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अस्थिर ब्याज क्या है?

अस्थिर ब्याज क्या है?
“अगर आपको इनकम टैक्स बचाना है और अपना पैसा सुरक्षित रखना है तो आपको PPF में निवेश करना चाहिए!” इस प्रकार की सलाह आपको दी जाती है और यह बात सच भी है!

अर्थ तंत्र को गति देते बैंक। पीटीआई फोटो

शेयर बाजार में अस्थिरता के दौरान निवेश के इन मंत्रों का रखें ध्‍यान, हो सकता है ज्‍यादा मुनाफा

How to Invest in Volatile Stock Market to Earn Better Return (PC: pixabay)

इस वर्ष मुद्रास्फीति के दबाव से कारण रुपये का मूल्य ह्रास होगा - खासकर इसलिए कि भारत ने अभी ब्याज दरें नहीं बढ़ाई हैं जबकि विश्‍व के कई अन्य देशों में मुद्रास्फीति पर काबू लाने के लिए ब्याज दरें बढ़ रही हैं

नई दिल्‍ली, देविना मेहरा। How To Invest in Volatile Stock Market: 2021 एक बेहतरीन साल था, जहां अगर आपने कुछ न्यूनतम प्रयास के साथ भी निवेश किया अस्थिर ब्याज क्या है? होता, तो प्रदर्शन अच्छा ही होता। यह वह साल था जब बहुत सारे नौसिखिए निवेशकों ने भी अच्छा पैसा कमाया। 2022 की शुरुआत में ही यह स्पष्ट था कि इस वर्ष निवेश के लिए उद्योगों या व्यापारिक क्षेत्रों के चुनाव में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। और यह तो तब की बात है जब किसी को यह नहीं मालूम था कि राष्ट्रपति पुतिन की योजना क्या है! अब प्रश्न यह है ऐसे समय में कहां और कैसे निवेश किया जाए और दूसरी बात यह कि जब अस्थिरता का समय हो तो निवेश करने के क्या सिद्धांत होने चाहिए। अभी क्या करना है इसको समझने के लिए अगर हम लोग इतिहास पर नजर डालें तो यह सामने आता है हमने पिछले 40 वर्षों में ऐसे सभी प्रकरणों को देखा जब किसी प्रकार का भू-राजनीतिक (geopolitical) संकट आया हो या कोई आतंकवादी हमला हुआ हो जैसे कि दोनों खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान के संघर्ष, अमेरिका द्वारा लीबिया की बमबारी, 9/11 की घटना आदि।

बैंक और पोस्‍ट-ऑफि‍स से ज्‍यादा यहां FD कराने पर मिलेगा अधिक ब्‍याज, कमाई का है अच्‍छा मौका

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 14, 2021 14:33 IST

Invest in Bajaj Finance Online Fixed Deposit to gain higher returns- India TV Hindi News

Photo:FILE PHOTO

Invest in Bajaj Finance Online Fixed Deposit to gain higher returns

नई दिल्‍ली। आज सुरक्षित निवेश का सबसे अच्‍छा विकल्‍प फि‍क्‍स्‍ड डिपोजिट (FD) है, क्‍योंकि एफडी में जमा धन पर अस्थिर बाजार ट्रेंड्स का कोई असर नहीं पड़ता है। इतना ही नहीं, यह मेहनत से कमाए धन को निवेश कर उस पर अधिक रिटर्न हासिल करने का एक सबसे भरोसेमंद विकल्‍प भी है। भारत में, बैंक, पोस्‍ट ऑफि‍स और गैर-‍बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थान उपभोक्‍ताओं को विभिन्‍न फि‍क्‍स्‍ड डिपोजिट विकल्‍प प्रदान कर रहे हैं। बजाज फाइनेंस एक ऐसा ही एनबीएफसी है, जो एफडी की सुविधा प्रदान करता है। इन सभी संस्‍थाओं के एफडी पर अपने लाभ और विशेषताएं हैं। इन सभी की एफडी विशेषताओं का गहन विश्‍लेषण कर उपभोक्‍ता इनके बीच अंतर को समझ सकते हैं। यदि कोई व्‍यक्ति अपने धन को लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न के लिए एक सुरक्षित जगह निवेश करना चाहता है, तब आपको इन अंतरों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है।

जानिए क्‍यों बजाज फाइनेंस ऑनलाइन एफडी बेहतर निवेश स्‍थान है

उच्‍च ब्‍याज दर के साथ अधिक कमाई का मौका यहां मिलता है। लोगों की पसंद के आधार पर ब्‍याज दर का भुगतान किया जाता है। भारत में एफडी पर ब्‍याज दर आरबीआई के निर्देशों के अधीन है। आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती करने से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ब्‍याज दरों में तुरंत संशोधन कर दिया जाता है। इसके परिणामस्‍वरूप परिपक्‍वता पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। हालांकि, बाजाज फाइनेंस एक एनबीएफसी है और यह केंद्रीय बैंक के प्रत्‍यक्ष नियंत्रत से बाहर है। इसलिए नीतिगत दरों में कटौती का इस पर कोई ज्‍यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए बजाज फाइनेंस ऑनलाइन एफडी बैंक और पोस्‍ट ऑफि‍स की एफडी की तुलना में अधिक लाभदायी है।

भारत में एफडी ब्‍याज दर अवधि और वरिष्‍ठ नागरिकों के आधार पर अलग-अलग होती है। बजाज फाइनेंस ऑनलाइन एफडी बहुत फायदेमंद है, क्‍योंकि यह न केवल ऊंचे रिटर्न की गारंटी देती है बल्कि इसके साथ अन्‍य कई लाभ भी मिलते हैं। बजाज फाइनेंस एफडी पर लचीला भुगतान विकल्‍प और एफडी के बदले ऋण लेने की भी सुविधा मिलती है। पोस्‍ट ऑफि‍स और बैंक एफडी पर निवेशक की पसंद के अनुरूप ब्‍याज भुगतान पाने की सुविधा नहीं मिलती है।

कम और अस्थिर ब्याज दर

पिछले कुछ वर्षों में PPF अकाउंट के ब्याज दर में लगातार कमी आती जा रही है। हालाँकि, वर्तमान 7.1 प्रतिशत की ब्याज दर चल रही है जिसकी समय अस्थिर ब्याज क्या है? बीतने के साथ और भी घटने की आंशका बनी हुई है।

पीपीएफ अकाउंट के नुकसान में सबसे बड़ा नुकसान यह है कि, जब आपका ब्याज दर स्थिर नहीं होता है और ब्याज की दर भी कम रहती है, तब हम जरुरत के हिसाब से बचत करने में असमर्थ हो जाते हैं।

फंड का आकार छोटा होना

आप 1 साल में 1.5 लाख से ज्यादा PPF में नहीं डाल सकते है यदि आप भविष्य के लिए बड़े फण्ड का सपना देख रहे हैं तो इसमें निवेश करने से आपका सपना अधूरा रह सकता है।

आप अधिकतम 22.5 लाख रुपये का ही फंड तैयार कर पायेगें।

ज्वाइंट खाता न होना

आप अपने परिवार के सदस्य को पीपीएफ अकाउंट में शामिल नहीं कर सकते हैं।

अधिकतर परिवार में पति-पत्नी अस्थिर ब्याज क्या है? या अन्य सदस्य ज्वाइंट अकाउंट खुलवाते हैं जिससे अगर घर के मुखिया के पास पर्याप्त समय न हो, तो अन्य सदस्य खाते को मैनेज कर सकते हैं।

यह सुविधा भी PPF अकाउंट में नहीं मिलती है और इसलिए पीपीएफ अकाउंट के नुकसान में ये भी शामिल है।

वह ब्याज दर जिस पर एक देश का केंद्रीय बैंक घरेलू बैंकों को प्रायः बहुत ही अस्थिर ब्याज क्या है? अल्पकालिक ऋण के रूप में पैसा उधार देता है, उसे कहा जाता है:

Key Points

  • रेपो रेट एक अल्पकालिक उपाय है और यह अल्पकालिक ऋणों को संदर्भित करता है और बाजार में धन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • बैंक दर एक दीर्घकालिक उपाय है और यह आरबीआई की दीर्घकालिक मौद्रिक नीतियों द्वारा नियंत्रित होता है।

Additional Information

  • नकद दर
    • मुद्रा दर बैंकों के बीच अस्थिर अस्थिर ब्याज क्या है? अल्पकालिक अग्रिमों की वित्तीय लागत है।

    आज से आम लोगों के लिए खुल रहा है 1 लाख करोड़ डॉलर का बॉन्ड मार्केट, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब

    आज से आम लोगों के लिए खुल रहा है 1 लाख करोड़ डॉलर का बॉन्ड मार्केट, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब

    TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

    Updated on: Nov 12, 2021 | 7:00 AM

    भारत शुक्रवार को इंडीविजुअल निवेशकों के लिए अपना बॉन्ड मार्केट खोलने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम को लॉन्च करेंगे. इसके बाद निवेशक आरबीआई के साथ सरकारी सिक्योरिटीज अकाउंट्स को खोल सकेंगे. अब सवाल उठता है कि ये बॉन्ड, सिक्योरिटी बॉन्ड्स क्या हैं. आइए इससे जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं.

    प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा है कि RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम का लक्ष्य रिटेल निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट की पहुंच देना है. इससे निवेशक सीधे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं. इसमें बताया गया है कि निवेशक आरबीआई के साथ मुफ्त में सरकारी सिक्योरिटीज के अकाउंट को खोल और बरकरार रख सकते हैं.

    RBI बॉन्ड क्या है?

    बॉन्ड एक डेट इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें निवेशक इकाई को लोन देता है. इकाई कॉरपोरेट या सरकारी हो सकती है. वह तय या अस्थिर ब्याज दर पर फंड को उधार लेती है. बॉन्ड्स को कंपनियां, नगरपालिकाएं, राज्य और सॉवरेन सरकारें विभिन्न प्रोजेक्ट्स और कामों की फाइनेंसिंग के लिए इस्तेमाल करती हैं. बॉन्ड्स के मालिक इश्यूअर के डेट होल्डर्स, या क्रेडिटर्स होते हैं.

    गवर्मेंट सिक्योरिटी (G-Sec) केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा जारी होने वाला ट्रेडेबल इंस्ट्रूमेंट है. ऐसी सिक्योरिटीज छोटी अवधि (जिन्हें आम तौर पर ट्रैजरी बिल कहा जाता है, और ये एक साल से कम की ऑरिजनल मैच्योरिटी के साथ आते हैं) या लंबी अवधि (आम तौर पर जिन्हें सरकारी बॉन्ड्स कहा जाता है और ये एक साल या ज्यादा की मैच्योरिटी के साथ आते हैं.) भारत में, केंद्र सरकार दोनों ट्रैजरी बिल और बॉन्ड्स या डेटेड सिक्योरिटीज को जारी करती है. जबकि, राज्य सरकारें केवल बॉन्ड्स या डेटेड सिक्योरिटीज को जारी करती हैं, जिन्हें स्टेट डेवलपमेंट लोन्स (SDLs) कहा जाता है. G-Sec में आम तौर पर डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं होता है.

    G-Secs में निवेश के क्या हैं फायदे?

    रोजाना की जरूरत से ज्यादा कैश रखने पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है. सोने में निवेश को लेकर कई मुश्किलें हैं, जैसे शुद्धता, वैल्युएशन, वेयरहाउसिंग और सुरक्षित कस्टडी आदि. इसके मुकाबले G-Secs में निवेश के कई फायदे हैं:

    1. कूपन (ब्याज) के तौर पर रिटर्न देने के अलावा, G-Secs में अधिकतम सुरक्षा भी मिलती है, क्योंकि इनमें ब्याज के भुगतान और प्रिंसिपल राशि के पुनर्भुगतान को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता है.
    2. इन्हें बुक एंट्री में रखा जा सकता है, यानी कोई दस्तावेज नहीं है. इसलिए उसे सुरक्षित रखने का दबाव भी नहीं होता है. इन्हें फिजिकल फॉर्म में भी रखा जा सकता है.
    3. G-Secs 91 दिन से 40 साल तक की मैच्योरिटी की रेंज में उपलब्ध होते हैं. इन्हें अलग-अलग संस्थानों की लायबिलिटी स्ट्रक्चर की अवधि के मुताबिक चुना जा सकता है.
    4. G-Secs को कैश की जरूरत को पूरा करने के लिए आसानी से सेकेंडरी मार्केट में बेचा जा सकता है.
    5. इन्हें रेपो मार्केट में फंड्स उधार लेने के लिए कोलेटरल के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता अस्थिर ब्याज क्या है? है.
    6. स्टेट डेवलपमेंट लोन (SDLs) और स्पेशल सिक्योरिटीज (ऑयल बॉन्ड्स, UDAY बॉन्ड्स आदि) जैसी सिक्योरिटीज में आकर्षक यील्ड्स मिलती हैं.
    7. G-Secs में ट्रेड करने का सेटलमेंट सिस्टम, जो डिलीवरी वर्सेज पेमेंट (DvP) पर आधारित है, बहुत साधारण, सुरक्षित और प्रभावी सेटलमेंट का सिस्टम है.
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