इंट्रा डे ट्रेडिंग

आज के टॉप इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक्स जिनमें हो सकती है जोरदार कमाई
निफ्टी के लिए 17,500 और 17,650 पर रजिस्टेंस दिख रहा है। निफ्टी के लिए 17,200 पर इमीडिएट सपोर्ट दिख रहा है।
कल के कारोबार में NSE पर वॉल्यूम हालिया औसत के अनुरूप ही रही। बाजार को कल पावर, ऑयल एंड गैस और कैपिटल गुड्स से सहारा मिला था।
सोमवार की भारी गिरावट के बाद मंगलवार को भारतीय बाजार कंसोलीडेशन के मोड में जाते दिखे। कल इंट्रा डे ट्रेडिंग के कारोबार में निफ्टी 43 अंक टूटकर 17,324 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, सेंसेक्स 166 अंक गिरकर 58,117 के स्तर पर बंद हुआ। Nifty Bank भी कल 31 अंक गिरकर 36,893 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार जानकारों का कहना है कि अच्छी गिरावट के बाद इस तरह का ट्रेड पैटर्न ट्रेंड रिवर्सल का संकेत दे रहा है। लेकिन उनका ये भी कहना है कि इस ट्रेंड रिवर्सल की पुष्टि का इंतजार किया जाना चाहिए।
कल के कारोबार में NSE पर वॉल्यूम हालिया औसत के अनुरूप ही रही। बाजार को कल पावर, ऑयल एंड गैस और कैपिटल गुड्स से सहारा मिला था। वहीं, telecom, FMCG और auto शेयरों पर दबाव दिखा था। BSE Small-cap index सपाट बंद हुआ था। वहीं, Mid-cap index 0.37 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
बाजार में क्या हो आज की इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति इस पर बात करते हुए HDFC Securities के नागराज शेट्टी का कहना है कि भारतीय बाजारों में सोमवार की गिरावट के बाद मंगवार को दिखा कंसोलीडेशन आगे आने वाले कारोबारी इंट्रा डे ट्रेडिंग सत्रों में मजबूत तेजी लौटने का संकेत हो सकता है। निफ्टी के लिए 17,500 और 17,650 पर रजिस्टेंस दिख रहा है। निफ्टी के लिए 17,200 पर इमीडिएट सपोर्ट दिख रहा है।
intraday trading : जानिए इंट्रा डे ट्रेडिंग क्या है
इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading), जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (Same day ) में की जाने वाली खरीद और बिक्री (share purchase & Sale), एक शेयर (Share ) को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है।
इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) की खास बातें :
1- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा।
2- इंट्रा डे ट्रेडिंग में सभी ब्रोकर्स अपने ग्राहकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए MARGIN MONEY देते है,
जैसे अगर आपके पास 10 हजार रूपये है , और आपका ब्रोकर 10 गुना MARGIN MONEY दे रहा है, तो आप 10 हजार का 10 गुना यानी 1 लाख तक के शेयर खरीद और बेच सकते है।
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3- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है।
4- आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है, जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है।
5- शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होने पर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेजी के साथ होता है और नये निवेशक इसमें अक्सर करके फंस जाते हैं।
Author : Nitin Bansal
Disclaimer : यह केवल लेखक के विचार हैं । किसी भी नुकसान या फायदे के लिए लेखक या Aavaz.in उत्तरदायी नहीं होगा ।
इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें
शेयर बाजार (Share Bazaar) में इंट्रा-डे (Intra day) या एक ही दिन में खरीद-बिक्री करने का चलन बढ़ ही रहा है। डे-ट्रेडर (Day Trader) के लिए सही शेयरों का चयन सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें यदि थोड़ी-सी चूक हो जाए तो कुछ ही घंटों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे समय, शेयरों का सही विकल्प आपको औसत रिटर्न आन इनवेस्टमेंट आरओआई से अधिक कमाने में मदद कर सकता है।
इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें
प्ले इट सेफ- लिक्विड स्टॉक्स में ही ट्रेड करें
कभी सोचा है कि किसी खास दिन सही शेयर लेने के लिए एक ट्रेडर को दी गई सबसे अच्छी टिप क्या हो सकती है? आप इसे एक शब्द में लिख सकते हैं - लिक्विडिटी! लिक्विड स्टॉक का लाभ यह है कि आप उन्हें बड़ी मात्रा में खरीद सकते हैं और कीमत पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़े बिना भी बेच सकते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि कम लिक्विड स्टॉक को खरीदने वालों की संख्या ज्यादा नहीं होती और इसलिए अधिक मात्रा में खरीदने और बेचने का मौका नहीं मिल पाता। हालांकि, कुछ ट्रेडर्स का मानना है कि तेजी से कीमतों में बदलाव के कारण कम लिक्विड या जो शेयर लिक्विड नहीं होते, उनमें अधिक अवसर मिलते हैं। आंकड़े ऐसा नहीं कहते। यदि स्टॉक्स लिक्विड नहीं हैं तो कम अवधि में चालें बनती हैं। अधिकांश लाभ का फायदा नहीं उठा पाते और यह शेयर इसी तरह डाउनसाइड भी तेजी से फिसलते हैं।
अच्छे सहसंबंध वाले शेयरों में ट्रेडिंग करें
ऐसे शेयर चुनें जिनका प्रमुख सेक्टरों और सूचकांकों के साथ ज्यादा संबंध है। यह सलाह इंट्रा-डे ट्रेडर के लिए सबसे अच्छे सुझावों में से एक है। सही स्टॉक वे हैं जिनका प्रमुख क्षेत्रों और सूचकांकों के साथ उच्च सह-संबंध होता है। आप देखें, शेयर की कीमत इंडेक्स या सेक्टर के ऊपर जाने पर बढ़ती है। यह बताता है कि ग्रुप की इंट्रा डे ट्रेडिंग भावना के साथ कदम बढ़ाने वाले और सह-संबंध रखने वाले स्टॉक विश्वसनीय होते हैं और सेक्टर के अपेक्षित मूवमेंट को फॉलो करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है, तो यह अमेरिकी बाजारों पर निर्भर सभी इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) कंपनियों को प्रभावित करेगा। मजबूत रुपया आईटी कंपनियों के लिए कम कमाई का संकेत देता है। तद्नुसार, कमजोर रुपए का अर्थ है कि ऊपर उल्लेखित कंपनियों के लिए हायर एक्सपोर्ट इनकम।
रिसर्च के बाद ही चुनें अपने स्टॉक्स
क्वालिटी रिसर्च सही स्टॉक लेने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आप जिन शेयरों को ट्रेड करने जा रहे हैं, उनके बारे में जानने से ज्यादा भरोसेमंद कुछ नहीं हो सकता। दुर्भाग्य से, अधिकांश ट्रेडर स्टॉक चुनने से पहले पर्याप्त रिसर्च नहीं करते। यह या तो रिसर्च के महत्व के प्रति अज्ञानता के कारण हैं या लापरवाही की वजह से। ज्यादातर मामलों में ये दोनों कारण हैं। यदि आपके पास पर्याप्त जानकारी हो तो आपके ट्रेड की स्पीड बढ़ जाती है। आपकी क्षमता बढ़ जाती है। इंट्रा-डे ट्रेडर के रूप में आप निश्चित ट्रेडिंग घंटों में छोटे मूल्य में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर संपत्ति बना सकते हैं। इस प्रकार, एक अच्छा आरओआई हासिल करने के लिए त्वरित निर्णय लेना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
खुद ही चार्ट पढ़ने की क्षमता विकसित करें
आपको पता है कि इंट्रा-डे ट्रेडर के तौर पर कारोबार शुरू करने के लिए आपको पहले दिन से ही टेक्निकल चार्ट्स पर निर्भर रहना होगा और यदि आप उन चार्ट्स को खुद ही पढ़ने लगते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। बिजनेस की इस लाइन में आप चार्ट के माध्यम से मुश्किल फैसले ले सकते हैं। चार्ट यह समझने के लिए बैरोमीटर का काम करते हैं कि क्या हो रहा है, क्या काम करता है और क्या नहीं। इस तरह, चार्ट पढ़ने की क्षमता एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्किलसेट है। यह ध्यान में रखते हुए कि आपने चार्ट पढ़ने और समझने का कौशल विकसित किया है, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिन शेयरों पर आपने नजर रखी है, वह निश्चित चार्ट पैटर्न प्रोजेक्ट करते हैं। ऐसे स्टॉक में ट्रेड करना उचित नहीं है जिसके बारे में पर्याप्त इतिहास न हो और न ही आपको ऐसे शेयरों का विकल्प चुनना चाहिए जो एक स्पष्ट पैटर्न नहीं दिखाते हो। लंबे इतिहास वाले स्टॉक आपको किसी पैटर्न के दोहराने के पैटर्न और ट्रेड में मदद कर सकते हैं।
बाजार को चुनौती न दें- उस दिन के ट्रेंड के साथ चलें
बड़ी संख्या में व्यापारी विरोधाभासी परिदृश्यों को फॉलो कर सकते हैं। लेकिन, अधिकांश व्यापारिक दुनिया बाजार की लहरों की सवारी पसंद करती है। इस प्रक्रिया में बाजार में किसी ट्रेंड को पहचानकर और उसकी सवारी करके की जाती है। आपको एक स्पष्ट तस्वीर देने के लिए, जब आप नोटिस करते हैं कि मार्केट बढ़ रहा है, तो आपको उन शेयरों को चुनना चाहिए जो आपको अधिक विस्तारित अवधि के लिए अपनी पोजिशन होल्ड रखने की अनुमति देते हैं। इसके इंट्रा डे ट्रेडिंग विपरीत, यदि बाजार गिर रहा है, तो आपको छोटी पोजिशन पर विचार करना चाहिए।
इंट्रा डे ट्रेडिंग अलग तरह का है गेम
इंट्रा-डे ट्रेडिंग बिल्कुल ही अलग तरह का खेल है। टॉप पर बाहर आने के लिए, आपको उन नियमों और ट्रेंड्स को जानना होगा जो बाजार को परिभाषित करते हैं। सदियों पुरानी विद्या कहती है कि निरंतर ज्ञान हासिल करने की कोशिश आपके कौशल और जागरूकता को बढ़ाती है। संपूर्ण ट्रेड निष्पादित करने के लिए ज्ञान और कौशल का होना महत्वपूर्ण है। आखिरकार, आप मुनाफा कमाने के लिए ट्रेडिंग कर रहे हैं। जैसे, यह सुनिश्चित करने का पक्का तरीका है कि आप उन शेयरों के बारे में सब कुछ जान लें जो आप खरीदने और ट्रेड करने जा रहे हैं।
इंट्रा-डे ट्रेडिंग का मतलब जलती आग पर चलना
इंटरा डे ट्रेडर के पास समय का आभाव या समय सीमित होना (What is Intrasday Trading)
इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रेडर के सामने समस्या समय की होती है क्योंकि ट्रेडर को सौदा उसी दिन खरीदकर उसी दिन बेचना होता है जैसे की अपने कोई शेयर 10 रुपए में खरीदा और एक घंटे बाद कोई ऐसी खबर आई, जिससे बाजार में मुनाफावसूली शुरू हुई और आपका शेयर नीचे की ओर लुढ़कने लगा। मान लीजिये दोपहर 1 बजे तक वो शेयर 8 रुपए तक गिर गया और मार्किट बदन होता है 3:15PM पर बंद हो जाता है इसलिए आपको वो सौदा इससे पहले-2 आपको बेचना ही पड़ेगा क्योंकि कैरी फॉरवर्ड तो आप कर नही सकते और कोई भी मार्किट हो एक बार डाउन ट्रेंड चालू हो गया तो समझो की उसके ट्रेंड में फेरबदल होना काफी मुस्किल होता है (किसी खास परिस्थिति को छोडकर) क्योंकि इस बात का किसी को पत्ता नही होता की आपका शेयर कब अपट्रेंड में ट्रेड करे। इसलिए काफी ट्रेडर इंट्रा डे में लोस बुक करते हैं और अपनी पूंजी गवां बैठते हैं।
लॉन्ग टर्म की तरह इंटरा डे में एंट्री-एक्जिट प्वाइंट रामबाण की तरह (How to Put Slop Loss Exit Point In Intraday Trading)
इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला- एंट्री और एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद सौदा कीजिए। उसे बिलकुल मत बदलिए। एंट्री और एक्जिट प्वाइंट को अनुमान के आधार पर नहीं बल्कि विश्लेषण के आधार पर निश्चित कीजिए। दूसरा- इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय हमेशा आपकी उंगली स्टॉप लॉस के बटन पर होनी चाहिए। जैसे ही आपने सौदा किया, फौरन स्टॉप लॉस सेट कर दीजिए। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि आपने स्टॉप लॉस लगाने में सुस्ती दिखाई और कुछ ही इंट्रा डे ट्रेडिंग इंट्रा डे ट्रेडिंग मिनट के अंदर बाजार ने यू टर्न ले लिया। और जितनी देर में आप चाय पीकर वापस लौटे तो पता चला कि शेयर की कीमत आपके स्टॉप लॉस से भी दो फीसदी नीचे चली गई। ऐसी सूरत बड़ी खतरनाक होती है क्योंकि मुनाफा तो दूर, आप मनचाहे स्टॉप लॉस के प्वाइंट पर भी सौदा नहीं निपटा सकते हैं।
इंट्रा-डे में जोखिम क्यों ज्यादा होता है (Why Intraday Trading is Risky)
यहां कहने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि इंट्रा डे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। लेकिन सोते जागते हमेशा याद रखिए इंट्रा डे सबसे मुश्किल और सबसे जोखिम भरी ट्रेडिंग है। विडंबना है कि इसमें शामिल ट्रेडर्स का एक बड़ा तबका इंट्रा डे ट्रेडिंग की तकनीक और जानकारी से वंचित होता है। इंट्रा डे लुभावना दिखता है। इसलिए नौसिखिए और अनाड़ी इंट्रा डे ट्रेडिंग ट्रेडर्स बिना जानकारी के इसमें कूद पड़ते हैं। वे इसे वन-डे लॉटरी की तरह समझते हैं। जब तक अक्ल खुलती है तब तक वे अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा गंवा चुके होते हैं। इसलिए मेरी सलाह है कि नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं तभी इंट्रा डे के मैदान में आएं।
क्यों न करें नये निवेशक इंट्रा डे ट्रेडिंग? (What do or don;t when trading intraday trding)
नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा-डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं, तभी इंट्रा-डे के मैदान में आएं। तो ट्रेडिंग में हाथ जलने की संभावना कम रहेगी। इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला, एंट्री व एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद ही सौदा कीजिए और दूसरा, ट्रेडिंग के समय हमेशा उंगली स्टॉप लॉस तय करने के लिए बटन पर हो और एक अहम महत्वपूर्ण बात कभी भी ओवर ट्रेडिंग न करे। मान लिजिय आपके पास 100 रूपये हैं और आप आपको लगता है की आप इंटर डे ट्रेडिंग कर सकते हो तो पूरी प्लानिंग के साथ करे कितने टाइम लिमिट लेना है कितने प्रतिशत स्टॉप लोस निर्धारित करना।