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Post Office Term Deposit Scheme: इस योजना में 100 रुपये के निवेश से 16 लाख कमाएं, जानिए कैसे

Post Office Term Deposit Scheme: इस योजना में 100 रुपये के निवेश से 16 लाख कमाएं, जानिए कैसे

डीएनए हिंदी: अगर आप अपने बेहतर भविष्य के लिए पैसे जोड़ने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद साबित होगी. भविष्य के लिए आप डाकघर की सावधि जमा/सावधि जमा योजना (Fixed Deposit / Term Deposit Scheme) को चुन सकते हैं. इस योजना में पैसा लगाने से आपको कभी कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि यहां आपका पैसा एक लाख कमाएँ सुरक्षित है. वहीं इसमें निवेश करना बेहद आसान है. आपको बता दें कि FD/TD की सुविधा सिर्फ बैंक में ही नहीं है, आप पोस्ट ऑफिस में इसका लुत्फ उठा सकते हैं. अंतर यह है कि डाकघर में निवेश किया गया आपका पैसा हमेशा सुरक्षित रहता है और रिटर्न की गारंटी भी देता है. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में जो निवेश पर अच्छा रिटर्न देती है.

युक्ति और शीर्ष योजना

आप पोस्ट ऑफिस में 1 से 5 साल तक का सावधि जमा (Fixed Deposit) खोल सकते हैं. यह एक छोटी बचत योजना है. बैंक ने जनवरी से मार्च 2022 तिमाही तक अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसका मतलब है कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 तिमाही में जो ब्याज मिलता था, वह अब मिलता रहेगा.

1 लाख रुपये का निवेश, मिलेंगे 1,39,407 रुपये

पोस्ट ऑफिस की सावधि जमा (Post Office Term Deposits) पर 5 साल के लिए 6.7 फीसदी सालाना मिलता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति 5 साल की मैच्योरिटी वाली टर्म डिपॉजिट में 1 लाख रुपये जमा कर खाता खोलता है तो 5 साल बाद उसे टीडी की ब्याज दर के हिसाब से 1,39,407 रुपये मिलेंगे. वहीं एक साल, 2 साल और 3 साल के टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.5% सालाना है.

कौन खोल सकता है खाता

डाकघर की इस योजना में कोई भी भारतीय एक लाख कमाएँ एकल या संयुक्त खाता खुलवा सकता है. वहीं जिनकी उम्र 10 साल से ज्यादा है या वे मानसिक रूप से कमजोर हैं, वे भी इसमें खाता खुलवा सकते हैं. खाता खोलने के लिए आप इसमें 1,000 रुपये से शुरू होकर कोई भी राशि डाल सकते हैं. इसके अलावा 5 साल के पोस्ट ऑफिस टीडी में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है.

समयपूर्व समापन के नियम

आप 6 महीने पूरे होने के बाद इस योजना को बंद कर सकते हैं. वहीं अगर आप खाते के 12 महीने पूरे होने तक 6 महीने बाद टीडी को बंद करते हैं तो पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम (Post Office Savings Scheme) की ब्याज दर लागू होगी न कि सावधि जमा.

किसानों को मालामाल करेगी जायफल की खेती, कमाएं 5 लाख प्रति एकड़

हमारे देश के बहुत से किसान आज के समय में पारम्परिक खेती में ज्यादा कमाई ना होने के कारण चिंतित रहते हैं और पारम्परिक खेती का कोई बदल ढूंढ रहे हैं। किसान भाई चाहते हैं कि उन्हें कोई ऐसी फसल के बारे में जानकारी मिले जिससे वो कम से कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा से ज्यादा कमाई कर सकें।

अगर आप भी पारम्परिक खेती का कोई बदल ढूंढ रहे हैं तो आज हम आपको बहुत ही मुनाफे वाली खेती के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसान भाइयों आज हम आपको ऐसी ही एक खेती के बारे में जानकारी देने वाले हैं। हम बात कर रहे हैं जायफल की खेती के बारे में।

जायफल की खेती में किसान करीब 5 लाख रुपए प्रति एकड़ तक कमाई कर सकते हैं। आज हम आपको जायफल की खेती के बारे में पूरी जानकारी देंगे। किसान भाइयों सबसे पहले आपको बता दें कि जायफल को लगाने के दो तरीके हैं। पहला तरीका है बिजाई करके और दूसरा तरीका है इसकी कलम तैयार करके जायफल की खेती करना।

अगर आप इसका बीज लगाते हैं तो उसको फल देने में करीब 7 से 8 साल लग जाएंगे। इसी तरह कलम से लगाए गए पौधे को फल देने में करीब 3 से 5 साल लगते हैं। यानि कि कलम वाले तरीके से जायफल का पौधा लगाना ठीक रहेगा।

इसको लगते समय आपको पौधे से पौधे की दुरी 15 फ़ीट और लाइन से लाइन की दुरी भी 15 फ़ीट रखनी है। इसके एक ही पौधे से जायफल और जावित्री की खेती की जा सकती है और ये दोनों ही चीजें बहुत महंगी बिकती हैं। जायफल की खेती की पूरी जानकारी के लिए निचे दी गयी वीडियो देखें….

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सही लागत-उत्पादन अनुपात को समझ सब्ज़ी उगाकर कैसे कमाएँ अच्छा मुनाफ़ा, जानें बचत करने की पूरी प्रक्रिया

सही लागत-उत्पादन अनुपात के अनुसार सब्ज़ी की खेती

भारत शुरुआत से ही एक कृषि प्रधान देश माना जाता है और यहां पर रहने वाली अधिकतर जनसंख्या का कृषि ही एक प्राथमिक आय का स्रोत है। पिछले कुछ सालों से बढ़ती जनसंख्या की वजह से बाजार में कृषि उत्पादों की बढ़ी हुई मांग, अब किसानों को जमीन पर अधिक दबाव डालने के लिए मजबूर कर रही है। इसी वजह से कृषि की उपज कम हो रही है, जिसे और बढ़ाने के लिए किसान लागत में बढ़ोतरी कर रहें है। यह पूरी पूरी चक्रीय प्रक्रिया आने वाले समय में किसानों के लिए और अधिक आर्थिक दबाव उपलब्ध करवा सकती है।

भारत सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर अब कृषि उत्पादों में नए वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकों की मदद से लागत को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

धान की तुलना में सब्जी की फसल में, प्रति इकाई क्षेत्र से किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है।

वर्तमान समय में प्रचलित सब्जियों की विभिन्न फसल की अवधि के अनुसार, अलग-अलग किस्मों को अपनाकर आय में वृद्धि की जा सकती है।

मटर की कुछ प्रचलित किस्म जैसा की काशी उदय और काशी नंदिनी भी किसानों की आय को बढ़ाने में सक्षम साबित हो रही है।

सब्जियों के उत्पादन का एक और फायदा यह है कि इनमें धान और दलहनी फसलों की तुलना में खरपतवार और कीट जैसी समस्याएं कम देखने को मिलती है।

सब्जियों की नर्सरी को बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है और जलवायुवीय परिवर्तनों के बावजूद अच्छा उत्पादन किया जा सकता है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) के अनुसार भारत की जमीन में उगने वाली सब्जियों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है, जिनमें धीमी वृद्धि वाली सब्जी की फसल और तेज वृद्धि वाली सब्जियों को शामिल किया जाता है।

धीमी वृद्धि वाली फसल जैसे कि बैंगन और मिर्च बेहतर खरपतवार नियंत्रण के बाद अच्छा उत्पादन दे सकती है, वहीं तेजी से बढ़ने वाली सब्जी जैसे भिंडी और गोभी वर्ग की सब्जियां बहुत ही कम समय में बेहतर उत्पादन के साथ ही अच्छा मुनाफा प्रदान कर सकती है।

कैसे करें खरपतवार का बेहतर नियंत्रण ?

सभी प्रकार की सब्जियों में खरपतवार नियंत्रण एक मुख्य समस्या के रूप में देखने को मिलता है। अलग-अलग सब्जियों की बुवाई के 20 से 50 दिनों के मध्य खरपतवार का नियंत्रण करना अनिवार्य होता है।

इसके लिए पलवार लगाकर और कुछ खरपतवार-नासी रासायनिक पदार्थों का छिड़काव कर समय-समय पर निराई गुड़ाई कर नियंत्रण किया जाना संभव है।

जैविक खाद का इस्तेमाल, उत्पादन में होने वाली लागत को कम करने के अलावा फसल की वृद्धि दर को भी तेज कर देता है।

कैसे करें बेहतर किस्मों का चुनाव ?

किसी एक लाख कमाएँ भी सब्जी के लिए बेहतर किस्म के बीज का चुनाव करने के दौरान किसान भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि बीज पूरी तरीके से उपचारित किया हुआ हो या फिर अपने खेत में बोने से पहले बेहतर बीज उपचार करके ही इस्तेमाल करें।

इसके अलावा किस्म का विपणन अच्छे मूल्य पर किया जाना चाहिए, वर्तमान में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बीज निर्माता कंपनियां अपने द्वारा तैयार किए गए बीज की संपूर्ण जानकारी पैकेट पर उपलब्ध करवाती है। उस पैकेट को पढ़कर भी किसान भाई पता लगा सकते हैं कि यह बीज कौन से रोगों के प्रति सहनशील है और इसके बीज उपचार के दौरान कौन सी प्रक्रिया का पालन किया गया है।

इसके अलावा बाजार में बिकने वाले बीज के साथ ही प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में होने वाले अनुमानित उत्पादकता की जानकारी भी दी जाती है, इस जानकारी से किसान भाई अपने खेत से होने वाली उत्पादकता का पूर्व अंदाजा लगा सकते हैं।

ऐसे ही कुछ बेहतर बीजों की किस्मों में लोबिया सब्जी की किस्में काशी चंदन को शामिल किया जाता है, मटर की किस्म काशी नंदिनी और उदय के अलावा भिंडी की किस्म का काशी चमन कम समय में ही अधिक उत्पादकता उपलब्ध करवाती है।

कैसे निर्धारित करें बीज की बुवाई या नर्सरी में तैयार पौध रोपण का सही समय ?

किसान भाइयों को सब्जी उत्पादन में आने वाली लागत को कम करने के लिए बीज की बुवाई का सही समय चुनना अनिवार्य हो जाता है।

समय पर बीज की बुवाई करने से कई प्रकार के रोग और कीटों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है और फसल की वर्द्धि भी सही तरीके से हो जाती है, जिससे जमीन में उपलब्ध पोषक तत्वों का इस्तेमाल फसल के द्वारा ही कर लिया जाता है और खरपतवार का नियंत्रण आसानी से हो जाता है।

कृषि वैज्ञानिकों की राय में मटर की बुवाई नवंबर के शुरुआती सप्ताह में की जानी चाहिए, मिर्च और बैंगन जुलाई के पहले सप्ताह में और टमाटर सितंबर के पहले सप्ताह में बोये जाने चाहिए।

कैसे करें बीज का बेहतर उपचार ?

खेत में अंतिम जुताई से पहले बीज का बेहतर उपचार करना अनिवार्य है, वर्तमान में कई प्रकार के रासायनिक पदार्थ जैसे कि थायो-मेथोक्जम ड्रेसिंग पाउडर से बीज का उपचार करने पर उसमें कीटों का प्रभाव कम होता है और अगले 1 से 2 महीने तक बीज को सुरक्षित रखा जा सकता है।

कैसे करें सब्जी उत्पादन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल ?

वर्तमान में कई वैज्ञानिक अध्ययनों से नई प्रकार की तकनीक सामने आई है, जो कि निम्न प्रकार है :-

ट्रैप फसलों (Trap crop) का इस्तेमाल करना :

मुख्यतः इनका इस्तेमाल सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाने के लिए किया जाता है।

पिछले 10 वर्षों से कृषि क्षेत्र में सक्रिय कृषि वैज्ञानिक नीरज सिंह के अनुसार यदि कोई किसान गोभी की सब्जी उगाना चाहता है, तो गोभी की 25 से 30 पंक्तियों के बाद, अगली दो से तीन पंक्तियों में सरसों का रोपण कर देना चाहिए, जिससे उस समय गोभी की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले डायमंडबैक मॉथ और माहूँ जैसे कीट सरसों पर आकर्षित हो जाते हैं, इससे गोभी की फसल को इन कीटों के आक्रमण से बचाया जा सकता है।

इसके अलावा टमाटर की फसल के दौरान गेंदे की फसल का इस्तेमाल भी ट्रैप फसल के रूप में किया जा सकता है।

फेरोमोन ट्रैप (pheromone trap) का इस्तेमाल :

इसका इस्तेमाल मुख्यतः सब्जियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को पकड़ने में किया जाता है।

गोभी और कद्दू की फसलों में लगने वाला कीट फल मक्खी को फेरोमोन ट्रैप की मदद से आसानी से पकड़ा जा सकता है।

इसके अलावा फल छेदक और कई प्रकार के कैटरपिलर के लार्वा को पकड़ने में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हाल ही में बेंगुलुरू की कृषि क्षेत्र से जुड़ी एक स्टार्टअप कम्पनी के द्वारा तैयार की गई चिपकने वाली स्टिकी ट्रैप (या insect glue trap) को भी बाजार में बेचा जा रहा है, जो आने वाले समय में किसानों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

आशा करते हैं Merikheti.com के द्वारा उपलब्ध करवाई गई यह जानकारी बदलते वक्त के साथ बढ़ती महंगाई और खाद्य उत्पादों की मांग की आपूर्ति सुनिश्चित करने में किसान भाइयों की मदद करने के अलावा उन्हें मुनाफे की राह पर भी ले जाने में भी सहायक होगी।

आशीष चौधरी, मेरीखेती के सबसे तरुण लेखक हैं। आशीष खेती किसानी से सम्बंधित प्रौद्योगिकी की नवीनतम जानकारी रखते हैं, जिससे किसानों की जरूरत और उनकी समस्याओं का उचित समाधान मिल सके।
वे खेती किसानी से जुड़े समाचार पढ़ने एवं किसान हित में परस्पर काम करने में रूचि रखते हैं।

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प्रोडक्ट का विवरण

  • ASIN ‏ : ‎ B08KNP1W16
  • भाषा ‏ : ‎ हिंदी
  • फ़ाइल का साइज़ ‏ : ‎ 831 KB
  • एक साथ डिवाइस के उपयोग ‏ : ‎ असीमित
  • एक लाख कमाएँ
  • टेक्स्ट-टू-स्पीच ‏ : ‎ सक्रिय
  • स्क्रीन रीडर ‏ : ‎ समर्थित
  • बेहतर टाइपसेटिंग ‏ : ‎ सक्षम
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    लेखक के बारे में

    Rahul Kumar

    Rahul Kumar (1986) was born in Darbhanga, Bihar,India to Maithil Brahmin parents. He is a software engineer by profession . He has special interest in Indian philosophy , especially that of Vedas and Upanishads . His first एक लाख कमाएँ book is a series of poems "Musings on Upnishadas" .He is currently writing a novel "Brahma and his dreams" soon to be published .

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