मूल्य कार्रवाई पर व्यापार

मूल्य कार्रवाई पर व्यापार
जांजगीर चांपा (वीएनएस)। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने शनिवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले में धान खरीदी की व्यवस्था के संबंध में समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने उपस्थित सभी संबंधित अधिकारी- कर्मचारियों को धान खरीदी कार्यों में किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखते हुए खरीदी के साथ-साथ धान के उचित रखरखाव और उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में वास्तविक किसानों से धान खरीदी कार्य किए जाने मूल्य कार्रवाई पर व्यापार तथा कोचिया - बिचौलियों द्वारा अवैध धान परिवहन तथा विक्रय किए जाने पर कार्रवाई लगातार जारी रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि ऐसे किसान जो अपना पूरा धान बेच लेते हैं उनकी सहमति से उनका रकबा समर्पण का कार्य तेजी से कराए। बैठक में खाद्य विभाग के अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में अब तक 118 धान खरीदी उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 16 हजार 2 सौ 30 पंजीकृत किसानों द्वारा लगभग 52 हजार 824 मेट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्रों में धान की नमी का उचित ढंग से मापन करने, धान की तौलाई में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना करते हुए अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने खरीदी केंद्रों में वास्तिवक किसानों का ही टोकन काटे जाने तथा ऑनलाइन कटने वाले टोकन के लिए अलग से रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए तथा किसी भी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई करने कहा। कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्रों में शाम के समय अंधेरा हो जाने के बाद धान खरीदी की गतिविधियों को बंद करने कहा।
इसके साथ ही कलेक्टर ने निर्धारित गुणवत्ता एवं धान की किस्मवार खरीदी सुनिश्चित करने, बारदाना व्यवस्था, धान उठाव की व्यवस्था, समर्थन मूल्य पर खरीदे मूल्य कार्रवाई पर व्यापार गए धान के उठाव के लिए समय पर डी. ओ. जारी करने, धान के बारिश से बचाव की उचित व्यवस्था रखने, किसानों के बैंक खाता का सत्यापन करने सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर एस.पी. वैद्य, धान खरीदी के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, जिला विपणन अधिकारी, खाद्य अधिकारी, समिति प्रभारी, शाखा प्रबंधक तथा संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
मधुबनी : कृषि टास्क फोर्स व धान अधिप्राप्ति टास्क फोर्स बैठक
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स व खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2022/23 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिप्राप्ति टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में खाद की कालाबाजारी रोकना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। ऐसे में खाद की कालाबाजारी की खबरों के प्रति उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को इसकी रोकथाम करने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी खुदरा खाद विक्रेता उचित मूल्य पर खाद की बिक्री करें अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रखंड कृषि पदाधिकारी और किसान सलाहकारों की निगरानी में खाद की बिक्री के निर्देश दिए हैं, ताकि खाद की कालाबाजारी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी उर्वरक की दुकान पर किसानों की लंबी लाइन दिखनी नहीं चाहिए। खाद की बिक्री आधार कार्ड के द्वारा की जाए ताकि बिचौलिए को कालाबाजारी का मौका न मिले। उन्होंने धान की अधिप्राप्ति के लिए तत्पर होकर सभी पैक्सो के चयन की प्रक्रिया को पूर्ण करने और मिलों के साथ उन्हें टैग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उसना प्रकार के मिलों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने पैक्स और मिल के बीच इकरारनामा बनवाकर धान अधिप्राप्ति करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी द्वारा बैठक के दौरान कार्यशील नलकूपों, विद्युत संबंधन की समस्या, प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना व डीजल अनुदान से संबंधित अद्यतन स्थिति की समीक्षा भी की गई। उक्त बैठक में विधायक अरुण शंकर प्रसाद, जिला परिषद अध्यक्षा, श्रीमती बिंदु गुलाब यादव, कृषि पदाधिकारी, अशोक कुमार, प्रबंधक राज्य खाद्य निगम पंकज कुमार, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, मो. अरमान सहित जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी मौजूद थे।
मूल्य कार्रवाई पर व्यापार
रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर के साथ मूल्य कार्रवाई पर व्यापार लगातार देश का न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है। राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मूल्य कार्रवाई पर व्यापार में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजनाएं और नीतियां हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला रहा हैं। गौरतलब है कि सीएमआईई के मई-अगस्त 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.22 प्रतिशत थी। राज्य शासन की योजनाओं से इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। बेरेाजगारी की दर छत्तीसगढ़ में माह दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में नवंबर में बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।
बीते दिनों सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा 1 दिसंबर को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि नवंबर माह में देश में बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा 8.2 फीसदी रहा है। देश के शहरी क्षेत्रों में 9.0 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों नवंबर माह में बेरोजगारी का आंकड़ा 7.8 फीसद रहा है। न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतियां रही हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है।
सीएमआईई द्वारा 1 दिसम्बर 2022 को बेरोजगारी दर के संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक नवम्बर 2022 में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वहीं इसी अवधि में 1.2 फीसदी के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। ओड़िसा 1.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 2.5 प्रतिशत रहा है। दूसरी ओर नवंबर 2022 में सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, जहां 30.6 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं काश्मीर में बेरोजगारी दर 23.9 फीसदी दर्ज की गई।
इसलिए छत्तीसगढ़ में रोजगार: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ काम करना शुरू किया। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के साथ गांवों की आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में नवाचार किए गए। इसमें सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम ने महती भूमिका निभाई तो दूसरी ओर गोधन न्याय योजना के साथ गौठानों को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के तौर पर विकसित किया गया, जिससे गोबर बेचने से लेकर गोबर के उत्पाद बनाकर ग्रामीणों को रोजगार मिला। रोजगार के नए अवसर सृजित हुए। 7 से बढ़ाकर 65 प्रकार के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इन लघु वनोपजों के प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन किया गया। इससे वनांचल में भी लोगों को रोजगार मिला। इसी तरह स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए सी-मार्ट प्रारंभ किए गए हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों की आर्थिक समृद्धि की दिशा में प्रयास हुए तो वहीं इस योजना के बाद उत्साहित किसानों की दिलचस्पी कृषि की ओर बढ़ी। राज्य में खेती का रकबा और उत्पादन बढ़ा। राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना के तहत पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता मिली। राज्य में नई उद्योग नीति लागू की गई, जिसमें अनेक वर्गों और विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी के प्रावधान किए गए। इससे उद्यमिता विकास को गति मिली।
महाराष्ट्र में हजारों लोगों को मिलता है मुफ्त खाना, बस ड्राइवर ने की थी पहल आज अरबपति बेटा भी उसी राह पर
अफ्रीका में रहने वाला अरबपति बेटा पिता की तरह महाराष्ट्र में रोज हजारों लोगों को मुफ्त खाना खिलाता है। बेटे का कहना है, "हमारे माता-पिता ने हमें जो कहा है, हमें जो सिखाया है, हम अपने छोटे से तरीके से सभी चीजों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: December 04, 2022 20:36 IST
अरबपति बेटा पिता की तरह महाराष्ट्र में हजारों को खिलाता है खाना
दशकों पहले, महाराष्ट्र राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MSRTC) के यवतमाल जिले में चालक अब्दुल नरसिंहनी को अपने काम के मूल्य कार्रवाई पर व्यापार अलावा एक अजीब आदत थी। हर सुबह वह अपनी पत्नी फातिमा को कुछ रोटियां पैक करने का निर्देश देते थे, उन्हें अपनी जेब में रखते और बस में सवार होकर अपने रूट पर रवाना हो जाते और अलग-अलग स्टॉप पर वे कुछ गरीब लोगों के बीच रोटियां बांट देते थे। उनके छोटे बच्चे- बेटों अमन, असलम और बेटी फरीदा को उनकी उस आदत के बारे में पता था। उन्हें अक्सर अपने पिता की दूसरों के लिए चिंता करने पर ताज्जुब होता था, जबकि वह खुद यावतमल में 200 वर्ग फुट की एक झुग्गी में रहते थे, वह भी किराये पर ली हुई।
कांगो में व्यवसाय शुरू करने वाले पहले भारतीय
सालों बाद अमन की उम्र 45 और असलम की उम्र 43 हो चुकी है और वह कांगो (पूर्व में जैरे), अफ्रीका में सफल व्यवसायी हैं, और फरीदा बुधवानी मुंबई में एक गृहिणी हैं और अब वह अपने पिता की तरह ही गरीब बच्चों की मदद करते हैं। अमन ने बताया, "हम भाइयों मूल्य कार्रवाई पर व्यापार ने उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 12) को पूरा किया और युगांडा में नौकरी मिली, हम 1998 में वहां चले गए। सिर्फ तीन साल (2000) में हमें आस-पास के देश, कांगो में एक दवा व्यवसाय शुरू करने का प्रस्ताव मिला, और हमने इस मौके का फायदा उठाया।" यह नरसिंहनी भाइयों के लिए मोड़ था, और वह कांगो में व्यवसाय शुरू करने वाले पहले भारतीय बन गए और उनके उद्यम को सारा फार्मास्यूटिकल्स नाम दिया गया। अमन ने कहा, कई अफ्रीकियों के पास हर चीज के लिए दवाओं में पॉप करने के लिए एक बुत है..हमने भारत या चीन से विभिन्न प्रकार की दवाओं का आयात किया और फिर उन्हें वहां बेच दिया..धीरे-धीरे, छोटे व्यवसाय में 1,200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के कारोबार के साथ एक फार्मा-कम-इलेक्ट्रॉनिक्स साम्राज्य में वृद्धि हुई है।
रोज 1000 लोगों को खाना खिलाते हैं
अफ्रीका से घर वापस आने की अपनी लगातार यात्राओं पर, वह अपने पिता की रोज की आदत रोटियां बांटना या यह सलाह कभी नहीं भूलते कि किसी को भी दरवाजे से खाली हाथ नहीं जाने दो और इस सलाह को आगे ले जाने के लिए कुछ करने का फैसला किया। अमन ने कहा, "2009 से हमने एक सामुदायिक रसोई लॉन्च की जो दोपहर के भोजन के लिए लगभग 750 लोगों को खिलाते हैं और लगभग 250 लोगों को रोजाना रात का खाना खिलाया जाता है..98 प्रतिशत लाभार्थी स्थानीय गरीब लोग मूल्य कार्रवाई पर व्यापार हैं, धर्म या स्थिति के बावजूद सभी का समान रूप से स्वागत है..।" 'खिदमत-ए-खलक' (निस्वार्थ सेवा) के माध्यम से रोजाना लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाले चावल-शाकाहारी, सब्जी और चिकन बिरयानी और अन्य खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं, और यवतमाल में कुछ स्थानों पर पूरे साल वितरित किया जाता है। इसने कोविड-19 महामारी (2020-2021) में लॉकडाउन के दौरान लाखों वंचित लोगों के लिए सही मूल्य और उपयोगिता साबित मूल्य कार्रवाई पर व्यापार की, विशेष रूप से प्रवासी लोग जो घर से दूर फंसे हुए थे, उन्हें खाना खिलाया।
अस्पताल में रोगियों को खिलाया मुफ्त खाना
असलम ने मूल्य कार्रवाई पर व्यापार कहा, कड़े लॉकडाउन के पहले छह महीनों में हमने 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को खिलाया, असहाय लोगों को जो अपनी नौकरी खो चुके थे, 2 करोड़ रुपये के लगभग 25 किलोग्राम के राशन किट वितरित किए। अक्टूबर 2020 में लॉकडाउन के बाद नरसिंहनी भाइयों ने स्थानीय श्री वासान्त्रो नाइक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया, जहां उन्होंने एक वर्ष से अधिक के लिए सभी रोगियों को मुफ्त भोजन परोसा।
मध्य अफ्रीका के सबसे सम्मानित नागरिकों में से एक
जैसा कि मध्य अफ्रीका में फार्मा व्यवसाय फला-फूला, उन्होंने प्रगति की, अपने 200-वर्गफुट किराए के घर को बदल दिया। यवतमाल में 10,000 वर्ग फुट की हवेली में रहने लगे, जहां वह सबसे सम्मानित नागरिकों में गिने जाते हैं। अब्दुल नरसिंहनी, जिन्होंने अपने बच्चों को अन्य लोगों की देखभाल के लिए अमूल्य सीख दी, खुशी और गर्व के साथ सब कुछ देखा। साल 2015 में उनका निधन हो गया, जबकि 71 वर्षीय उनकी मां फातिमा ने अपने दो बेटों का मार्गदर्शन और साथ देना जारी रखा। अफ्रीका में व्यापार करना हर किसी के लिए आसान नहीं है, वहां कई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल को देखते हुए साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषा की बाधाएं हैं, लेकिन नरसिंघानी भाई केवल कुछ वर्षो में सबकुछ मूल्य कार्रवाई पर व्यापार सीखने में कामयाब रहे और उन्हें युगांडा, कांगो और मध्य अफ्रीकी क्षेत्र के अन्य देशों में स्वीकार किया गया।
माता-पिता ने हमें जो सिखाया, हम उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहे
अमन ने कहा, "हालांकि हमने पिछले 25 वर्षो में बहुत सारे सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उथल-पुथल को देखा है, लेकिन सौभाग्य से, भारतीय समुदाय को किसी भी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा और हमें संभवत: बाकी लोगों के बीच 'समान से अधिक' माना जाता है।" फार्मा व्यवसाय धीरे-धीरे अफ्रीका के भीतर विस्तारित हो गया है और हाल ही में जोड़ी ने इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडिंग मूल्य कार्रवाई पर व्यापार में विविधता की है। नरसिंगनिस स्वीकार करते हैं, "हमारे माता-पिता ने हमें जो कहा है, हमें जो सिखाया है, हम अपने छोटे से तरीके से सभी चीजों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
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