ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है -What is Margin trading?
मार्जिन ट्रेडिंग (Margin Trading) एक तरह से उधार लिए गए पैसे से की गई ट्रेडिंग होती है इस ट्रेडिंग में हम अपने ब्रोकर से पैसा उधार लेते हैं तथा उसके बदले में उसे ब्याज देते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग के कुछ फायदे तथा कुछ नुकसान भी होते हैं इसमें अगर किसी ट्रेडर के पास ज्यादा पैसा नहीं है लेकिन वह अपने अच्छी स्ट्रेटजी बनाकर काम कर सकता है और उसे अपने काम पर पूरा विश्वास है तो बिना पैसे भी वह ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छा पैसा बना कर मार्जिन मनी को वापिस भी कर सकता है।
मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सेबी अभी कुछ नियम और शर्तें भी लेकर आ रहा है क्योंकि यह एक ऐसा जाल है जिसमें नए ट्रैक्टर फस जाते हैं और उन्हें काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि नई ट्रेडर को किसी भी स्टॉक में एंट्री तथा एग्जिट की जानकारी नहीं होती और इसी कारण से वह इसमें अपना नुकसान कर लेते हैं क्योंकि पैसा ब्याज पर लिया हुआ होता है इस वजह से उसे नुकसान भी ज्यादा ही हो जाता है और वह दोबारा से शेयर बाजार में आने से डरता है।
लेकिन वही किसी अच्छे तथा पुराने ट्रेडर के लिए यह एक अच्छी कमाई का जरिया भी बन सकता है क्योंकि वह अपनी नॉलेज या ज्ञान के अनुसार ट्रेड करके अच्छा पैसा बना सकता है। आपको अगर मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करनी है तो आप अपने ट्रेडर से एमटीएफ यानी मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी को चालू करवा सकते हैं इसके लिए ब्रोकर आपसे इसे शुरू करने के लिए परमिशन लेगा और कुछ ईसाइन वगैरह भी चालू करवाएगा जिसकी वजह से ब्रोकर को आप परमिशन देंगे कि वह आपको मार्जिन फैसिलिटी देगा जिस पैसे से आप आने वाले समय में ट्रेड कर सकते हैं।
Table of Contents
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मार्जिन
कुछ ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको 5 गुना तक की मार्जिन फैसिलिटी प्रदान करते हैं इसका अर्थ यह है कि अगर आपके पास ₹25000 हैं और आप रीडिंग करना चाहते हैं तो आप ₹125000 के शेर खरीद सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मार्जिन देना ब्रोकर के हाथ में होता है और अलग-अलग ब्रोकर अलग अलग तरीके से मार्जिन देते हैं और उनके लिए चार्ज करते हैं।
किसी भी नए ट्रेडर को मार्जिन फैसिलिटी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा जोखिम होता है जिसकी वजह से नई ट्रेडर अक्सर नुकसान करते हैं और उस नुकसान की वजह से वह दोबारा मार्केट में आने ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं से डरते हैं या मार्केट में अपना पैसा लगाने का साहस नहीं कर पाते इस वजह से
मार्जिन ट्रेडिंग के लिए खाता कैसे खोलें
अगर आप मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको किसी अलग जगह पर खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होती है आप अपने ब्रोकर से बात करके मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) शुरू करवा सकते हैं और आसानी से मार्जिन ट्रेडिंग करना चालू कर सकते हैं।
इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपने ब्रोकर से उसके चार्जेस तथा ब्याज के बारे में अवश्य पता करें क्योंकि आप यह जानकारी लिए बगैर ट्रेड करेंगे तो आपको काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है और जिसको भर पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
मार्जिन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें
मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर से मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी को शुरू करवाना होता है तथा उसके बाद आप आपके ब्रोकर द्वारा दिए गए मार्जिन के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग इंट्राडे तथा शार्ट स्विंग ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। यह संपूर्ण है आपके ब्लॉक कर पर निर्भर करता है कि वह आपको किस तरीके की मार्जिन ट्रेडिंग के लिए आपको अलाव करता है और कितने प्रतिशत की मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी शुरू करता है और उसके चार्ज निर्धारित करना भी ब्लॉक कर के हाथ में होता है इसलिए आप अपने ब्रोकर से संपर्क करके पहले यह सारी जानकारी इकट्ठा जरूर कर लें और उसके बाद ही आप मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करें।
मार्जिन ट्रेडिंग एक नया नया फार्मूला शेयर बाजार में आया है और अभी है काफी ज्यादा प्रचलित हो रहा है क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनके पास ट्रेडिंग का ज्ञान तो होता है लेकिन लगाने के लिए पैसे नहीं होते तो अब वह अपने लिवरेज अमाउंट के साथ मार्जिन का इस्तेमाल करके मार्जिन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
आइए मार्जिन ट्रेडिंग को अब उदाहरण के साथ समझने का प्रयास करते हैं जैसे कि आप किसी ट्रेड को लेते हैं जैसे कि आप ऑप्शन इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो तो आप ₹10000 के साथ मार्केट में आते हैं और ₹50000 अपने ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते हैं तो इस ट्रेड से होने वाला फायदा भी आपका होता है और इसमें होने वाला नुकसान भी आपका ही होता है लेकिन ब्रोकर अपने मार्जिन मनी के बदले आपसे कुछ रुपए चार्ज करता है या कुछ प्रतिशत में यह अमाउंट होता है जो वह चार्ज करता है इसकी जानकारी आप पहले ही परोपकार से ले सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग के फायदे | Benefits of Margin Trading
- मार्जिन ट्रेडिंग की सहायता से आप कम पैसे लगाकर भी आप ज्यादा पैसे की ट्रेडिंग कर सकते हैं और ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- मार्जिन ट्रेडिंग में आपको छोटी अवधि के लिए ट्रेड की लेना होता है और जल्दी ही उससे प्रॉफिट कमा कर बाहर निकलना होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग में आप ब्रोकर को ब्याज देखकर आसानी से मार्जिन उपलब्ध करवा सकते हैं आजकल ब्रोकर आसानी से यह सुविधा अपने ट्रेडर को देते हैं
- मार्जिन ट्रेडिंग में आपको 5 से 6 गुना तक का मार्जिन आसानी से मिल ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं जाता है इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए और 2 गुना तक का मार्जिन आपको छोटी अवधि में ट्रेड करने के लिए आजकल ब्रोकर उपलब्ध करवा रहे हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग के नुकसान | Disadvantage of Margin Trading
- मार्जिन ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को नुकसान होता है तो सारा नुकसान उसे खुद ही भुगतना पड़ता है साथ में ब्रोकर तो अपने margin ke पैसे का चार्ज वसूल करता है।
- इस तरह की ट्रेडिंग में अक्सर नए ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि उसे अभी बाजार के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होती और अक्सर वह अपना नुकसान कर लेता है क्योंकि वह कम पैसे में ज्यादा प्रेरित कर रहा होता है इस वजह से उसे नुकसान भी ज्यादा ही होता है और साथ में ब्रोकर को भी डाल देना होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग में ट्रैक्टर को सीमित समय के लिए ही पैसा मिलता है और उस अवधि के अंदर उसे अपने ट्रेड को उसके रोक करना अति आवश्यक होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सेबी नए नियम ला रही है जिसमें नई ट्रेडर को मार्जिन सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
जैसा कि हमने मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने की कोशिश की है और आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी काफी अच्छी लगी होगी और ऐसी ही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें और ऐसे ही शेयर बाजार से जुड़ी विभिन्न जानकारियों को पढ़ते रहें जिससे कि आप अपने प्रोफिट को और बढ़ा सकें।
अन्य पढें:-
मार्जिन पर स्टॉक खरीदने से क्या
मार्जिन पर स्टॉक खरीदने से आप अपने प्रॉफिट को और बना सकते हैं और उससे होने वाले लाभ ह ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं।
क्या मुझे मार्जिन ट्रेडिंग का उपयोग करना चाहिए?
मार्जिन ट्रेडिंग एक बहुत ही जोखिम भरा कदम होता है अगर आपको आपके ट्रेड लेने पर पूरा भरोसा है तभी आप इसे इस्तेमाल करें अन्यथा आपको इस पर बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इसमें आपको नुकसान भी मार्जिन मनी के साथ होता है तथा ब्रोकर को भी चार्ज पे करने पड़ते हैं।
एंजल ब्रोकिंग में मार्जिन क्या है
एंजेल वन में मार्जिन आप 5 गुना तक इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ले सकते हैं तथा इसके लिए कुछ प्रतिशत चार्ज आपको एंजेल 1 को देना होता है और उसके बदले में आप उससे मार्जिन मनी ले सकते हैं
margin trading facility (MTF) क्या होती है।
मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी जो कि एक ब्रोकर द्वारा दी गई वह सुविधा है जिसमें आप कम पैसे में ज्यादा रेट ले सकते हैं और ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं इसका उपयोग करने के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होता है।
नया मार्जिन नियम क्या है
नए मार्जिन नियम में कोई भी निवेशक अपना दे देता है तो वह है 80% रुपए अपने खाते में प्राप्त करता है तथा बचे हुए 20% राशि को वह टी प्लस 1 दिन में प्राप्त करता है।
सेबी ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं का नया मार्जिन ट्रेडिंग नियम क्या है?
अभी अभी हाल ही में एक नया वर्जन ट्रेडिंग नियम ला सकती है जिसमें वह नई ट्रेक्टर के लिए इमरजेंसी सुविधा को उपलब्ध नहीं होने देगी जिससे कि नए ट्रैडर को नुकसान ना हो क्योंकि नया ट्रैडर ज्यादातर अपना नुकसान कर लेता है।
Share Market Trading के लिए फ्री में खोलें डीमैट अकाउंट, ये ब्रोकिंग कंपनियां दे रही हैं मौका
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना बहुत जरूरी है। आप डीमैट अकाउंट किसी बैंक के साथ खोल सकते हैं या फिर ब्रोकरिंग कंपनियों के साथ भी डिमैट अकाउंट खोला जा सकता है। पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ब्रोकिंग कंपनियां उन्हें मुफ्त डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने का मौका दे रही हैं। चलिए, इन पर एक नजर डालते हैं।
ICICI डायरेक्ट
ICICI डायरेक्ट आपको 3-इन-1 ट्रेडिंग खाता प्रदान करता है, जिसमें आपको डीमैट, ट्रेडिंग और बैंक खाता खोलने की सुविधा मिलती है। पहले वर्ष के लिए, डीमैट खाते पर कोई एएमसी (वार्षिक रखरखाव शुल्क) नहीं है। हालांकि, दूसरे वर्ष से 700 रुपये (करों के बिना) का शुल्क लगाया जाता है। यदि डीमैट खाता बीएसडीए द्वारा कवर किया जाता है, तो 50000 रुपये तक मूल्य रखने के लिए कोई एएमसी शुल्क नहीं लिया जाता है। वेबसाइट के अनुसार, कोई खाता खोलने का शुल्क नहीं है और इसे 10 मिनट के भीतर खोला जा सकता है।
बजाज फिनसर्व
बजाज फिनसर्व में निवेशक नि:शुल्क डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोल सकते हैं। खाता खोलने का कोई शुल्क और वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है। यह दो सब्सक्रिप्शन ऑफर- एक फ्रीडम पैक और एक प्रोफेशनल पैक ऑफर करता है, जिनमें विभिन्न ब्रोकरेज शुल्क होते हैं। ध्यान दें कि वार्षिक सदस्यता शुल्क केवल पहले साल नहीं देना होगा। उसके बाद के वर्ष के लिए 431 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
एक्सिस डायरेक्ट
एक्सिस डायरेक्ट उन निवेशकों को लक्षित कर रही है, जो आगामी एलआईसी आईपीओ में निवेश करने के लिए डीमैट खाता खोलना चाहते हैं। वेबसाइट पर लिखा है कि LIC के ग्राहक, कर्मचारी और एजेंट्स के लिए फ्री डैमैट और ट्रेडिंग अकाउंट जीरो शुल्क पर खोला जा रहा है। पहले वर्ष के लिए डीमैट एएमसी मुफ्त है।
स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के डीमैट ट्रेडिंग पेज पर कहा गया है, "पहली बार निवेशक? हम इसे 35 वर्षों से कर रहे हैं, आइए हम आपकी मदद करें। एक मुफ्त डीमैट खाता शुरू करें।" इसका मतलब है कि पहले साल के लिए निवेशकों को सालाना मेंटेनेंस चार्ज (AMC) नहीं देना होगा।
शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान
शेयर बाजार में शेयर खरीदन-बेचना बच्चों का खेल नहीं. इसके लिए आपको जरूरत होती है. ब्रोकर के चयन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान.
1. डिस्काउंट ब्रोकर पर दांव!
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. इसलिए यदि आप बाजार की उथल-पुथल और हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.
2. फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रोकर का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है. हालांकि, हाइब्रिड ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
इसे भी पढ़ें: ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए MRP बताना ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं अनिवार्य, सरकार का आदेश
3. ब्रोकिंग चार्जेज पर नजर
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
4. अन्य सुविधाएं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.
5. ब्रोकरेज की छवि जान लें
अपने ब्रोकर पर मुहर लगाने से पहले बाजार में उसकी छवि जान लें. ब्रोकर की सेवाओं और सुविधाओं की संतुष्टि के बाद ही उससे जुड़े. सभी ब्रोकरेज के खिलाफ दर्ज शिकायतों का ब्यौरा सेबी के पास मिल जाएगा.
(नोट: यह लेख सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग के विचारों से प्रभावित हैं. इस लेख में गिरिजा ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं गाद्रे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता ने अहम योगदान दिया है.)
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.
Zerodha का सफर: 12 सालों की ग्रोथ के बाद अब शिखर पर पहुंची ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म Zerodha
Zerodha के फाउंडर नितिन कामत नियमों में सख्ती का समर्थन करते हैं, हालांकि वह यह भी मानते हैं कि बिजनेस पर इसके शॉर्ट-टर्म असर से इंकार नहीं किया जा सकता है
Zerodha: अमेरिकी लेखक नेपोलियन हिल के अनुसार, अगर आप महान काम नहीं कर सकते हैं, तो छोटे कामों को महान तरीके से करें। हो सकता है कि नए जमाने की ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं इस कथन से कभी प्रेरित न हुए हों, लेकिन उनकी फर्म की कहानी इस कथन से काफी मिलती-जुलती है।
करीब 12 सालों पहले शुरू हुई जीरोधा आज साइज और मुनाफे दोनों के मामले इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म है। कामत ने एक शेयर मार्केट ट्रेडर के रूप में जिन समस्याओं का सामना किया था, उसके समाधान के तौर पर उन्होंने 2010 में जीरोधा की स्थापना की थी। शेयर बाजार उस समय 2008 के वित्तीय संकट के झटके से उभर रहा था और शेयरों में निवेश से लोग दूरी बना रहे थे। रिटेल निवेशकों की भागीदारी कम थी और निवेशकों को स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों को अपारदर्शी तरीके से अधिक ब्रोकरेज शुल्क और फीस देने का सामना करना पड़ता था।
कामत का उद्देश्य टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रेडिंग के तरीके को सरल बनाना और बाजार सहभागियों के लिए लागत को कम करना था। इसे डिस्काउंट ब्रोकिंग कहा गया। जैसे-जैसे अधिक लोगों ने शेयर बाजारों का रुख करना शुरू किया, वैसै-वैसे डिस्काउंट ब्रोकिंग भी लोकप्रिय होता गया।
10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट
पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।
आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।
आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।