूप में देखते हैं क्योंकि नए ETH का निर्माण समय के साथ धीमा हो जाता है।

हाल ही में, ETH, इथेरियम पर वित्तीय ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिए मूल्यवान हो गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप क्रिप्टो ऋणों के मुख्य क्रिप्टोकरेंसी लिए या भुगतान प्रणाली के रूप में ETH को संपार्श्विक के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

बेशक कई इसे बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी के समान निवेश के रूप में भी देखते हैं।

Cryptocurrency Crash: Bitcoin की कीमत 25,000 डॉलर के नीचे, दूसरी करेंसी भी धड़ाम, जानिए, क्यों आई गिरावट

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Updated on: June 13, 2022 16:16 IST

Cryptocurrency Crash- India TV Hindi News

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Highlights

  • शेयर बाजारों के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की भी हालत खराब
  • सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में 5 फीसदी से लेकर 18 फीसदी तक गिरावट
  • बिटक्वॉइन की वैल्यू 20,000 डॉलर तक गिरने का अनुमान लगा रहें विशेषज्ञ

Cryptocurrency Crash: शेयर बाजार के साथ Cryptocurrency मार्केट में भूचाल आ गया है। Bitcoin की कीमत गिरकर 24,035.4 डॉलर तक पहुंच गई है। यह इसका 18 महीने का निचला स्तर है। बिटक्वाइन समेत दूसरी सभी क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। दूसरी बड़ी क्रिप्टो Ethereum 15.61 फीसदी गिरकर 1241 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। Cardano, Solana, XRP समेत तताम दूसरी क्रिप्टोकरेंसी 18 फीसदी तक टूटे हुए हैं। आखिर, क्या वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

Cryptocurrency

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अनिश्चितता बढ़ी

बाजार के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में अनिश्चितता बढ़ी है। इससे निवेशक डरे हुए हैं और वो बिकवाली कर रहे हैं। गौरतलब है कि भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एक केंद्रीकृत नियामक प्राधिकरण के अभाव में ‘कैरिबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी है। इसके बाद से निवेशकों में और चिंता बढ़ी है।

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि जल्द पेश की जाने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) से निजी डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन को लेकर जो थोड़ा बहुत भी मामला बनता है, वह ‘समाप्त’ हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र लाने की मुख्य क्रिप्टोकरेंसी तैयारी कर रही है। शंकर ने ‘स्टेबल कॉइन’ पर भी आपत्ति जताई है जिसे एक प्रकार की मुद्रा कहा जाता है। रिजर्व बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का पुरजोर विरोध करता रहा है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि इन तरह की ‘करेंसी’ का कोई अंतनिर्हित मूल्य नहीं है, इसकी प्रकृति ‘सट्टेबाजी’ की है।

मुख्य क्रिप्टोकरेंसी

धन महोत्सव

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: क्रिप्टो
  • Reading time: 3 mins read

वर्तमान समय मुख्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की दृष्टि से क्रिप्टोकरेंसी सबसे लोकप्रिय शब्द है। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक है।

क्रिप्टो में निवेश करने के कई तरीके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी दो मुख्य प्रकार की होती है, यदि नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार (Types of Cryptocurrencies)

मुख्य रूप से दो प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी होती है सार्वजनिक और निजी (Public और Private Cryptocurrency)।

निवेश के लिए इन दोनों में अंतर जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि भविष्य में आपके निवेश का रिटर्न इसी पर निर्भर करता है।

आइए जानते हैं निजी और सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर के बारे में।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी (Public Cryptocurrency)

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं जिसके लेनदेन एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं और पूरी तरह से पारदर्शी होते मुख्य क्रिप्टोकरेंसी हैं।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में यह पता लगाया जा सकता है कि मुद्रा किस-किस के पास से होकर गुजरी है, ताकि कोई कर (टैक्स) चोरी और काले धन की कालाबाजारी ना कर सके।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में आपका निवेश भी इसकी पारदर्शिता के कारण सुरक्षित माना जाता है।

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन के चलते बाजार में हर दिन नई क्रिप्टोकरेंसी लिस्ट हो रही है।

हम आपको पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी के कुछ उदाहरण (Examples of public and private cryptocurrencies) बता रहे हैं जो आपके क्रिप्टो निवेश के लिए लाभदायक हो सकते है।

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. बिटकॉइन (Bitcoin)
  2. ईथर (Ether)
  3. एक्सआरपी (XRP)
  4. कार्डानो (Cardano)
  5. टेलर (Taylor)
  6. लाइटकॉइन (Litecoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. मोनेरो (Monero)
  2. दश (Dash)
  3. ज़कैश (Zcash)
  4. वर्ज (Verge)
  5. बीम (Beam)
  6. बाइटकोइन (Bytecoin)
  7. फ़िरो (Firo)
  8. बीटीसीएक्स इंडिया (BTCX India)
  9. डेल्टा (Delta)
  10. यूकोइन (Ucoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं (Features of Private Cryptocurrency)

  • उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनी रहती है और डेटा सुरक्षित रहता है।
  • निवेशक सुरक्षा के लिहाज से निजी क्रिप्टोकरेंसी को बहुत अच्छा माना जाता है।
  • ये उपयोगकर्ता के निवेश और पते का खुलासा करने की अनुमति नहीं देते हैं।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक निजी ब्लॉकचेन के आधार पर चलती है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट टोकन भी कहा जाता है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी काले धन को बढ़ावा दे सकती है।
  • मुख्य क्रिप्टोकरेंसी
  • सरकार का पूर्ण नियंत्रण न होने से धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।
  • इसलिए सरकार इसे नियंत्रित करना चाहती है और लोगों के लिए इसे आसान बनाना चाहती है।

क्रिप्टो करेंसी दो प्रकार की होती हैं, सार्वजनिक और निजी, दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उनके बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए।

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया मुख्य क्रिप्टोकरेंसी टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

भारत में बिटकॉइन बैन, जानिए क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और केंद्र सरकार का रुख

bitcoin ban in india

हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टोकुरेंसी पर एक ही पृष्ठ पर नहीं थे। एक ऐसा क्षेत्र मुख्य क्रिप्टोकरेंसी जो पिछले कुछ महीनों में चुपचाप भारत में खिल रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उस दिन एक मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद भारत में डिजिटल टोकन और इसके क्रेज के बारे में केंद्रीय बैंक की चिंताओं को दोहराया। दूसरी ओर, मोदी सरकार और उसके विभागों ने पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बजाय, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर एक मजबूत नियामक नियंत्रण पर विचार किया। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है यह कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी। इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरंदेशी होंगे। (bitcoin ban in india )

क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा

बिटकॉइन की कीमतों मुख्य क्रिप्टोकरेंसी में अचानक उछाल के बाद भारत में लोकप्रियता हासिल करने के बाद से आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को बार-बार दोहराया है। केंद्रीय बैंक का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। आरबीआई ने उन पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह जताया। दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा था कि वे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं।

भारतीय रुपये के लिए संभावित खतरे के लिए आरबीआई मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंतित है। यदि बड़ी संख्या में निवेशक भविष्य निधि जैसे रुपये आधारित बचत के बजाय डिजिटल सिक्कों में मुख्य क्रिप्टोकरेंसी निवेश करते हैं, तो बाद की मांग गिर जाएगी। इससे बैंकों की अपने ग्राहकों को पैसा उधार देने की क्षमता में बाधा आएगी। इसके अलावा, चूंकि देश में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं और उनका पता लगाना मुश्किल है, इसलिए सरकार भी इस राशि पर कर नहीं लगा पाएगी, जिससे रुपये को खतरा हो सकता है। उसके ऊपर, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। (bitcoin ban in india ) क्रिप्टो निवेशक, इन सभी कारणों से, हैकिंग, घोटाले और नुकसान के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि क्रिप्टो सिक्के प्रकृति में अस्थिर होते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के सर्कुलर को रद्द किया

2018 में RBI ने घोषणा की थी कि बैंक भारत में क्रिप्टो उद्योग की प्रगति को रोकते हुए, क्रिप्टोकरेंसी में सौदे नहीं कर पाएंगे। हालांकि मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी 2021 में केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था। फैसलों के बारे में घोषणा अगले महीने होने की उम्मीद है।लेकिन आगे का रास्ता क्या है? हालांकि आरबीआई का रुख सख्त बना हुआ है, लेकिन वह वास्तव में डिजिटल मुद्रा के साथ आने की संभावनाएं तलाश रहा है। पीटीआई के अनुसार, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के सामने, आरबीआई ने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने की अपनी मंशा की घोषणा की थी।

निजी डिजिटल मुद्राओं/आभासी मुद्राओं/क्रिप्टो मुद्राओं ने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। यहां, नियामकों और सरकारों को इन मुद्राओं के बारे में संदेह है और वे संबंधित जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। तमाम सीमाओं और संभावित जोखिमों के बावजूद, अधिक से अधिक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। अक्टूबर में एक अखबार के विज्ञापन में दावा किया गया था कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया गया है। लेकिन लोगों की संख्या को लेकर विरोधाभास है। ब्रोकरचूजर्स ने इस आंकड़े की गणना 100.7 मिलियन की है, जबकि वज़ीरएक्स के सीईओ निशाल शेट्टी ने कहा कि देश में लगभग 15-20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक थे। ( bitcoin ban in india )

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