ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें?

लेकिन उसके लिए आपको पहले trading और demat अकाउंट खुलवाना होता है. demat और trading अकाउंट आप किसी भी SEBI (Securities and Exchange Board of India) रजिस्टर्ड broker ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? से खुलवा सकते है.
शेयर मार्किट क्या है/ शेयर मार्किट में निवेश कैसे शुरू करे?:How To Invest In Stock Market- Complete Guide in Hindi
अगर आप शेयर मार्किट में नए है, या अभी आपने शेयर मार्किट ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? में entry नहीं किया है लेकिन इसे समझना चाहते है और इसमें आगे इन्वेस्ट करना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह आये है.
हम आपको इस आर्टिकल में ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? शेयर मार्किट के बारे में सभी basic जानकारी देंगे जहाँ आप जानेंगे की शेयर मार्किट क्या है- what is share market और लोग इसमें पैसे कैसे कमाते है और आप कैसे शेयर मार्किट में इन्वेस्ट शुरू कर सकते यही.
शेयर मार्किट के बारे में 10 मुँह 10 बातें वाली बाते होती है. कुछ लोग कहते है शेयर मार्किट सट्टा बाज़ार है, यहाँ पैसे डूबते है , लेकिन वही वारेन बुफेट, राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल, ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? विजय केडिया जैसे लोग लाखो करोड़ो कमा जाते है.
तो ऐसा क्या है की कुछ लोग शेयर मार्किट को पैसे डुबाने की मशीन केहते है तो कुछ लोग यह ढेर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? सारा पैसा बना लेते है. तो मै इस सन्दर्भ में कुछ शब्दो में ये कहूंगा की जो व्यक्ति शेयर मार्किट के बारे में पढ़ कर समझ कर पैसा लगता है वो पैसा कमाता है और जो ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? बिना नॉलेज के पैसा लगता है वो लोग अपनी गाढ़ी कमाई डूबा देते है.
शेयर मार्किट क्या है ?
जहाँ कंपनी के शेयर की खरीद और बिक्री होती है उस जगह को शेयर मार्किट कहते है. शेयर का मतलब है किसी कंपनी की ownership में एक हिस्सा। अगर कंपनी मुनाफ़ा कमाती है तो आपको भी मुनाफ़ा होता है और अगर कंपनी को नुकसान होता है आप भी उस नुकसान के भागीदारी होते है.
शेयर मार्किट 2 तरह के होते है एक Primary market और दूसरा Secondary Market.
जब भी कोई कंपनी पहली बार अपना शेयर, मार्किट में निकालती है तो primary market में ही IPO (Initial Public Offering) प्रोसेस के जरिये शेयर मार्किट में entry लेती है. और उसके बाद secondary market में रेगुलर बेसिक पर general पब्लिक द्वारा उस शेयर की खरीद बिक्री होती है.
जब भी कोई कंपनी अपना शेयर, शेयर मार्किट (स्टॉक मार्किट) में issue करती है तो वह शेयर NSE या BSE या दोनों पर list होती है जिसके indicator के माध्यम से हमें पता ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? चलता है की कंपनी के शेयर बढ़े है या गिरे है.
NSE और BSE क्या है और इनके इंडिकेटर कौन-कौन से है
NSE (National Stock Exchange): – NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जो की मुंबई में स्थित है. NSE की स्थापना 1992 में हुई थी मगर स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा इसे 1993 में मिला और 1994 ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? से इसके ऑपरेशन शुरू हुए।
NSE ने ही पहली बार लोगो को शेयर और अन्य कैपिटल इंस्ट्रूमेंट को खरीदने और बेचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म provide करवाया। इससे पहले लोग स्टॉक एक्सचेंज के floor पर बोली लगा कर शेयर को खरीदते और बेचते थे.
NSE पर लगभग 1600 शेयर listed है. Nifty NSE का मार्किट इंडिकेटर है जो की top 50 शेयर को दर्शाता है. Nifty का official website है www.nseindia.com
BSE (Bombay Stock Exchange) :- BSE भारत ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? स्थापना 1875 में हुई थी. BSE की स्थापना एक Association of person के तौर पर हुई थी लेकिन इसे 1957 में स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा दिया गया.
कोई भी कंपनी शेयर क्यों issue करती है (Why company issue its share)
अब तक हम जान चुके है की शेयर और शेयर मार्किट क्या है. अब आइये जानते है की कंपनी शेयर क्यों issue करते है, और क्या फायदा होता है कंपनी को शेयर issue करने से.
कोई भी कंपनी शेयर तभी issue करती है जब उसे अपने बिज़नेस को चलाने या बिज़नेस को बढ़ाने के लिए रूपये की आवश्यकता होती है. कंपनी इन पैसे का उपयोग अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए करते है, जैसे कोई नया बिज़नेस ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? अधिग्रहण (acquire) करना हो, machinery खरीदना हो, या कंपनी पर बहुत कर्ज है तो कर्ज ख़त्म करना हो.
कंपनी को शेयर issue कर money raise करना सबसे आसान और सस्ता पड़ता है, क्योकि कंपनी को न तो इन रूपये पर कोई ब्याज़ देना होता है और न ही ये पैसे वापस करने होते है, लेकिन अपने shareholder को उस कंपनी के प्रॉफिट का हिस्सा देना होता है.