कमोडिटी मार्केट क्या है

Commodity Market में Trading कैसे करे ? – कमोडिटी मार्केट से सोना कैसे ख़रीदे
लोग इक्विटी मार्केट के बाद कमोडिटी मार्केट में पैसा लगाना ज्यादा पसंद करते हैं शेयर मार्केट के बाहर देखा जाए तो सबसे बड़ा मार्केट कमोडिटी मार्केट है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करके लोग बहुत पैसा कमाते हैं. कमोडिटी मार्केट में लोग सिर्फ निवेश नहीं करते यहां पर लोग ट्रेडिंग भी करते हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने से पहले आपको कमोडिटी मार्केट के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है क्योंकि यह मार्केट भी जोखिम से भरी हुई है अगर आप कमोडिटी मार्केट की अच्छी जानकारी नहीं रखते तो आपको इसमें नुकसान हो सकता है.
चलिए सबसे पहले जानते हैं कि कमोडिटी मार्केट क्या है.
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Commodity Market Kya Hai
शेयर मार्केट की तरह ही कमोडिटी मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहां पर आप वस्तुओं के शेयर पर पैसा निवेश करते हैं और ट्रेनिंग करते हैं यहां पर भी आप शेयर मार्केट की तरह ट्रेडिंग करके बहुत पैसा कमा सकते हैं.
जिस तरह शेयर मार्केट में इक्विटी शेयर पर निवेश किया जाता है ठीक उसी तरह कमोडिटी मार्केट में आप वस्तुओं जैसे Base Metals, Bullions, Agro Commodities, Energy के शेयर पर पैसा लगाते हैं और ट्रेडिंग करते हैं.
कमोडिटी मार्केट के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए हमारे नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
कमोडिटी मार्केट के बारे में जानने के बाद अब बारी आती है एमसीएक्स के बारे में जानने की क्योंकि एमसीएक्स कमोडिटी मार्केट का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.
चलिए जानते हैं कि एमसीएक्स क्या है.
MCX Kya Hai
जिस तरह इक्विटी मार्केट के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई है. ठीक उसी तरह कमोडिटी मार्केट के लिए एमसीएक्स मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज है जिसे हम एमसीएक्स कहते हैं.
कमोडिटी मार्केट में होने वाले Share के उतार-चढ़ाव को हम एम सी एक्स पर ही देख सकते हैं। एम सी एक्स के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.कमोडिटी मार्केट क्या है
Commodity Market Me Trading Kaise Kare
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास में एक ट्रेडिंग अकाउंट होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट नहीं है तो आप कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते तो सबसे पहले आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जानकारी होनी चाहिए एवं आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट नहीं है तो तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़कर अपना खुद का ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं.
ध्यान रहे आप जिस भी ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा रहे हैं. आपका वह ब्रोकर एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स एक्सचेंज का एक सदस्य हो ताकि आप उसके ट्रेडिंग अकाउंट से कमोडिटी मार्केट में भी ट्रेनिंग कर सके.
Commodity Me Trading Kaise Kare
कमोडिटी मार्केट में आपको ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले चुनना होगा कि आप किस पर ट्रेडिंग करना चाहते हैं.
क्योंकि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने के अलग अलग तरीके हैं जैसे कि आप कमोडिटी मार्केट के अंदर अगर सोना चांदी पर ट्रेनिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको Base Metals, पर ट्रेडिंग करना होगा ठीक इसी तरह Bullions, Agro Commodities, Energy पर आप अपनी सुविधा अनुसार ट्रेडिंग कर सकते हैं.
आपको बस ट्रेडिंग करते समय कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना है कि आप अपनी ट्रेडिंग ने स्टॉप लॉस और टारगेट जरूर लगाएं ताकि आपको कोई नुकसान ना हो और आपका मुनाफा भी हो सके.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे लगाएं उसके बारे में जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े .
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शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश कमोडिटी मार्केट क्या है की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
भारत में दो तरह की कमोडिटीज में ट्रेडिंग होती है…
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे होती है?
कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी. डीमैट अकाउंट आपके सभी ट्रेड और होल्डिंग के सिक्योर करेगा, लेकिन एक्सचेंज पर ऑर्डर देने के लिए आपको ब्रोकर के माध्यम से जाना होगा.
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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Commodity Market क्या है ? – कमोडिटी मार्केट के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में
शेयर मार्केट में लोग कंपनी और उनके शेयर पर पैसे निवेश करके मुनाफा कमा लेते है. साथ ही साथ लोग शेयर मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी के शेयर पर ट्रेडिंग भी करते है और यही कारण है.
शेयर मार्केट में इक्विटी मार्केट इतनी प्रसिद्ध है. लेकिन सिर्फ इक्विटी मार्केट नही, शेयर मार्केट में कमोडिटी मार्केट भी बहुत नाम है और लोग इससे भी बहुत पैसे कमाते है.
चलिए सबसे पहले कमोडिटी मार्केट के मीनिंग को जान लेते कमोडिटी मार्केट क्या है है.
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Commodity Market Meaning in Hindi?
Commodity Market का मतलब = “वस्तु बाजार” है. आसान भाषा मे समझे तो किसी वास्तु को खरीदने और बेचने की सुविधा देने वाला बाजार.
चलिए अब जानते है कि कमोडिटी मार्केट क्या है.
Commodity Market Kya Hai?
कमोडिटी मार्केट एक ऐसा मार्केट होता है जहाँ आप वस्तुओं के शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है. कमोडिटी मार्केट ठीक शेयर मार्केट की तरह ही काम करता है.
कमोडिटी मार्केट में आप वस्तुओं जैसे Base Metals, Bullions, Agro Commodities, Energy के शेयर को खरीद व बेच कर मुनाफा कमा सकते है.
कमोडिटी मार्केट में आप सिर्फ निवेश नही बल्कि ट्रेडिंग भी कर सकते है. चलिए जानते है कमोडिटी मार्केट ट्रेडिंग के बारे में .
Commodity Market Trading Kya Hai ?
जिस प्रकार आप शेयर मार्केट में कंपनी के शेयर पर ट्रेडिंग करते है ठीक उसी प्रकार आप कमोडिटी मार्केट में वस्तुओं के Share पर Trading कर सकते है.
कमोडिटी मार्केट में आपको ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए. ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
चलिए अब जानते है कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको क्या चाहिए.
Commodity Market in Hindi?
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग एकाउंट की जरूरत पड़ती है. तो अगर आप अपना ट्रेडिंग एकाउंट खोलना चाहते है तो नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
कमोडिटी मार्केट की खुद की एक स्टॉक एक्सचेंज है. जिसकी मदद से आप कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश करते है.
कमोडिटी मार्केट की स्टॉक एक्सचेंज का नाम MCX है. चलिए MCX एक्सचेंज के बारे में जानते हौ.
MCX Kya Hai?
MCX कमोडिटी की एक स्टॉक एक्सचेंज है. इसका पूरा नाम Multi Commodity Exchange of India है. MCX इक्विटी मार्केट की स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज है.
अगर आप MCX के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो नीचे दी गई पोस्ट पढ़े .
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे चलिए जानते है.
Commodity Market Me Trading Kaise Kare?
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग एकाउंट होना चाहिए इसके अलावा आपको ट्रेडिंग के बारे में जानकारी होना चाहिए.
क्योंकि ट्रेडिंग एक जोखिम भरा व्यापार है तो बिना जानकारी के ट्रेडिंग करना मतलब खुद का नुकसान करना है. लेकिन एक बार आपको कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करने कि अच्छी जानकारी हो जाती है तो इससे इक्विटी मार्केट से भी ज्यादा पैसे कमा सकते है .
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे जानने के लिए हमारी दूसरी पोस्ट पढ़े .
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कमोडिटीज़ ट्रेडिंग ऑनलाइन
कमोडिटी व्यापार इक्विटी, बॉन्ड और रियल एस्टेट के पारंपरिक अवसरों से अलग, निवेश के लिए विविध अवसरों को लाता है। ऐतिहासिक डेटा के आधार पर, अपने मौजूदा पोर्टफोलियो में कमोडिटी एक्सपोज़र जोड़ने से जोखिम कम करते हुए आपको रिटर्न बढ़ाने में मदद मिलती है। अन्य परिसंपत्ति वर्गों के साथ वस्तुओं का बहुत कम या नकारात्मक सहसंबंध है।
- बुलियन, ऊर्जा, कृषि में व्यापार
- कम मार्जिन पर व्यापार करना
- पोर्टफोलियो का विविधीकरण
- निवेश, व्यापार, बचाव और अनुमान लगाना
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत कीमतें
- जोखिम से बचाव
कमोडीटीज़ में निवेश के लिए हमें क्यों चुनें
- लाभ -4 गुना एक्सपोजर
- सुरक्षित व्यापार अनुभव
- इंट्राडे और स्थिति संबंधी सलाह
- दैनिक और साप्ताहिक बाजार रिपोर्ट
- समर्पित सलाहकार दल
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कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए अनुशंसाएं
- CMP 61419.00
- Target Price 61101.00
- Stop Loss 61099.00
- CMP 61249.00
- Target Price 60950.00
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- CMP 332.10
- Target Price 365.00
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- CMP 11.70
- Target Price 9.95
- Stop Loss 9.95
13 दिनों में उछाल 10.60 %
12 दिनों में प्राप्त किया 7.00 %
9 दिनों में प्राप्त किया 7.60 %
8 दिनों में प्राप्त किया 5.40 %
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कमोडिटी के एफ.ए.क्यू
क्या किसी भी समय किसी भी कमोडिटी पर व्यापार / धारण की मात्रा की कोई सीमा है?
हाँ, उस मात्रा की अधिकतम अनुमेय सीमा है जिसे किसी विशेष कमोडिटी में कारोबार या आयोजित किया जा सकता है। यह सीमा संबंधित एक्सचेंजों और रेगुलेटर द्वारा निर्धारित की जाती है और कमोडिटी के अनुसार भिन्न होती है।
मैं कमोडिटी व्यापारों का निपटान कैसे करता हूँ?
कमोडिटी व्यापार प्रक्रिया के दो भाग हैं: ऑर्डर संसाधित करना और मार्क टू मार्केट (एम.टी.एम) निपटान। आप मोतीलाल ओसवाल के डीलिंग डेस्क या किसी अन्य ब्रोकर को फ़ोन पर एक आदेश दे सकते हैं, जिसके साथ आपका खाता है और यह व्यापार शुरू करता है। डीलर एक मूल्य देता है और आपको प्रारंभिक मार्जिन जमा करने के लिए कहता है।
क्या किसी कमोडिटी की कीमत एक दिन में बढ़ सकती है या गिर सकती है?
हां, अचानक और चरम मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए सर्किट सीमाएं (ऊपरी और निचले) या दैनिक मूल्य सीमाएं (डीपीआर) हैं। जब एक सर्किट सीमा हिट होती है, तो व्यापार को पंद्रह मिनट के लिए रोक दिया जाता है।
कमोडिटी व्यापार क्या होता है?
कमोडिटी ट्रेडिंग दुनिया भर में कमोडिटी एक्सचेंजों में वस्तुओं के व्यवहार की प्रक्रिया है। कमोडिटी को 4 प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: धातुएँ - चाँदी, सोना, प्लेटिनम, और तांबा, ऊर्जा - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, गैसोलीन, और तेल गरम करना, कृषि - मक्का, फलियाँ, चावल, गेहूँ, आदि और पशुधन और मांस - अंडे , सूअर का मांस, मवेशी, आदि।
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग निम्नलिखित एक्सचेंजों पर की जाती है: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX) नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE) इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड (ACE) भारत में वस्तुओं का व्यापार करने के लिए, आपको एक भरोसेमंद ब्रोकर चुनने और उनके साथ एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की आवश्यकता है। ट्रेडिंग शुरू करने के लिए शुरुआती निवेश राशि का चयन करें। सिमुलेशन पर अभ्यास करना शुरू करें और बाजार की समझ, जोखिम की भूख, पूंजी की उपलब्धता आदि के आधार पर एक व्यापारिक रणनीति बनाएं।
कमोडिटी बाज़ार में निवेश कैसे करें?
कमोडिटी बाजार में निवेश करने का सबसे आम तरीका एक वायदा अनुबंध के माध्यम से है, जो बाद के समय में एक निर्धारित मूल्य पर कमोडिटी की एक विशिष्ट मात्रा को खरीदने या बेचने के लिए एक समझौता है।
कमोडिटी विनिमय क्या है?
कमोडिटी बाजार एक संगठित, विनियमित बाजार है जो वस्तुओं और संबंधित निवेश उत्पादों के व्यापार और विनिमय के लिए मंच, नियम, विनियम और प्रक्रिया प्रदान करता है। कई प्रकार के आधुनिक जिंस एक्सचेंज हैं, जिनमें धातु, ईंधन और कृषि जिंस एक्सचेंज शामिल हैं। ट्रेडर्स ट्रेड फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स एक पूर्व निर्धारित तारीख तक एक सहमति पर वस्तुओं को खरीदने या बेचने के लिए सहमत हैं। भारत में छह कमोडिटी एक्सचेंज हैं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटीज एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज, ACE डेरिवेटिव्स एक्सचेंज और यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज।
मैं किस कमोडिटी का व्यापार कर सकता हूँ?
जिन कमोडिटी का व्यापार किया जा सकता है, वे निम्नलिखित 4 श्रेणियों में से किसी एक में हो सकती हैं: • धातु और सामग्री जैसे सोना, चांदी, प्लैटिनम, तांबा, लौह अयस्क, एल्युमिनियम, निकल, जस्ता, टिन, स्टील, सोडा ऐश, दुर्लभ पृथ्वी धातु आदि। • कच्चे तेल, ताप तेल, प्राकृतिक गैस, और गैसोलीन, थर्मल कोयला, वैकल्पिक ऊर्जा जैसी ऊर्जा। • एग्री-कमोडिटी (सोयाबीन, अरंडी के बीज, काली मिर्च, धनिया, हल्दी, चना, उड़द, तोर दाल, कच्चा पाम तेल, मूंगफली का तेल, सरसों के बीज आदि) • तेल सेवाओं, खनन सेवाओं और अन्य जैसी सेवाएं।
कमोडिटी स्पॉट और फ्यूचर्स मार्केट में क्या अंतर है?
कमोडिटी स्पॉट और फ्यूचर्स मार्केट के बीच मुख्य अंतर डिलीवरी की तारीखों और कीमतों में हैं। स्पॉट प्राइस एक स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट की वर्तमान कीमत है, जिस पर एक विशेष वस्तु को तत्काल डिलीवरी के लिए निर्दिष्ट स्थान पर खरीदा या बेचा जा सकता है। फ्यूचर्स मार्केट दो पक्षों के बीच एक अनुबंध है, जिसमें एक पक्ष एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित मात्रा में वस्तु या वित्तीय उपकरण खरीदने के लिए सहमत होता है, और सामान की डिलीवरी भविष्य में बाद की तारीख (पूर्व-निर्दिष्ट) पर की जाती है। किसी कमोडिटी की फ्यूचर्स प्राइस का निर्धारण उसके वर्तमान स्पॉट प्राइस, डिलीवरी तक के समय, जोखिम मुक्त ब्याज दर और भविष्य की तारीख में स्टोरेज लागत के संबंध में कमोडिटी की कीमत पर किया जाता है।