निवेश करने दो प्रमुख तरीके

FD vs Mutual Fund: एफडी की जगह म्यूचुअल फंड बना भारतीयों की पहली पसंद, सिर्फ बचत नहीं, अब इनवेस्टमेंट पर भी ध्यान दे रहे हैं नए निवेश करने दो प्रमुख तरीके निवेशक
आईपीओ में निवेश के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए
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म्यूचुअल फंड का ’15-15-15′ रूल जो आपको जल्द बना सकता है करोड़पति, इतने साल करना होता है निवेश
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Oct 30, 2021 | 6:26 PM
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके 1 करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं, तो लंबी अवधि में आपको करोड़पति बनने में मदद करने के लिए एक आसान नियम है. इस नियम का नाम ’15-15-15′ है जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मदद करता है. इस नियम से पता चल जाता है कि आपको हर महीने कितनी बचत करनी है, कितने समय के लिए पैसे जमा करने हैं. इस नियम से पता कर सकते हैं 1 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए आपको कब, कितना जमा करना है.
स्टॉक मार्केट में नफा-नुकसान लगा रहता है और यह भारी उतार-चढ़ाव का निवेश है. इसमें जोखिम बहुत होता है. इक्विटी या शेयर मार्केट का जो हाल होता है, उसमें हर साल अपने निवेश पर 15 फीसदी रिटर्न पाना संभव नहीं. लेकिन लंबी अवधि के लिए पैसे जमा करें तो सालाना 15 फीसदी का रिटर्न बड़ी बात नहीं है.
क्या है 15-15-15 का नियम
यहां 15 को तीन बार लिखा गया है जिसमें ग्रोथ रेट, निवेश की अवधि और सेविंग का मंथली अमाउंट को इंगित करता है. अगर आप सालाना 15 फीसदी का रिटर्न पाना चाहते हैं निवेश करने दो प्रमुख तरीके तो आपको 15 साल तक यानी कि 180 महीने तक हर महीने 15000 रुपये की बचत करनी होगी. इससे आप आराम से करोड़पति बन जाएंगे. यही है निवेश करने दो प्रमुख तरीके 15-15-15 का फॉर्मूला. पूरा हिसाब लगाएं तो हर महीने 15000 रुपये के साथ आप 15 साल में 27 लाख रुपये जमा कर सकेंगे. इस जमा पर आपको 73 लाख का फायदा होगा. इस तरह आपके हाथ में पूरी रकम 1 करोड़ रुपये आएगी.
15 फीसदी का सालाना रिटर्न आपको मुश्किल लग सकता है. सिद्धांत के निवेश करने दो प्रमुख तरीके तौर पर यह मुमकिन लगता भी नहीं है. लेकिन लॉन्ग टर्म में निवेश आपको 12 परसेंट की ग्रोथ आराम से देगा. इसके बाद इसे 15 फीसदी तक ले जाने के लिए एसआईपी में निवेश करना होगा. एसआईपी के जरिये चरणबद्ध तरीके से अपना निवेश बढ़ाएं और अंत में देखेंगे कि बिना किसी भारी दबाव के आपके पास 1 करोड़ रुपये आ गए. एसआईपी के लिए सबसे अच्छा होता है कि हम महंगाई दर को देखें, उससे पार पाने के लिए निवेश का लक्ष्य तय करें. फिर उसी हिसाब से एसआईपी में निवेश बढ़ाते रहें.
SIP से जुटा सकेंगे ज्यादा पैसे
15 साल में 15000 के निवेश के साथ 1 करोड़ रुपये की जमा पूंजी पाने के लिए दो बातों पर ध्यान देना होगा. पहली बात, हमें हर हाल में SIP के जरिये निवेश बढ़ाना होगा. दूसरी बात, चक्रवृद्धि ब्याज बनाने वाले साधनों में निवेश पर जोर देना होगा. अगर इन दोनों बातों का खयाल रखते हुए निवेश करें तो आपकी जमा करने की आदत भी मजबूत होगी और एक तरह से SIP में दिलचस्पी बढ़ेगी. यहां एसआईपी का सीधा मतलब है लॉन्ग टर्म के लिए व्यवस्थित निवेश योजना. आमतौर पर एक निवेश योजना 10, 20 या 30 साल के लिए शुरू की जा सकती है.
SIP निवेश का ऐसा तरीका है जिसके साथ चक्रवृद्धि की क्वालिटी जुड़ी होती है. यानी आप जितने अधिक समय तक निवेश करेंगे, चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा उतना ही मिलेगा. चक्रवृद्धि एसआईपी की सबसे बड़ी ताकत है जिसके बारे में ग्राहक तो तब पता चलता है, जब उसका प्लान मैच्योर हो जाता है और हाथ में एकमुश्त बड़ी राशि आती है. कुछ प्रमुख एसआईपी योजना के बारे में जानें तो आईडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, एलएंडटी इमर्जिंग बिजनेस फंड, डीएसपी ब्लैकस्टोन नेचुरल रिसोर्सेज फंड, फ्रैंकलिन बिल्ड इंडिया फंड और आदित्य बिरला सन लाइफ स्मॉल कैप फंड के नाम शामिल हैं.
Digital Gold: डिजिटल गोल्ड क्या है? जानें इसके फायदे और निवेश का तरीका
आप सोने के जेवर या अन्य सामान खरीदते है, तो उसके चोरी और गुम होने का डर हमेशा बना रहता है. ऐसे में डिजिटल गोल्ड निवेश (Digital Gold Investment) का एक नया और सुरक्षित माध्यम बनकर उभरा है.
डिजिटल गोल्ड में निवेश करने को लेकर लोगों की रूचि बढ़ी है. इनमें सॉवरेन गोल्ड फंड (Sovereign Gold Bond) और गोल्ड ईटीएफ (Gold Exchange Traded Fund) निवेश के दो प्रमुख माध्यम हैं.
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अपने स्टॉकब्रोकर के माध्यम से
कई स्टॉक निवेश करने दो प्रमुख तरीके ब्रोकर अपने ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा देते हैं। आप ऐसे ब्रोकर्स के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार खाता खोल सकते हैं और सीधे विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
आप किसी अंतरराष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के यहां खाता खोलकर उसके जरिये अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, स्टॉक में निवेश करने के लिए आपको ऐसे ब्रोकरों के साथ न्यूनतम जमा राशि बनाए रखने की आवश्यकता हो सकती है।
किसी अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज के माध्यम से
गुजरात के गिफ्ट शहर में आईएफएससी के दो अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज हैं – एनएसई इंटरनेशनल और इंडिया आईएनएक्स। आप इन स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों में सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश और कारोबार कर सकते हैं।
कई भारतीय म्युचुअल फंड अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ और फीडर फंड के माध्यम से विदेशी शेयरों में निवेश करते हैं। आप किसी ऐसे ईटीएफ को चुन सकते हैं जो अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों निवेश करने दो प्रमुख तरीके में निवेश या फंड ऑफ फंड (एफओएफ) में निवेश करता है। फंड ऑफ फंड ऐसे म्युचुअल फंड प्लांस होते हैं जो दूसरे देशों में सूचीबद्ध म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं। ये दोनों विकल्प आपको विविध पोर्टफोलियो का लाभ देते हैं। एक स्टॉक में निवेश करने के बजाय, आप म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के माध्यम से कई शेयरों में निवेश कर सकते हैं। इसके जरिये निवेश करना सस्ता है, क्योंकि यदि आप निवेश का एसआईपी मोड चुनते हैं तो आप कम से कम निवेश करने दो प्रमुख तरीके 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं।
डॉलर इंडेक्स और क्रूड 2 प्रमुख इंडीकेटर
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च हेड डॉ जोसेफ के थॉमस का कहना है कि महंगाई अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंता का विषय बन गई है, और केंद्रीय बैंक एग्रेसिव तरीके से रेट हाइक का सहारा ले रहे हैं. यह कदम निवेश करने दो प्रमुख तरीके महंगाई के दबाव को बढ़ा सकता है, जो शॉर्ट टर्म में कैपिटल मार्केट के लिए निगेटिव होगा. डॉलर इंडेक्स और क्रूड दो प्रमुख इंडीकेटर हैं, जिन पर अगली कुछ तिमाहियों में नजर रखने की जरूरत है.
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के फिक्स्ड इनकम के प्रमुख, विशाल अमरनानी का कहना है कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण फिक्स्ड इनकम और डेट में कैश फ्लो बढ़ने की उम्मीद है. सिस्टम की लिक्विडिटी 21,800 करोड़ रुपये से अधिक की कमी में है, इसके साथ-साथ ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल करने में देरी के कारण गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की यील्ड में भी बढ़ोतरी हुई है. उम्मीद के मुताबिक बेंचमार्क यील्ड 7.40-7.50 के स्तर पर वापस आ गई है. हालांकि, लॉन्ग फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स की यील्ड बढ़ी है और निकट से मध्यावधि में यह आकर्षक दिख रही है.