सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर

2.इस कैंडल का अपर शैडो नहीं होती है अगर अपर शैडो होती भी है तो बहुत ही छोटी होती है|
मूल्य एक्शन ट्रेडिंग रणनीतियों का एक परिचय
मूल्य कार्रवाई एक सुरक्षा के मूल्य आंदोलनों की विशेषताओं का वर्णन करती है। हाल के दिनों सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर में मूल्य परिवर्तन के संबंध में इस आंदोलन का अक्सर विश्लेषण किया जाता है। सरल शब्दों में, मूल्य कार्रवाई एक व्यापारिक तकनीक है जो एक व्यापारी को तकनीकी संकेतकों पर पूरी तरह से भरोसा करने के बजाय हाल के और वास्तविक मूल्य आंदोलनों के आधार पर बाजार को पढ़ने और व्यक्तिपरक व्यापारिक निर्णय लेने की अनुमति देती है ।
कई दिन व्यापारी कम समय सीमा पर जल्दी लाभ कमाने के लिए मूल्य कार्रवाई व्यापार रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उदाहरण के लिए, वे सत्र के उच्च से एक साधारण ब्रेकआउट की तलाश कर सकते हैं, लंबी स्थिति में प्रवेश कर सकते हैं, और लाभ उत्पन्न करने के लिए सख्त धन प्रबंधन रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप दिन के कारोबार में रुचि रखते हैं, तो इन्वेस्टोपेडियाज़ बीज़ ए डे ट्रेडर कोर्स एक अनुभवी वॉल स्ट्रीट व्यापारी से विषय की व्यापक समीक्षा प्रदान करता है। आप साबित ट्रेडिंग रणनीतियों, जोखिम प्रबंधन तकनीकों और ऑन-डिमांड वीडियो, व्यायाम और इंटरैक्टिव सामग्री के पांच घंटे से अधिक में सीखेंगे।
मूल्य एक्शन ट्रेडिंग के लिए प्रयुक्त उपकरण
चूंकि मूल्य कार्रवाई व्यापार हाल के ऐतिहासिक डेटा और पिछले मूल्य आंदोलनों से संबंधित है, सभी तकनीकी विश्लेषण उपकरण जैसे चार्ट, ट्रेंड लाइन, मूल्य बैंड, उच्च और निम्न स्विंग, तकनीकी स्तर (समर्थन, प्रतिरोध और समेकन), आदि को ध्यान में रखा जाता है। व्यापारी की पसंद और रणनीति के अनुसार।
व्यापारी द्वारा देखे गए उपकरण और पैटर्न सरल मूल्य बार, मूल्य बैंड, ब्रेक-आउट, ट्रेंड-लाइन, या जटिल संयोजन हो सकते हैं जिसमें कैंडलस्टिक्स, अस्थिरता, चैनल आदि शामिल हैं।
व्यापारी द्वारा तय किए गए मनोवैज्ञानिक और व्यवहार संबंधी व्याख्याएं और उसके बाद की कार्रवाई, मूल्य कार्रवाई ट्रेडों का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है। उदाहरण के लिए, कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या होता है, यदि 580 पर शेयर करने वाला स्टॉक व्यक्तिगत रूप से सेट किए गए मनोवैज्ञानिक स्तर 600 को पार कर जाता है, तो व्यापारी एक लंबी स्थिति लेने के लिए आगे की ओर कदम मान सकता है । अन्य व्यापारियों का एक विपरीत दृष्टिकोण हो सकता है – एक बार 600 हिट होने के बाद, वे एक मूल्य उलट मान लेते हैं और इसलिए एक छोटी स्थिति लेते हैं ।
मूल्य एक्शन ट्रेडिंग का उपयोग कौन करता है?
चूंकि प्राइस एक्शन ट्रेडिंग मूल्य भविष्यवाणियों और अटकलों के लिए एक दृष्टिकोण है, इसका उपयोग खुदरा व्यापारियों, सट्टेबाजों, मध्यस्थों और यहां तक कि व्यापारिक फर्मों द्वारा किया जाता है जो व्यापारियों को नियुक्त करते हैं। इसका उपयोग इक्विटी, बॉन्ड, फॉरेक्स, कमोडिटीज, डेरिवेटिव्स आदि सहित कई सिक्योरिटीज पर किया जा सकता है ।
मूल्य कार्रवाई व्यापार के बाद अधिकांश अनुभवी व्यापारी ट्रेडिंग पैटर्न, प्रवेश और निकास स्तर, स्टॉप-लॉस और संबंधित टिप्पणियों को पहचानने के लिए कई विकल्प रखते हैं। एक (या एकाधिक) शेयरों पर सिर्फ एक रणनीति होने से ट्रेडिंग के पर्याप्त अवसर नहीं मिल सकते हैं। अधिकांश परिदृश्यों में दो-चरणीय प्रक्रिया शामिल होती है:
- एक परिदृश्य की पहचान करना: जैसे बैल / भालू के चरण, चैनल रेंज, ब्रेकआउट, आदि में स्टॉक मूल्य प्राप्त करना।
- परिदृश्य के भीतर, ट्रेडिंग के अवसरों की पहचान करना: जैसे एक बार एक शेयर बुल रन में होता है, क्या यह (ए) ओवरशूट या (बी) पीछे हटने की संभावना है। यह एक पूरी तरह से व्यक्तिपरक विकल्प है और एक व्यापारी से दूसरे में भिन्न हो सकता है, यहां तक कि समान समान परिदृश्य भी।
Stock Market: निफ्टी पहली बार 18000 के पार बंद, सेंसेक्स 149 अंक मजबूत; बैंक शेयरों में तेजी
Stock Market Update Today: घरेलू शेयर बाजार में आज शानदार तेजी देखने को मिली है. बाजार की शुरूआत कमजोरी के साथ हुई, लेकिन बाद में इसमें रिकवरी आ गई. निफ्टी आज पहली बार 18000 के स्तर के पार बंद हुआ है. सेंसेक्स भी करीब 150 अंक मजबूत हुआ है. बैंक, फाइनेंशियल, मेटल, फार्मा और आटो शेयरों में खरीदारी देखने को मिली है. हालांकि आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई. निफ्टी पर पीएसयू बैंक इंडेक्स 3 फीसदी मजबूत हुआ है. मेटल इंडेक्स में 1 फीसदी की तेजी रही है. फिलहाल सेंसेक्स में 149 अंकों की तेजी रही है और यह 60284 के स्तर पर बंद हुआ है. वहीं निफ्टी भी 58 अंक मजबूत होकर 18004 के स्तर पर बंद हुआ है. सेंसेक्स 30 के 19 शेयर हरे निशान में बंद हुए है. टॉप गेनर्स में TITAN, BAJAJ-AUTO, BAJAJFINSV, SBI, NESTLEIND, HINDUNILVR और ITC आज के टॉप गेनर्स में शामिल हैं.
ग्लोबल संकेत कमजोर
घरेलू शेयर बाजार के लिए आज ग्लोबल संकेत बेहद कमजोर रहे हैं. सोमवार को अमेरिकी बाजारों में बिकवाली देखने को मिली. वहीं आज प्रमुख एशियाई बाजारों में भी बडी गिरावट देखने को मिली है. सोमवार को Dow Jones में 250 अंकों की कमजोरी आई और यह 34,496 के स्तर पर बंद हुआ. नैस्डेक और S&P 500 इंडेक्स भी कमजोर होकर बंद हुए. क्रूड की बढ़ रही कीमतों के चलते बाजार की चिंता बढ़ी है. वहीं इकोनॉमी को लेकर चिंता और अर्निंग रिजल्ट्स के पहले भी निवेशक सतर्क दिखे. गोल्डमैन ने यूएस की इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है और इसे 4.4 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली है. SGX Nifty, निक्केई 225 सहित सभी प्रमुख इंडेक्स बड़ी गिरावट रही है.
सोमवार को घरेलू शेयर बाजार उतार चढ़ाव के बाद मजबूत होकर बंद होने में कामयाब रहा. निफ्टी ने कल पहली बार 18000 का स्तर ब्रेक किया. फिलहाल ट्रेडिंग के अंत में सेंसेक्स में 77 अंकों की तेजी रही और यह 60136 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी में 51 अंकों की तेजी रही और यह 17946 के स्तर पर बंद हुआ. आईटी शेयरों में जोरदार बिकवाली देखने को मिली, लेकिन आटो शेयरों में जोरदार तेजी ने बाजार को संभाला. बैंक, मेटल, फार्मा, रियल्टी और फाइनेंशियल शेयरों में भी अच्छी खरीदारी रही. टॉप गेनर्स में MARUTI, POWERGRID, ITC, NTPC, SBI, KOTAKBANK, HDFCBANK और M&M शामिल रहे.
नियम आधारित ट्रेडिंग रणनीतियाँ
पिछले चार अध्यायों में, हमने नियम आधारित ट्रेडिंग के बारे में काफी जाना है। इस मॉड्यूल के इस अंतिम अध्याय में, हम उन विभिन्न रणनीतियों को देखने जा रहे हैं जिन्हें आप इस ट्रेडिंग तकनीक का लाभ उठाते हुए नियोजित कर सकते हैं। ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ जिन पर हम नज़र डालने वाले हैं, यदि आप उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें, तो आपको मुनाफा कमाने का एक बेहतर मौका मिल सकता है। आइए इस अध्याय की ओर बढ़ते हैं।
नियम सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर आधारित ट्रेडिंग रणनीतियाँ
जहां तक नियम आधारित ट्रेडिंग रणनीतियों का संबंध है, आपके पास विकल्पों की बिल्कुल कमी नहीं है। हालांकि, इस अध्याय में, हम केवल सबसे लोकप्रिय और आमतौर पर उपयोग की जाने वाली रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं। आइए उन पर एक नज़र डालते हैं।
यह यकीनन सबसे आसान और सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली नियम आधारित ट्रेडिंग रणनीतियों में से एक है। सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर कई अन्य जटिल रणनीतियों के विपरीत, बाज़ार की प्रवृत्ति की रणनीति को समझना और लागू करना आसान है। इस रणनीति के अनुसार, आपको केवल मौजूदा बाज़ार की प्रवृत्ति की पहचानने और एक नियम आधारित ट्रेडिंग रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है जिसके ज़रिए आप लाभ उत्पन्न कर सके। इसे बेहतर ढंग से जानने के लिए आइए एक उदाहरण के ज़रिए समझते हैं कि यह रणनीति कैसे काम करती है।
मान लें कि आप स्टॉक खरीदने में रुचि रखते हैं, और आप प्रवेश करने के लिए सही समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आप नियम आधारित ट्रेडिंग में हैं, इसलिए आप एक एल्गोरिथम बना सकते हैं जो मूविंग एवरेज का उपयोग करके बाज़ार के रुझानों की पहचान करने में सक्षम है। आप एल्गोरिथम को इस तरह से कोड भी कर सकते हैं कि यह बाज़ार की प्रवृत्ति को तेज़ी से पहचानने के बाद एक खरीद ऑर्डर एक्ज़ीक्यूट कर सके। साथ ही, जब बाज़ार का रुझान मंदी की ओर मुड़ने वाला होता है, तो आप विक्रय ऑर्डर को एक्ज़ीक्यूट करने के लिए एल्गोरिथम को कोड कर सकते हैं।
2) आर्बिट्रेज रणनीति
आर्बिट्रेज अनिवार्य रूप से एक ट्रेडिंग तकनीक है जिसमें एक ही संपत्ति को दो अलग-अलग बाज़ारों में खरीदना और बेचना शामिल है। एक आर्बिट्रेज अवसर से आपको इन दोनों बाज़ारों के बीच के मूल्य के अंतर का लाभ मिलता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक ऐसे स्टॉक में रुचि रखते हैं जो बीएसई और एनएसई दोनों में सूचीबद्ध है। अब, आप देखते हैं कि एनएसई पर स्टॉक जिस कीमत पर कारोबार कर रहा है, वह बीएसई की तुलना में रु 0.50 अधिक है। और इसलिए, आप बीएसई पर स्टॉक खरीदकर और साथ ही इसे एनएसई पर बेचकर इस अवसर का लाभ उठाने का निर्णय लेते हैं। इस लेन-देन से आपको रु. 0.50 प्रति शेयर का लाभ होता है। आर्बिट्राज के अवसर दुर्लभ होते हैं और केवल कुछ सेकंड या मिनटों के लिए ही रहते हैं, इसलिए एक सफल आर्बिट्रेज रणनीति को मैन्युअल रूप से क्रियान्वित करना लगभग असंभव है। हालांकि, नियम आधारित ट्रेडिंग की मदद से आप इस मूल्य अंतर का लाभ उठा सकते हैं।
3) सीमाबद्ध ट्रेडिंग रणनीति
जब कोई स्टॉक एक सीमा के भीतर प्रतीत होता है यानी जब यह अपने सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल के बीच लगातार चलता रहता है, तो यह नियम आधारित ट्रेडिंग रणनीति सबसे अच्छा काम करती है। इसमें एक एल्गोरिथम बनाना शामिल है जो स्टॉक के सपोर्ट लेवल पर या उसके समान एक खरीद ऑर्डर देता है, और स्टॉक के रेज़िस्टेंस लेवल पर या उसके समान एक बिक्री ऑर्डर देता है। इसके अलावा, आप रेज़िस्टेंस लेवल सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर पर स्टॉक को शॉर्ट-सेल करने के लिए एल्गोरिदम को कोड कर सकते हैं और जैसे ही यह सपोर्ट लेवल पर पहुंच जाता है, आप इसे वापस खरीद सकते हैं।
इस तरह, आप दोनों तरह से लाभ कमा सकते हैं - जब शेयर की कीमत गिरती है और जब शेयर की कीमत वापस बढ़ जाती है। हालांकि, यह रणनीति तभी काम करेगी जब स्टॉक वास्तव में सीमाबद्ध हो। इसलिए, तकनीकी संकेतकों की मदद से सीमाबद्ध शेयरों की सटीक पहचान करना महत्वपूर्ण है।
Hanging Man Candlestick Pattern in Hindi|
Hanging Man Candlestick Pattern in Hindi
नीचे दिए गए फोटो में आप देख सकते हैं बुलिश हैमर और हैंगिंग मैन को
आज आप लोग इस आर्टिकल में जानेंगे कि हैंगिंग मैन कैंडल क्या है | Hanging man Candlestick Pattern in Hindi. | Hanging Man Candlestick Pattern | How to Use Hanging Man Candlestick Pattern on The Chart | Hanging Man Trend Reversal candle.
हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पैटर्न क्या है ?|Hanging Man Candlestick Pattern in Hindi
हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पैटर्न एक के बीयेरिश रिवर्सल कैंडल है| यह कैंडल एक अप ट्रेंड के बाद आने वाली कैंडल है । जिसका लोअर शैडो बॉडी से दोगुनी या उसे अधिक होती है|
हैंगिंगमैन कैंडल का कोई अपर शैडो नहीं होता है अगर होता भी है तो बहुत छोटा होता है |इस candle का बॉडी बहुत छोटा होता है नीचे दिए गए फोटो में आप देख सकते हैं |
Hanging Man Candlestick Pattern in Hindi
ऊपर दिए गए फोटो में आप देख पा रहे होंगे की चार प्रकार की हैमर दी गई है |
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या यह चारों अलग-अलग कैंडल है जी बिल्कुल नहीं हैमर कैंडल और हैंगिंग मैन कैंडल मैं कुछ खास अंतर नहीं है |
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।