ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है?

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या हैं ?
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) का एक ऐसा तरीका है जो कम पैसों में आपको शेयर बाजार के फायदे / नुकसान से जोड़ सकता है क्योंकि यह शेयर मार्केट के डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) से आता है इसलिए इसमें भविष्य की एक तिथि निर्धारित होती है जो पूर्व निर्धारित रहती है इतने दिन तक यह कॉन्ट्रैक्ट जीवित रहता है
क्यों करें ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? ऑप्शन ट्रेडिंग ?
- ऑप्शन ट्रेड करने से आप कम पैसे में शेयर मार्केट का हिस्सा बन सकते हैं
- जोखिम कि इसमें सीमा होती है जो एक निश्चित प्रीमियम देकर आप शुरुआत कर सकते हैं
- इसमें आपको टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) की जरूरत होती है जो आपको सीखने के बाद कम समय में ज्यादा फायदा दिला सकता है
ऑप्शन के प्रकार
कॉल ऑप्शन
बाजार में खरीदने और बेचने वालों के बीच करार (कॉन्ट्रैक्ट) होता है जो खरीदने के लिए संबंधित स्टॉक की तेजी और बेचने वाले के मंदी के लिए होता है और जिस और संबंधित स्टॉक इंडेक्स जाता है वह कॉल राइटर बेचने वाले और खरीदने वाले बायर के मध्य नफा नुकसान का विकल्पों बनता है
पुट ऑप्शन
बाजार में खरीदने और बेचने वाले के बीच करार जो संबंधित स्टॉप कि मंदी बायर के लिए और फुट राइटर के लिए तेजी दर्शाता है पुट ऑप्शन कहलाता है
Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?
Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।
दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।
विस्तार
दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।
5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग है क्या? क्या हैं इसके फायदें? कौन कर सकता है ऑप्शन ट्रेडिंग? क्या हैं इसकी जरूरी शर्तें? इन सवालों के सभी जबाव 5 मिनट में .
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.
फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.
क्या है कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन
कॉल ऑप्शन तब इस्तेमाल होता है जब आपको लगता है कि किसी कमोडिटी में आप तेजी पर दांव लगाते हैं. काल ऑप्शन में आपको प्रीमियम भरना होता वहीं आपका अधिकतम नुकसान होता है. दूसरी ओर पुट ऑप्शन का इस्तेमाल तब होता है जब आपको लगता है कि बाज़ार में आगे मंदी के आसार है.
कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट में ऑप्शंस कैसे चलेगा?
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जो ऑप्शंस एक्सपायरी पर आउट ऑफ द मनी रह जाएंगे वे लॉस में कटेंगे. जिन ऑप्शन होल्डर्स के ऑप्शंस इन द मनी रहेंगे उनको अपनी पोजिशन प्रॉफिट में काटने या फिर उनको फ्यूचर्स पोजिशन में कनवर्ट करने की सहूलियत होगी.
सेबी ने यूरोपियन स्टाइल के ऑप्शंस लॉन्च को मंजूरी दी है
इक्विटी मार्केट के उलट कमोडिटी मार्केट में ऑप्शंस एक्सपायरी पर फ्यूचर्स प्राइस पर सेटल होंगे और ऑप्शन होल्डर को अपनी पोजिशन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में कनवर्ट करने का ऑप्शन होगा. इक्विटी मार्केट में एक्सपायरी पर ऑप्शन का सेटलमेंट स्टॉक या इंडेक्स के कैश यानी स्पॉट मार्केट रेट पर होता है. इक्विटी मार्केट में सेबी कैश मार्केट को रेगुलेट करता है जबकि एग्री कमोडिटी में सेबी कैश नहीं सिर्फ फ्यूचर्स को रेगुलेट करता है. यहां का कैश वाला कमोडिटी मार्केट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.
ट्रेडिंग अकाउंट होना है जरूरी
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपका पहले से फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं. अगर आप नया खाता खुलवा रहे हैं तो फ्यूचर की तरह ऑप्शन में कारोबार के लिए अलग से फार्म भरना पड़ेगा.
यह ट्रेडिंग खुलवाते समय जिस ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट खोल रहे है वह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल डेरेवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईक्स) का सदस्य जरूर हो. साथ ही बाज़ार में इस ब्रोकर की ठीक-ठीक पहचान हो. इसके लिए आप इन दोनों एक्सचेंज की बेवसाइट पर जाकर इन ब्रोकर्स के बारे जानकारी जुटा सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकउंट की आईडी मुहैया कराता. इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं. इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 बड़े फायदे
1-वायदा के मुकाबले कम रिस्क, रिटर्न ज्यादा
2- प्रीमियम पर टैक्स लगेगा इसलिए वायदा के मुकाबले टैक्स कम
3-हेजिंग का टूल होने से निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी
4-कमोडिटी में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी, कमोडिटी बाज़ार को बूस्टर मिलेगा
शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें।
Option Trading के बारे में विस्तार से जानने से पहले जानते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? ऑप्शन एक कॉन्ट्रेक्ट है जो विक्रेता द्वारा लिखा जाता है, जो खरीदार को अधिकार देता है कि वह भविष्य अपने कॉन्ट्रेक्ट को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं है। इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से बताया गया है। जानते हैं- शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें। Option tarding in stock market kya hai Hindi.
Option trading in Stock market
शेयर मार्किट में वैसे को बहुत सारे तरीके हैं पैसे कमाने के उन्ही में से एक तरीका ऑप्शन ट्रेडिंग भीं है। शेयर मार्किट एक्सपर्ट अक्सर रिटेल ट्रेडर को ऑप्शन मार्केट से दूर रहने की सलाह देते रहते हैं। लेकिन रिटेल ट्रेडर भी ऑप्शन मार्केट को अच्छे से समझकर और सीखकर इससे थोड़े समय में ही अच्छा पैसा कमा सकते हैं। Price Action क्या है?
ऑप्शन एक डेरिवेटिव प्रोडक्ट है, जिसमे आपको केवल प्रीमियम देना होता ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? है। जिसकी वैल्यू उसके Underlying asset में निहित होती है। डेरीवेटिव दो प्रकार के होते हैं- फ्यूचर एंड ऑप्शन। एक फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट आपको भविष्य की एक निश्चित तारीख (Expiry Date) को एक निश्चित मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है लेकिन ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में ऐसा नहीं है, ऑप्शन कंट्रेक्ट में आप निश्चित तारीख (Expiry date) पर आप सौदा पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
उदाहरण के द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग को समझें
Option trading in Stock market को एक उदाहरण के द्वारा इस तरह समझा जा सकता है- माना रमेश और आकाश दो दोस्त हैं। रमेश के पास दो बीघा जमीन है और वह उस जमीन को बेचना चाहता है। आकाश उस जमीन को खरीदना चाहता है, उस जमीन की कीमत मार्केट रेट के हिसाब से दस लाख रूपये है। आकाश दस लाख रूपये मैं उस जमीन को खरीदने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन आकाश के पास अभी पूरे पैसे नहीं है। एल्गो ट्रेडिंग क्या है?
इस वजह से दोनों के बीच एक महीने का कॉन्ट्रैक्ट साइन होता है, कॉन्ट्रैक्ट एक सितंबर से तीस सितंबर तक का होता है। रमेश आकाश से एक लाख रूपये टोकन अमाउंट ले कर एक रिसीप्ट बनाता है। जिसमे उन दोनों के बीच यह समझौता होता है कि आकाश बाकी के पैसे कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने तक रमेश को दे देगा।
रमेश यह जमीन कॉन्ट्रैक्ट का समय पूरा होने तक किसी और को नहीं बेचेगा यह कॉन्टेक्ट दोनों को मंजूर होती है। इस बीच जमीन के भाव में परिवर्तन हो सकता है, कांटेक्ट का समय पूरा होने तक जमीन के भाव मार्केट रेट से कम या ज्यादा भी हो सकते हैं।
यदि इस बीच जमीन के भाव दस लाख से बढ़कर बीस लाख रूपये हो जाते हैं। तो इसमें रमेश को नुकसान होगा अगर जमीन के भाव दस लाख रूपये से कम हो जाते हैं तो इसमें आकाश को नुकसान है। अगर आकाश कहता है कि मेरे एक लाख रूपये जाएं तो जाएं मुझे जमीन नहीं खरीदनी है तो आकाश ऐसा कर सकता है। उपर्युक्त उदाहरण में, तीस सितंबर एक्सपायरी डेट है, जमीन शेयर है, दस लाख रुपए शेयर का प्राइस है, एक लाख रुपए प्रीमियम है और दो बीघा क्वांटिटी है। स्टॉक चार्ट को कैसे समझें?
Option trading को ऑप्शन मार्केट भी बोल सकते हैं। ऑप्शन मार्केट एक हेजिंग बेस्ट प्रोडक्ट है. जैसे कि फ्यूचर मार्केट एक ट्रेडिंग बेस्ट प्रोडक्ट है। इसी तरह इक्विटी मार्केट एक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है। हेजिंग से आप दोनों तरफ की पोजीशन पर प्रॉफिट कमा सकते हैं, जब मार्केट ऊपर जाता है तब भी और जब मार्केट नीचे जाता है तब भी आप ऑप्शन के द्वारा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
ऑप्शन मार्केट में स्क्रिप्ट होती है उसका स्ट्राइक प्राइस होता है और उसका लॉट साइज और एक्सपायरी डेट होती है। इसमें भी तीन महीने तक और उससे भी ज्यादा की एक्सपायरी डेट होती है। सबसे कम समय की एक्सपायरी डेट एक सप्ताह की होती है जोकि प्रत्येक सप्ताह बृहस्पतिवार को एक्सपायर होती है। मंथली एक्सपायरी प्रत्येक महीने के आखिरी बृहस्पतिवार को होती है। लॉट में शेयरों की संख्या फिक्स होती है, इसमें निफ़्टी इंडेक्स और बैंक निफ़्टी इंडेक्स के भी लॉट होते हैं जिनमें सबसे ज्यादा ट्रेडिंग होती है। Stock Broker and Brokrage fee
Option trading के लिए शेयर लॉट में खरीदे और बेचे जाते हैं, जितने शेयर लॉट में होंगे आपको उतने ही शेयर खरीदने पड़ेंगे। ऑप्शन मार्केट में काम करने के लिए दो ऑप्शन होते हैं Call option और Putt option अगर आपका किसी शेयर या इंडेक्स को लेकर तेजी का रुख है तो आपको कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिए। इसी ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? तरह अगर किसी शेयर या इंडेक्स को लेकर आपका मंदी का है तो आपको पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए।
Call option और Putt option क्या हैं ?
Call option उसके होल्डर को शेयर खरीदने का अधिकार देता है, ऐसे ही Putt option उसके होल्डर को शेयर बेचने का अधिकार देता है। इसके लिए आपको शेयर की पूरी कीमत नहीं चुकानी पड़ती, उसका केवल प्रीमियम चूकाना होता है। Option trader कॉल और पुट ऑप्शन को बेच भी सकता है। यदि आप भविष्य में अपने कॉल ऑप्शन के खरीदने के अधिकार का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको उसकी सम्पूर्ण धनराशि ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? का भुगतान भी करना पड़ेगा, आपको यह बात भी ध्यान रखना चाहिए।
Option Trading में जोखिम भी शामिल होता है इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण समझने वाली बात यह कि ऑप्शन पुट और कॉल खरीदने में नुकसान लिमिटेड होता है। आपने जितने का पुट या कॉल खरीदा है ज्यादा से ज्यादा उतने का ही नुकसान हो सकता है। किन्तु अगर आपने पुट या कॉल को बेच दिया तो आपको अनलिमिटेड नुकसान हो सकता है। इसलिए पुट या कॉल ऑप्शन बेचने से पहले सौ बार सोचें।
उम्मीद है आपको शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें। Option tarding in stock market kya hai Hindi. पसंद आया होगा। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों से भी जरूर शेयर करें ताकि वह भी इससे लाभ उठा सकें। यदि आपके पास इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो कृपया कमेंट करके जरूर बताये। आप मुझे facebook पर भी फॉलो कर सकते हैं।
नए ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है? निवेशक ना करें फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग हो सकता है घटा
शेयर बाजार से कम समय में अधिक प्रॉफिट कमाने के चक्कर में छोटे निवेशक अक्सर फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग का रुख अपनाते हैं अधिक प्रॉफिट कमाने के चक्कर में नए निवेशकों को वायदा कारोबार में अत्यधिक नुकसान सहना पड़ सकता है नए निवेशकों को चाहिए कि वह जब तक शेयर मार्केट में कुछ समय ना बिता लें तब तक वायदा कारोबार में ट्रेनिंग ना करें
क्यों ना करें फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग
सामान्य तरीके से शेयरों में निवेश करना और फ्यूचर या ऑप्शन में ट्रेडिंग करने में जमीन और आसमान का अंतर होता है बाजार का यह अंतर समझने में निवेशकों को थोड़ा समय लगता है बाजार में बिना अनुभव के वायदा कारोबार से कमाई करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है
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What is future and option trading |
क्या है फ्यूचर ट्रेडिंग (वायदा कारोबार)
आने वाले निर्धारित समय में किसी भी शेयर की कीमत क्या होगी इस बात का अनुमान लगाकर उस शेयर कि लॉट को खरीदा या बेचा जाता है फ्यूचर ट्रेडिंग में क्रेता और विक्रेता के डिमैट अकाउंट में उस कंपनी के शेयर जमा नहीं होते हैं future में trading करने के लिए लॉट को खरीदा और बेचा जाता है एक लॉट में 1000 से 5000 या 6000 या उससे भी अधिक शयरो की क्वांटिटी होती है इसी क्वांटिटी की वजह से फ्यूचर ट्रेडिंग में नफा और नुकसान अत्याधिक होता है
फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करके अच्छी कमाई कैसे की जा सकती है
Nifty 50 या Bank nifty या किसी शेयर का मूल्य आगे आने वाले निर्धारित समय में कहां तक जाएगा यदि इस बात का अनुमान आपको है तब आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करके कमाई कर सकते हैं यदि आपको विश्वास है कि अगले 15 दिन में निफ़्टी फिफ्टी 16350 से ऊपर जाएगी तब आपको 16600 का निफ़्टी ऑप्शन खरीदना चाहिए और यदि आपका अनुमान सही निकला और निफ्टी 16600 पर पहुंच गई तो आपके द्वारा खरीदे गए लॉट की कीमत कई गुना तक बढ़ सकती है और यदि इसके विपरीत आपका अनुमान गलत निकला तब आपके द्वारा खरीदे गए लाट की कीमत शून्य भी हो सकती है
Future और option में trading करने से पहले मार्केट का घनन अध्ययन करना आवश्यक है फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करने वाले निवेशक सामान्य निवेशकों से अधिक प्रॉफिट कमाते हैं और उनको नुकसान भी ज्यादा होता है