बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है, जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटकॉइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।
केंद्र के फैसले से बिटकॉइन बोल्ड: दुनिया में क्रिप्टो का मार्केट गिरा; बिटकॉइन में 8.74% की गिरावट; इस करेंसी से जुड़ी हर बात जानिए
केंद्र सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की खबर के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालाकि आज सुबह 10 बजे बिटकॉइन 17% से बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? ज्यादा गिरावट देखी जा रही था लेकिन शाम तक इसमें रिकवरी देखने को मिली। शाम साढ़े 5 बजे इसमें 8.72% रह गई थी। यानी निवेशकों का भरोसा क्रिप्टोकरेंसियों पर बना हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को शाम साढ़े 5 बजे की है।
क्रिप्टोकरेंसी : बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला अल सल्वाडोर पहला देश बना
मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।
अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा
आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।
विस्तार
मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।
अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा
आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।
बुकेले ने एक ट्वीट में कहा, यह हमारे देश के लिए वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा। इस कदम से अल सल्वाडोर के लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी। विदेशों में काम कर रहे सल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर भेजते हैं। विश्व बैंक के डाटा के अनुसार साल 2019 में लोगों ने कुल छह अरब डॉलर देश में भेजे थे।
1 बिटकॉइन की कीमत ₹ 54 लाख के पार पहुंची, जानिए कैसे उठाएं तेजी का फायदा| Bitcoin Price in INR in Hindi 2021
अभी तक भारत में बिटकॉइन समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून भी नहीं है। इसके बावजूद बिटकॉइन का जादू निवेशकों के सर चढ़कर बोल रहा है। निवेशकों में बिटकॉइन के प्रति दीवानगी ऐसी है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर बिटकॉइन ने 10 नवंबर 2021 को ₹54 लाख पार कर एक रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया।
ऊपर दी हुई तस्वीर में आप देख सकते है कि पिछले चार महीनों (अगस्त-सितंबर-अक्टूबर-नवंबर) के दौरान वजीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर किस तरह से बिटकॉइन ने प्रदर्शन किया है। बिटकॉइन 10 अगस्त 2021 को ₹34 लाख 55 हजार 518 पर खुला, ₹34 लाख 88 हजार 712 के उच्च स्तर को छुआ, और ₹33 लाख 86 हजार 406 के निचले स्तर तक जाकर अंत में ₹34 लाख 21 हजार 451 के स्तर पर बंद हुआ। उसी तरह, 10 सितंबर 2021 को ₹36 लाख 47 हजार पर खुलकर ₹36 लाख 76 हजार बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? 633 के उच्चे स्तर को छूकर, नीचे में ₹35 लाख 10 हजार 879 तक जाकर अंत में ₹35 लाख 40 हजार पर बंद हुआ।
बिटकॉइन में तेजी का फायदा कैसे उठाएं:
2009-10 में ही तो बिटकॉइन ने शून्य से सफर की शुरुआत की थी, और देखते देखते इसकी कीमत महज 11-12 साल में शून्य डॉलर से करीब 69 हजार डॉलर तक पहुंच गई है, और वो भी तमाम सरकारें एवं केंद्रीय बैंकों की मदद के बिना। भले ही बिटकॉइन या कोई भी क्रिप्टोकरेंसी दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी अमेरिकी डॉलर ना हो, लेकिन ये डॉलर के मुकाबले लगातार ताकतवर होती जा रही है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े लोग एवं बड़ी-बड़ी कंपनियां बिटकॉइन में पैसे लगा रही हैं तथा बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकार कर रही हैं।
आज पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनियां बिटकॉइन या दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर ग्राहकों को पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड की सुविधा दे रही हैं। यानी एक तरह से कहें तो सोना, चांदी, रियल इस्टेट, शेयर बाजार एवं म्यूचुअल फंड के अलावा एब निवेशकों के लिए निवेश का एक और विकल्प आ गया है - बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी।
क्रिप्टोकरेंसी : बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला अल सल्वाडोर पहला देश बना
मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।
अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा
आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।
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मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।
अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा
आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।
बुकेले ने एक ट्वीट में कहा, यह हमारे देश के लिए वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा। इस कदम से अल सल्वाडोर के लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी। विदेशों में काम कर रहे सल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर भेजते हैं। विश्व बैंक के डाटा के अनुसार साल 2019 में लोगों ने कुल छह अरब डॉलर देश में भेजे थे।
दुनिया की पहली Bitcoin City बनाने जा रहा ये देश, ऐसे होगी फंडिंग
- News18Hindi Last Updated : November 22, 2021, 07:05 IST
एल सल्वाडोर डिजिटल करेंसी बिटकॉइन (What is Bitcoin Currency) को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश है. अब ये देश दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी (World First Bitcoin City) बनाने की तैयारी कर रहा है. शनिवार को इस बारे में एल सल्वाडोर (El-Salvador) के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने आधिकारिक घोषणा की. राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बिटकॉइन सिटी को शुरू में बिटकॉइन बॉन्ड से फंडिंग होगी. बुकेले ने उम्मीद जताई कि यह योजना देश की क्रिप्टोकरेंसी पर दांव को दोगुना कर देगा.