Bitcoin पर आय

Budget 2022: अब Cryptocurrency पर भी लगेगा 30% का टैक्स, जानिए कैसे कर सकते हैं इसमें निवेश
Tips to Invest Cryptocurrency: किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको क्रिप्टो अकाउंट (Crypto Account) में पैसे की जरूरत पड़ती है. इसलिए अपने अकाउंट को बैंक अकाउंट से जोड़ना बहुत जरूरी कदम है.
By: ABP Live | Updated at : 01 Feb 2022 01:42 PM (IST)
How Invest in Cryptocurrency: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने देश के सामने वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए बजट संसद में पेश किया है. वित्त मंत्री का यह बजट भाषण करीब 90 मिनट का रहा जिसमें उन्होंने विभिन्न सेक्टर्स के लिए अलग-अलग कई ऐलान किए हैं. अपने भाषण में वित्त मंत्री में ऐलान किया कि वर्चुअल डिजिटल ऐसेट (Virtual Digital Asset) से आमदनी पर 30 फीसदी का टैक्स (30% Tax on Digital Assets) लगेगा. इससे यह साफ हो गया कि क्रिप्टोकरेंसी (Tax on Cryptocurrency) भी इसके दायरे में आ जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी से आय (Cryptocurrency Income Tax) पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने सरकार से वर्चुअल डिजिटल ऐसेट पर अपनी स्थिति को साफ करने की मांग कर रहे थें.
पिछले कुछ सालों में फाइनेंशियल मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इससे कम समय में निवेशकों को बड़ा लाभ मिला है. वहीं दुनिया के बड़े उद्योगपति जैसे जैक डोर्सी, एलन मस्क (Elon Musk) भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का समर्थन करते दिखे हैं. इस कारण रिटेल इन्वेस्टर्स भी इसमें बढ़ चढ़कर निवेश कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी इस वर्चुअल डिजिटल ऐसेट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो इसके बारे में सही जानकारी जरूर लें. इससे बाद में आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. तो चलिए हम आपको cryptocurrency में निवेश करने के तरीके के बारे में बताते हैं-
Crypto Exchange की सही तरह से करें पहचान
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले आप क्रिप्टो एक्सचेंज की पहचान जरूर कर लें. मार्केट में WazirX, CoinDCX और CoinSwitch Kuber आदि जैसे कई पॉप्युलर क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस सभी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को यूजर फ्रेंडली (User Friendly) बनाया गया है. इसकी मदद से आप अपने पैसे सही जगह पर निवेश कर सकते हैं. इसके साथ ही आप निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की भी मदद लें सकते हैं.
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सही तरीके से बनाएं अपना अकाउंट
आपको बता दें कि क्रिप्टो एक्सचेंज के बाद आपको सही तरीके से अपना अकाउंट क्रिएट (Cryptocurrency) करना बहुत जरूरी है. इस इस तरह तैयार करें जिससे यह काफी सिक्यॉर्ड हो. अकाउंट बनाने से पहले सिक्यॉर्ड अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज पर जाकर अकाउंट बनाने संबंधी जानकारी एकत्रित करें. इसके बाद कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद आपका Crypto अकाउंट खुल जाएगा.
बैंक अकाउंट से करें अपने अकाउंट को कनेक्ट
किसी भी तरह के Bitcoin पर आय निवेश के लिए आपको क्रिप्टो अकाउंट (Crypto Account) में पैसे की जरूरत पड़ती है. इसलिए अपने अकाउंट को बैंक अकाउंट से जोड़ना बहुत जरूरी कदम है. इससे आपको पैसे निवेश करने और निकालने में आसानी होगी.
इन वैल्यू वाली करेंसी में करें निवेश
इन सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सबसे पहले आप सही डिजिटल करेंसी का चुनाव करें. आप बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम, Cardano, Binance Coin, Tether आदि जैसे किसी भी करेंसी में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप एक्सपर्ट्स की सलाह ले सकते हैं. वैसे पूरी दुनिया में 5000 से भी Bitcoin पर आय ज्यादा डिजिटल करेंसी. इसलिए सही डिजिटल करेंसी में निवेश करना बहुत जरूरी है जो आपको बेहतर रिटर्न दे सकें.
Published at : 01 Feb 2022 01:42 PM (IST) Tags: Nirmala Sitharaman Budget 2022 Union Budget 2022 Virtual Digital Asset Crypto Tax हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Crypto Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 Bitcoin पर आय प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये रिपोर्ट.
Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST
Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.
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जानिए क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हर सवाल के जवाब
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.
इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे Bitcoin पर आय कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.
वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.
भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.
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Crypto पर बढ़ी आयकर विभाग की निगरानी, हवाला के जरिए भेजे जा रहे पैसे पर लगेगी लगाम
Crypto Assets: आयकर विभाग को हवाला के जरिए क्रिप्टो में निवेश की सूचना मिल रही है. जिसे लेकर विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है.
Crypto Assets: सरकार द्वारा क्रिप्टो पर टैक्स (Tax on Crypto) लगाने के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों ने इससे बचने के नए तरीके खोज लिए हैं. हालांकि आयकर विभाग की इन सभी पर नजर बनी हुई है. क्रिप्टो में निवेश करने वाले हवाला के जरिए पैसों को बाहर भेज रहे हैं, जहां इन पैसों से किसी और अकाउंट से Cryptocurrency की खरीद की जा रही है.
🌟📈कैश के बदले क्रिप्टो देने वालों पर इनकम टैक्स की नजर, निवेश के लिए हवाला के जरिए पैसे विदेश भेजने के मामले.
आयकर विभाग के सामने आए मामले
इस तरीके के दर्जनों मामले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के सामने आ चुके हैं. हवाला के जरिए दूसरे नाम से क्रिप्टो खरीदने वाली इन सभी कंपनियों पर विभाग की जांच चल रही है. कुछ लोग क्रिप्टो में निवेश करने के लिए फॉरेक्स मनी (Forex Money) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. दिल्ली, NCR, मुंबई, जयपुर और दक्षिण भारत के राज्यों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं.
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इन पर है सरकार की निगरानी
आयकर विभाग (IT Department) के रडार पर ऐसे कई बड़े ऑपरेटर्स हैं, जो इसमें डील करते हैं. इसमें टेरर फंडिंग (Terror Funding) की आशंका को लेकर होम मिनिस्ट्री को भी इसकी सूचना दी जा चुकी है. इन ऑपरेटर्स (Crypto Operators) के ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर है.
हर क्रिप्टो एक अलग एसेट, आयकर विभाग की नई गाइडलाइन
एक क्रिप्टो करेंसी के नुकसान को दूसरी क्रिप्टो से हुए मुनाफे में समायोजित नहीं किया जा सकता। हर क्रिप्टो एक अलग एसेट है। आयकर विभाग ने इस लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।समायोजित नहीं किया जा सकता:
एक क्रिप्टो करेंसी के नुकसान को दूसरी क्रिप्टो से हुए मुनाफे में समायोजित नहीं किया जा सकता। हर क्रिप्टो एक अलग एसेट है। आयकर विभाग ने इसे लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
समायोजित नहीं किया जा सकता: वरिष्ठ टैक्स सलाहकार सीए श्रेष्ठ गोधवानी ने कहा कि क्रिप्टो में किए गए निवेश को नुकसान और मुनाफे में समायोजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि 260 मामलों में करदाताओं ने बिटक्वाइन के मुनाफे को अन्य क्रिप्टो करेंसी के नुकसान में एडजस्ट कर दिया। इनकम टैक्स बचाने के लिए करदाताओं ने मुनाफा 70 फीसदी घटा कर दिखाया। 10 लाख से 1.40 करोड़ तक की कमाई की लेकिन घोषित केवल 40 लाख रुपए किए। बाकी धनराशि को अन्य क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश से हुए नुकसान से समायोजित कर दिया। अब इस खेल पर आयकर विभाग ने रोक लगा दी है।
एक लाख के मुनाफे पर टैक्स देना होगा: उन्होंने बताया कि अगर आपको बिटक्वाइन से एक लाख का मुनाफा हुआ और डॉजक्वाइन में 50 हजार रुपए का नुकसान हो गया तो आपको एक लाख के मुनाफे पर टैक्स देना होगा।
रिटर्न को अपडेट करने की छूट: सीए श्रेष्ठ गोधवानी ने बताया कि अपडेटेड रिटर्न का प्रावधान इस बजट में पेश किया गया था। एक असेसमेंट वर्ष के दो साल में रिटर्न अपडेट किया जा सकता है। अपडेटेड रिटर्न में आप उस आय को शामिल करते हैं जिसे आप पहले आईटीआर में शामिल करना भूल गए थे। उन्होंने बताया कि एसेसमेंट वर्ष 2020-21 की अवधि 31 मार्च को पूरी हो रही है। अब समय सीमा 30 सितंबर 2022 कर दी गई है।
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर Bitcoin पर आय है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने Bitcoin पर आय ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी Bitcoin पर आय अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को Bitcoin पर आय भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.