बाज़ार बेचना

बाजार में फल दुकानदारों पर पुलिस ने चालानी कार्यवाही की
इटारसी। बाजार में यातायात व्यवस्था बिगाड़ रहे फल ठेले वालों के खिलाफ आज ट्रैफिक पुलिस ने चालानी कार्रवाई की। पिछले कई वर्षों से ये हाथठेले वाले बाजार की यातयात व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। कई मर्तबा इनके ठेले जब्त किये, नष्ट किये, लेकिन ये फिर भी नहीं माने। अब पुलिस ने चालानी कार्रवाई की है।
शहर के बाजार क्षेत्र में मुख्य मार्गों पर एवं सहायक मार्गों पर अतिक्रमण करते हुए बाज़ार बेचना ठेलों पर फल बेचने वाले दुकानदारों पर अचानक करीब 11:30 बजे पुलिस टीम ने पहुंचकर उनके खिलाफ चालानी कार्यवाही की है। इस दौरान पुलिस टीम ने मौके पर ऐसे हाथ ठेले पर फल बेचने वाले दुकानदारों के नाम एवं पते लेकर आधा दर्जन से अधिक फल हाथ ठेले वालों को चालानी कार्यवाही करते हुए सख्त हिदायत दी है कि वह बाजार क्षेत्र में मुख्य मार्गों एवं सहायक मार्गों जिनमें भीड़भाड़ अधिक होती है, ऐसी जगह पर आगामी समय में अपने ठेले लगाकर दुकान ना लगाएं।
वाहन चालकों से जुर्माना वसूला
शहर के ओवर बाज़ार बेचना ब्रिज मार्ग पर सिटी थाने के सामने यातायात पुलिस टीम ने बुधवार की शाम वाहन चेकिंग की। इस दौरान ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिनके पास न तो दस्तावेज थे और ना ही हेलमेट लगाए थे। इस दौरान 11 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर समन शुल्क की वसूली की है।
बाज़ार बेचना
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में ) लिखिए −
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या - क्या कह रहे थे ? अपने शब्दों में लिखिए।
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचने वाली स्त्री के बारे में तरह - तरह की बातें कह रहे थे। कोई घृणा से थूककर बेहया कह रहा था , कोई उसकी नीयत को दोष दे रहा था , कोई कमीनी , कोई रोटी के टुकड़े पर जान देने वाली कहता , कोई कहता इसके लिए रिश्तों का कोई मतलब नहीं है , परचून वाला कहता , यह धर्म ईमान बिगाड़कर अंधेर मचा रही है , इसका खरबूज़े बेचना सामाजिक अपराध है। इन दिनों कोई भी उसका सामान छूना नहीं चाहता था।
बाज़ार कब जाना चाहिए?
इसे सुनेंरोकें2 मन खाली हो, तब बाजार नहीं जाना चाहिए। 3 बाजार की सार्थकता लोगों की आवश्यकता पूरी करने में है। ग्राहक को अपनी आवश्यकता का सामान मिल जाता है तो बाजार सार्थक हो जाता है। 4 बाजार से उस समय आनंद मिलता है जब ग्राहक के मन में अपनी खरीद का लक्ष्य निश्चित होता है।
कुटज हम सभी को क्या उपदेश देता है टिप्पणी कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: ‘कुटज’ हम सभी को उपदेश देता है कि विकट परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हमें धीरज रखना चाहिए और विकट परिस्थितियों में अपने परिश्रम और शक्ति से काम लेना चाहिए। यदि हम निरंतर प्रयास करते हैं, तो हम इन विकट परिस्थितियों को अपने आगे झुकने के लिए विवश कर देते हैं।
बाजार का बाजारूपन कौन लोग बनाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंलेखक का मानना है कि बाजार को सार्थकता वह मनुष्य देता है जो अपनी जरूरत को पहचानता है। जो केवल पर्चेजिंग पॉवर के बल पर बाजार को व्यंग्य दे जाते हैं, वे न तो बाजार से लाभ उठा सकते हैं और न उस बाजार को सच्चा लाभ दे सकते हैं। वे लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं।
लोगों से बाजार क्या कहता है?
इसे बाज़ार बेचना बाज़ार बेचना सुनेंरोकेंउत्तर: बाजार दर्शन से लेखक का अभिप्राय है बाज़ार के दर्शन करवाना अर्थात् बाज़ार के बारे में बताना कि कौन-कौन सी चीजें मिलती हैं कि वस्तुओं की बिक्री ज्यादा होती है। यह बाज़ार किस तरह आकर्षित करता है। लोग क्यों बाज़ार से ही आकर्षित होते हैं।
बाजार को सार्थकता कौन दे सकता है?
इसे सुनेंरोकेंबाजार को सार्थकता वे व्यक्ति देते हैं जो अपनी आवश्यकता को जानते हैं। वे बाजार से जरूरत की चीजें खरीदते हैं जो बाजार का दायित्व है। ‘पर्चेजिंग पावर’ का अर्थ है-खरीदने की शक्ति। पर्चेजिंग पावर वाले लोग बाजार को विनाशक शक्ति प्रदान करते हैं।
बाजार का बाजारूपन कब व्यर्थ हो जाता है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- बाज़ार का जादू चढ़ने पर मनुष्य बाज़ार की आकर्षक वस्तुओं के मोह जाल में फँस जाता है। बाजार के इसी आकर्षण के कारण ग्राहक सजी-धजी चीजों को आवश्यकता न होने पर भी खरीदने को विवश हो जाता बाज़ार बेचना है। इस मोहजाल में फँसकर वह गैरजरूरी वस्तुएँ भी खरीद लेता है।
वह कौन सी शक्ति है जो अपने सगों के प्रति भी कृतघ्न कर सकती है?
इसे सुनेंरोकें2. पैसे की व्यंग्य-शक्ति दारुण है। 3. लेखक को बुढ़ापे में मोटर न होने का व्यंग्य अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकता है।
बाजारूपन से क्या तात्पर्य है किस प्रकार के व्यक्ति बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंजब सामान बेचने वाले बेकार की चीजों को आकर्षक बनाकर बेचने लगते हैं, तब बाज़ार में बाजारुपन आ जाता है। जो विक्रेता, ग्राहकों का शोषण नहीं करते और छल-कपट से ग्राहकों को लुभाने का प्रयास नहीं करते साथ ही बाज़ार बेचना जो ग्राहक अपनी आवश्यकताओं की चीजें खरीदते हैं वे बाजार को सार्थकता प्रदान बाज़ार बेचना करते हैं।
चूरन बेचने वाले भगत जी कैसे व्यक्ति थे?
इसे सुनेंरोकेंभगत जी को अपनी सीमित आवश्यकता जीरा और नमक से अधिक किसी वस्तु को बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं होती। छः आने की कमाई होते ही वह चूरन बेचना बन्द कर देते थे तथा शेष चूरन बच्चों में मुफ्त दे देते हैं। उनको बाजार में बिकने वाली अन्य चीजों में कोई आकर्षण नहीं प्रतीत होता तथा जरूरत से अधिक धनोपार्जन में भी उनकी रुचि नहीं होती।
ऊंचे बाजार का निमंत्रण कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंऊँचे बाजार का आमंत्रण मूक होता है और उससे चाहत जगती है। 5. चौक बाजार में खड़े होकर आदमी को लगता है कि उसके पास जितना है वह सामान काफ़ी नहीं है इसलिए उसे और चाहिए। वह अधिक की कामना करने लगता है।
आपने भी लगाया है इक्विटी फंड में पैसा? जानें कब निकलें पोर्टफोलियों से बाहर
नई दिल्ली. वित्तीय सलाहकार अक्सर किसी के करियर में जितनी जल्दी हो सके एक निवेश रणनीति शुरू करने की सलाह देते हैं. वैसे तो मार्केट में निवेश के कई ऑप्शन हैं बाज़ार बेचना लेकिन म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual Funds Investment) को लेकर पिछले कुछ सालों में निवेशकों का रुझान काफी तेजी से बढ़ा है. लंबी अवधि के लक्ष्य के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम्पाउंडिंग के साथ-साथ रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा निवेशकों को होता है.
म्यूचुअल फंड की खासियत यह है कि आप एकमुश्त निवेश के अलावा SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए मंथली निवेश भी कर सकते हैं. अगर लंबी अवधि में अच्छा-खासा फंड बनाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. हालाँकि, इक्विटी म्यूचुअल फंड बाज़ार-आधारित जोखिमों से संबंधित हैं, कोई भी निरंतर रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकता है. आपके म्यूचुअल फंड रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं.
इसके लिए स्टॉक म्युचुअल फंड इकाइयों को कब बेचना है और कब इक्विटी बाजार में फिर से प्रवेश करना है, इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. अगर आप भी म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो ऐसा करने से पहले आपको उसके कारणों का पता करना चाहिए.
>> सबसे पहले अपने निवेश पोर्टफोलियो में शेयरों के एक्सपोजर का पता लगाएं. पैसा बनाने के लिए बाज़ार बेचना एसेट एलोकेशन का अनुशासन बहुत जरूरी है.
>> इक्विटी में निवेश करने पर लॉन्ग टर्म में अधिक पैसा बनाने में मदद मिलती है. मार्केट में तो उतार-चढ़ाव होता रहता है. लेकिन, लंबी अवधि में यह सामान्य हो जाता है. सच तो यह है कि सिप से आपको इन उतार-चढ़ावों का लाभ उठाने में मदद मिलती है.
>> फंड का प्रदर्शन खराब हो तो उसे बेच देना ठीक रहता है. हालांकि, कम से कम दो-तीन साल की अवधि को सामने रखकर तुलना करें. अगर फंड ने पिछले कुछ वर्षों में बेंचमार्क इंडेक्स या प्रतिद्वंद्वी फंडों से कमतर प्रदर्शन किया हो तो उसका साथ छोड़ना ठीक होगा.
>> कुछ निवेशक सेफ्टी के लिए ज्यादा विकल्पों में पैसा लगाते हैं. कई सूची में शीर्ष पर रहने वाले विकल्प चुनते हैं. अंत में उनके पोर्टफोलियो में घालमेल हो जाता है जो उन पर नजर रखना मुश्किल बना देता है. आपको एक जैसे फंडों में कुछ को निकाल देना चाहिए. अगर आपके पास 3-4 लार्ज इक्विटी फंड हैं तो उनमें से 2-3 को हटा देना चाहिए.